विकिपीडिया वार्ता:हिन्दी दिवस लेख प्रतियोगिता २०१७
विषय जोड़ेंमुख्यपृष्ठ | वार्तालाप | सूचना | सहायता | सदस्य |
नियमों की और जानकारी
[संपादित करें]@आर्यावर्त: नियमों की और जानकारी होनी चाहिए; जैसे कि किस कार्य के कितने गुण मिलेगे, अपने कार्य कहा पर प्रस्तुत करने है, परिणाम कब घोषित होगे, विजेता को क्य मिलेगा, पारदर्शिता के लिये प्रतियोगिता के न्यायाधीश कोन होगे ये भी बताना चाहिए, इत्यादि, इत्यादि...। Dharmadhyaksha (वार्ता) 05:46, 11 सितंबर 2017 (UTC)
- @Dharmadhyaksha: जी, सदस्य:स जी, अन्क/गुण की पद्धति के विषय मैं लिखने वाले हैं। उनसे अनुरोध करुँगा कि कृपया इस जानकारी को अध्यतन करेँ। इनाम की चर्चा अभी चल रही है और अन्तिम निर्णय एक दो दिन में हो जायेगा। निर्णायक भी अभी तय नहीं हुये हैं। यहाँ चर्चा का आरंभ करने हेतु आपका धन्यवाद। जल्द ही जानकारी अध्यतन होगी।--☆★आर्यावर्त (✉✉) 06:13, 11 सितंबर 2017 (UTC)
- @स: आप गुणों की पद्धति जल्द लिखे तो ही उसका उपयोग होगा। हम सब अभी blind खेल रहे हैं। Dharmadhyaksha (वार्ता) 17:37, 16 सितंबर 2017 (UTC)
- धन्यवाद @स और आर्यावर्त: अगर मैं ठिक समझा हुं और अगर आप को ये उदाहरण उचित लगे तो कृपया इसे अंकों की गणना के निचे जोड दे। Dharmadhyaksha (वार्ता) 03:47, 18 सितंबर 2017 (UTC)
- उदाहरण: हिमालयी वन चिड़िया के इस अवतरण का आकार था 10,645 बाइट्स (3 अंक), ज्ञानसन्दूक (1 अंक) और चित्र (1 अंक); प्रतिभागी को कुल मिला कर इस लेख के 5 अंक मिलेगे।
- धन्यवाद @स और आर्यावर्त: अगर मैं ठिक समझा हुं और अगर आप को ये उदाहरण उचित लगे तो कृपया इसे अंकों की गणना के निचे जोड दे। Dharmadhyaksha (वार्ता) 03:47, 18 सितंबर 2017 (UTC)
- @स: आप गुणों की पद्धति जल्द लिखे तो ही उसका उपयोग होगा। हम सब अभी blind खेल रहे हैं। Dharmadhyaksha (वार्ता) 17:37, 16 सितंबर 2017 (UTC)
निर्णायक प्रतिभागी कैसे?
