भवनपुरा,जनपद मथुरा

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गांव-भवनपुरा - गोवर्धन से ०३ कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित जनपद मथुरा में जिला मुख्यालय से २१ किमी की दूरी पर स्थित है,यहां की किसी भी घर की छत से आप गोवर्धन स्थित श्री गिरिराज जी मंदिर के साक्षात दर्शन कर सकते हैं।

यह गांव सडक मार्ग द्वारा जिला मुख्यालय मथुरा उत्तर प्रदेशसे जुडा हुआ है, गांव भवनपुरा हिंदू धर्म[1] [2] [3] [4]की जाट जाति के कुन्तल (खूंटैंला) गोत्र बाहुल्य गांव है,इसी जाति के अन्य गोत्र जैसे सिनसिनवार, पचहरा, गेहार (सौरईया), हगा(चौधरी),चाहर,तेवतिया,ठैंनुआं आदि व अन्य जाति जैसे ब्राह्मण, नाई,कुम्हार, बघेल,पांचाल,जाटव,मेहतर आदि जातियों के लोग परस्पर भाईचारे व सौहार्दपूर्ण माहौल में निवास करते हैं

गांव भवनपुरा जनसंख्या आंकडे वर्ष 2011 जनगणना के अनुसार
कुल जनसंख्या 2905
पुरूष 1562
महिलायें 1343
कुल परिवार 477[5]

इस गांव के लोग सांस्कृतिक परंपराओं का निर्वहन बडी ही शालीनता व सहयोग की भावना से करते हैं गांव भवनपुरा के निवासी बडे ही खुशमिजाज व शाकाहारी खानपान के शौकीन हैं,यहां वर्ष भर विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक आयोजन चलते रहते हैं,जैसे ०१ जनवरी के दिन गोपाला महोत्सव का आयोजन किया जाता है यह आयोजन गांव-भवनपुरा की एकता व भाईचारे का प्रतीक हैं इस गांव में भक्ति भाव व भाईचारे की भावना को बनाये रखने के लिये प्रतिदिन सुबह ०४ बजे भगवान श्री कृष्ण नाम का कीर्तन करते हुये गांव की परिक्रमा करते हुये प्रभातफेरी निकाली जाती है जिसमें बडी संख्या में गांव के स्त्री पुरूष भाग लेते हैं,जिससे गांव भवनपुरा का प्रात:काल का वातावरण कृष्णमय हो जाता है जिसके कारण गांव के निवासियों को आनंद की अनुभूति होती है जोकि अविस्मरणीय है,इस प्रभातफेरी का आयोजन बृज के संतों की कृपा से पिछले ३५ वर्षों से किया जा रहा है,अत: इसी प्रभातफेरी की वर्षगांठ के रूप में प्रतिवर्ष गोपाला महोत्सव का आयोजन किया जाता है,इसी दिन ही गांव भवनपुरा के निवासियों की ओर से आर्थिक सामर्थ्य के अनुसार सहयोग राशि एकत्रित कर विशाल प्रसाद भंडारेका आयोजन किया जाता है जिसमें समस्त ग्राम वासी इच्छानुसार नये वस्त्र धारण कर बडे हर्षोल्लास के साथ टाट पट्टियों पर बैठकर सामूहिक रूप से प्रसाद ग्रहण करते हैं, यह क्षण वास्तव में ही प्रत्येक ग्रामवासी के लिये अत्यंत आनंद दायक होता है इसके उपरांत अन्य समीपवर्ती गांवों से निमंत्रण देकर बुलवायी गयी कीर्तन मंडलियों द्वारा कीर्तन प्रतियोगिता का रंगारंग आयोजन होता है जिसमें प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली कीर्तन मंडली को मुख्य अतिथि द्वारा विशेष उपहार देकर व अन्य कीर्तन मंडलियों को भी उपहार वितरित कर सम्मानित किया जाता है

रक्षाबंधन पर विशेष खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन गांव भवनपुरा में किया जाता है जिसमें बडी संख्या में गांव के युवा द्वारा और रक्षाबंधन के अवसर पर आने वाले नये पुराने रिश्तेदारों द्वारा बढचढकर प्रतिभाग किया जाता है | गांव भवनपुरामें होली,दीपावली,गोवर्धनपूजा के त्यौहार भी बडे हर्षोल्लास के साथ मनाये जाते हैं,होली के बाद हुरंगा का रंगारंग आयोजन किया जाता है,


