मेनका गांधी
मेनका संजय गांधी (मनेका संजय गांधी) | |
---|---|
![]() | |
भारत की केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री
| |
पदस्थ | |
कार्यालय ग्रहण 26 मई 2014 | |
पूर्वा धिकारी | कृष्णा तीरथ |
पदस्थ | |
कार्यालय ग्रहण 2019 | |
पूर्वा धिकारी | वरुण गांधी |
पद बहाल 1989–2008 | |
पूर्वा धिकारी | भानु प्रताप सिंह |
उत्तरा धिकारी | वरुण गांधी |
राज्य मंत्री (कार्यक्रम क्रियान्वयन एवं सांख्यिकी)
| |
पद बहाल 18 नवम्बर 2001 – 30 जून 2002 | |
राज्य मंत्री (संस्कृति)
| |
पद बहाल 1 सितंबर 2001 – 18 नवम्बर 2001 | |
राज्य मंत्री (सामाजिक न्याय और अधिकारिता)
| |
पद बहाल 13 अक्टूबर 1999 – 1 सितंबर 2001 | |
जन्म | 26 अगस्त 1956 नई दिल्ली, भारत |
राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
जीवन संगी | संजय गांधी |
बच्चे | वरुण गांधी |
निवास | नई दिल्ली, भारत |
धर्म | हिन्दू[1][2] |
As of 18 जून, 2006 Source: भारत सरकार |
मेनका गांधी (२६ अगस्त १९५६ --) भारत की प्रसिद्ध राजनेत्री एवं पशु-अधिकारवादी हैं। पूर्व में वे पत्रकार भी रह चुकी हैं। किन्तु भारत की प्रथम महिला प्रधान मंत्री इन्दिरा गांधी के छोटे पुत्र स्व॰ संजय गांधी की पत्नी के रूप में वे अधिक विख्यात हैं। उन्होने अनेकों पुस्तकों की रचना की है तथा उनके लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रायः आते रहते हैं।
प्रारम्भिक जीवन[संपादित करें]
मेनका गांधी का जन्म दिल्ली में हुआ था। उनकी शिक्षा लारेंस स्कूल, सनवर तथा तदोपरान्त लेडी श्रीराम कालेज, नयी दिल्ली में हुई। उन्होने तत्कालीन प्रधान मंत्री श्रीमती इन्दिरा गांधी के छोटे बेटे संजय के साथ विवाह किया। एक आकस्मिक दुर्घटना में संजय गांधी के देहान्त के बाद वे सन १९८२ में राजनीति में आयीं। मेनका गांधी जी वर्तमान में सुल्तानपुर जिले की सांसद है, और जिले के पिछड़ेपन को लगातार दूर करती जा रही है जिले को हाइटेक बनाने का काम लगातार कर रही है, इनके सुपुत्र माननीय वरुण गांधी (वर्तमान सांसद पीलीभीत और पूर्व सांसद सुल्तानपुर) ने भी लगातार वहीं प्रयास किया था, मेनका गांधी जी को सुल्तानपुर की जनता प्यार से माँ कहकर भी बुलाती है, यह इनके करिश्माई कामों की वज़ह से ही हो सका है,.
पर्यावरणवादी मेनका[संपादित करें]
श्रीमती मेनका गांधी एक जानी-मानी पर्यावरणवादी कार्यकर्ता हैं। भारत में पशु-अधिकारों के प्रश्न को मुख्यधारा में लाने का श्रेय मेनका गांधी को ही जाता है। सन १९९२ में उन्होने पीपल फार अनिमल्स नामक एक गैर्-सरकारी संगठन आरम्भ किया जो पूरे भारत में (पशु) आश्रय चलाता है।
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ Kaul, Vivek (4 अप्रैल 2009). "Varun Gandhi is one-fourth Hindu". DNA. मूल से 23 मार्च 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 मई 2014.
- ↑ "Radical Sikh outfit writes to Maneka on Varun's remarks". Central Chronicle. मूल से 24 मई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-03-27.
The organisation has described as absurd Ms Gandhi's statement that she was proud of being a Sikh and Sikhism was founded to defend Hindus and that there was hardly any difference between a Sikh and a Hindu.