[संपादित करें]निर्णायक सदस्य प्रतिभागी नहीं हो सकते। ये हित द्वंद होगा। @आर्यावर्त और राजू जांगिड़: आप दोनो अपनी भूमिकाएं साफ करे तो अच्छा होगा। प्रतिभागी अगर संचालक बने तो फिर भी ठिक है। Dharmadhyaksha (वार्ता) 03:55, 13 सितंबर 2017 (UTC)
- @Dharmadhyaksha: जी, नमस्ते। आपकी बात उचित और तर्कसंगत है किन्तु हमारे यहाँ अभी आप प्रतिभागियों की सङ्ख्या देख ही रहे होंगे। हमारा मूल उद्देश्य हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में इस प्रतियोगिता द्वारा ज्यादा से ज्यादा लेख बनाने का है। हम में से ही पुनरीक्षक और प्रबंधक दायित्व वालें अनुभवी सदस्यों को गुणांकन का कार्य भी करना है। जो प्रतियोगिता पूर्ण होने के बाद होगा। अभी हमें भी लेख बनाने में योगदान देना है। रही बात हित द्वंद की तो आपकी बात से मैं सहमत हूँ। सदस्य खुद के लेखों का गुणांकन नहीं करेगा और मैं आयोजक होने के नाते कोई इनाम नहीं लेने वाला हूँ। गुणांकन की प्रक्रिया बाद में होगी अतः निर्णायको के दिशानिर्देश अद्यतन करने बाकी है। ऐसी पद्धति होगी कि इस प्रकारकी हित द्वंद जैसी कोई चीज के लिए अवकाश ही नहीं होगा।--☆★आर्यावर्त (✉✉) 08:17, 13 सितंबर 2017 (UTC)
- जी मै समझ सकता हूं। गुणों की गणना किस प्रकार होने वाली है इस का खुलासा होने के बाद उसमें पारदर्शिता हो तो शायद कोई आपत्ती नहीं होगी। Dharmadhyaksha (वार्ता) 09:46, 13 सितंबर 2017 (UTC)
प्रतियोगिता समयावधि
[संपादित करें]अधिक लेख और पर्याप्त प्रचार हेतु, मेरे विचार से प्रतियोगिता समयावधि बढ़ा कर १५ अक्टूबर तक कर देनी चाहिए--सुयश द्विवेदी (वार्ता) 10:42, 19 सितंबर 2017 (UTC)
- प्रतिभागियों का उत्साह देखते हुए ,प्रचार प्रसार अवधि एवं अन्य तकनीकी कारणों को देखते हुए समयावधि १ महीने की कर देनी चाहिए। स्वप्निल करंबेलकर (वार्ता) 06:17, 21 सितंबर 2017 (UTC)
नामांकन हेतु हस्ताक्षर
[संपादित करें]नामांकन हेतु हस्ताक्षर जोड़ने हैं किन्तु उसके लिए कोई सुविधा दिखाई नहीं दे रही। कृपया सहायता करें।
- @Chandresh Chhatlani: जी, आप वि:हिन्दी दिवस/प्रतिभागी पर अपना नामांकन कर सकते हैं और आपके द्वारा बनाये गए लेखों की सूची वि:हिन्दी दिवस/सूचना पृष्ठ पर जोड़नी है।--☆★आर्यावर्त (✉✉) 15:58, 24 सितंबर 2017 (UTC)
- आपका नामांकन कर दिया है। अब कृपया लेख बनाना आरम्भ कर दें। और कोई भी सहायता चाहिए तो कभी भी पूछ सकते हैं। मुझे आपकी मदद करके खुशी होगी।--☆★आर्यावर्त (✉✉) 16:06, 24 सितंबर 2017 (UTC)
प्रतियोगिता में मैंने जो भी लेख लिखे हैं सभी को शीघ्र हटाने का नामांकन किया गया है जिसमे शीघ्र हटाने हेतु असंगत/गलत श्रेणी व1 • अर्थहीन नाम अथवा सम्पूर्णतया अर्थहीन सामग्री वाले पृष्ठ भी चुनी गई है
[संपादित करें]प्रिय सदस्य:स तथा सदस्य:आर्यावर्त जी, मैंने इस प्रतियोगिता के लिये बड़े परिश्रम से दिन-रात एक कर के ६ लेख लिखे हैं, मैंने प्रथम बार विकिपीडिया में सम्पादन का कार्य किया है. मुझे हिंदी टंकण तक करने का पूर्ण ज्ञान नहीं है बस कर लेता हूँ. और मेरे सभी ६ लेखों को हटाने का नामांकन दो सदस्यों सदस्य:Dharmadhyaksha तथा सदस्य:Swapnil.Karambelkar ने कर दिया है और अभी अभी वे सभी लेख पूर्णरूप से विकिपीडिया से मुझसे बिना किसी चर्चा के हटा दिए गए हैं.
