ये रास्ते हैं प्यार के (2001 फ़िल्म)
ये रास्ते हैं प्यार के | |
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ये रास्ते हैं प्यार के का पोस्टर | |
निर्देशक | दीपक शिवदसानी |
लेखक |
दीपक शिवदसानी रोबिन भट्ट |
निर्माता |
दीपक शिवदसानी प्रदीप सदरंगानी |
अभिनेता |
अजय देवगन, माधुरी दीक्षित, प्रीति ज़िंटा, विक्रम गोखले, दीप ढिल्लों |
संगीतकार | संजीव-दर्शन |
प्रदर्शन तिथियाँ |
10 अगस्त, 2001 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
ये रास्ते हैं प्यार के दीपक शिवदसानी द्वारा निर्देशित 2001 में बनी हिन्दी भाषा की त्रिकोणीय प्रेमकहानी फ़िल्म है। यह फिल्म टिकट खिड़की पर औसत प्रदर्शन कर पाई थी।
संक्षेप
[संपादित करें]दो जालसाज़ और कार चोर, विकी (अजय देवगन) और साक्षी (प्रीति जिंटा) को मौत का सामना करना पड़ता है जब वे गलती से भंवरवाल (दीप ढिल्लों) के भाई को मार देते हैं। भंवरवाल और उसके अन्य भाई अपने भाई की मौत का बदला लेने की ठानते हैं। इसमें वो गलती से रोहित वर्मा (अजय देवगन) को मार देते हैं, जो विकी के समान दिखता है। गलत पहचान से साक्षी को लगता है कि विकी मर चुका है और वह टूट जाती है।
इस बीच साक्षी और भंवरवाल को पता नहीं है कि विकी जिंदा है और मनाली पहुँच चुका है। जहां उसे हर कोई रोहित समझता है। रोहित की संपत्ति की खोज पर विकी को पता चलता है कि उसने जैकपॉट मारा है और वह रोहित का नाटक जारी रखने का फैसला करता है। जल्द ही रोहित के पिता प्रताप वर्मा (विक्रम गोखले), अपने बिस्तर में विकी को घर पर पाते हैं। विकी प्रताप वर्मा को बेवकूफ बनाने की कोशिश करता है, लेकिन वह पहले से ही जानते हैं कि रोहित मर चुका है। वह विकी को अपनी बहू, नेहा (माधुरी दीक्षित) के लिए रोहित का रूप लेने के लिये मनाते हैं। वह इस तथ्य से इनकार करती है कि उसके पति की मौत उसी दिन हुई थी जब वे शादी कर चुके थे। वह पैसे के लिए काम करने के लिए सहमत होता है। हालांकि, काम के आधे रास्ते में ही वह धन लेकर साक्षी के पास लौटने का फैसला करता है। वे रोहित के बारे में सब कुछ भूलने जा रहे हैं और खुद का जीवन शुरू कर रहे होते हैं। तभी विकी को पता लगा कि वह रोहित की मौत के लिए ज़िम्मेदार हैं क्योंकि भंवरवाल उसे मारना चाहता था, रोहित को नहीं। वह रोहित के देय ऋण को महसूस करता है और एक बार फिर साक्षी को छोड़कर वापस लौटने का फैसला करता है।
इस बीच साक्षी के चाचा और चाची ने भंवरवाल के सबसे छोटे भाई से उसकी शादी करने की कोशिश की। वह विकी के साथ रहने के लिए मनाली भाग गई। इस बिंदु पर विकी नेहा को सच नहीं बता सकता और इसलिए साक्षी को बताता है कि वह उसके साथ नहीं रह सकता। जल्द ही, भंवरवाल और साक्षी की चाची और चाचा के आगमन के साथ, सच्चाई खुल जाती है। अंत में, नेहा को पता चलता है कि उसका पति वास्तव में मर चुका है और वह वास्तविकता स्वीकार करती है। विकी और साक्षी एक साथ वापस आते हैं। यह संकेत दिया जाता है कि नेहा को फिर से खुशी मिल सकती है और अपने बचपन के दोस्त सागर (सनी देओल) के साथ एक नया जीवन शुरू कर सकती है, जो उसे शुरुआत से प्यार करता था।
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- अजय देवगन - विकी / रोहित
- माधुरी दीक्षित - नेहा
- प्रीति ज़िंटा - साक्षी
- विक्रम गोखले - प्रताप वर्मा
- स्मिता जयकर - नेहा की माँ
- सनी देओल - सागर (कैमियो)
- किरन कुमार - नेहा के पिता
- राजीव वर्मा - डॉ. (प्रताप का दोस्त)
- जयश्री टी - साक्षी की मामी
- आशा शर्मा
- दीप ढिल्लों - भँवरलाल
- ललित तिवारी - अशोक शर्मा
- शम्मी - नेहा की दादी
- मयूर
- मदन जैन -
- टीकू तलसानिया - किशनचंद भगवानदास चेल्लारामनी
संगीत
[संपादित करें]सभी संजीव-दर्शन द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "जो प्यार करता है" | आनंद बख्शी | मनोहर शेट्टी, अनुराधा पौडवाल, कविता कृष्णमूर्ति | 6:05 |
2. | "मेरा दिल एक खाली कमरा" | आनंद बख्शी | कुमार सानु, अनुराधा पौडवाल | 7:21 |
3. | "ये रास्ते हैं प्यार के" | आनंद बख्शी | शान, जसपिंदर नरूला | 5:49 |
4. | "आजा आजा ओ पिया" | महबूब | आशा भोंसले | 6:00 |
5. | "खोया खोया चाँद है" | महबूब | उदित नारायण | 5:53 |
6. | "ये दिल मोहब्बत में" | आनंद बख्शी | उदित नारायण, अलका याज्ञिक | 5:18 |
7. | "बम भोले बम भोले" | आनंद बख्शी | विनोद राठौड़, अलका याज्ञिक | 6:27 |
8. | "हल्ले हल्ले जरा हौले हौले" | आनंद बख्शी | विनोद राठौड़, अलका याज्ञिक | 4:18 |