सदस्य वार्ता:Manishbansal/पुरालेख01
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[संपादित करें]महाभारत लेख को बेहतर करने के लिए हार्दिक बधाई. आपका योगदान सरहानीय है. आशा है आप इस ही तरह आगे भी योगदान जारी रखेंगे --गुंजन वर्मासंदेश ०५:१३, २२ मार्च २०१० (UTC)
महाभारत लेख को बेहतरीन करने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद--Bankelal १८:२१, २५ मार्च २०१० (UTC)
लेख सुधार
[संपादित करें]महाभारत लेख में सुधार करने हेतु धन्यवाद। लेकिन कृपया इस बात का ध्यान रखें की चित्रों और पाठ का सही अनुपात रहे। आपने इस लेख के सबसे ऊपरी चित्र को बहुत बड़ा कर दिया था जिसके कारण पाठ छिप-सा गया था, इसलिए मैंने उसे ठीक कर दिया है, लेकिन कृपया आप भी इस बात का ध्यान रखें। कृपया इसे अन्यथा ना लें। आपका योगदान सरहानीय है। धन्यवाद। रोहित रावत १९:०७, ५ अप्रैल २०१० (UTC)
Sorry! :)
[संपादित करें]Please put a comment when you remove large amount of text from a page. Since this wiki is under the watch of SWMT, It may be marked as a possible vandalism. My sincere apologies for reverting you :). Thank you for the good work! --Jyothis
I would prefer to add references instead of deleting unrefs. If you ask me, the bigger size the better for articles. --Jyothis १३:४१, ७ अप्रैल २०१० (UTC)
BTW I do read Hindi :) --Jyothis १३:४१, ७ अप्रैल २०१० (UTC)
महाभारत
[संपादित करें]- आपके इस लेख पर योगदान अत्यंत सराहनीय हैं। हां आपने निर्वाचित लेख प्रत्याशी पृष्ठ पर स्वयं ही लिखा है कि आपकी ओर से लेख पूरा है, और आपकी बात स्वयं की कट गयी....खैर ये मात्र एक हास्य था, कृपया अन्यथा न लें।
- इस लेख की भाषा पर कुछ और गौर करें।
- फिल्हाल आलेख के लिये तो ले ही सकते हैं, व बाद में निर्वाचन हेतु भी उल्लेखनीय रहेगा।
- इसकी लाल कड़ियां नीली करने का प्रयास करें। प्रत्येक के लिये न्यूनतम ४-५ वाक्य+१ चित्र+१-२ श्रेणियां, + यथासंभव सांचा। इतने से काम चल जायेगा।
- संबंधित कड़ियाँ शीर्षक में अन्य भाषाओं के सूत्र देने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वे सभी बायें कॉलम में दिये गये हैं।
- हां, लेख निर्वाचन से पूर्व निर्वाचित लेख परख पर जाता है, वहां से पास हो कर प्रत्याशी पर आता है। खैर कोई बात नहीं। हां लेख के लिये ३-४ सांचे नीचे लगाने हेतु बना सकते हैं, इसके लिये दिमाग लगाना होगा। मेरी ओर से पूरा सहयोग रहेगा। कुछ भी सहायता चाहिये तो बेझिझक लिखें। --प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०३:०८, ८ अप्रैल २०१० (UTC)
- उपरोक्त लेख की तीन कड़ियां १३, १४, १५ अप्रैल को बैसाखी च संक्रांति के अवसर पर आलेख में प्रदर्शित की जाएंगीं। अतएव बदलाव अधिक ध्यान रखकर करें।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०३:५३, ८ अप्रैल २०१० (UTC)
- आपने इस लेख में जो नये चित्र जोड़ने के लिये अपलोड करे हैं, उनका कॉपीराइट या स्रोत सूचना नहीं दी है। कृपया उन चित्रों को संपादित कर उसे जोड़ दें, अन्यथा, किसी भी समय इन्हें हटाना पड़ सकता है।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०४:२७, ८ अप्रैल २०१० (UTC)
- हिन्दी विकिपीडिया में उत्साह दिखाने का धन्यवाद। वैसे हम लोगों में से ही उत्साह दिखाने वाले उठेंगे। ऐसे ही एक बार मुझे लगा, और उसके बाद कुछ लगन और बहुत कुछ सही दिशादर्शक पूर्णिमा जी की कृपा हुई, जिसका परिणाम आज मेरा योगदान है। आशा और शुभकामना हैं कि आप भी अपने योगदान निरंतर और बेहतर देते रहेंगे। हां महाभारत के बारे में जो आपने सोचा, ऐसा ही और बहुत से लेखों के बारे में सोचा जा सकता है और उन्हें सुधारा जा सकता है। हमने पिछले वर्ष एक विकिपरियोजना:भारत के शहर आरंभ की थी\ इसमें भारत के बहुत से शहरों को सुधारा गया था। आप उसके सदस्य भी बन सकते हैं। इसके बाद अपने पसंद के शहरों के लेख बढ़ा सकते हैं, संदर्भ और पाठ के लिये अंग्रेज़ी के लेख मिल जायेंगे। हां अपने हस्ताक्षर के लिये ऊपर मेरी वरीयताएं में जायें, व किसी भी सदस्य के हस्ताक्षर संपादन में जाकर अपने अनुरूप बदल कर वहां हस्ताक्षर में पेस्ट कर दें, व उसके नीचे कच्ची कड़ी को क्लिक कर दें। फिर देखें, हस्ताक्षर सही बनेगा, व वार्ता का लिंक भी देगा। --प्र:आशीष भटनागर वार्ता १४:५३, ९ अप्रैल २०१० (UTC)
- महाभारत पर आपका योगदान मुझे भी अत्यन्त स्तरीय लगा। धन्यवाद। अब महाभारत की लघुकथा को महाभार्त से हटाने के बारे में। मेरी यह समझ है कि यह ठीक नहीं है कि विकिपिडिया पर एक ही 'बड़ी सामग्री' दो जगह रहे। (छोटी सामग्री की पुनरावृत्ति चलती है)। इससे यह लाभ होगा कि आप महाभारत के बारे में अन्य बहुत सारी बातें 'महाभारत' वाले लेख पर लिख पायेंगे और लेख भी बड़ा नहीं होगा। लेख बड़ा न होने से कई लाभ हैं। एक तो पेज जल्दी लोड होता है। फिर लेख का 'सम्पूर्ण दृष्टि' (overview) जल्दी समझ में आ जाती है। विकिपिडिया का भी कहना है कि कोई लेख ३२ किलोबाइट से बड़ा हो तो एक बार और विचार करना चाहिये। -- अनुनाद सिंहवार्ता ०७:५९, ११ अप्रैल २०१० (UTC)
- परन्तु सभी भाषाओ के विकिपिडिया मे यह महाभारत लेख के अन्दर रखि गयी है इसके लिए महाभारत का अंग्रेजी का लेख देखे।हा,यदि आप निर्वाचित लेखो को देखेंगे तो वे भी ८० किलो बायटस से अधिक के ही है,मैने यह लेख भी निर्वाचित होने के लिये रख दिया है।महाभारत की संक्षिप्त कथा के लेख को महाभारत मै ही रहने देते है और जो अलग से बनाया लेख है उसे हटा देते है तांकि एक स्थान पर ही सब मिल जाए।मै इस लेख का आकार ८० किलो बायटस तक ही रखुंगा।आपके सुझाव के लिए धन्यावाद--Mayurkumar ०८:५०, ११ अप्रैल २०१० (UTC)
- महाभारत पर आपका योगदान मुझे भी अत्यन्त स्तरीय लगा। धन्यवाद। अब महाभारत की लघुकथा को महाभार्त से हटाने के बारे में। मेरी यह समझ है कि यह ठीक नहीं है कि विकिपिडिया पर एक ही 'बड़ी सामग्री' दो जगह रहे। (छोटी सामग्री की पुनरावृत्ति चलती है)। इससे यह लाभ होगा कि आप महाभारत के बारे में अन्य बहुत सारी बातें 'महाभारत' वाले लेख पर लिख पायेंगे और लेख भी बड़ा नहीं होगा। लेख बड़ा न होने से कई लाभ हैं। एक तो पेज जल्दी लोड होता है। फिर लेख का 'सम्पूर्ण दृष्टि' (overview) जल्दी समझ में आ जाती है। विकिपिडिया का भी कहना है कि कोई लेख ३२ किलोबाइट से बड़ा हो तो एक बार और विचार करना चाहिये। -- अनुनाद सिंहवार्ता ०७:५९, ११ अप्रैल २०१० (UTC)
- हिन्दी विकिपीडिया में उत्साह दिखाने का धन्यवाद। वैसे हम लोगों में से ही उत्साह दिखाने वाले उठेंगे। ऐसे ही एक बार मुझे लगा, और उसके बाद कुछ लगन और बहुत कुछ सही दिशादर्शक पूर्णिमा जी की कृपा हुई, जिसका परिणाम आज मेरा योगदान है। आशा और शुभकामना हैं कि आप भी अपने योगदान निरंतर और बेहतर देते रहेंगे। हां महाभारत के बारे में जो आपने सोचा, ऐसा ही और बहुत से लेखों के बारे में सोचा जा सकता है और उन्हें सुधारा जा सकता है। हमने पिछले वर्ष एक विकिपरियोजना:भारत के शहर आरंभ की थी\ इसमें भारत के बहुत से शहरों को सुधारा गया था। आप उसके सदस्य भी बन सकते हैं। इसके बाद अपने पसंद के शहरों के लेख बढ़ा सकते हैं, संदर्भ और पाठ के लिये अंग्रेज़ी के लेख मिल जायेंगे। हां अपने हस्ताक्षर के लिये ऊपर मेरी वरीयताएं में जायें, व किसी भी सदस्य के हस्ताक्षर संपादन में जाकर अपने अनुरूप बदल कर वहां हस्ताक्षर में पेस्ट कर दें, व उसके नीचे कच्ची कड़ी को क्लिक कर दें। फिर देखें, हस्ताक्षर सही बनेगा, व वार्ता का लिंक भी देगा। --प्र:आशीष भटनागर वार्ता १४:५३, ९ अप्रैल २०१० (UTC)
- आपने इस लेख में जो नये चित्र जोड़ने के लिये अपलोड करे हैं, उनका कॉपीराइट या स्रोत सूचना नहीं दी है। कृपया उन चित्रों को संपादित कर उसे जोड़ दें, अन्यथा, किसी भी समय इन्हें हटाना पड़ सकता है।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०४:२७, ८ अप्रैल २०१० (UTC)
- उपरोक्त लेख की तीन कड़ियां १३, १४, १५ अप्रैल को बैसाखी च संक्रांति के अवसर पर आलेख में प्रदर्शित की जाएंगीं। अतएव बदलाव अधिक ध्यान रखकर करें।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०३:५३, ८ अप्रैल २०१० (UTC)
महाभारत कथा