कुश्ती दंगल- होली से १३ दिवस उपरांत चैत्र माह की त्रियोदशी को गांव में कुश्ती दंगल का आयोजन गांव-भवनपुरा में किया जाता है जिसमें दूर दूर आये हुये से पहलवान अपनी बृज प्रसिद्ध मल्ल विधा के कौशल का परिचय देते हैं इस आयोजन को देखने आसपडोस के गांव कस्बों से भारी संख्या में बालक,युवा,बृद्ध व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित होते हैं,दंगल के दिन ही गांव में विक्रेताओं द्वारा जलेबी सोनहलवा,पान,आईसक्रीम चांट पकौडी,समौसा,आदि की स्टाल व बच्चौं के लिये खिलौनों की दुकान व खेलकूद के लिये तरह तरह के झूले लगाये जाते हैं जिनका कि बच्चे व गांव की महिलायें जमकर लुप्त उठाती हैं तथा दंगल देखने बाद गांव जाने वाले लोग अपने परिवार के लिये जलेबी,सोनहलुवा अनिवार्य रूप से ले जाते हैं इसी दिन ही रात्रि में गांव में नौटंकी का आयोजन किया जाता हैं जिसे आस-पास के गांवों से काफी संख्या में युवा वर्ग के नौजवान एकत्रित होते हैं तथा गांव के युवा वर्ग द्वारा इस आयोजन का जमकर आनंद लिया जाता है,


महाशिवरात्रि अर्थात भोला चौदस पर भी गांव-भवनपुरा में विशेष आयोजन होते हैं इस दिन भगवान भोलेनाथ के भक्त ग्रामवासी युवा श्री गंगा जी रामघाट से कांवर लेकर आते हैं इन कावडियों के ग्राम पहुंचनें पर भव्य स्वागत किया जाता है तथा गांव के सभी लोग बैंड बाजे के साथ गांव की परिक्रमा करने के बाद भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं,इस दिन गांव सभी घरों में विशेष पकवान व गाजर का हलवा,खोवा के लड्डू,सिघाडे का हलवा आदि बनते हैं जिन्हें महाशिवरात्रि पर व्रत रखने वाले लोग बडे चाव से खाते हैं,

शिक्षा- प्रारंभिक शिक्षा हेतु गांव में ही प्राईमरी स्कूल, जूनियर हाईस्कूल है, इससे आगे की पढाई के लिये निकटवर्ती कस्बा गोवर्धन, अडींग जाना पडता है इन कस्बों के प्रमुख इंटर कालेजों/पी०जी० कालेजों की सूची निम्नलिखित है

क्रम संख्या स्कूल/कालेज स्थान
डी.ए.वी. इंटर कालेज गोवर्धन
राष्ट्रीय इंटर कालेज गोवर्धन
आदर्श कामिनी गर्ल्स इंटर कालेज गोवर्धन
दानघाटी गर्ल्स इंटर कालेज गोवर्धन
श्री बाबूलाल महाविधालय गोवर्धन
श्री सिद्धविनायक महाविधालय गोवर्धन
मॉ संतोषी इंटर कालेज अडींग
राजकीय भारतीय इंटर कालेज अडींग
राजकीय कन्या इंटर कालेज अडींग
१० आदर्श उ०मा० विधालय अडींग

निकटवर्ती पर्यटन/धार्मिक स्थल-

धार्मिक/पर्यटन स्थल अनुमानित दूरी
श्री दानघाटी मंदिर/गोवर्धन परिक्रमा ०५ किमी
कुसुम सरोवर ०६ किमी
पूंछरी का लौठा ०९ किमी
श्री राधाकुंड ०९ किमी
श्री कृष्ण जन्मभूमि मथुरा २१ किमी
प्रेम मंदिर वृंदावन ३० किमी
बरसाना २५ किमी
नंदगांव ४५ किमी
जलमहल डीग १५ किमी
ताजमहल आगरा ८० किमी

जीवनयापन[संपादित करें]

इस गांव में ८५% जाट जाति के लोग निवास करते हैं| गांव भवनपुरा आर्थिक दृष्टी से काफी संपन्न ग्राम है, इस गांव-भवनपुरा का मुख्य व्यवसाय परंपरागत कृषि पर आधारित है मुख्तय फसलें गेंहू,धान,आलू,सरसों,ज्वार,बाजरा आदि हैं, तथा सिंचाई के सुलभ साधनों नहर,व निजी पंपसैटों से होती है,गांवमें जलस्तर भी काफी ऊंचा है गांव के अधिकांश घरों में घरेलू वाहन,पानी के साधन आर.ओ.,ए.सी.व अन्य घरेलू विलासिता के साजो सामान मिल जायेंगे,मंनोरंजन के लियें गांव टीवी केबल नेटवर्क / डी टी एच सेवाओं व इंटरनेट से जुडा हुआ है,संचार के माध्यम के रूप में गांव के अधिकतम युवाओं के पास स्मार्टफोन हैं, दैनिक जरूरत की लगभग सारी वस्तुएं गांव में ही दुकानों पर उपलब्ध हो जाती हैं, गांव भवनपुरा से बडी संख्या में लोग सरकारी सेवाओं में सेवारत हैं,जिनमें तीनों भारतीय सेनाओं,पैरा मिलिट्री फोर्स पुलिस, शिक्षा,रेलवे,आदि क्षेत्रों में कार्यरत हैं,जिनमें से प्रमुख व्यक्तियों का विवरण निम्नलिखित है।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 24 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 जून 2015.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 जून 2015.
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 23 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 जून 2015.
  4. "संग्रहीत प्रति". मूल से 11 फ़रवरी 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 जून 2015.
  5. "संग्रहीत प्रति". मूल से 24 सितंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 जून 2015.