अपितु मैंने सभी शर्तों को ध्यान में रखने का प्रयास किया है लेकिन सदस्य:Chandresh Chhatlani जी के लेख को पढ़ कर मैनें अपने लेख समान्य शैली में लिख दिए थे. सोचा था कि संचालकों से कुछ मार्गदर्शन मिलेगा तो सुधार करूँगा. प्रतियोगिता के अंतिम दिनों में जुड़ने के कारण ज्यादा ही जोश भी है इसलिये गलतियाँ स्वाभाविक हैं. परन्तु मैंने पूर्ण रात्रि अपने लेखों को समर्पित कर दी थी जिनका ऐसा तिरस्कार मेरे दिल को असहनीय कष्ट दे गया है.
कृपया मेरे साथ थोडा सा उदार रवैया अपनाएं और मुझे मार्गदर्शित करें कि मैं प्रतियोगिता के लायक क्यों नहीं हूँ. मेरे लेख और नामांकन सूचना पृष्ठ में और लेख यथास्थान सूचीबद्ध किये गए हैं. कृपया उनको देख कर अपना निर्णय बताएं कि मुझे आगे क्या करना है? कम से कम मेरे द्वारा बनाये गए लेखों को मेरे सदस्य पृष्ठ के उप पृष्ठों में ही डाल दें. --Shubhanshu Singh Chauhan Vegan (वार्ता) 19:09, 27 सितंबर 2017 (UTC)
- प्रिय सदस्य ,आपके लिखे पृष्ठों को "शीघ्र हटाने का नामांकन" करते हुए मुझे भी बहुत कष्ट हुआ ,जब मैंने विकी पर कार्य प्रारम्भ किया था तब स्वयं मेरे भी कई पृष्ठ हटाए गए थे,जल्द ही कारण स्पष्ट हुआ। हमें पृष्ठ को लेख,निबंध,कहानी अथवा वृत्तांत की तरह नहीं लिखना है.तथ्यों पर आधारित पृष्ठों को बनाने का प्रयास करे,पहले विकी के कुछ पृष्ठों का अवलोकन करे फिर उनसे अपने लेखो की शैली की तुलना करे,अंतर समझ में आ जाएगा।कठिन नहीं है, आप जल्द ही अच्छे विकी लेखक बनेंगे। : स्वप्निल करंबेलकर (वार्ता) 08:35, 28 सितंबर 2017 (UTC)
- @Swapnil.Karambelkar: इस पर चर्चा विकिपीडिया:चौपाल पे भी शुरु है। Dharmadhyaksha (वार्ता) 09:59, 28 सितंबर 2017 (UTC)
प्रतिभागियों के लिए आवश्यक सूचना
[संपादित करें]@Abhinav619, राजू जांगिड़, Dharmadhyaksha, Swapnil.Karambelkar, Sush 0809, Jeeteshvaishya, ArmouredCyborg, Saroj Uprety, Anamdas, Raavimohantydelhi, और Jayprakash12345: एवं प्रतियोगिता से जुड़े सभी सदस्य गण। इस प्रतियोगिता के लिए हम विकिमिडिया फाउंडेशन के सदस्य के द्वारा सुझाए गए judging टूल का प्रयोग कर रहे हैं। इसलिए सभी प्रतिभागियों को अपने अपने लेख यहाँ पर जाकर जमा करने होंगे। आपको इस कड़ी पर जाना है और वहाँ जमा(Submit) करके, लेख का शीर्षक डालकर आपके द्वारा बनाए गए लेखों की पूरी सूची जोडनी है। आप वहाँ, किसने कितने लेख बनाए हैं और स्वीकृत हुये या नहीं, ये भी देख सकते हैं। साथ ही साथ पहले आपको वि:हिन्दी दिवस/सूचना पर भी, पहले की तरह लेखों की सूची भी डालनी है। किसी भी प्रकार की सहायता के लिए कभी भी पूछ सकते हैं।--☆★आर्यावर्त (✉✉) 10:45, 28 सितंबर 2017 (UTC)
इंटरनेट पर खोज के संदर्भ में हिंदी के दोहे
