"अंग महाजनपद": अवतरणों में अंतर

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[[अंग]] प्राचीन भारत के 16 [[महाजनपद|महाजनपदों]] में से एक था। इसका सर्वप्रथम उल्लेख [[अथर्ववेद संहिता|अथर्ववेद]] में मिलता है। [[बौद्ध धर्म|बौद्ध]] ग्रंथो में ''अंग और वंग'' को प्रथम आर्यों की संज्ञा दी गई है। [[महाभारत]] के साक्ष्यों के अनुसार आधुनिक [[भागलपुर]], [[मुंगेर]] और उससे सटे [[बिहार]] और [[बंगाल]] के क्षेत्र अंग प्रदेश के क्षेत्र थे। इस प्रदेश की राजधानी [[चम्पापुरी,मालिनी ]] थी। {{Ref_label|चंपा|क|none}} यह जनपद मगध के अंतर्गत था। प्रारंभ में इस जनपद के राजाओं ने ब्रह्मदत्त के सहयोग से मगध के कुछ राजाओं को पराजित भी किया था किंतु कालांतर में इनकी शक्ति क्षीण हो गई और इन्हें मगध से पराजित होना पड़ा।<ref>{{cite book |last=नाहर |first= डॉ रतिभानु सिंह|title= प्राचीन भारत का राजनीतिक एवं सांस्कृतिक इतिहास |year= 1974 |publisher= किताबमहल|location= [[इलाहाबाद]]|id= |page= 111-112}}</ref>


[[महाभारत]] काल में यह [[कर्ण]] का राज्य था। इसका प्राचीन नाम मालिनी था। इसके प्रमुख नगर चम्पा (बंदरगाह), अश्वपुर थे।
[[महाभारत]] काल में यह [[कर्ण]] का राज्य था। इसका प्राचीन नाम मालिनी[[मुंगेर]] था। इसके प्रमुख नगर चम्पा,मालिनी(बंदरगाह), अश्वपुर थे।


== इन्हें भी देखें ==
== इन्हें भी देखें ==

05:36, 25 जुलाई 2020 का अवतरण

अंग प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों में से एक था। इसका सर्वप्रथम उल्लेख अथर्ववेद में मिलता है। बौद्ध ग्रंथो में अंग और वंग को प्रथम आर्यों की संज्ञा दी गई है। महाभारत के साक्ष्यों के अनुसार आधुनिक भागलपुर, मुंगेर और उससे सटे बिहार और बंगाल के क्षेत्र अंग प्रदेश के क्षेत्र थे। इस प्रदेश की राजधानी चम्पापुरी,मालिनी थी। [क] यह जनपद मगध के अंतर्गत था। प्रारंभ में इस जनपद के राजाओं ने ब्रह्मदत्त के सहयोग से मगध के कुछ राजाओं को पराजित भी किया था किंतु कालांतर में इनकी शक्ति क्षीण हो गई और इन्हें मगध से पराजित होना पड़ा।[1]

महाभारत काल में यह कर्ण का राज्य था। इसका प्राचीन नाम मालिनीमुंगेर था। इसके प्रमुख नगर चम्पा,मालिनी(बंदरगाह), अश्वपुर थे।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. नाहर, डॉ रतिभानु सिंह (1974). प्राचीन भारत का राजनीतिक एवं सांस्कृतिक इतिहास. इलाहाबाद: किताबमहल. पृ॰ 111-112.