[संपादित करें]लेख के लिये लगन चाहिये, जो आपने सिद्ध कर के दिखा दी। शुभकामनाएं एवं धन्यवाद। हां मैं आप और अनुनाद जी के वार्तालाप देख चुका हूं। उसे देखते हुए ही, मैंने महाभारत की संक्षिप्त कथा लेख को कुछ सुधारा था। इसके लिये संभव हो तो मुख्य लेख में से कथा का अंश कुछ कम कर दें, और सहायक लेख में पूरा और लंबे संदर्भ भी लगा सकते हैं। ऐसा हमने कई बार किया है। मुख्य लेख में १-३ अनुच्छेद, व सहायक में संपूर्ण पाठ। इसके साथ ही मुख्य लेख में {{मुख्य|महाभारत की कथा}} यानि
लगा दें। इससे लेख की खूबसूरती बढ़ती है, सूचना की उपलब्धता व संक्षिपतता भी दिखाई देती है। इसलिये देखें, गंगा, लखनऊ, दिल्ली, आदि।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता १०:१७, ११ अप्रैल २०१० (UTC)
- आप अन्य लेख चाहे १८ पर्वों के १८ लेख बनायें, कोई बात नहीं, वैसे बने तो हैं ही, विस्तार करना होगा। किंतु महाभारत को निर्वाचन करने हेतु इसमें सभी कमियों को पूरा करना होगा। १ मई के लिये नया लेख वांछित है। तब इसे २० अप्रैल तक एकदम तैयार हो जाना चाहिये, वरना १ जुलाई को होगा। फिल्हाल हम २ माह में बदलते हैं। असल में पूर्णिमा जी अब समय नहीं दे पाती हैं व मुनिता जी भी उपलब्ध नहीं हैं। मुझे अन्य बहुत से काम देखने होते हैं, जैसे साप्ताहिक प्रमुख चित्र, दैनिक आलेख, क्या आप जानते हैं, व कई बार समाचार भी। इसलिये बहुत सा कां लंबित रह जाता है। और निर्वाचित लेख में एक भी कमी नहीं रहनी चाहिये, साथ ही पर्याप्र समर्थन (प्रबंधकों सहित) भी समय से मिल जाने चाहिये। --प्र:आशीष भटनागर वार्ता १०:३९, ११ अप्रैल २०१० (UTC)
- हां प्रायः यही उद्देश्य रहना चाहिये। किन्तु अन्य भाषाओं एवं हिन्दी में यही अंतर आ जाता है, कि महाभारत यहां का मूल लेख है। अतः इस बारे में जितना हम लिख सकते हैं, शायद अन्य लोग नहीं। इसीळिये संक्षिप्त कथा, फिर भी लंबी ही होगी, किंतु मुख्य लेख में रहेगी, और अधिकतम कथा, सहायक लेख, महाभारत की कथा में रहेगी। अतः मुख्य लेख में काव्य, काल, लेखक, एवं चरित्रों के बारे में सूचना रहेगी, और कथा, चरित्र, पर्व आदि की ब्यौरेवार कथा, उनके पृथक लेखों में रहेगी। यही स्ट्रैटेजी रहती है। हां, वार्ता लिखते हुए, एक ही शीर्षक के अधीन यदि संदेश देते हैं, तो प्रथम संदेश के बाद, अगले संदेशों में प्रत्येक के आरंभ में एक कॉलन टा हुआ लगा देते हैं। आप मेरी वार्ता में अपने संदेश देख सकते हैं, मैंने उन्हें ठीक किया था। हाम संदेशों के बीच खाली स्थान नहीं छोड़ा जाना चाहिये, और यदि किसी कारण खाली लाइन छोड़नी ही है, तो <br /> का प्रयोग करें। वैसे ये मात्र सुझाव था, जिसे मानना या नहीं आपकी इच्छा है। ये पाठ की सुंदरता और रीडेबिलिटी बढ़ा देते हैं।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ११:००, ११ अप्रैल २०१० (UTC)
- हां अब महाभारत की कथा अच्छा लग रहा है। इसमें कुछ संदर्भ हों तो और अच्छा होगा। इसके अलावा एक और बात ध्यान देनी चाहिये; विकिपीडिया कोई चित्र दीर्घा नहीं है, अतः न्यूनतम आवश्यक चित्र तथ्य समर्थन में डालने चाहियें, व नाप आदि का भी ध्याण रखना चाहिये, कि वे लेख पर हावी न हों। शेष संबंधित चित्रों के लिये कॉमन्स है न। अच्छा एक बात बताना, तुम संपादन कैसे करते हों - यानि टाइपिंग? पाठ से लगता है कि विकिपीडिया में उपलब्ध एडिटर से, मेरे विचार से यदि बाराहा इंडिक इन्स्टॉल कर लो तो बेहतर व सुविधाजनक रहेगा। हां आगे य्दि बात करना चाहो तो गूगल टॉक पर आ सकते हैं। अपना आई.डी बताना--प्र:आशीष भटनागर वार्ता १२:१५, ११ अप्रैल २०१० (UTC)
- अरे भाई, इसमें माफी मांगने वाली क्या बात है? और काम तो करते करते ही होगा न। मैंने तो एक सुझाव ही दिया था। अच्छा मेरा आई डी तो तुम्हें मिल ही गया न। चलो वहीं आता हूं।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता १२:२४, ११ अप्रैल २०१० (UTC)
- हां अब महाभारत की कथा अच्छा लग रहा है। इसमें कुछ संदर्भ हों तो और अच्छा होगा। इसके अलावा एक और बात ध्यान देनी चाहिये; विकिपीडिया कोई चित्र दीर्घा नहीं है, अतः न्यूनतम आवश्यक चित्र तथ्य समर्थन में डालने चाहियें, व नाप आदि का भी ध्याण रखना चाहिये, कि वे लेख पर हावी न हों। शेष संबंधित चित्रों के लिये कॉमन्स है न। अच्छा एक बात बताना, तुम संपादन कैसे करते हों - यानि टाइपिंग? पाठ से लगता है कि विकिपीडिया में उपलब्ध एडिटर से, मेरे विचार से यदि बाराहा इंडिक इन्स्टॉल कर लो तो बेहतर व सुविधाजनक रहेगा। हां आगे य्दि बात करना चाहो तो गूगल टॉक पर आ सकते हैं। अपना आई.डी बताना--प्र:आशीष भटनागर वार्ता १२:१५, ११ अप्रैल २०१० (UTC)
- हां प्रायः यही उद्देश्य रहना चाहिये। किन्तु अन्य भाषाओं एवं हिन्दी में यही अंतर आ जाता है, कि महाभारत यहां का मूल लेख है। अतः इस बारे में जितना हम लिख सकते हैं, शायद अन्य लोग नहीं। इसीळिये संक्षिप्त कथा, फिर भी लंबी ही होगी, किंतु मुख्य लेख में रहेगी, और अधिकतम कथा, सहायक लेख, महाभारत की कथा में रहेगी। अतः मुख्य लेख में काव्य, काल, लेखक, एवं चरित्रों के बारे में सूचना रहेगी, और कथा, चरित्र, पर्व आदि की ब्यौरेवार कथा, उनके पृथक लेखों में रहेगी। यही स्ट्रैटेजी रहती है। हां, वार्ता लिखते हुए, एक ही शीर्षक के अधीन यदि संदेश देते हैं, तो प्रथम संदेश के बाद, अगले संदेशों में प्रत्येक के आरंभ में एक कॉलन टा हुआ लगा देते हैं। आप मेरी वार्ता में अपने संदेश देख सकते हैं, मैंने उन्हें ठीक किया था। हाम संदेशों के बीच खाली स्थान नहीं छोड़ा जाना चाहिये, और यदि किसी कारण खाली लाइन छोड़नी ही है, तो <br /> का प्रयोग करें। वैसे ये मात्र सुझाव था, जिसे मानना या नहीं आपकी इच्छा है। ये पाठ की सुंदरता और रीडेबिलिटी बढ़ा देते हैं।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ११:००, ११ अप्रैल २०१० (UTC)
संपर्क
[संपादित करें]मैं जी-टॉक पर उपलब्ध हूं, कुछ नेटवर्क प्रॉबलम के कारण कुछ देर को संपर्क व्यवधान आया था। यदि उपलब्ध हो, तो आ जाओ।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता १२:४५, ११ अप्रैल २०१० (UTC)
फ़्लॉक
[संपादित करें]हिन्दी विकिपीडिया संपादन हेतु Flock ब्राउज़र वर्ज़न:१.२.६ इन्स्टॉल करो। सर्वश्रेष्ठ है। इसमें अधिक संपादन विकल्प मिलेंगे। साथ ही इंटरनेट एक्स्प्लोरर की कई कमियां भी यहां नहीं रहतीं, जैसे 2 और कई अन्य।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०३:३१, १२ अप्रैल २०१० (UTC)
- लेख में दिनों के क्रमवार ब्यौरा चाहे ३-४ वाक्य प्रतिदिन (सेनापतियों, प्रमुख हताहतोंआदि के नाम, प्रमुख घटनाओं का उल्लेख) हों तो बेहतर होगा।
- अंत में एक शीर्षक युद्ध के परिणाम, नाम से हो तो अच्छा रहेगा।
- सेनाओं व सहायक साथियों का वर्णन
- युद्ध टालने का श्रीकृष्ण द्वारा किये गये अंतिम प्रयास का वर्णन
- संभव हो तो व्यूह रचना वर्णन (प्रमुख)
- अभिमन्यु, कर्ण, जयद्रथ, दुःशासन एवं दुर्योधन के वध पर विशेष ध्यान
- इन सब बिन्दुओं का कुछ ध्यान रखा जाये तो और अच्छा रहेगा। कुछ पाठ मात्रा तो वर्तमाण पाटः में से ही इन शीर्षकों को मिल जाएगी।
--प्र:आशीष भटनागर वार्ता १६:४१, १३ अप्रैल २०१० (UTC)
- यदि कोई चित्र अंग्रेज़ी विकी से हिन्दी में अपलोड किया जाता है, तब उस चित्र में {{अ-चित्र}} या {{epg}} लगा देना चाहिये। इससे ऐसा आता है:
यह चित्र image:Manishbansal/पुरालेख01 (इसी) नाम से अंग्रेज़ी विकिपीडिया में उपलब्ध है। वहीं से लिया गया, और पुनः अपलोड किया गया है।
--प्र:आशीष भटनागर वार्ता १८:०२, १३ अप्रैल २०१० (UTC)
चित्र अनुवाद
[संपादित करें]किसी चित्र को अनुवाद करने के लिये, उस चित्र को पेंट ब्रश में खोलो, फिर उसके प्रत्येक पाठ अंश का अनुवाद उस पर ओवरलैपिंग टैक्स्ट-बॉक्स बनाकर उनमें पेस्ट कर दो, या सीधे वहीं टाइप कर दो। हां आकार, बोल्ड, बैकग्राउण्ड कलर, आदि का ध्यान अवश्य रखना होता है। बाद में उस चित्र को उसी नाम से सेव क्लर, पुनरपलोड कर दो। हां .svg फ़ाइलों में ये तरीका काम नहीं करेगा।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०१:०३, १४ अप्रैल २०१० (UTC)
चित्र अनुवाद
