महात्मा गांधी सम्मान
महात्मा गाँधी सम्मान | |
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बाबा अया सिंह रियारकी कॉलेज, लुगलवाल (गुरदासपुर) | |
देश | भारत |
महात्मा गांधी सम्मान, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 125वें जन्म वर्ष की पावन स्मृति में गांधी विचार दर्शन के अनुरूप समाज में रचनात्मक पहल, साम्प्रदायिक सद्भाव एवं सामाजिक समरसता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश शासन ने वर्ष 1995 में स्थापित किया है। गांधी सम्मान का मूल प्रयोजन गांधी जी की विचारधारा के अनुसार अहिंसक उपायों द्वारा सामाजिक और आथिर्क क्रांति के क्षेत्र में संस्थागत साधना को सम्मानित और प्रोत्साहित करना है।
चयन के मापदंड
[संपादित करें]गांधी सम्मान का निर्णय प्रतिवर्ष उच्चस्तरीय विशिष्ट निर्णायक समिति द्वारा किया जाता है। चयन प्रक्रिया के अंतर्गत प्रतिवर्ष देश में गांधी जी के विचार एवं आदर्शों के अनुसार रचनात्मक कार्य करने वाली संस्थाओं, स्वतंत्रता संग्राम सैनिकों, समीक्षकों, समाजशास्त्रियों, बुद्धिजीवियों, केन्द्र तथा राज्य सरकारों के अलावा समाचार पत्रों में प्रकाशित विज्ञापनों के माधयम से इस सम्मान के लिए अनुशंसा/नामांकन करने का अनुरोध निर्धारित प्रपत्र में किया जाता है। प्राप्त नामांकनों को निर्णायक समिति के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत किया जाता है। निर्णायक मण्डल को यह स्वतंत्रता रहती है कि यदि किसी संस्था का नाम छूट गया हो तो उसे विचारार्थ जोड़ ले। निर्णायक मण्डल का निर्णय अंतिम और राज्य शासन के लिए बंधनकारी होता है। सम्मान के लिए चुनी जाने वाली संस्था के लिए यह आवश्यक है कि चयन के समय संस्था रचनात्मक दिशा में सक्रिय हो। गांधी सम्मान द्वारा सुविचारित तथा सुनियोजित ,श्रृंखला के तहत यह प्रयत्न किया जाता है कि समूचे देश में गांधी जी के आदर्शों और विचारों के अनुसार सामाजिक तथा आथिर्क क्षेत्र में जो सर्वोत्कृष्ट रचनात्मक साधना और अवदान अजिर्त किया गया है उसकी राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक पहचान बने और ऐसी संस्थाओं तथा उनके साधानारत मनीषियों का समूचे प्रदेश की ओर से सम्मान किया जाये।
गांधी सम्मान संस्था के समग्र रचनात्मक अवदान के लिए हैं, उसकी किसी एक पहल अथवा गतिविधि के लिए नहीं। यह सम्मान विविधा क्षेत्रों में रचनात्मक उपलब्धि के लिए हैं, शोधा अथवा अकादेमिक कार्यों के लिए नहीं। निर्णायक समिति का गठन राज्य शासन द्वारा किया जाता है। निर्णय की घोषणा के पूर्व संबंधित संस्था से सम्मान ग्रहण करने की स्वीकृति प्राप्त की जाती है। यदि निर्णायक समिति किसी वर्ष विशेष में गांधी सम्मान के लिए संस्था को उपयुक्त नहीं पाती है तो उस वर्ष सम्मान किसी भी संस्था को नहीं दिया जाता है। सम्मान, संस्था द्वारा किए गए रचनात्मक कार्य एवं अनुदान की मान्यता के रूप में दिया जाता है, वित्तीय सहायता के बतौर नहीं।
पुरस्कार
[संपादित करें]गांधी सम्मान की पुरस्कार राशि 10 लाख नगद रुपये हैं। सम्मान के अंतर्गत नकद राशि एवं प्रशस्ति पट्टिका अर्पित की जाती है।[1]
प्राप्तकर्ता
[संपादित करें]राष्ट्रीय महात्मा गांधी सम्मान | ||
1. | कस्तूरबा गांधी स्मारक ट्रस्ट इन्दौर (मध्यप्रदेश) | 1995-96 |
2. | लोक भारती शिक्षा समिति सणोसरा (गुजरात) | 1996-97 |
3. | आचार्य कुल-खादी मिशन, विनोबा आश्रम वर्धा (महाराष्ट्र) | 1997-98 |
4. | भारतीय आदिम जाति सेवक संघ, नई दिल्ली | 1998-99 |
5. | मणि भवन स्मारक ट्रस्ट, मुम्बई | 1999-00 |
6. | गांधी नेशनल मेमोरियल सोसायटी, पुणे | 2000-01 |
7. | अशोक आश्रम चीचलू (देहरादून) | 2001-02 |
8. | वनवासी सेवा आश्रम गोविन्दपुर (सोनभद्र) | 2003-04 |
9. | जीव सेवा संस्थान बैरागढ़ (भोपाल) | 2004-05 |
10. | दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट (सतना) | 2005-06 |
11. | दिव्य प्रेम सेवा मिशन, हरिद्वार | 2006-07 |
12. | सेवा भारती (नई दिल्ली) | 2007-08 |
13. | दूधा टोली लोक दिवस संस्थान, उत्तराखंड | 2008-09 |
14. | अनिर्णित | 2009-10 |
15. | वर्ष 2010-11 | शून्य घोषित |
16. | वर्ष 2010-11 | |
17. | बाबा अया सिंह रियारकी कॉलेज, लुगलवाल (गुरदासपुर) | 2012-13 |
|18. |बर्ष 2017-18 लोकायत संस्थान को दिया 19.अखिल भारतीय गायत्री परिवार 2019 20.भटके विमुक्त सामाजिक संस्थान 2020
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 15 जुलाई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 जुलाई 2017.