[संपादित करें]मानव जीवन में इण्टरनेट का प्रयोग नित प्रति वढ़ता ही जा रहा है। आज हम सामान्य जानकारी के लिये भी इण्टरनेट पर सर्च इंजिन के द्वारा खोजते हैं। आज गूगल (Google), याहू (Yahoo) बिंग (Bing), एओएल (AOL), आस्क (Ask) आदि का नाम अधिकांश उपयोगकर्ताओं को याद है। इण्टरनेट से जानकारी निकालने में सामान्य सर्च इंजिन सहायक हैं बहीं विशिष्ट जानकारी के लिये उस विषय से सम्बंधित सर्च इंजिन से आवश्यकतानुसार सूचना प्राप्त की जा सकती है। सामान्य सर्च इंजिन से सूचना खोजने पर बहुत ज्यादा परिणाम प्राप्त होते हैं इन में से सही जानकारी युक्त हाइपरलिंक को खोज पाना साधारण व्यक्ति के लिये कठिन तथा समय नष्ट करने के समान होता है। फिर भी इण्टनेट पर सूचना के अनेक संदर्भ स्रोत हैं जो कि सामान्य व्यक्ति की सामान्य आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सहायक हैं। इस लेख में हम यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि कबीर तथा रहीम के दोहे आधुनिक सूचना तकनीकि के युग में कितने उपयोगी हैं या उन्होंने ने जो बात कई सौ वर्ष पूर्व कही थी, बह बात आज के संदर्भ में भी उतनी ही उपयोगी सिद्ध सावित हो रही है। जिन खोजा तिन पाइयां, गहरे पानी पैठ, मैं बपुरा बूडन डरा, रहा किनारे बैठ। इस दोहे के माध्यम से यह बात कही गयी है कि प्रयास करने से ही सफलता मिलती है। आज छात्रगण इण्टरनेट का प्रयोग अपनी शिक्षा, तकनीकि प्रशिक्षण के साथ नयी जानकारियों की प्राप्ति के लिये कर रहे हैं। इण्टरनेट से जानकारी निकालने में सर्च इंजिन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इण्टरनेट पर खोजते समय कई बार नयी उपयोगी जानकारियां भी मिल जाती हैं क्योंकि इण्टरनेट पर सूचना का विशाल भण्डार है अत: जब भी कोई नयी जानकारी या उपयोगी वेवसाइट मिले उसे अवश्य नोट कर लें तथा अन्य साथियों को भी बतायें क्योंकि विचार/ सूचना/ ज्ञान बांटने से वढ़ता है। मेरे विचार से सूक्ष्म एवं संक्षिप्त जानकारी के लिये इंटरनेट सर्च इंजिन आधारित संक्षिप्त सूचना उपयोगी हो सकती है। लेकिन विस्त्रित जानकारी हेतु व्यक्तिगत रूप से पुस्तकालय में जाकर गहन अध्ययन ही जरूरी है। बिना बृहत अध्ययन के व्यक्ति का शब्द भण्डार भी नहीं बढ़ेगा और बह अपने विचारों को प्रभावी तरीके से व्यक्त भी नहीं कर सकेगा। अत: स्कूली छात्रों में/ छोटे बच्चों में रीडिंग हेबिट्स को विकसित करना बहुत जरूरी है। गूगल भी ‘प्रोफेसनल लाइब्रेरियन्स’ पर विश्वास करता है, एक संदर्भ में कहा गया है कि जब हम आपकी सूचना आवश्यकता को पूरा न कर पायें तब आप पुस्तकालय जाकर लाइब्रेरियन से मिलकर खोजने की नयी बिधियों की जानकारी प्राप्त करें। हेरत हेरत हे सखी, रहया कबीरा हिराई। बून्द समाना समन्द में, सो कत हेर्या जाई। सूचना का भण्डार इतना अथाह एवं विस्त्रित है कि उसमें से सही जानकारी खोजना एक कला है। सूचना प्राप्ति के लिये अनेक तरह से प्रयास करना पड़ते हैं। कई बार सही ‘की-वर्ड’ नहीं होने से घण्टों का समय बर्बाद हो जाता है और उपयोगी सूचना नहीं मिल पाती। अत: उचित की-वर्ड, सही सर्च ईंजिन, सही सर्च तकनीकि के प्रयोग से ही सफलता मिलती है। अत: सूचना विज्ञान के विशेषज्ञों के सहयोग लेकर सही जानकारी प्राप्त करना चाहिये। तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियहि न पान। कहि रहीम पर काज हित, संपति सँचहि सुजान॥
