शाकीय विज्ञान

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फूल गोभी की खेती

शाकीय विज्ञान (Olericulture) सब्जियों के उत्पादन, भंडारण, प्रसंस्करण और विपणन से संबंधित विज्ञान है।  इसमें फसल की स्थापना शामिल है, जिसमें खेती का चयन, बीज तैयार करना और बीज और प्रत्यारोपण द्वारा सब्जी फसलों की स्थापना शामिल है।[1]

इसमें सब्जी फसलों के रखरखाव और देखभाल के साथ-साथ वाणिज्यिक और गैर-पारंपरिक सब्जी फसल उत्पादन भी शामिल है जिसमें जैविक बागवानी, टिकाऊ कृषि, बागवानी;  हीड्रोपोनिक्स; जैव प्रौद्योगिकी और जैविक खेती शामिल है। इसे किसान नगदी फसल के रूप में लेते है।जो कि 2,3 महीने में ही पैदावार देने लग जाती है।[2]

शाकीय फसलों को निम्नलिखित ९ वर्गों में बाँटा जा सकता है-

  1. शाक - जैसे पालक
  2. सलाद वाली फसलें -
  3. कोल फसलें - फूल गोभी तथा पत्ता गोभी
  4. मूलीय फसलें (ट्यूबर) - आलू, चुकन्दर, गाजर, मूली
  5. बल्ब फसलें - प्याज
  6. फली वाली फसलें - मटर, सेम
  7. कुकुरबिट - कद्दू, खीरा आदि
  8. सोलैनेसी फसलें (Solanaceous crops) - टमाटर
  9. मीठा मक्का (Sweet corn)

संदर्भ[संपादित करें]

  1. "शाकीय विज्ञान". hi.vikaspedia.in. अभिगमन तिथि 2021-09-07.
  2. "शाकीय विज्ञान संभाग". krishisewa.iari.res.in. अभिगमन तिथि 2021-09-07.