[संपादित करें]चित्र अनुवाद करने का अच्छा प्रयास है। हां ये अवश्य है, कि इस चित्र विशेष में अच्छा नहीं लग पा रहा है। या फ़िर काफ़ी मेहनत करनी होगी। किन्तु७ अन्य चित्रों में अनुवादित हो तो बेहतर होगा। हां इस चित्र को ऐसे ही रहने दो, मेरे विचार से। --प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०८:१२, १५ अप्रैल २०१० (UTC)
- अरे भाई इतना न चढ़ाओ। यहां बहुत बड़े-बड़े लोग आये हां फिल्हाल नहीं हैं। और विकिपीडिया अकेले मेरा ही विकसित किया हुआ भी नहीं है। मुझसे पहले भी कितने आये और बाद में तो आयेंगे ही। अतः यहां की गिनती न मुझसे आरंभ होती है, और न समाप्त ही होगी। हां कुछ मील के पत्थर अवश्य मेरे रखे हुए हैं।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता १२:२२, १५ अप्रैल २०१० (UTC)
- हां भाई, तुम्हारे मुंह में घी-शक्कर। जल्दी ही पूर्णिमा जी और मुनिता आयें। इनके अलावा यदि सौरभ भारती भी वापस आ पायें तो और अच्छा होगा। --प्र:आशीष भटनागर वार्ता १२:३५, १५ अप्रैल २०१० (UTC)
- हां कल प्रातः ०७३० पर मेरी शिफ्ट पूर्ण हो गयी ी, फिर आज दोपहर १३३० से १९३० तक है और कल ०७३० से १३३० तक होगी। फिर परसों १९३० से नाइट होगी। इसी प्रकार ४ दिवसीय शिफ्ट चलती हैं।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता १२:४३, १५ अप्रैल २०१० (UTC)
- हां भाई, तुम्हारे मुंह में घी-शक्कर। जल्दी ही पूर्णिमा जी और मुनिता आयें। इनके अलावा यदि सौरभ भारती भी वापस आ पायें तो और अच्छा होगा। --प्र:आशीष भटनागर वार्ता १२:३५, १५ अप्रैल २०१० (UTC)
उपरोक्त में से महाभारत अभी आधा पढ़ पाया हूं। क्षमा करना, असल में कुछ व्यस्तता के कारण रह गये। किंतु जल्दी ही पड़ लूंगा। --प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०४:४२, १६ अप्रैल २०१० (UTC)
- हां व्यस्त तो काफ़ी हूं। सुबह से ही परिधीय संवहिनी रोग और उसके सहायक लेख लिखने में लगा हूं। अभी-अभी लिपिड को लगभग पूरा किया है।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०६:३६, १६ अप्रैल २०१० (UTC)
- हां ये बहुत ही अच्छा है। ब्यौरा पाठ के अनुच्छेद में, बिंदुवार या सारणी में किसी में भी दे सकते हैं। किंतु सीधा अनुच्छेद २-३ बिंदुओं के लिये ठीक रहता है, इससे अधिक में पढ़ना याद रखना व पृथक करना मुश्किल हो जाता है। बिंदुवार में एक कॉलम वाला अधिक बिंदु सहित सही रहता है। किंतु जब २ आयामी है, तब सारणी ही बेहतर रहती है।
- हां सारणी को अलग से सांचे में बना लो, फिर उसे मुख्य लेख में लगा दो। इससे बदलाव करने हेतु पूरा लेख नहीं छूना होता है। जल्दी से काम हो जाता है। और साथ ही कहीं और भी काम आ जाती है। लेख की लम्बाई तो सीमित रह ही जाती है।शेष अपना विवेक..--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०६:४९, १६ अप्रैल २०१० (UTC)
- नया सांचा बनाने हेतु सांचे का नाम सर्च बॉक्स में लिखो, जैसे सांचा:कुरुक्षेत्र युद्ध के दिवस। फिर जायें क्लिक करो। एक लाल कड़ी मिलेगी इसी नाम से (यदि पहले बना नहीं है तो। तब उसे क्लिक करों, और नया पृश्ष्ठ बनाओ। वहां पूरा सारणि पेस्ट कर के सेव कर दो। और जहां लगानी है, वहां {{ }} के बीच उसका नाम बिना सांचा: लिखे लिखो, जैसे {{महाभारत के पर्व}}। बस हो गया।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०७:००, १६ अप्रैल २०१० (UTC)
- कुरुक्षेत्र युद्ध लेख में दोनों सारणियां दृश्य के अंदर कर दी हैं। शायद वो तुम्हारे वाइड मॉनीटर में दिख रही हों, किंतु सामान्य मॉनीटरों में नहीं दिखेगी। और लेख भी पढ़ लूंगा। हां अबकी बार कुछ अलग विषय के लेख बनाना। क्योंकि महाभारत और कुरुक्षेत्र युद्ध एक ही विषय के लॆख हैं। तब दोनों पर इतना परिश्रम करने से कुछ दूर का विषय होता तो और बेहतर होता। वैसे भी इसपर की गयी मेहनत देख कर बहुत अच्छा लगा, किंतु इसका मूल पाठ महाभारत में है न। खैर कोई बात नहीं, एक लेख से ही दूसरे लेख की प्रेरणा मिलती है, जैसे मैंने गंगा नदी बनाते हुए गंगासागर बनाया था। और आज भी लिपिड का सहायक लेख ही तैयार किया जो अच्छा बन गया है।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०७:५७, १६ अप्रैल २०१० (UTC)
- राम राम भैया। आपकी मेहनत पर वारी जाऊं। पर हां एक बाट का ध्यान रखें तो बड़ी कृपा होगी। सांचों में रंग ट्राई अवश्य करें, किंतु यहां सांचों की एक रंग-शैली होती है। हिन्दी या फिर अंग्रेज़ी में समान सांचे को देखकर वही या कम से कम निकटवर्तीरंग शैली डालें तो कृपा होगी। वैसे ये मात्र सुझाव है।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता १५:५८, १७ अप्रैल २०१० (UTC)
- महाभारत लेख में लाइनें खींच कर उप-शीर्षकों का विभाजन जो किया है, उससे उन्हें पढ़ना सरल हो गया है। हां आरंभ के शब्द सीमित होने के कारण या तो उसे विशेष में पाइन्टवाइज़ जोड़ दो स्टार लगा कर, या फिर उसमें २-३ वाक्य जोड़ो।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ११:३७, १९ अप्रैल २०१० (UTC)
- राम राम भैया। आपकी मेहनत पर वारी जाऊं। पर हां एक बाट का ध्यान रखें तो बड़ी कृपा होगी। सांचों में रंग ट्राई अवश्य करें, किंतु यहां सांचों की एक रंग-शैली होती है। हिन्दी या फिर अंग्रेज़ी में समान सांचे को देखकर वही या कम से कम निकटवर्तीरंग शैली डालें तो कृपा होगी। वैसे ये मात्र सुझाव है।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता १५:५८, १७ अप्रैल २०१० (UTC)
- कुरुक्षेत्र युद्ध लेख में दोनों सारणियां दृश्य के अंदर कर दी हैं। शायद वो तुम्हारे वाइड मॉनीटर में दिख रही हों, किंतु सामान्य मॉनीटरों में नहीं दिखेगी। और लेख भी पढ़ लूंगा। हां अबकी बार कुछ अलग विषय के लेख बनाना। क्योंकि महाभारत और कुरुक्षेत्र युद्ध एक ही विषय के लॆख हैं। तब दोनों पर इतना परिश्रम करने से कुछ दूर का विषय होता तो और बेहतर होता। वैसे भी इसपर की गयी मेहनत देख कर बहुत अच्छा लगा, किंतु इसका मूल पाठ महाभारत में है न। खैर कोई बात नहीं, एक लेख से ही दूसरे लेख की प्रेरणा मिलती है, जैसे मैंने गंगा नदी बनाते हुए गंगासागर बनाया था। और आज भी लिपिड का सहायक लेख ही तैयार किया जो अच्छा बन गया है।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०७:५७, १६ अप्रैल २०१० (UTC)
- नया सांचा बनाने हेतु सांचे का नाम सर्च बॉक्स में लिखो, जैसे सांचा:कुरुक्षेत्र युद्ध के दिवस। फिर जायें क्लिक करो। एक लाल कड़ी मिलेगी इसी नाम से (यदि पहले बना नहीं है तो। तब उसे क्लिक करों, और नया पृश्ष्ठ बनाओ। वहां पूरा सारणि पेस्ट कर के सेव कर दो। और जहां लगानी है, वहां {{ }} के बीच उसका नाम बिना सांचा: लिखे लिखो, जैसे {{महाभारत के पर्व}}। बस हो गया।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०७:००, १६ अप्रैल २०१० (UTC)
उपरोक्त लेख में भाषा व वर्तनी में बहुत गड़बड़ हैं। उन्हें सुधारो। हां मैंने ज्ञानसन्दूक लगा दिया है। उसमें कुछ और जानकारी मिल पाये या पता हो तो भार देना।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०१:५४, १८ अप्रैल २०१० (UTC)
नमस्ते
[संपादित करें]नमस्ते 189.59.192.11 २०:०८, २० अप्रैल २०१० (UTC)
हम बात के बारे में विषय क्या है? कारों? 189.59.192.11 २०:१२, २० अप्रैल २०१० (UTC)
Reg:apology
[संपादित करें]अरे ये कैसे लगा। मैंने तो ऐसा कुछ नहीं कहा, न ही मेरी किसी बाट का अर्थ ऐसा लगा है। हां महाभारत के लिये मैं कुछ और समय चाहूंगा। असल में हमारे लैन का कनेक्शन कुछ समय के लिये अनुपलब्ध है, तो डाटा-कार्ड से ही काम चलाना होता है, जिसकी गति कुछ कम है। वैसे मैंने उसमें कई संपादन किये भी हैं। हां, यदि तुम्हें कुछ ऐसा लग रहा है, तो मेरी निजी मेल पर लिख कर पूछ लो, या लेना। वैसे भी तुम्हारा काम इतना अधिक और अच्छा है, कि उसकी लगन देखकर यदि कुछ अच्छा नहीं भी लगा तो उसे इग्नोर कर देना चाहिये।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता १४:०२, २१ अप्रैल २०१० (UTC)
उत्साह वर्धन
[संपादित करें]महाभारत बार्न स्टार श्री.मयूर कुमार को महाभारत एवं कुरुक्षेत्र युद्ध लेखों को उत्तम स्तर तक विकसित करने एवं अन्य सहायक लेख तथा संबंधित पाठ सामग्री जुटाने के लिये प्रबंधकों की ओर से सप्रेम भेंट। --प्र:आशीष भटनागर वार्ता १८:५३, २१ अप्रैल २०१० (UTC) - अरे भाई अपने हस्ताक्षर में विकिसिड का नाम तो हटा दो। जहां से लिया है, वहां का नां भी ले लिये?
