रूप गोस्वामी
श्री रूप गोस्वामी (१४९३ – १५६४), वृंदावन में चैतन्य महाप्रभु द्वारा भेजे गए छः षण्गोस्वामी में से एक थे। वे कवि, गुरु और दार्शनिक थे। वे सनातन गोस्वामी के भाई थे।
इनका जन्म १४९३ ई (तदनुसार १४१५ शक.सं.) को हुआ था। इन्होंने २२ वर्ष की आयु में गृहस्थाश्रम त्याग कर दिया था। बाद के ५१ वर्ष ये ब्रज में ही रहे। इन्होंने श्री सनातन गोस्वामी से दीक्षा ली थी। इन्हें शुद्ध भक्ति सेवा में महारत प्राप्त थी, अतएव इन्हें भक्ति-रसाचार्य कहा जाता है। ये गौरांग के अति प्रेमी थे। ये अपने अग्रज श्री सनातन गोस्वामी सहित नवाब हुसैन शाह के दरबार के उच्च पदों का त्याग कर गौरांग के भक्ति संकीर्तन में हो लिए थे। इन्हीं के द्वारा चैतन्य ने अपनी भक्ति-शिक्षा तथा सभी ग्रन्थों के आवश्यक सार का प्रचार-प्रसार किया। महाप्रभु के भक्तों में से इन दोनों भाइयों को उनके प्रधान कहा जाता था। सन १५६४ ई (तदा० १४८६ शक. की शुक्ल द्वादशी) को ७३ वर्ष की आयु में इन्होंने परम धाम को प्रस्थान किया।
श्री रूप गोस्वामी समस्त गोस्वामियों के नायक थे। उन्होंने भक्तिकार्यकलापों का निर्देश करने के लिए हमे उपदेशामृत प्रदान किया जिससे भक्तगण उसका पाल कर सकें। जिस प्रकार श्रीचैतन्य महाप्रभु अपने पीछे शिक्षाष्टक नामक आठ श्लोक छोड़ गये थे उसी प्रकार श्री रूप गोस्वामी भी श्रीउपदेशामृत प्रदान किया जिससे हम शुद्ध भक्त बन सकें समस्त आध्यात्मिक कार्यों में मनुष्य का पहला कर्तव्य अपने मन तथा इंद्रियों को वश में करना है। मन तथा इन्द्रियों को वश में किये बिना कोई भी व्यक्ति आध्यात्मिक जीवन में प्रगति नहीं कर सकता। प्रत्येक व्यक्ति इस भौतिक जगत में रजो तथा तमो गुणों में निमग्न है। उसे श्री रूपगोस्वामी के उपदेशों पर चलते हुए अपने आपको शुद्ध सत्व गुण के पद तक उठना चाहिये। तभी आगे की उन्नति सम्बधि प्रत्येक आध्यात्मिक रहस्य प्रकट हो जायेगा
सन्दर्भ
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- श्री चैतन्य चरितामृतम, आदि-लीला, १०.८४; मध्य लीला अध्याय-१९; अंत्य लीला अध्याय-१
- रूप गोस्वामी राधाकुण्ड.कॉम पर
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- Rupa Goswami (Purebhakti.com)
- Rupa Goswami (Radhakunda.com)
- Upadesamrta (The Nectar of Instruction) - English translation by A. C. Bhaktivedanta Swami Prabhupada
- Nectar of Devotion - A summary study of Bhakti-rasamrita-sindhu by A. C. Bhaktivedanta Swami Prabhupada
- Website On Krishna (krishna.com)
- Online study of Rupa Goswami's Nectar of Devotion (bhakti-sastri.com)