सूचना सामग्री उपयोग के लिये है। पुस्तकों का लेखन कार्य तथा पुस्तकालयों का निर्माण भी नागरिकों के हित के लिये किया जाता है। डा. एस.आर. रंगनाथन जी ने भी यही बात पुस्तकालय विज्ञान के प्रथम सिद्धांतिक सूत्र में कही है कि “पुस्तकें उपयोग के लिये हैं”। पुस्तकालय पाठकों के लिये बनाये जाते हैं। पुस्तकालयाध्यक्ष भी पुस्तकों का चयन पाठकों की सूचना की पूर्ति के लिये ही करते हैं। अत: पुस्तकालय भी तरूवर के समान परोपकार के लिये हैं। आजकल ऑनलाइन डिजिटल लाईब्रेरीज पर हजारों की संख्या में ई-बुक्स मुफ्त में उपलब्ध हैं जिसका लाभ समाज का प्रत्येक व्यक्ति उठा सकता है। प्रमुख डिजिटल लाईब्रेरीज इस प्रकार हैं: डिजिटल लाईब्रेरी ऑफ इंडिया (www.dli.gov.in ); यूनीवर्सल डिजिटल लाईब्रेरी (www.udl.org); वर्ल्ड डिजिटल लाईब्रेरी (www.wdl.org) ; प्रोजेक्ट गुटनवर्ग (www.gutenberg.org) आदि। इन ऑनलाइन डिजिटल लाईब्रेरीज के माध्यम से पाठकगण आपनी प्रसंद की पुस्तक चुनकर डाउनलोड कर सकते हैं तथा अपनी सुविधा के अनुरूप समय निकालकर पढ़ सकते हैं। डिजिटल लाईब्रेरीज पर मुख्य रूप से बह पुस्तकें उपलब्ध हैं जो कि कॉपीराइट के समय के प्रावधान से परे हैं। इन वेवसाइट के माध्यम से बहुत ही प्राचीन उपयोगी पुस्तकें पाठकों को आसानी से मिल जा रही हैं। इसका सभी के लिये सूचना की उपलब्धता तथा डिजिटल डिवाइड को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान है। पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान का क्षेत्र बहुत ही आनंद दायक तथा परिवर्तनशील है। यहां सूचना देने बाले को भी नयी नयी जानकारियां हमेशा मिलती रहती हैं बह स्वयं भी नयी जानकारी से अवगत हो जाता है। (बांटन बारे खों लगे, ज्यों मेंहदी को रंग) और सामने बाले व्यक्ति को भी सूचना सेवा प्रदान करके संतुष्टि एवं खुशी महसूश करता है। हिंदी भाषा के महान कवि संत कबीर, रहीम और तुलसी के कालजयी दोहों में अपार ज्ञान छिपा है। यह दोहे आधुनिक सूचना तकनीकि के युग में भी इण्टरनेट से सूचना प्राप्ति में भी मार्गदर्शक की भूमिका अदा कर रहे हैं।
सन्दर्भ
[संपादित करें]1. Digital Library of India. www.dli.gov.in 2. Hindi Samay. www.hindisamay.com 3. Hindi Wikipedia : http://hi.wikipedia.org 4. कबीर के दोहे : www.bharatdarshan.co.nz/.../226/kabir-ke-dohe.html 5. प्रोजेक्ट गुटनवर्ग: www.gutenberg.org 6. कबीर दास के लोकप्रिय दोहे: happyhindi.com/2014/11/21/kabir-ke-dohe/