--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०१:००, २२ अप्रैल २०१० (UTC)
धन्यवाद
[संपादित करें]विध्वंसकारी गतिविधियों की सूचना देने का धन्यवाद। मुझे तो यही पता था, कि मेरा पृष्ठ तो सुरक्षित है, तब कैसे गड़बड़ होगी। किंतु उसमें लगे सांचे सुरक्षित नहीं थे। खैर अब सही कर दिये हैं।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०६:५२, २४ अप्रैल २०१० (UTC)
बधाई
[संपादित करें]सबसे पहले तो महाभारत लेख को इतना अधिक सम्पन्न बनाने के लिये साधुवाद। इस लेख को निर्वाचित लेख के लिये रखकर आपने और अच्छा काम किया है। मैं कोशिश करूँगा कि यह लेख देखूँ और हो सके तो मोटामोटी कुछ सुधार करूं।-- अनुनाद सिंहवार्ता १४:५३, २४ अप्रैल २०१० (UTC)
उपरोक्त स्तंभ हेतु इस लिंक पृष्ठ पर महाभारत आदि लेखों से कुछ सुझाव दे देना।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०५:४३, २८ अप्रैल २०१० (UTC)
प्रमुख लेख निर्वाचन
[संपादित करें]महाभारत निर्वाचन की शुभकामनाएं आपका विकसित लेख महाभारत प्रमुख लेख हेतु मई माह से निर्वाचित किया गया है। बधाई हो। इतने छोटे संपादन इतिहास में इतनी सफलता मिलने पर शुभकामनाएं।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०८:१६, १ मई २०१० (UTC)
- अरे भई अपनी मेहनत को दूसरे का नाम न दो। हां उपर्युक्त का अर्थ ऊपर दिया हुआ होता है, उस संदेश में उपयुक्त उपयुक्त शब्द होगा। हां कुछ और बदलाव होने हैं, जिन्हें मैं अभी देख लेता हूं। असल में ये बदलाव विकिपीडिया की नीतियों और प्रारूप से संबंधित होती हैं, जो धीरे धीरे अनुभव से समझ में आती रहेंगीं। --प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०८:५३, १ मई २०१० (UTC)
- लो जी कर दिये हैं। ये तीनों पहले ही नीले हैं। या शायद गोबी बनाना पड़ा होगा। शेष तो बने हुए थे ही।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता १०:२३, १ मई २०१० (UTC)
वैदिक चित्र दीर्घा
[संपादित करें]नमस्कार!
हां ये ठीक रहेगा। वैसे पहले मैंने कुछ और सोचा था, जो इस उत्तर को संपादन मोड में जाकर देख सकते हो। पर अब सोचा कि बना लो, ठीक रहेगा। मैं भी डालता रहूंगा।यथा संभव उपशिर्षक बना कर उन शीर्षकों मेंचित्रों को वर्गीकृत कर दो,व ४-८ शब्दों के परिचय दे दो।मैं भी डालता रहूंगा।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०७:२५, ३ मई २०१० (UTC)
इस लेख को देखना। कुछ और समझ में आये तो बताओ। कुछ और पठ सामग्री, जानकारी, सहायक लेख आदि? कुछ संदर्भ? असल में मैं तो कई दिन से बनारस में लगा हूं, तो दिल्ली की सड़कें भी बनारस के घाट लगते हैं। आंखों के आगे सब काशीमय ही हो गया है। तो निष्पक्ष दृष्टि चाहिये। --प्र:आशीष भटनागर वार्ता १२:१६, ३ मई २०१० (UTC)
आलेख
[संपादित करें]इतने लेख बना रहे हो, तो आलेख के लिये कोई उपयुक्त लेख तैया हो तो बताना। या कुछ कमी हो तो पूरी कर के बताओ, या मैं कर दूं। वैसे तो विकिपीडिया:आज का आलेख आवश्यकताएं में देख सकते हो, फिर भी:
- २०० से अधिक शब्द हों।
- कम से कम २-३ संदर्भ हों।
- व्याकरण व वर्तनी दोष न हों।
- १ चित्र तो हो ही।
- १ से अधिक श्रेणी हो, जिनमें से कम से कम १ में इस लेख के अलावा अन्य लेख भि हों।
- लाल कड़ियां न हों।
तो बताना कोई भी हो तो।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता १६:५६, ३ मई २०१० (UTC)
- हां उत्तम विचार है। वैसे पहले मैंने पिछले वर्ष चैत्र के नवरात्रों में नौं देवियों के चित्र तो डाले थे। किन्तु आलेख तब इतने बने नहीं थे। हां एकादशि से पूर्व उसके लेख तैयार हों तो बिल्कुल हो सकता है। हां आलेख के लिए बता ने को को तो बस ध्यान दिलाया था, कि यदि कुछ तैयार हो तो बताना। कोई अर्जेंट वाली बात नहीं है। अभी तो स्टॉक तैयार है, कम से कम जून तो निकल ही जायेगा। बनारस के चक्कर में पीछे रह गये, वर्ना तो १०-१२ और तैयार होते अभी तक। खैर कोपी बात नहीं। जो भि लेख तैयार हो तो बस ध्यान दिला देना।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता १७:३४, ३ मई २०१० (UTC)
वर्णन
[संपादित करें]साधुवाद के लिये धन्यवाद, पर हां ये लेख मैंने पूरा पुराणों से लिया था, और उसके वर्णन के अनुसा चित्र स्वयं बनाये थे। काफ़ी मेहनत की थी। पर उस समय इतनी समझ नहीं थी, कि उनके संदर्भ भी लगा दूं। इस कारण से ये उपेक्षित पड़ा है। आज उसकी याद आयी जब मैंने सोचा कि तुम्हारा सुझाव क्या आप जानते हैं के लिये एक वाक्य में डालूं। तो उस वाक्य के समर्थन में एक लेख बनाया जाये। पर एक लेख के लिये पूर मैटर नहीं था। संदर्भ भी नहीं मिल रहे थे। तब एक उपाय ये था, कि किसी समाण लेख में जोड़ दिया जाये। तब देखा कि ये पृथ्वी का वर्णन भी हैऔर हिन्दू संदर्भ भी है। अतः एकदम सटीक लेख लगा।
हां इसके लिये १-२ संदर्भ हों तो ऑथेन्टिसिटी हो जायेगी। देख लेना।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०५:२६, ४ मई २०१० (UTC)
हिन्दू धर्म
[संपादित करें]सर्वप्रथम तो में आप को हिन्दी विकिपीडिया पर योगदान करने के लिए धन्यवाद प्रकट करना चाहुंगा। द्वितीय, मेरे प्रतिक्रिया को नम्र रुप से उत्तर प्रदान करने के लिए धन्यवाद प्रकट करना चाहुँगा। मैने जो दृष्टान्त वर्णन किए उनमें आप का योगदानयुक्त लेख रहे, यह एक संयोग था। मेरा उद्देश्य हिन्दू धर्म परियोजना अन्तर्गत के लेखौं का पुर्नावलोकन कर इन के गुणवत्ता अनुसार इन्हे श्रेणीगत करने का और लेखौं को श्रेणीगत रुप में विकास करने का था। में बिना कुछ कहे ही अपने-आप भी परिवर्तन कर सकता था, परन्तु मेरे कार्यौं के दो कारण थे। विकिपीडिया में किसी दुसरे सदस्य द्वारा निर्मित लेख के विषय में ज्ञान बिना हस्तक्षेप करना प्रत्युपादक हो सकता है, अनेकन विकिपीडियाऔं मे सदस्यौं इन्हे "होस्टाइल टेकओभर" के रुप में भी लेते है; दुसरा, लेखौं के बारे में वार्तालाप/समीक्षा संग्रहीत होते है, अतः, भविष्य में कोही लेख के बारे में अगर किसी को कोही आशंका हों तो वह सदस्य वार्ता पृष्ठ अवलोकन कर अपनी आशंका से मुक्त हो सकता है। अन्य लेख सम्बन्धित वार्ता सम्बन्धित पृष्ठौं पर क्रमशः करता रहुंगा। धन्यवाद। --युकेश २०:१४, ५ मई २०१० (UTC)
- क्षमा की आवश्यकता नहीं है। परस्परिक वार्तालाप से ही ज्ञान बढता है। हिन्दी विकिपीडिया में आप जैसे महाभारत ज्ञाता दर्शन हुए। यह हिन्दी विकिपीडिया के निमित्त एक सुखद घटना है। --युकेश २०:५४, ५ मई २०१० (UTC)
एकाधिकार उल्लंघन
[संपादित करें]मेरी वार्ता पर पाठ चुराने का प्रकरण संदेश देखो। इसका उत्तर/समाधान बताना। वैसे मेल पर भी संदेश दिया है। यदि ऐसा कुछ है तो उसे वापस कर के नया पाठ या अपने शब्द हों तो बेहतर होगा।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०५:०१, ६ मई २०१० (UTC)
- मैंने आदित्य जी को संदेश दे दिया है। और साथ ही ई-मेल भी कर दिया है। शेष जैसी उनकी प्रतिक्रिया आये, तब देखेंगे। --प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०५:५१, ६ मई २०१० (UTC)
- अरे नहीं भाई, ऐसी कोई बाट नहीं है। शायद तुमने चौपाळ नहीं देखी। उसे भी देखा करो। वहां कुछ संदेश है। हाल में हुए परिवर्तन और चौपाल को भी नियमित देखा करो। --प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०६:१६, ६ मई २०१० (UTC)
- अरे यार छोटी छोटी बातों का धन्यवाद देने की क्या आवश्यकता है। ये तो प्रबंधक का कां ही है।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०६:३५, ६ मई २०१० (UTC)
- अरे नहीं भाई, ऐसी कोई बाट नहीं है। शायद तुमने चौपाळ नहीं देखी। उसे भी देखा करो। वहां कुछ संदेश है। हाल में हुए परिवर्तन और चौपाल को भी नियमित देखा करो। --प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०६:१६, ६ मई २०१० (UTC)
लगे रहो मुन्ना भाई…
[संपादित करें]कोई बात नहीं है चलता है…
आप अपना कार्य प्रेम पूर्वक जारी रखें किन्तु सीमाओं और नियमों का भी ध्यान रखें मुझसे संपर्क करना हो तो ई-मेल कर लें।
आशीष जी का पत्र मुझे मिल गया है। आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूँ। आदित्य चौधरी १०:३१, ६ मई २०१० (UTC)
नमस्कार
[संपादित करें]बंसल जी नमस्कार! महाभारत में देखाया गया आपका योगदान सरहनिय है। मै विकिपीडियाका नयाँ सदस्य हुँ मुझे किसि स्थान के बारे में लिखते समय जो टेम्पलेट लगाया जाता है वह तो मै लगा लेता हुँ पर जो उसके अंधर स्थानके नाम बगहरा भरे जाते हें वह कैसे भरना होगा कृपया मुझे सिखाने कि कृपा करें
- धन्यवाद!
