सदस्य वार्ता:Santosh sir khurai

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-- नया सदस्य सन्देश (वार्ता) 10:52, 7 अगस्त 2021 (UTC)उत्तर दें

अपना खुरई[संपादित करें]

खुरई से सबंधित जानकारी 2409:4043:4C85:1E51:A9AD:C154:A0C1:ACCF (वार्ता) 09:23, 15 अप्रैल 2023 (UTC)उत्तर दें

ITI प्रवेश प्रारंभ ITI - सत्र 2023 सर्वोदय शिल्पकला प्राइवेट आईटीआई कॉलेज खुरई ट्रेड - इलेक्ट्रीशियन NCVT 2 वर्षीय पाठ्यक्रम संपर्क - 8319911879,8641086133, 9754162196 पहले आए पहले पाए सीमित सीटे योग्यता - 10 वी पास , 11 वी और 12 वी मैं पढ़ाई कर रहे छात्र भी कर सकते है आईटीआई पता - आव्या कॉन्वेंट स्कूल वाली बिल्डिंग में, इंदरप्रस्थ कॉलोनी खुरई[संपादित करें]

ITI प्रवेश प्रारंभ ITI - सत्र 2023

सर्वोदय शिल्पकला प्राइवेट आईटीआई कॉलेज खुरई

ट्रेड - इलेक्ट्रीशियन NCVT

2 वर्षीय पाठ्यक्रम

संपर्क - 8319911879,8641086133,

9754162196

पहले आए पहले पाए

सीमित सीटे

योग्यता - 10 वी पास ,

11 वी और 12 वी मैं पढ़ाई कर रहे छात्र भी कर सकते है आईटीआई

पता - आव्या कॉन्वेंट स्कूल वाली बिल्डिंग में, इंदरप्रस्थ कॉलोनी खुरई Santosh sir khurai (वार्ता) 11:44, 29 मई 2023 (UTC)उत्तर दें

Dr.भीमराव अंबेडकर संग्रहालय खुरई[संपादित करें]

मध्यप्रदेश के सागर जिले की खुरई तहसील के विधायक और और मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री महोदय श्री भूपेंद्र सिंह ठाकुर मंत्री जी और केंद्रीय मंत्री श्री मेघवाल जी की उपस्थिति मैं डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संग्रहालय का उद्घाटन हुआ

इस उपलब्धि पर खुरई की जनता के लिए स्वागत एवं आभार प्रकट करते हैं मध्य प्रदेश सरकार और केंद्रीय सरकार का भी स्वागत करते हैं इसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण योगदान हमारे खुरई के विधायक श्री भूपेंद्र सिंह जी ठाकुर जी का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है जो कि बहुत ही ज्यादा सराहनीय है

संग्रहालय संबंधित जानकारी के लिए (youtube chennal .. Santosh sir khurai ) पर सर्च करके आप डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संग्रहालय के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं वीडियो के माध्यम से संग्रहालय की अंदर की जानकारी प्राप्त और सुंदरता को देख सकते हैं

डॉक्टर बी आर अंबेडकर जी के बारे में जितना कुछ कहे कम है क्योंकि वह एक ज्ञान या शक्तिपुंज है और सबसे महत्वपूर्ण डॉ बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने भारतीय संविधान का निर्माण किया तथा एक भारतपुर लोकतांत्रिक महत्वपूर्ण संविधान प्राप्त किया


Santosh sir khurai (वार्ता) 12:40, 30 जून 2023 (UTC)उत्तर दें

अपना खुरई[संपादित करें]

खुरई (Khurai) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के सागर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह इसी नाम की तहसील का मुख्यालय भी है।

खुरई

Khurai

खुरई रेलवे स्टेशन
खुरई

मध्य प्रदेश में स्थिति

निर्देशांक: 24°02′N 78°20′E / 24.04°N 78.33°E
देश भारत
प्रान्त मध्य प्रदेश
ज़िला सागर ज़िला
जनसंख्या (2011)
• कुल 51,108
भाषाएँ
• प्रचलित हिन्दी
समय मण्डल भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)

@Santoshsir khurai YouTubechennal Santosh sir khurai Santosh sir khurai (वार्ता) 12:47, 30 जून 2023 (UTC)उत्तर दें

खुरई का इतिहास by - Santosh sir khurai[संपादित करें]

लोक ेख जो आप खुरई के इतिहास के बारे मैं अध्यन कर रहे है इसका पूर्णता सत्य होने का मैं समर्थन नही करता हूं