== ==Vivekanandofdigora (वार्ता) 10:13, 12 अक्टूबर 2017 (UTC)डा. विवेकानंद जैन
केंद्रीय ग्रंथालय,काशी हिंदू वि.वि. वाराणसी
पेजो का आकलन
[संपादित करें]@आर्यावर्त और स: प्रतियोगिता को खत्म हुए काफी समय हो गया है अब इसका आकलन कर लेना चाहिए।--जयप्रकाश >>> वार्ता 17:17, 30 अक्टूबर 2017 (UTC)
पुरस्कार भेजने की प्रक्रिया
[संपादित करें]@राजू जांगिड़, Dharmadhyaksha, ArmouredCyborg, Jayprakash12345, Raavimohantydelhi, और Sushma Sharma: जी, हिन्दी दिवस लेख प्रतियोगिता में आपने क्रमशः प्रथम, द्वितीय, तृतीय और तीन सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किये हैं। ये पुरस्कार निम्नलिखित हैं:-
- प्रथम पुरस्कार 5000 का भेट कूपन
- द्वितीय पुरस्कार 3000 का भेट कूपन
- तृतीय पुरस्कार 2000 का भेट कूपन
- 3 सदस्यों को सांत्वना पुरस्कार 1000 का भेट कूपन
इस भेट कूपन को प्राप्त करने के लिए आप सभी से अनुरोध है कि आपका ईमेल पता 'इस सदस्य को ईमेल करें' टूल की मदद से भेज दीजिये। कूपन आपको ईमेल से भेजा जाएगा। कृपया शीघ्रता करें।--आर्यावर्त (वार्ता) 03:09, 24 नवम्बर 2017 (UTC)
- @आर्यावर्त और स: परिणामों को प्रकाशित करने के लिए धन्यवाद। पर मुझे लगता है कि जल्दबाजी में ये कुछ गलत परिणाम प्रकाशित हुए है। आपने शायद विकिपीडिया:हिन्दी दिवस/सूचना पन्नेपर दिए नामांकनोंको देखा है। पर हिन्दी दिवस लेख प्रतियोगिता fountain tool पर अलग और ज्यादा नामांकन है। ध्यान में ये भी आया है कि fountain tool के सभी नामांकनों का मूल्यांकन भी नही हुआ है। क्या आपने देखा है कि ये लेख प्रतियोगीता के कालावधी में हि बने है या नहीं? क्या लेख सच में नए है या सिर्फ किसी दुसरे पन्ने से विभाजित कर बनाए है?
उपर लिखे प्रक्रिया के अनुसार मैंने आर्यावर्तजी को ई-मेल तो लिख दिया है, पर आप भेट कूपन भेजने की जल्दबाजी न करे और सही परिणाम प्रकाशित करे। Dharmadhyaksha (वार्ता) 04:27, 24 नवम्बर 2017 (UTC)- यदि ऐसा है तो Dharmadhyaksha जी सही कह रहे है। मेरा मत है कि आप दोनों जगह से लेख ले। क्यूकी हिन्दी विकि पर fountain टूल का उपयोग भी पहली बार हुआ है तो इसमे सभी को परेशानी भी आई। और दो जगह लेख का नाम जोड़ने के चक्कर मे किसी ने कही और किसी ने कही जोड़ दिया होगा। अंत दोनों का यूनियन लिया जाना चाहिए।-- जयप्रकाश 04:54, 24 नवम्बर 2017 (UTC)
- साथही अंकों की गणना में दिए प्रक्रिया के अनुसार अंक मिलाए गए है या नहीं? या सिर्फ लेखोंकी संख्या अनुसार अंक दिए गए हैं? Dharmadhyaksha (वार्ता) 05:05, 24 नवम्बर 2017 (UTC)
- माफ़ कीजिये @आर्यावर्त:। मैंने अभी देखा है कि आपने चौपाल पर विस्तृत विवरण प्रकाशित कीया है। मैंने वह देखा नहीं था। अब देख के कोई और टिप्पणी हो तो बताता हुं। @Jayprakash12345:, आप भी अब वहीं देखे। Dharmadhyaksha (वार्ता) 05:56, 24 नवम्बर 2017 (UTC)