--रमेश १८:२४, ६ मई २०१० (UTC)
मैने मागा सहयोग आपने किया स्वागत ?
[संपादित करें]बंसल जी मैने आपको मेरा स्वागत करने को नहिँ कहा था मैने आपसे सहयोग मागाथा स्वागत तो नयाँ सदस्योँ का करें मै तो अब पुराना हो गया हुँ हिन्दी विकिपीडिया पर मेरा स्वागत जो किया गया था वह ठिक था खैर कोहि नहिँ आपको नहि जचा तो आपने बदल दिया पर जो मैने पहले लिखा था उसको देखकर मुझे सिखाने की कृपा किजिए।
- धन्यवाद!
--रमेश २०:०४, ६ मई २०१० (UTC)
मैने जान बुझके किया था
[संपादित करें]मैने जो दिनेस सिमता जी के वार्ता पृष्ठ पर लगाया था वह जान बुझ कर किया था मैन पहले {{स्वागत}}साँचा ही चढाया था फीर आपका ध्यानाकर्षणके लिए उसको निकालकर दुसरा साँचा चढाया आप इस पृष्ठ इतिहास देख सकते हें साँचा तो फीर भी हटाया जा सकता है पर आपका ध्यानाकर्षिण करना जरुरी था। दुसरी बात मेरे वार्ता पन्ने पर भि रोहित जी ने यही साँचा चढाया हुआ था। मैने जो आपसे पुछाथा उसका मुझे जवाफ नही मिला आप मेरा सवाल समझे नही उधाहरणके लिए मै हरिद्वारका पृष्ठ सुरु कररहा हुँ पहिले हरिद्वार पृष्ठके उपर "नगर" साँचा लगाया साँचेके अन्धर जो जगहके नाम, क्षत्रफल इत्यादी भरा जाएगा वह कैसे होगा ? यानिकी साँचा कैसे तोडा जाता है ? कृपया समझा दिजिए। --रमेश २०:४३, ६ मई २०१० (UTC)
पेज अलग कर दिजिए
[संपादित करें]बंसल जी मैँ विकिपीडिया सम्पादन में मोबाइलका प्रयोग कररहा हुँ आपने पेजको पुरा एक ही लाईन में भर दिया है। यह तो आधा भी नही आरहा है। आप पेजोँ के बिच में (====) चिन्हका प्रयोग कर दिजिए। --रमेश २१:२२, ६ मई २०१० (UTC)
अनुमति
[संपादित करें]अरे भाई, महाभारत के हैंगओवर से बाहर निकलो। और बहुत से विषय तुम्हारी प्रतीक्षा में हैं। खैर ये तो अपना विषय और रुचि है। हां चित्रों के लिये अनुमति लेना तो बहुत ही अच्छी बात और अभ्यास है। इस प्रकार से चित्र लेना अत्यंत सरल हो जाता है। किन्तु इस बात का ध्यान रखना कि प्रत्येक अपलोड के संग चित्र लेने की अनुमति संलग्न हो। या एक काम कर सकते हो। इन चित्रों के लिये एक भाषा बनाकर उसमें उस अनुमति पत्र का संभव हो तो एक लिंक और कुछ सीमित पाठ डालकर एक सांचा बना दो, और उस सांचे को उन सभी चित्रों के अपलोड में डाल दो।
या फिर ये चित्र कॉमन्स पर चढ़ा दो। सभि लोग प्रयोग कर पायेंगे। हां चित्रों के नाम उनका अति संक्षिप्त वर्णन करें तो बेहतर होगा। चाहे तो अपना नाम भी जोड़ सकते हो। संस्करण के लिये दिनांक भी डाल सकते हो, माह और वर्ष ही सही।हां सांचा भी वहीं बन सकता है। सांचे का नमूना यहां बना कर देख सकते हो। चाहे विकिपीडिया:प्रयोगस्थल पर या पूरा सांचा ही बना दो, और बाद में डिलीट कर दूंगा, या बना भी रहने दे सकते हो। वैसे कॉमन्स के सांचे भी यहां प्रयोग हो सकते हैं। --प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०२:१२, १० मई २०१० (UTC)
- अरे ये बात तो बस ऐस ही कही थी। इतना गहरा अर्थ न लो। अपनी इच्छा और रुचि के अनुसा जो विषय या लेख पसंद आये बनाओ या विकसित करो। इसमें आज्ञा जैसी कोई बाट नहीं है। हां आवश्यकता होने पर अनुरोध अवश्य करूंगा। वैसे योजना अच्छी है तुम्हारी। हां संभव हो तो इन लेखों को विकिपरियोजना हिन्दू धर्म में भी अंकित करते रहो। --प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०४:१५, १० मई २०१० (UTC)
{{उपनिषद}}
[संपादित करें]इस साँचे को देखना। इसे मैंने बनाया था। किन्तु शायद इसके नाम यहां उपस्थित नामों से अलग हैं। तुम उपनिषद बना रहे हो, तो पहले बनाये भी पता ही होंगे। संभव हो तो समय मिलने पर उस सांचे के लिंक्स को उपयुक्त लेखों पर पुनर्निर्देशित करते चलो। हां इस सांचे को भी उपनिषदों से संबंधित लेखों में लगा सकते हैं।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता १७:२४, ११ मई २०१० (UTC)
- अरे मैं तो बस २-३ लेखों में ज्ञानसन्दूक टेस्ट ही कर रहा था। इसके लिये एक अच्छा ज्ञानसन्दूक बनाना होगा और फिर सभि में लगाना होगा। इसलिये एक ज्ञानसन्दूक बनाकर, १-२ वाक्य का पाठ, जिसमें इसकी शाखा आदि के बारे में लिखा हो, नीचे संदूक और श्रेणियां< लगा कर १०८ उपनिषदों के लेख बनाये जा सकते हैं।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता १८:४५, ११ मई २०१० (UTC)
mlwiki message
[संपादित करें]That could be done by the admins here. Is there any specific reason that I should do it? I am asking this, since Stewards are not really supposed to stuff if there are active users and 'crats in a project. If it is an emergency, it may probably make more sense to go to irc and request for help than leaving a message on wiki. Do let me know on my metawiki talk page. Thanks! --Jyothis १२:३९, १३ मई २०१० (UTC)
Ok, Saw your message in ml. That must be some new user trying to experiment on what wiki is. 59 series Ip belongs the mtnl, and is a dynamic one. there is no real point in doing a range blok, since you may be blocking awa potential future users. if some one is vandalizing, try tot alk on their talk page. you can always come to the irc channel listed above and ask for help. You will find Global sysops and Stewards there to help you on emergencies. Thnks! --Jyothis १२:०२, १४ मई २०१० (UTC)
बार्न स्टार
[संपादित करें]बार्न स्टार व उससे जुड़ी भावनाओं के लिये बहुत बहुत धन्यवाद। ईश्वर से कामना करता हूं, कि ऐसे ही मैं कार्यरत रहूं और हिन्दी विकि के उत्थान में प्रयासरत रहूं। --प्र:आशीष भटनागर वार्ता १५:१७, १५ मई २०१० (UTC)
पुराण परियोजना
[संपादित करें]उपरोक्त परियोजना के पूर्ण होने पर बधाई, तुम्हें और विकि; दोनों को ही। इसके लिये अन्वरत प्रयास और गृद्ध दृष्टि चाहिये होती हैं, जो तुमने सिद्ध कर दीं। कामना हैं, कि आगे भि ऐसे ही लगे रहोगे। हां कुछ दिनों के अवकाश पर तो पहले भी कई बार जाने को कह चुके हो, किन्तु लगता है, कि विकि का नशा लग चुका है, और इसके बिना रह नहीं पाते हो। शायद कुछ परीक्षाएं आदि हो< तो यही कहूंगा कि वे भी आवश्यक हैं, और उन्हें भली प्रकार से दो और वहां भी उच्च शिखर चूमो। फिर निश्चिंत होकर यहां लौटो।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता १५:३६, १५ मई २०१० (UTC)
कर्न श्रेनि
[संपादित करें]आप से कोई प्रतिकिर्या न मिल्ने के कारण मैने कर्न को श्रेनि १ मे डाल दिया, आसा है आप ऐसी मुर्ख्ता फिर न्ही करेगे--सुलोचना १५:०१, १७ मई २०१० (UTC)
इस मामले में मै भी कर्ण को श्रेनि १ के करने के पक्क्ष मे हु--Bankelal १५:३७, १७ मई २०१० (UTC)
महाभारत लेख आपने तथयों पर अधारीत बनाया था इस लिये मैने आपक धन्यवाद किया, परन्तु इस लेख में आपने अपनी अनुभवहीनता का परिचय दिया है, इस लिये मै यहा आपके विरुद्ध हू--Bankelal ०४:२४, १८ मई २०१० (UTC)
मैने आप के लेख कुरुशेत्र की प्रंशसा की थी न कि बुराई, मैने सिरफ कर्न का पक्ष रख था, न ही मैने निरवाचन के लिये उसका विरोध किया, यह सब काम सद्स्य बांकेलाल का है जिसने इस wiki पर एक भी योगदान न्ही किया, अतः आप एसे सद्स्यो की बात से नराज होकर मत जाये--सुलोचना ०८:४१, १८ मई २०१० (UTC)
Destructive behavior is counterproductive. The best plan usually is to take a break and cool down--मयुर बंसल वार्ता ०८:४८, १८ मई २०१० (UTC)
किसी सदस्य की करनी पर इतने परेशान न हों। किसी भी संपादन को इतिहास से कभी भी वापस लाया जा सकता है। दूसरे ये एक मुक्त विश्वकोष है, अतः कोई भी यहां अपने संपादन कर सकता है, अपने विचार रख सकता है। अतः इन्हें भी पूर्ण स्वतंत्रता मिलनी चाहिये। हां यहाम कोई भी किसी के कहने से आया नहीं है, न जाना ही चाहिये। हम सभी यहां हिन्दी के हितार्थ कार्य कर रहे हैं, न कि किसी बांकेलाल या आशीष भटनागर या किसी अन्य के लिये। अतः अपने काम को उत्साहपूर्वक चालू रखें।
