शिव ब्रत लाल
शिव ब्रत लाल | |
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शिव ब्रत लाल वर्मन का जन्म सन् 1860 ईस्वी में भारत के राज्य उत्तर प्रदेश के भदोही ज़िला में हआ था। वे 'दाता दयाल' और महर्षि जी' के नाम से भी प्रसिद्ध हुए. वे स्नातकोत्तर (एम.ए., एल.एल.डी.) तक पढ़े थे और लेखक और आध्यात्मिक गुरु के रूप में ख्याति पाई. ऐसा माना जाता है कि उन्होंने विभिन्न विषयों यथा सामाजिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों पर लगभग 3000 पुस्तकें और पुस्तिकाएँ लिखीं. संत मत, राधास्वामी मत और सुरत शब्द योग आदि पर लिखी उनकी अनेक पुस्तकों के कारण उन्हें 'राधास्वामी मत का वेद व्यास' भी कहा गया। “पूरी तरह, हर तरह और हर बात में मनुष्य बनो” उनकी प्रसिद्ध उक्ति है।.[1]
राधास्वामी आध्यात्मिक आन्दोलन
[संपादित करें]उनके गुरु परम संत राय बहादुर सालिग्राम साहिब जी थे जिन्हें हुजूर महाराज जी भी कहा जाता है। उनका अपने गुरु में अटल विश्वास था और वे राधास्वामी आध्यात्मिक आन्दोलन के अनुयायी बन गए। सन् 1898 में अपने गुरु के निधन के बाद उन्होंने ने सन् 1898 से ले कर 1939 तक राधास्वामी आध्यात्मिक आन्दोलन की सेवा की। [2]
शिव ब्रत लाल - एक लेखक
[संपादित करें]एक उर्दू साप्ताहिक 'आर्य गज़ट' के संपादक के तौर पर कार्य करने के लिए वे लाहौर चले गए। 01 अगस्त 1907 को उन्होंने अपनी एक पत्रिका 'साधु' शुरू की। बहुत जल्द यह लोकप्रिय हो गई। एक लेखक के रूप में वे स्थापित हुए. उन्होंने अपने जीवन काल में लगभग 3000 पुस्तकों, पुस्तिकाओं और पत्रिकाओं का लेखन और संपादन किया। इनकी भाषा हिंदी के अतिरिक्त उर्दू और अंग्रेज़ी भी रही। वे फ़ारसी के भी अच्छे जानकार थे। उनके लेखन में विषयों की विविधता उनकी विशेष पहचान है। उनके गहन ज्ञान की झलक इनकी पुस्तकों में भरी जानकारी से हो जाती है जिनमें सामाजिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और आध्यात्मिक विषयों का विषद विवरण है। इनकी पुस्तकें 'लाइट ऑन आनंद योग', 'दयाल योग' और 'शब्द योग' बहुत प्रसिद्ध हुईं.[3][4][5][6]
दाता दयाल की राधास्वामी आध्यात्मिक आंदोलन पर लिखी अन्य प्रसिद्ध पुस्तकें हैं:[7]
1) लाइट ऑन आनंद योग (अंग्रेजी)
2) दयाल योग
3) शब्द योग
4) राधास्वामी योग: 1-6 भाग
5) राधास्वामी मत प्रकाश
6) अद्भुत उपासना योग: 1-2 भाग
7) अनमोल विचार
8) दस अवतारों की कथा
9) कबीर परिचय आद्यज्ञान
10) कबीर योग: 1-13 भाग
11) कर्म रहस्य
12) नानक योग: 1-3 भाग
13) पंथ संदेश
14) सफलता के साधन
15) सहज योग
16) सप्त ऋषि वृत्तांत
17) शरणगति योग
18) सत्संग के आठ वचन
19) व्यवहार ज्ञान प्रकाश
20) विचारांजलि
महर्षि शिव ब्रत लाल का विश्व दौरा
[संपादित करें]विश्व में राधा स्वामी आध्यात्मिक आंदोलन फैलाने के लिए उन्होंने लाहौर से दुनिया की यात्रा शुरू की। 2 अगस्त 1911 को वे कोलकाता पहुँचे। 22 अक्टूबर 1911 को वे कोलकाता से रंगून की ओर समुद्र से रवाना हुए . 31 अक्टूबर को वे पेनांग पहुँचे और सिंगापुर और जावा होते हुए 22 नवम्बर को हांगकांग पहुँचे . इन सभी स्थानों पर वे राधा स्वामी आध्यात्मिक आंदोलन का संदेश फैला रहे थे। उसके बाद वे जापान और बाद में सैन फ्रांसिस्को अमेरिका गये और सैन फ्रांसिस्को में व्याख्यान भी दिए। [8][9]
आश्रम की स्थापना
[संपादित करें]सन् 1912 में शिव ब्रत लाल जी ने गोपी गंज, मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश, भारत में अपने आश्रम की स्थापना की। उनके प्रेरक प्रवचनों ने समस्त भारत और विदेशों में राधा स्वामी आंदोलन के चाहने वालों को आकर्षित किया। 23 फ़रवरी 1939 को सत्तर वर्ष की आयु में इनहो ने शिवरात्रि के दिन समाधि ली। उनकी पवित्र समाधि गोपी गंज के निकट राधा स्वामी धाम में है।
महर्षि शिव ब्रत लाल के उत्तराधिकारी
[संपादित करें]उनके प्रमुख उत्तराधिकारी जिन्होंने उनके काम को आगे बढ़ाया
- परम संत मास्टर राम सिंह जी अरमान (अरमान साहेब जी)
- संत सत्गुरु वक़्त बाबा फकीर चंद जी, होशियारपुर, पंजाब
दाता दयाल के मिशन को आगे बढ़ाने वाले अन्य गुरु
[संपादित करें]- परम संत नंदू भाई जी महाराज आंध्र प्रदेश
- परम संत पी.आनंद राव जी महाराज हैदराबाद, आंध्र प्रदेश
- परम संत कुबेर नाथ श्रीवास्तव जी
- परम संत प्रेमानंद जी
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- Radha Swami Satsang, Dinod Official website
- Radha Swami Satsang, Dinod Yahoo Group
- [ https://web.archive.org/web/20091024001043/http://geocities.com/eckcult/faqir.html Faqir Chand: The Unknowing Sage]
- Faqir Chand Meets the Tibetan Book of the Dead
- Shiv Bratl Lal's views on Inner Sound
- https://web.archive.org/web/20090804235649/http://www.manavtamandir.com/
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ भगत मुंशीराम (2009). अंतर्राष्ट्रीय मानवता केंद्र. Kashyap Publication. पृ॰ 9-54. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788190550109.
- ↑ "Radha Swami Satsang, Dinod Lineage". मूल से 8 अक्तूबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 सितंबर 2009.
- ↑ "BookFinder.com". मूल से 8 जून 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 सितंबर 2009.
- ↑ Shiv Brat Lal's "Light On Ananda Yoga" Quotes[मृत कड़ियाँ]
- ↑ "Shiv Brat Lal's "Dayal Yoga" Quotes". मूल से 31 जनवरी 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 सितंबर 2009.
- ↑ Shiv Brat Lal's "Dayal Yoga" Quotes 2[मृत कड़ियाँ]
- ↑ "Radhaswamidinod.org: Books by Maharishi ji". मूल से 11 मई 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 सितंबर 2009.
- ↑ "Data Dayal Maharishi Shiv Brat Lal Verman By Muḥammad Anṣārullāh". मूल से 4 जून 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 सितंबर 2009.
- ↑ "Shiv Brat Lal's trip to US". मूल से 8 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 सितंबर 2009.