- मैंने अब सभी नामांकन देखे है पर सबके गुणोंको नहीं देखा। वो आपने सही दिए होगे ये विश्वास हैं। सिर्फ सदस्य:Saroj Uprety के १५ और नामांकन जोड दिए है पर कुल गुणों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
मेरे बनाए २ लेख द साड़ी शॉप और एम एंड द बिग हूम को आपने "उल्लेखनीय नहीं" बताया है। ये दोनो साहित्य अकादमी द्वारा पुरस्कृत अंग्रेज़ी भाषा में उपन्यास है जो पुर्णतह उल्लेखनीय है। सदस्य:राजू जांगिड़ के नामांकीत लेख रितेश देशमुख द्वारा अभिनीत फ़िल्में को "कॉपीराइट उल्लंघन" के हिसाबसे गिनना नही चाहिए। हालांकि इन दोनों गुणोंके बदलाव से परिणाम में कोई अंतर नही होगा। धन्यवाद! Dharmadhyaksha (वार्ता) 09:09, 24 नवम्बर 2017 (UTC)
- मैंने अब सभी नामांकन देखे है पर सबके गुणोंको नहीं देखा। वो आपने सही दिए होगे ये विश्वास हैं। सिर्फ सदस्य:Saroj Uprety के १५ और नामांकन जोड दिए है पर कुल गुणों में कोई बदलाव नहीं हुआ।
- माफ़ कीजिये @आर्यावर्त:। मैंने अभी देखा है कि आपने चौपाल पर विस्तृत विवरण प्रकाशित कीया है। मैंने वह देखा नहीं था। अब देख के कोई और टिप्पणी हो तो बताता हुं। @Jayprakash12345:, आप भी अब वहीं देखे। Dharmadhyaksha (वार्ता) 05:56, 24 नवम्बर 2017 (UTC)
- साथही अंकों की गणना में दिए प्रक्रिया के अनुसार अंक मिलाए गए है या नहीं? या सिर्फ लेखोंकी संख्या अनुसार अंक दिए गए हैं? Dharmadhyaksha (वार्ता) 05:05, 24 नवम्बर 2017 (UTC)
- यदि ऐसा है तो Dharmadhyaksha जी सही कह रहे है। मेरा मत है कि आप दोनों जगह से लेख ले। क्यूकी हिन्दी विकि पर fountain टूल का उपयोग भी पहली बार हुआ है तो इसमे सभी को परेशानी भी आई। और दो जगह लेख का नाम जोड़ने के चक्कर मे किसी ने कही और किसी ने कही जोड़ दिया होगा। अंत दोनों का यूनियन लिया जाना चाहिए।-- जयप्रकाश 04:54, 24 नवम्बर 2017 (UTC)
- फाउंटेन टूल में एक सदस्य के सभी २० लेख पुराने एवं दुसरे लेखकों के है,इसलिए संख्या में अंतर है । "उल्लेखनीय नहीं" एवं "कॉपीराइट उल्लंघन" को हटाने पर क्या परिणामों में अंतर आएगा,यदि नहीं तो कृपया सदस्य वार्ता पृष्ठ पर बात करे। वहा किसी नतीजे पर पहुंचे फिर इस पृष्ठ पर अद्यतन करे। --:Swapnil.Karambelkar (वार्ता) 12:09, 24 नवम्बर 2017 (UTC)
- धर्माध्यक्ष जी, आपके रिव्यू के लिए धन्यवाद। इस प्रतियोगिता में कुछ अच्छे लेखक और रिव्यूवर सामने आए हैं जिनको आगे जाकर स्वतः परीक्षित सदस्य और रिव्यूअर के रूप में पदोन्नत किया जा सकता है। फाउंडेशन टूल और विकि दोनों में नामांकन करने के कारण सदस्यों को तो समस्या हुई ही है किन्तु मेरी समस्या तो और भी बढ़ गई थी। हम तो विकि पर ही लेखों का नामांकन करने वाले थे लेकिन ग्रांट लेते समय फाउंडेशन के मेम्बर ने टूल का प्रयोग करने के लिए कहाँ था। टूल काम नहीं आया और मेहनत भी बढ़ गयी। टूल एक लेख के