यदि किसी ने कोई लेख बहुत परिश्रम कर बनाया है तो भि किसी अन्य को प्रतिक्रिया व विचार व्यक्त करने का पूर्ण अधिकार मिलता है। हां इस कां के सही तरीके और प्रोसीजर होते हैं। इस बाट को चर्चा/वार्ता पर चर्चा करनी चाहिये। यदि दोनों एकमत हों तो बदलाव करें, अन्यथा उसे चौपाल पर अन्य लोगो के विचार जानने के बाद निर्णय लेकर सुधार करने होते हैं। हां इस सदस्य ने अभी शायद पहली बार ही ऐसा कां किया है, नया सदस्य है, अतः इसे यहां के तरीके नहीं पता होंगे। कोई बात नहीं उस बदलाव को तुमने वापस कर ही दिया है, और आगे के लिये उसे बता देते हैं। परेशान या उत्तेजित न हो। अब तो २-३ बड़े और कई अन्य अच्छे लेख बना चुके हो। आराम से अपने सैशनल दो। हां निर्वाचित लेख प्रत्याशी पृष्ठ पर बदलाव हटाने की आवश्यकता नहीं थी। उनका वहीं उपयुक्त उत्तर देना बेहतर था। किसी को जबर्दस्ती चुप कराने की अपेक्षा उसकी बात सुनकर जिज्ञासा तृप्त कर स्वतः शांत होने दो, तब शांति लंबी चलेगी। उत्तर अच्छा न लगे तो हटा सकते हो।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता १४:५४, १८ मई २०१० (UTC)
कुरुक्षेत्र युद्ध
[संपादित करें]इस लेख पर अप्नी भावनाओ को काबू मे न रख पाने की वजह से आप से किये दुरव्य्वहार के लिये क्षमा, मैने अपनी गलती शुधार दि है, उम्मीद है आप मुझे माफ कर देगे--Bankelal १९:३०, १८ मई २०१० (UTC)
- मेरी वार्ता पर इस संदर्भ में संदेश देखें। मामला सुलझ गया है।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०२:५४, २० मई २०१० (UTC)
- हाँ, आशा करते है कि बांकेलाल यहाँ कुछ महत्वपुर्ण योगदान देंकर विकि को उन्नत बनायेंगे, आप से व उनसे जाने अंजाने मे किसी भी तरह के अपशब्द के लिय्रे मैं क्षमाप्रार्थी हुँ-- मयुर कुमार | वार्ता १२:३६, २० मई २०१० (UTC)
- एक और बात अंग्रेजी विकि की तरह ही यहाँ पर मैने यह परस्पर संवाद का साँचा बना दिया है क्योंकि किसी वार्ता का उत्तर वार्ता अपने वार्ता पृष्ठ पर ही देने की प्रथा अंग्रेजी विकि में प्रचलित है परन्तु हिन्दी में नहीं, शायद आपको यह सही न लगे क्योंकि यहाँ हिन्दी विकि पर अंग्रेजी विकि से लाया नवीनीकरण कम ही पसन्द किया जाता है, परन्तु मुझे मेरे लिये यह उपयुक्त लगा, अतः यदि किसी को यह ठीक लगे तो अपनाये। मेरे विचार से इससे काफि समय बच जाता है और वार्ता पेज भी प्रशन के उत्तर के साथ सही दिखता है और लेख संवाद के संदर्भ में कई बार एक पंथ दो काज हो जाते है, इस तरह की कई प्रणालियाँ यहा अंग्रेजी विकि से लायी जा सकती है।-- मयुर कुमार | वार्ता १३:११, २० मई २०१० (UTC)
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” —Terms of Use[1]
यहां लिखा गया प्रत्येक पाठ्य मुक्त माना जाता है। इस बात का ध्यान रखना चाहिये। इससे पहले कि कोई अन्य विवाद उठे, मेरे विचार से तुरंत हटा लो और भविष्य में भी ध्यान रखना।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ००:३९, २४ मई २०१० (UTC)
- ↑ Terms of Use:Wikimedia Foundation
--- इस बारे में दूसरा संदेश मैंने नहीं दिया है। ये पहले संदेश का ही अंश है। अच्छा महाभारत पर शोध पत्र की बात मुझे ज्ञाट नहीं थी, यदि ऐसी कोई बाट है, तो वह अंश एकाधिकार के अधीन रह सकता है, किन्तु उसके लिये उपयुक्त सांचे आदि अंग्रेज़ी में देख सकते हो। अब मैं कैसे अनुमान लगाऊं कि यांत्रिक अभि. करते हुए महाभारत पर शोध करोगे? चलो कोई बात नहीं। कोई विशेष बात जो उस शोध के अधीन हो, और सर्वसुलभ न हो अब तक, उसे यहां दे सकते हो। साथ में शोध पत्र का संदर्भ लगाकर।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०८:३७, २५ मई २०१० (UTC)
वाराणसी लेख में कमी दिखना उस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ने का, और इस बात का संकेत है कि पाठक ने महाभारत के इतिहास का अच्छा अध्ययन किया है, साथ ही अन्य लेखों को भी सुधारने की इच्छा रखता है। इसमें न तो बुरा लगने की कोई बात है, न सुधार से कोई आपत्ति ही है; बशर्ते सुधार तथ्य आधारित, संदर्भ सहित हों। यहां पांडव का अर्थ पांडवों के वंशजों से ही है।जैसे कुरु नामक राजा के बाद वंशज कौरव, रघु के वंशज राघव, आदि कहल;आये वैसे ही पांडु के वंशज पांडव कहलाये। हां वंशज शब्द लिख देना किसी संदेह को दूर करता है। इस बारे में संदर्भ यहां देखो।
“ महाभारत की लड़ाई के पहले मगध में राजा जरासन्ध ने बड़ा राज्य कायम किया। बड़े राज्य को साम्राज्य कहते थे। भारत का वह पहला साम्राज्य था। काशी भी उसी साम्राज्य में समा गई। महाभारत के नरसंहार में फिर जरासन्ध और उसका पुत्र सहदेव दोनों जूझ गए। कुछ काल बाद जब गंगा की बाढ़ ने पाण्डवों की राजधानी हस्तिनापुर को डुबा दिया, तब पाण्डव इलाहाबाद जिले में यमुना के तीर कौशाम्बी में नई राजधानी बनाकर बस गए। उनका राज्य ‘वत्स’ कहलाया और काशी पर मगध की जगह अब वत्स का अधिकार हुआ। „ - दूसरा महाभारत पूर्व मगध में और महाभारत के पूर्व मगध में, दोनों का एक ही अर्थ है, किंतु यहां महाभारत पूर्व लिखना भाषा की सुंदरता है, जैसे कि कहीं एक ही वाक्य में ३ बार और आना हो, तो एक बार और, दूसरी बार एवं , तीसरी बार तथा लिखना चाहिये। इसी प्रका कई अन्य नियम होते हैं, जो लिखे नहीं हैं, किंतु फिर भी भाषा की सुंदरता बढ़ाते हैं।
इसके अलावा कोई और संशय संदेह हो तो बताओ, सुधार हों तो अवश्य करो। एक तो मेरा लेख नहीं है, मेरा बनाया या विकसित लेख है। दूसरा मेरा लेख मानो भी तो उसमें सुधार ही तो कर रहे हो। हां और कोई बात हो तो अवश्य बताना। क्योंकि ये संदेह पहले ही दूर हो जायें और लेख और निखर जाये तो बेहतर होगा, क्योंकि इसे संभवतः अगला निर्वाचित लेख बनना हो। --प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०२:५७, २७ मई २०१० (UTC)
बांकेलाल
[संपादित करें]वाराणसी लेख में सुधार काफी अच्छे हैं। असल में मैं इस पर काम करके थक गया था। दूसरा बताया भी था न कि धीमे कनेक्शन के चलते आजकल बार बार लंबे लेख खोलना और सहेजना मुश्किल हो जाता है। हां एक बात ध्यान रखने की थी। जब कोई श्लोक आदि उक्ति को देते हैं, तब वह मूल अनुच्छेद से अलग हटकर बीच पाठ में वैसे ही हाईलाईट होकर दिखाई देती है। अतः उसे फिर से बोल्ड करना सही नहीं लगा। वैसे भि अच्छे लेखों को देखो, तो मोटे अक्षरों का कम से कम प्रयोग हुआ मिलता है, क्योंकि यदि बहुत कुछ हाईलाईट कर दोगे तो विशेष क्या रहा। ये बात पूर्णिमा जी के लेखों में देखी और बहुत से अच्छे अंग्रेज़ी लेखों में भी देखी है। तभी मैंने वाराणसी में श्लोखों को वापस साधारण फॉण्ट में बदल दिया। शेष सही हैं। हां समय मिलने पर बांकेलाल जी के मुछ विचार जरा निर्वाचन पृष्ठ पर देखो और संभव हो तो कुछ उत्तर दो। मैं तो बहुत दे चुका हूं। अधिक प्रलाप शोभा नहीं देता है। और वाराणसी के बारे में बताना कि तैयार है क्या?--प्र:आशीष भटनागर वार्ता १७:११, ३१ मई २०१० (UTC)
- हां, ठीक है, इसे सुरक्षित कर देता हूं, और एक बार पूर्णिमा जी से अनुरोध कर देख लेता हूं, कि यदि समय मिले तो शायद देख पायें। हां निर्वाचन के लिये सोचा है कि महाभारत अच्छा लेख है, तो इसे यदि १५-२० दिन और रहने दें तो कैसा रहे? फिर मैंने हुमायुं का मकबरा सोचा था, उसे १५ जून से १५ जुलाई तक लगा कर फिर वाराणसी लगा सकते थे। उसके बाद एक-दो अन्य लेख लगा कर फिर कुरुक्षेत्र देखा जा सकता था, क्योंकि महाभारत और कुरु.. आगे पीछे लगाना सही नहीं लगेगा न? विषय परिवर्तन भी आवश्यक है न। कोई अपने विषय के लेख बना सकते हो? मैटर अंग्रेज़ी विकि से देख लो। यानि यांत्रिकी से जुड़ा। या आलेख के लिये ही सही। --प्र:आशीष भटनागर वार्ता १९:१४, ३१ मई २०१० (UTC)
- वैसे तो इसने मकबरे में कुछ छेड़छाड़ नहीं की है, इसलिये प्रतिबंधित करना सही नहीं लगेगा। चलो छोड़ देते हैं। हां इस लेख को जरा एक बार देख अवश्य लेना। कुछ सुधार आवश्यक लगें तो देखना। मैं तो अब सोने चला। शुभरात्रि: --प्र:आशीष भटनागर वार्ता १९:१८, ३१ मई २०१० (UTC)
