कबीर सम्मान
राष्ट्रीय कबीर सम्मान | |
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के शिव रेड्डी 2016 | |
देश | भारत |
राष्ट्रीय कबीर सम्मान मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग ने साहित्य और सृजनात्मक कलाओं में उत्कृष्टता तथा श्रेष्ठ उपलब्धि को सम्मानित करने, साहित्य और कलाओं में राष्ट्रीय मानदण्ड विकसित करने की दृष्टि से अखिल भारतीय सम्मानों और राज्य स्तरीय सम्मानों की स्थापना की है[1]।
उत्कृष्टता और सृजन को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित करने की अपनी सुप्रतिष्ठित परम्परा का अनुसरण करते हुए मध्यप्रदेश शासन ने भारतीय कविता के लिए राष्ट्रीय कबीर सम्मान की स्थापना की है। महान संत कवि कबीर ने सदियों पहले कविता का पुनराविष्कार किया था और उसे नयी निभीर्कता दी थी। देश के अनेक भागों में वे आज भी सबसे लोकप्रिय कवि हैं।
चयन के मापदंड
[संपादित करें]प्रक्रिया के अनुसार संस्कृति विभाग सभी भारतीय भाषाओं के कवियों, साहित्यकारों, समीक्षकों और साहित्यिक संस्थाओं आदि से उनके रचनात्मक वैशिष्ट्य, ज्ञान और साहित्य संसक्ति का लाभ लेते हुए सम्मान के लिए उपयुक्त कवियों के नामांकन का अनुरोध करता है। ये नामांकन संकलित करके विशेषज्ञों की चयन समिति के सामने अंतिम निर्णय के लिए रखे जाते हैं। इस समिति में राष्ट्रीय ख्याति के साहित्यकार और विशेषज्ञ शामिल होते हैं। चयन समिति को यह स्वतंत्रता है कि अगर कोई नाम छूट गया हो तो अपनी तरफ से उसे जोड़ लें। राज्य शासन ने चयन समिति की अनुशंसा को अपने लिए बंधनकारी माना है और सदैव निरपवाद रूप से इसका पालन भी किया है।असाधारण सृजनात्मकता, उत्कृष्टता और दीर्घ साधना के निरपवाद सर्वोच्च मानदण्डों को राष्ट्रीय कबीर सम्मान का निकष बनाया गया है। चयन की निश्चित प्रक्रिया से यह स्पष्ट है कि सभी स्तरों पर विशेषज्ञों की हिस्सेदारी है और इस बात का ध्यान रखा गया है कि जहाँ एक ओर साहित्यिक उपलब्धियों के बारे में एक तरह का व्यापक मत संग्रह संदर्भ के लिए उपलब्धा रहे वहीं सम्मान से विभूषित किये जाने वाले कवि का चयन असंदिग्ध निष्ठा और विवेक वाले विशेषज्ञ पूरी निष्पक्षता, वस्तुपरकता और निर्भयता के साथ ऐसे मानदण्डों के आधार पर करें जो उत्तरदायी जीवन-दृष्टि, गम्भीर कलानुशासन और सौन्दर्य बोध पर आश्रित हैं।
पुरस्कार
[संपादित करें]इस सम्मान के अंतर्गत तीन लाख रुपये की राशि[2] और सम्मान पट्टिका भेंट की जाती है।
प्राप्तकर्ता
[संपादित करें]राष्ट्रीय कबीर सम्मान | ||
प्राप्तकर्ता | वर्ष | |
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गोपाल कृष्ण अडिग | 1986-87 | |
सुभाष मुखोपाध्याय | 1987-88 | |
डॉ. हरभजन सिंह | 1988-89 | |
शमशेर बहादुर सिंह | 1989-90 | |
विन्दा करन्दीकर | 1990-91 | |
हरिन्द्र दवे | 1991-92 | |
रमाकान्त रथ | 1992-94 | |
नवकान्त बरुआ | 1995-96 | |
के. अय्यप्प पणिक्कर | 1996-97 | |
शंखो घोष | 1997-98 | |
सीतांशु यशस्वन्द्र | 1998-99 | |
नारायण सुर्वे | 1999-00 | |
सीताकान्त महापात्र | 2000-01 | |
कुंवर नारायण | 2001-02 | |
डॉ. चन्द्रशेखर कम्बार | 2002-03 | |
ए. रहमान राही | 2003-04 | |
गोविन्द चन्द्र पाण्डे | 2004-05 | |
अशोक वाजपेयी | 2005-06 | |
अक्कितम अच्युतन नम्बूदिरी | 2006-07 | |
डा. पदमा सचदेव | 2007-08 | |
मंगेश पाडगाँवकर, मुम्बई | 2008-09 | |
अनिर्णित | 2009-10 | |
अनिर्णित | 2010-11 | |
अनिर्णित | 2011-12 | |
प्रो. आलोकरंजन दासगुप्ता, कोलकाता | 2012-13 | |
रीवा प्रसाद द्विवेदी | 2013-14 | |
प्रतिभा सप्रथी | 2014-15 | |
रवि वर्मा | 2015-16 | |
के शिव रेड्डी | 2016-17 | |
नरेश सक्सेना | 2017-18 | |
गोरटी वेकन्ना | 2018-19 | |
2019 | विनय राजाराम | |
2020 | श्री मनोज श्रीवास्तव |
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 10 अप्रैल 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 अप्रैल 2017.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 9 अक्तूबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 जुलाई 2017.