लिए एक ही अंक देता है जो हमारी गुणांकन पद्धति से मेल नहीं खा रहा था। बाइट्स के आधार पे और चित्र, ज्ञानसंन्दूक के लिए अतिरिक्त गुण वाली हमारी पद्धति सब से श्रेष्ठ है। इससे ज्यादा से ज्यादा गुणवत्ता युक्त लेखों का निर्माण होता है। टूल में कुछ सदस्यो ने दूसरों के पुराने लेखों को नामांकित कर दिया था और उसके कारण बहुत सा समय नष्ट हो ही गया किन्तु वहां लेखों की सूची भी हमारे लिए किसी काम की न रही। इसलिए मजबूरन हमें विकि वाली सूची का ही प्रयोग करना पड़ा। प्रारम्भ से ही सभी को स्पष्ट रूप से बताया गया था कि विकि में तो नामांकित करने ही है और टूल में भी सबमिट करने हैं। किसी सदस्य ने विकि में लेख नामांकित नहीं किया तो ये उनकी खुद की गलती है। विकि में लेख कब नामांकित किया उसके लिए समय, दिनांक का भी प्रावधान रखा था और प्रतियोगिता का समय पूर्ण होते ही बाद में लेख नामांकित नहीं किये जा सकते थे। अतः जो छूट गए प्रतियोगिता का हिस्सा नहीं हो सकते थे।
प्रत्येक लेख की जांच की गई है और गुण दिए गए हैं। स जी अनिश्वित कालक लिए विकि से चले गए हैं और परिणाम तैयार करने की जिम्मेदारी मेरे ऊपर आ गयी थी। मदद में और कोई नहीं था। राजू जी मदद के लिए आगे आये थे उनको भी रहने नहीं दिया गया, और कोई आगे नहीं आया। मैं भी विकि छोड़ गया था और गुजरात में चुनाव के कारण अभी बिल्कुल भी समय नहीं मिल रहा। इसलिए परिणाम तैयार होने में देरी हुई है। रही बात सरोज जी की तो उनका प्रयास सराहनीय है और उन्होंने बहुत से लेख बनाये हैं। उनके गुण नहीं दिए गए ये बात अलग है किन्तु सभी के सभी लेख अच्छे हैं। मुझे उम्मीद है कि आगे से वो ध्यान रखेंगे। हमारे पास 5 सांत्वना पुरस्कारों का प्रावधान था, तीन दिए हैं और दो अतिरिक्त पड़े हैं। मैं उन्हें सांत्वना पुरस्कार देने की घोषणा करता हूँ।
कॉपीराईट और उल्लेखनीय नहीं कि बात करें तो कॉपीराइट वाला गुणांकन स जी ने किया था। कोष्ठक किसी और से लिया गया था और cc by sa लायसेंस के तहत श्रेय देना आवश्यक होता है। इसलिए उन्हें छोड़ा गया। दो अंग्रेजी पुस्तक वाले लेख जो वर्ष 2000 के बाद प्रकाशित हुए हैं और ज्ञानकोशीय महत्व नहीं रखते। उनको साहित्य अकादमी के पुरस्कार दिया गया है किन्तु ये लूरस्कार तो अकादमी प्रति वर्ष एवं नवोदित लेखक को भी देती है। विकि में इस तरह प्रचार के लिए बहूत से पुस्तकों के लेख बने हैं, बहुत से हटाए गए। लंबी चर्चाएं हुई है। कुछ सदस्यो ने बॉट से बना दिये थे। उनका मानना है कि ये उल्लेखनीय है और बहुत से सदस्योने का मानना है कि ये उल्लेखनीय नहीं है। ये विवादित है। प्रतियोगिता के नियम और मार्गदर्शिका में स्पष्ट रूप से बताया गया था कि उल्लेखनीयता स्पष्ट होनी चाहिए। इसलिए उन लेखों के गुण नहीं मिले। अगली बार स्पष्ट उल्लेखनीय विषयो पर ही लेख बनाइयेगा।--आर्यावर्त (वार्ता) 04:47, 27 नवम्बर 2017 (UTC)