- अरे भाई क्या संदेश लिखा है, समझ नहीं आया।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०३:२५, २ जून २०१० (UTC)
- वैसे तो इसने मकबरे में कुछ छेड़छाड़ नहीं की है, इसलिये प्रतिबंधित करना सही नहीं लगेगा। चलो छोड़ देते हैं। हां इस लेख को जरा एक बार देख अवश्य लेना। कुछ सुधार आवश्यक लगें तो देखना। मैं तो अब सोने चला। शुभरात्रि: --प्र:आशीष भटनागर वार्ता १९:१८, ३१ मई २०१० (UTC)
महाभारत
[संपादित करें]मयूर जी, वर्तनीसुधार के लिए धन्यवाद। -Hemant wikikosh ०६:३९, ३ जून २०१० (UTC)
अन्तर्दहन इंजन
[संपादित करें]मयूर जी, आपने सही कहा कि यह हम सबकी कमी है कि एक भी तकनीकी लेख निर्वाचित लेख में नहीं है। यह हो तो बहुत अच्छा है (यदि हम लोगों के पास पर्याप्त समय हो)। किन्तु वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए मुझे लगता है कि हमे अधिक से अधिक छोटे और मध्यम आकार के लेख बनाकर ही संतोष करना चाहिये और यदा-कदा कुछ बड़े और परिपूर्ण लेख बनाने का प्रयत्न करना चाहिये। जब हिन्दी विकि पर बहुत से लोग जुटेंगे तब उन्हें अच्छा और परिपूर्ण बनाया जायेगा।
आप इस लेख को निर्वाचनयोग्य बनाने का प्रयत्न करना चाहते हैं तो इससे अच्छा क्या हो सकता है? आप लग जाइये, समय मिलेगा तो मैं भी इसमें कुछ जोड़ूंगा। -- अनुनाद सिंहवार्ता १०:३२, ४ जून २०१० (UTC) अनुनाद सिंह
नयां वार्ता पन्ना
[संपादित करें]बंसल जी नमस्कार बहुत दिन बाद आपका वार्ता पृष्ठ देखा बहुत सुन्दर लगा आपका एक नयाँ वार्ता पन्ना का शृजना हुआ है। देख लेना धन्यवाद! --रमेश ०६:०८, ५ जून २०१० (UTC)
हिन्दू धर्म
[संपादित करें]निमन्त्रणा के निमित्त धन्यवाद। में समय मिलाकर इस विषय पर काम करुंगा। धन्यवाद।--युकेश १२:२४, ५ जून २०१० (UTC)
प्रबन्धक के लिए नामांकरण
[संपादित करें]मैने यहाँ पर आप को प्रबन्धक पद के लिए नामांकित किया है| कृपया अपना विचार यहाँ व्यक्त कीजिए। धन्यवाद।--युकेश १३:०३, ५ जून २०१० (UTC)
उपरोक्त लेख अच्छा बना है। किन्तु:
- नीली कड़ियों की काफी कमी है।
- संदर्भ हिन्दी में करें- अनुवाद/लिप्यान्तरण
- भाषा में हिन्दी पर जोर दें/ उर्दु के शब्द प्रयास करें हिन्दी में अनुवाद हों।
फिर आलेख के लिये लगाऊं। जल्दी ही जो पाये तो बेहतर होगा, क्योंकि ये नयी फिल्म है।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता १८:३४, ८ जून २०१० (UTC)
- हां अब देख रहा हूं। असल में वो रमेश जी के अनुरोध पर दैलेख जिला देख रहा था। तो उसमें लंबे बदलाव किये, जब सेव किया तब संदेश देखा। हां बीच लेख में फिल्म शब्द चलेगा। कोई गलत नहीं है। बल्कि चलचित्र बार बार प्रयोग से फिल्म उद्योग का आभास देता है। --प्र:आशीष भटनागर वार्ता १९:३७, ८ जून २०१० (UTC)
- लो जी। लेख तैयार है। कुछ और आवश्यक समझो तो सुधार कर लो, वर्ना {{आज का आलेख १७ जून २०१०}} में कमेंट हटाकर पाठ लगा दो। हां संदर्भ न आयें। ५-६ लाइनें (न कि वाक्य) चित्र लगने के बाद हों। न अधिक न कम। कोई लाल कड़ी न हो, और पूरे लेख का सार वहाम उपस्थित हो, स्टार-कार्स्ट/कथा/१ वाक्य विवाद पर, आदि। ये १७ जून को दिखेगा।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता १९:५४, ८ जून २०१० (UTC)
- हां अब सांचा सही बना है। चलो अब आलेख के लिये भी तुम उपयुक्त होने लगे हो। देखो जल्दी ही प्रबंधक बन जाओ तो आलेख का काम संभाल लेना। कल हमारे ऑफिस में ट्रांस्फ़र लिस्ट निकली है, मेरा ट्रांस्फ़र लीलाबाड़ी (उत्तर लखीमपुर, असम) हो गया है। ये एक वर्ष का स्टेशन है, उसके बाद वापस दिल्ली आ पाऊंगा। वैसे तो वहां भी नेट होगा, किंतु कुछ दिन NOC ओर अन्य फ़ॉर्मैलिटीज़ में लगेंगे। लगभग १ माह में जाना होगा। तो जरा आलेख को देख लेना। विकिपीडिया:आज का आलेख उम्मीदवार पृष्ठ पंजीकृत सदस्यों के लिये खुला है। जुलाई के लिये साँचा:आलेख माह के प्रत्याशी का प्रयोग करना है। किसी भी सांचे के अंदर {{subst:सांचे का नाम}} प्रयोग करने से सांचे की स्क्रिप्ट लेख में कॉपी हो जाती है, साधारण तरीके से प्रयोग करोगे तो सांचा सदा सांचा ही रहेगा। इस तरह प्रयोग करने पर कभी भविष्य में सांचा बदलेगा तो भी उस जगह नहीं बदलेगा। प्रयोग करके देख लेना। और कुछ पूछना हो तो कभी भी पूछ सकते हो। हां बस मुखपृष्ठ पर आलेख का ध्यान रखना, हो सके तो। अभी १७ ता. तक लगे हुए हैं। वैसे प्रयास करूंगा कि जून माह तो पूरा कर ही दूं। --प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०१:१६, ९ जून २०१० (UTC)
बॉट के बारे में
[संपादित करें]में पाऍथन आधारित बॉट सञ्चालन करता हुं और पर्ल आधारित बॉट के बारे में मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है। अगर पाऍथन आधारित बॉट के बारे में कुछ जानकारी आवश्यक हों तो कृपया सम्पर्क कीजिए। धन्यवाद।--युकेश १७:२६, १० जून २०१० (UTC)
- सर्वप्रथम तो पाइथन और pywikipedia फ्रेमवर्क डाउनलोड कीजिए (मैने बहुत समय पहले डाउनलोड किया था और युआरएल अभी याद नहीं है, परन्तु एक बार गुगल करने पर मिल जाएगा)। उस के बाद पाइविकि को अन्जिप करके पाए गए फाइलौं को पाइथन के इन्स्टल्ड फोल्डर में पेस्ट कर दीजिए। युजर कन्फिग नामक एक फाइल में कन्फिग बदल दें। उस के बाद वहां पर उपलब्ध कमाण्ड चलाना बहुत सहज है। हां, ध्यान रहें कि पृष्ठ निर्माण करने वाले फाइल ज्यादा न चलाएं क्युंकि इन से लेख यो बढते है पर गहराई घट जाता है। धन्यवाद।--युकेश १७:४०, १० जून २०१० (UTC)
महाभारत के पात्र
[संपादित करें]यदि महाभारत के पात्रों के लेखों के लिये एक साँचा:ज्ञानसन्दूक व्यक्ति की तरह एक सांचा बनाया जाये: साँचा:ज्ञानसन्दूक महाभारत के पात्र या साँचा:ज्ञानसन्दूक महाभारत चरित्र, और लगभग सभी में लगाया जाये, तो अच्छा लगेगा। यहां सांचे के शीर्षक बार का रंग उनके पांडव या कौरव खेमे में होने से तय होगा। या कुछ और श्रेणियां भि बना सकते हैं, जैसे योद्धा (पा + कौ), ऋषि, राजसिक स्त्रियां, राजा, आदि। फिल्हाल रंग रहने भी दें तो भी सभी में कुछ पैरामीटर स्थिर कर सकते हैं, जैसे काल, राष्ट्र, आदि। ये स्थिर पैरामीटर मुख्य सांचे में ही डाले जा सकते हैं। देखो यदि विचार सही लगे और फीज़ियेबिलिटी तथा हिम्मत। वर्ना मुझे बताना। वैसे इसकेल इये साँचा:ज्ञानसन्दूक की सहायता ली जा सकती है। --प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०२:०४, ११ जून २०१० (UTC)
- बहुत ही अच्छा सुझाव है इसे आज ही क्रियान्वित कर दूँगा, वैसे मैं तो इन लेखों का विकिकरण कर रहा था इनमें वर्तनी एवं श्रेणी सुधार भी किया गया। इसके अलावा भी इस महीने अन्तर्दहन इंजन एवं भगवदगीता पर सुधार करना है, हाँ अन्तर्दहन इंजन में उसके लिये हिन्दी टर्मस ढूढंने में बहुत दिक्कत आ रही है परन्तु धीरे धीरे पूरा कर दूँगा-- मयुर कुमार | वार्ता ०३:५०, ११ जून २०१० (UTC)
- अंतर्दहन इंजन की जो टर्म्स न अनुवाद हो रही हों, उनकी सूची बनाकर एक तो मेरी वार्ता पर भेज दो, दूसरा हो सके तो सारणीरूप में चौपाल पर लगा दो। हां अनुनाद जी को भि सूचित कर दो। उन्होंने काफ़ी तकनीकी लेख बनाये हैं। शायद हम दोनों से कुछ सहायता मिल पाये।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता ०४:०९, ११ जून २०१० (UTC)
वह जो मैं नहीं समझ सका
[संपादित करें]सामर्थ्य या शक्ति - मूलतः इस लेख में पॉवर का अनुवाद सामर्थ्य था अतः मैंने सामर्थ्य की जगह शक्ति प्रतिस्थापित कर दिया, परन्तु कुछ जगहों पर शायद कैपिसिटी को भी सामर्थ्य लिखा गया है, यदि ऐसा है तो कैपिसिटी की जगह पर तो सामर्थ्य शब्द सही है, परन्तु इसे पहचानना मुश्किल है कि मन्तव्य क्या था। म् सुपरचार्जर में मिश्रणपूर्ण- सुपरचार्जर शीर्षकान्तर्गत 'मिश्रणपूर्ण' शब्द आया है, जो किस अर्थ में लिखा है समझ नहीं आया परन्तु यह एक चूक ही प्रतीत होती है।
