सिलचर
सिलचर
| |
---|---|
शहर | |
उपनाम: शांति का द्वीप, प्यार का शहर | |
निर्देशांक: 24°49′N 92°48′E / 24.82°N 92.8°E | |
देश | ![]() |
राज्य | असम |
ज़िला | काछर |
स्थापना | 1838 |
शासन | |
• प्रणाली | नगर निगम |
• सभा | सिलचर नगर निगम |
• महापौर | निहारेन्द्र नारायण टैगोर |
• विधायक | दीपायन चक्रवर्ती |
• सांसद | परिमल शुक्लवैद्य |
• उपायुक्त | मृदुल यादव |
क्षेत्रफल | |
• शहर | 69.49 किमी2 (26.83 वर्गमील) |
ऊँचाई | 22 मी (72 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• शहर | 1,72,830 |
• घनत्व | 8524 किमी2 (22,080 वर्गमील) |
• महानगर | 228,985[1] |
समय मण्डल | IST (यूटीसी+5:30) |
PIN | 788001-788032 & 788118 |
दूरभाष कोड | +91 (0) 3842 |
वाहन पंजीकरण | AS-11 |
लिंगानुपात | 943 ♀/ 1000 ♂ |
जलवायु | Cwa |
आधिकारिक भाषा | बंगाली |
अतिरिक्त आधिकारिक भाषा | मणिपुरी |
साक्षरता | 91.05%[1] |
लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र | सिलचर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र |
विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र | सिलचर विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र |
वेबसाइट | www |
सिलचर (असमिया: শিলচৰ, अंग्रेज़ी: Silchar) भारत के असम राज्य के काछार ज़िले में स्थित एक प्रमुख शहर है। यह राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है।[2]
विवरण
[संपादित करें]यह गुवाहाटी से ४२० कि० मी० (२६१ मील) दूर स्थित है। यह मिजोरम और मणिपुर का अर्थनैतिक रास्ता है। इस शहर में भारत के दूर-दराज़ के इलाकों से व्यावसायिक लोग आकार बसते हैं। यहाँ की प्रमुख भाषा बंगाली और सिलेटी हैं। शिलचर बराक नदी के बाएँ किनारे पर स्थित है। भारी वर्षा (१२४ इंच) और अपेक्षाकृत उच्च औसत ताप के कारण वर्षा ऋतु में उमस रहती है। चाय, धान तथा कई जंगली उत्पादों का यह व्यवसायकेंद्र है। चूंकि यह जगह पूर्वोत्तर के शेष क्षेत्रों की अपेक्षा बहुत शांत है, इसीलिए भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने इस शहर "शांति का द्वीप" नाम दिया था।
परिचय
[संपादित करें]सिलचर दो बंगाली शब्द से बना है 'शिल' (एक तरह का पत्थर) तथा 'चर' (नदी का किनारा)। अंग्रेजों के शासनकाल में जहाज़ बराक नदी के किनारे रखा जाता था, इसीलिए नदी के किनारे एक बाज़ार बस गया और अर्थनैतिक गतिविधि का एक मुख्य स्थल। बराक नदी का किनारा पत्थरों से भरा हुआ था, जो जहाज़ों के थमने के लिए अच्छा था और बाज़ार एक ऐसे जगह पर स्थापित हुआ जो पूरी तरह से पत्थरों से भरा पड़ा था। लोग इस जगह को "शिलेर चर" या "पत्थरों का किनारा" कहने लगे। इस तरह "शीलेर चर" बन गया "शिलचर"। बाद में अंग्रेज़ अपने सरकारी दस्तावेज़ों में इस इलाके को सिलचर कहने लगे।
लगभग ९०% सिलचर-वासी बंगाली हैं जो सिलेटी बोलते हैं। बाकी भाषाएँ जैसे [[मणिपुरी-मैती], [[मारवाड़ी], विष्णुप्रिया मणिपुरी बोलने वाले लोगों के साथ-साथ कुछ नागा भी यहाँ बसते हैं। यहाँ का मुख्य आहार चावल है, मछली का भी काफी महत्त्व है। शुट्की (सूखी हुई मछली का नाम), शिदोल चटनी, चुंगार पीठा यहाँ के कुछ व्यंजनों का नाम है। कुछ सालों में आस पास के कुछ क्षेत्रों से लोग आकार यहाँ बसने लगे हैं, इसका मुख्य कारण इस शहर का शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में विकास के सिवा रीयल एस्टेट मार्केट और अन्य परियोजनाओं ने इसे एक काफी भीड़-भाड़ का इलाका बना दिया है। यह राज्य का दूसरा सर्वाधिक जनसंख्या वाला नगर है।
इतिहास
[संपादित करें]19वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में यहाँ एक 'मिशनरी स्कूल' और 'पोलो मैदान' बनाया गया। यहाँ पर बहुत पहले, संभवत: 1842 में, एक पुराना मन्दिर 'नरसिंह अखाड़ा' बनाया गया था। ब्रिटिश काल में भी कई दूसरे अखाड़े या मन्दिर बनाए गए।
कृषि और खनिज
[संपादित करें]सिलचर चाय, चावल और दूसरी कृषि उत्पादों का व्यापार एवं प्रसंस्करण केंद्र है।
उद्योग और व्यापार
[संपादित करें]सिलचर में सीमित उद्योग हैं और मुख्यत: काग़ज और चाय के डिब्बे बनाए जाते हैं।
यातायात और परिवहन
[संपादित करें]एक हवाई अड्डे वाला सिलचर मिज़ोरम के आईज़ोल और मेघालय की राजधानी शिलांग से सड़क व रेलमार्गों से जुड़ा है।
जनसंख्या
[संपादित करें]सिलचर की जनसंख्या 2001 की जनगणना के अनुसार 21,890 थी।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ अ आ सन्दर्भ त्रुटि:
<ref>
का गलत प्रयोग;UA_Silchar
नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है। - ↑ "District Census 2011". Census2011.co.in. 2011. 11 जून 2011 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: 2011-09-30.