मैं santosh sir khurai जो की मेरा ये Wikipedia पेज है इस पर मैं जनकरी शेयर करता रहता हूं

खुरई के इस्तिहास के बारे मैं एक कथा । है कि महाभारतकाल में कौरवों ने राजा विराट की गायों का अपहरण कर इस नगर से गमन किया था उन गायों के असंख्य खुरों के चिन्हों के कारण इस नगर का नाम खुरई हुआ। खुरई का ऐतिहारिक कालक्रम इस प्रकार है: by - Santosh sir khurai

  • सन 1605 के आसपास खुरई गड़ौला को अरंगजेब ने परगना बना लिया जिसमें 161 गांव थे जिसमें एरण खुरई सहित 32 गांव राव खेमचंद्रसिंह दांगी को जागीर में दे दिए गए.
  • 1707 ईस्वी में खेमचंद्रसिंह दांगी ने किले का निर्माण करवाया ये गडोला के ठाकुर खुमन सिंह के पुत्र थे
  • 1740 में खेमचंद्र की मृत्यु के बाद उनके पुत्र दीवान अचल सिंह तथा भूमणसिंह के कब्जे में 40 गांव मय निर्माण के चले गए जो 1752 तक रहे।
  • 1752 में किले पर पेशवाओं का अधिकार हुआ खुरई पेशवा के प्रतिनिधि गोविंद पंडित के कब्जे में यह चला गया। गोविंद पंडित ने किले तथा कस्बे को बढ़ाया और किले के पीछे एक मंदिर डोहिला बनवाया। डोहिला को किले के पीछे खोदी गई झील से जोड़ दिया गया ये झील किले के दक्षिण में आज भी स्थित है।
  • 1857 में भानगढ़ के राजा ने खुरई पर चढ़ाई कर दी तथा ब्रिटिश शासन द्वारा नियुक्त तहसीलदार अहमद किला समर्पित कर खुद भी विद्रोहियों के साथ हो गया व अपने हिसाब से अधिकारियों की नियुक्ति कर दी और 1858 तक वहां रहा। मगर सरहिरोज़ ने भानगढ़ के राजा व उसकी सेना को बरोदिया नौनागिर के युद्ध में पराजित कर दिया तब राजा द्वारा खुरई खिमलासा में नियुक्त अधिकारियों समेत सभी लोग भाग गए।
  • 1861 में खुरई को सागर जिले में सम्मिलित किया गया और खुरई को तहसील का दर्जा प्राप्त हुआ। खुरई के प्रथम तहसीलदार पंडित नारायण राव हुए। अदालत की स्थापना भी तहसील बनने के साथ 1862 में हो चुकी थी किले भवन का उपयोग तहसील कचहरी के लिए किया गया।
  • 1864 में कर्नल TW ने किले में 2 खंभों का निर्माण कराया वह खंबे आज भी किले में मौजूद है।
  • 1885 में नगर का प्रथम स्कूल उर्दू स्कूल के रूप में प्रारंभ हुआ जो किला भवन की ऊपरी मंजिल में संचालित हुआ करता था।
  • 1893 में खुरई नगर पालिका का गठन हुआ था उस वक्त मध्यप्रदेश की सबसे बेहतरीन नगर पालिकाओं में इंदौर तथा खुरई का नाम हुआ करता था।
  • 1893 में खुरई कृषि मंडी की स्थापना हुई थी जो मध्यप्रदेश की सबसे पुरानी मंडियों में गिनी जाती है..
  • 1904 तक खुरई पुलिस थाने का निर्माण भी हो चुका था।
  • 1901 में हिन्दी मेन बोर्ड शाला स्थापित हुई जिसे 1945 के पश्चात पहली से आठवीं तक का दर्जा प्राप्त हुआ जो आज किला पूर्व माध्यमिक शाला के नाम से संचालित है।
  • ये लेख कैसा लगा आपको आप जरूर बताएं खुरई का इतिहास
  • Writtenby - Santosh sir khurai
  • YouTube chennal - santosh sir khurai
  • धन्यवाद
  • आप सभी का आभार
  • @santoshsirkhurai

2409:4043:306:BF81:A275:83FC:9D44:5025 (वार्ता) 09:01, 10 जुलाई 2023 (UTC)उत्तर दें

भारत के प्रमुख राजा राजबंश और राजधानी[संपादित करें]

भारत के भारत के प्रमुख राजवंश संस्थापक और राजधानी की सूची राजवंश संस्थापक और राजधानी की सूची 2409:4043:306:BF81:A275:83FC:9D44:5025 (वार्ता) 09:28, 10 जुलाई 2023 (UTC)उत्तर दें