द्रवघर्षण- द्रवघर्षण क्या है? यदि यह द्रवों का घर्षण है (यानी विस्कॉसिटी) तो उसके लिए श्यानता शब्द लिख देवें। यदि यह मात्र फ्रिक्शन है तब तो घर्षण शब्द ही पर्याप्त है। यदि किसी और अंग्रेजी शब्द का अनुवाद है, व आप जान सकें, तो बताएँ।
शेष लेख का भाषाशोधन मैंने पूरा कर लिया है।
धन्यवाद। -Hemant wikikosh ०६:२८, ११ जून २०१० (UTC)
सबसे पहले तो इस लेख का भाषा शुद्धिकरण करने के लिये धन्यावाद एवं साधुवाद। इस संदर्भ में आप अनुनाद जी से पुछ सकते है क्योंकि यह लेख उन्हीं का बनाया है मुझे तो स्वंय अंग्रेजी माध्यम का होने के कारण समझने में बहुत दिक्कत हो रही है क्योंकि यह सब मैनें अंग्रेजी में पढा है-- मयुर कुमार | वार्ता ११ जून २०१० (UTC)
जी जरूर
[संपादित करें]समय मिलने पर आपके कहे अनुसार मैं कुरुक्षेत्र लेख को अवश्य देखूँगा। और हाँ, आप मुझसे हिन्दी ही नहीं संस्कृत भाषा संबंधी समस्याएँ भी पूछ सकते हैं (संस्कृत विकिपीडिया पर भी मैं इस कार्य हेतु तत्पर हूँ)। प्रसंगवश यह भी बताना उचित होगा कि दरअसल मुझे भी प्रारंभ से ही संस्कृत, संस्कृति व प्राचीन ज्ञान में रुचि रही है। इसके लिए मैंने कुछ मात्रा में तमिल(लिपि, तथा कुछ भाषा), तेलुगु (लिपि व भाषित भाषा), मलयालम (लिपि), कन्नड (लिपि) भी सीखीं। अतः इनसे संबंधित समस्या आप मेरे वार्तापृष्ठ पर रख सकते हैं। यदि मैं सुलझा सका तो मुझे प्रसन्नता होगी। यद्यपि कभी कभी संदेश चेक(check) करने में समय लग सकता है, उसके लिए क्षमा चाहूँगा। -Hemant wikikosh ०९:३६, ११ जून २०१० (UTC)
आपके सहयोग के लिये अतीव धन्यवाद, मुझे यह जानकर बहुत हर्ष हुआ कि आपको भी संस्कृति व प्राचीन ज्ञान में रुचि है। मुझे आशा है तब तो आप हिन्दू धर्म परियोजना में अत्यंत सहयोगी एवं सदस्य की भूमिका निभा सकते है। हिन्दी विकि आप जैसे सदस्यों से युक्त होकर अपने आप को दक्ष एवं गुणवत्ता की कसौटी पर खरा पायेगा। आशा है कि आप हमेशा हिन्दी विकि के लिये कुछ समय निकाल लिया करेंगे-- मयुर कुमार | वार्ता ११:११, ११ जून २०१० (UTC)बधाई
[संपादित करें]हिन्दी विकिपीडिया पर प्रबंधक पद पर पदस्थ होने पर हार्दिक बधाइयां कृपया जरा यह साँचाको सुधारकर सहि कर दिजिए मैने बहुत कोशिस कि पर नही बना पाया। --रमेश वार्ता २०:०५, १३ जून २०१० (UTC)
बंसल जी आपने सिर्फ साँचेका कलर ही बदला पर उसपर जो new section पर जानेका लिँक बनाना था पर नही बना कृपया पुन: प्रयास करें --रमेश वार्ता २०:४१, १३ जून २०१० (UTC)
CU tool
[संपादित करें]It is available in all wikis by default. The access is limited to checkusers and stewards because it has privacy related implications. you can place a request on m:Steward requests/Checkuser with the users suspected and the reason for checking it --Jyothis २०:३४, १५ जून २०१० (UTC)
'कुरुक्षेत्र' से कुछ सुझाव
[संपादित करें]मयूर जी नमस्कार, 'कुरुक्षेत्र' का पुनरीक्षण करते हुए मैंने पाया कि -
- आपने कौरव के स्थान पर कौरवों तथा पांडव के स्थान पर पांडवों शब्दों को आंतरिक कडियाँ दे दी हैं और उन शीर्षकों के लेख भी बना दिये हैं, वस्तुतः इसकी कोई जरूरत नहीं है। आपको जब किसी शब्द के तिर्यक रूप (जैसे- ईंटें ) का लिंक देना हो और उसमें प्रारंभिक कुंजियाँ वही प्रेस् की हों जो ऑरिजिनल शब्द में थीं तो उतनी keys को [[]] में बंद कर दें, तथा बाकी की keys ]] के बाद प्रेस् कर दें, लिंक आ जायेगा। एडिट बॉक्स में भले ही वह टूटा फूटा दिखेगा, सहेजने पर सही दिखेगा, जैसे- पांडवों। धन्यवाद।- Hemant wikikosh ०४:३३, १४ जून २०१० (UTC)
हेमन्त जी सबसे पहले तो इस लेख पर अपनी दृष्टि डालने हेतु धन्यवाद, दरसल उस समय मुझे विकिसंस्कृति का ज्यादा ज्ञान नहीं था। आप इस तरह कोई भी बदलाव बेझिझक करे। वैसे मैने तो उन नामों के लेख बनाकर उन्हे रिडारेक्ट किया था, शायद किसी पर लेख भी बन गया हो, तब भी यदि आपको ऐसा कुछ भी लगे तो बेझिझक बदलाव करे। हाँ यदि इस लेख में आपको कुछ अनुचित लिखा हुआ या लगे तो भी वार्ता पर चर्चा डाल उसे बदल दे-- मयुर कुमार | वार्ता ०४:४७, १४ जून २०१० (UTC)
(निम्नलिखित छोटी-छोटी बातों को आप एक बार पढ़ लें तो अच्छा रहेगा। यद्यपि मैं आपसे इन aspects पर 'focus' करने के लिए नहीं कहूँगा, क्योंकि आप 'विषय' पर बहुत अच्छा focus करते हैं, मैं उस स्वाभाविक स्थिति को बिगाड़ना नहीं चाहता।)
- ड़ नहीं ड़ सही है- दोनों में अन्तर यह है कि पहले वाला ड पर नुक्ता लगाकर बना है, बाद वाला सिंगल कैरैक्टर है। यद्यपि दिखने में दोनों एकसे हैं- परंतु पहले वाले की अधिकता होने पर लेख को सर्च करने में मुश्किल आ जायेगी।
- छोटा रु और बड़ा रू - एक में र पर ु मात्रा है दूसरे में र पर ू मात्रा है। बड़ा रू- शुरू, रूप, रूह, करूँगा, हरूँगा आदि विशेष ध्यातव्य हैं। छोटा रु- गुरु, कुरु, तरु, मरुभूमि, विरुद्ध आदि विशेष ध्यातव्य हैं।
- श्रृ और शृ - बाद वाला सही है। पहले वाले में श् र ृ मिलकर बना है, दूसरा वाला श ृ मिलकर बना है। संस्कृत (व हिंदी) में कभी भी पहलावाला नहीं आता दूसरा ही आता है, यदि कहीं पहलावाला दिखे तो निश्चित रूप से वह एक गलती होगी।
- एक तथ्यात्मक स्पष्टीकरण की जरूरत - भारतवर्ष की भूमि क्षत्रियों से विहीन हो गयी। मुझ जैसे सामान्य पाठक को इससे यह समझ में नहीं आता कि फिर क्षत्रिय दोबारा कैसे आये, शायद लेख में यह स्पष्ट होना चाहिये।
- क्षुद्र एवं पिछड़े वर्ग का शोषण- क्या आप शूद्र कहना चाहते हैं? यदि हाँ तो इसे सुधार देवें।
- मेरे किये हुए निम्नलिखित परिवर्तन आप विशेष रूप से देख लें, यदि इनमें से कोई परिवर्तन (मेरी अज्ञानतावश) गलत हो तो बता देवें-
पल्ल्व जनपद था- पल्लव किया।
कोण्कण को कोंकण किया।
साँचे महाजनपद में तगंण तथा परतगंण नाम संस्कृत व्याकरण की दृष्टि से सही प्रतीत नहीं होते कृपया एकबार इनकी जाँच करें।
-Hemant wikikosh ०६:४८, १४ जून २०१० (UTC)
मयूर जी मैंने इस लेख का पूरा स्कैन कर लिया है, संभवतः सारे साँचे भी। तथा आवश्यक सुधार कर दिये हैं। सच बताऊँ तो इस लेख में आपने बहुत सुंदर ज्ञान भरा है, अतः यह एक अच्छा अनुभव रहा। यदि कुछ छूट गया हो तो ध्यान दिला दें। - धन्यवाद । Hemant wikikosh ०७:३०, १४ जून २०१० (UTC)
हेमन्त जी इस लेख की भाषा का अत्यंत स्तरीय सुधार करने के लिये आपका साधुवाद-
- भारतवर्ष की भूमि क्षत्रियों से विहीन हो गयी। यह एक पौराणिक काव्य के वाक्य की तरह है जैसे आपने कभी पढा होगा कि परशुराम जी ने २१ बार इस धरती को क्षत्रियों से विहीन कर दिया। परन्तु यहा यह इतिहास के तौर पर दिया गया है अतः इसका सुधार करके इसे भारतवर्ष की भूमि कई क्षत्रियों से विहीन हो गयी। आदि किया जा सकता है।
- क्षुद्र एवं पिछड़े वर्ग का शोषण से मेरा तात्पर्य शूद्र एवं अन्य पिछड़े वर्ग दोनों से है मतलब कि गरीबो से उन्हे अन्य पिछड़े वर्ग से दर्शाया गया है यदि आपके पास कोई उचित विकल्प हो तो इसकी जगह वह लिख दे, आपके सुधारब का हमेशा स्वागत है।
- तगंण तथा परतगंण मैनें गीताप्रेस गोरखपुर की महाभारत से सीधा उठा कर यहाँ रख दिये, ये उस समय के भारत से बाहरी जनपदों के नाम थे अतः वहाँ कि भाषा परिवर्तन के कारण शायद इस नाम का संस्कृत व्याकरण सही प्रतीत न हो रहा हो
- पल्ल्व जनपद था- पल्लव किया। कोण्कण को कोंकण किया, यह सुधार एकदम सही है
- इसके साथ ही आपके द्वारा किये गये स्तरीय सुधारों के लिये आपको साधुवाद-- मयुर कुमार | वार्ता ०८:५१, १४ जून २०१० (UTC)
- अरे भाई इतना न चढ़ाओ। यहां बहुत बड़े-बड़े लोग आये हां फिल्हाल नहीं हैं। और विकिपीडिया अकेले मेरा ही विकसित किया हुआ भी नहीं है। मुझसे पहले भी कितने आये और बाद में तो आयेंगे ही। अतः यहां की गिनती न मुझसे आरंभ होती है, और न समाप्त ही होगी। हां कुछ मील के पत्थर अवश्य मेरे रखे हुए हैं।--प्र:आशीष भटनागर वार्ता १२:२२, १५ अप्रैल २०१० (UTC)
- यदि कोई चित्र अंग्रेज़ी विकी से हिन्दी में अपलोड किया जाता है, तब उस चित्र में {{अ-चित्र}} या {{epg}} लगा देना चाहिये। इससे ऐसा आता है: