बेक़आ वादी

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बेक़आ वादी में क़राऊन​ झील
ज़हले शहर, जो बेक़आ प्रान्त की राजधानी और बेक़आ वादी का सबसे बड़ा नगर है
रोमन काल में बना बालबेक में बाकस का मंदिर

बेक़आ वादी (अरबी: وادي البقاع‎, वादी अल-बिक़आ ; अंग्रेज़ी: Beqaa Valley) पूर्वी लेबनान में स्थित एक उपजाऊ घाटी है। रोमन काल में यह एक महत्वपूर्ण कृषि क्षेत्र था और आधुनिक लेबनान का भी सबसे अहम कृषि इलाक़ा है।[1]

भूगोल[संपादित करें]

बेक़आ वादी राष्ट्रीय राजधानी बेयरूत से ३० कि॰मी॰ पूर्व में पड़ती है। यह पश्चिम में लेबनान पर्वतों और पूर्व में पूर्वी लेबनान पर्वतों के बीच स्थित है। इसे सीरिया से लाल सागर तक विस्तृत जॉर्डन दरार घाटी (Jordan Rift Valley) का सर्वोत्तरी हिस्सा समझा जा सकता है। बेक़आ वादी १२० कि॰मी॰ लम्बी है और इसकी औसत चौड़ाई १६ कि॰मी॰ है। यहाँ का मौसम भूमध्य श्रेणी का है जिसमें गर्मियाँ शुष्क और सर्दियों में बारिश व बर्फ़ पड़ती है। उत्तरी बेक़आ वादी में बारिश ज़रा कम पड़ती है क्योकि पश्चिम में स्थित लेबनान पर्वत भूमध्य सागर से नमी ला रहे बादलों का रास्ता रोकते हैं। औसत रूप से उत्तरी बेक़आ में २३० मिलीमीटर सालाना वर्षा जबकि मध्य बेक़आ में ६१० मिलीमीटर वर्षा गिरती है। वादी से दो महत्वपूर्ण नदियाँ निकलती हैं: लीतानी नदी और आसी नदी।

पहली सदी ईसापूर्व से ही, जब यह इलाक़ा रोमन साम्राज्य का हिस्सा था। बेक़आ खेती के लिए आर्थिक रूप से अहम रही है। रोमन ज़माने में यहाँ का अनाज उनके पूरे शाम क्षेत्र (जिसे लवैन्ट​ भी कहते हैं) को खिलाता था। आज पूरे लेबनान देश की ४०% उपजाऊ ज़मीन इस एक वादी में है। वादी के उत्तरी भाग में बारिश कम पड़ने से वहाँ मवेशी पालन पर ज़ोर है और यहाँ पशुओं को सीरियाई रेगिस्तान से आये ख़ानाबदोश चरवाहे पालते हैं। दक्षिण में गेंहू, मक्का, कपास और सब्ज़ियों की पैदावार के अलवा ज़हले के शहर के आसपास अंगूर की शराब बनती है और बहुत से फलों के बाग़ान भी हैं। यहाँ ग़ैर-क़ानूनी चरस और अफ़ीम के नशीले पदार्थ भी बनाकर निर्यात किये जाते हैं। सन् १९५७ में लीतानी जलविद्युत परियोजना के अंतर्गत नहरें और क़राऊन​ झील पर एक बाँध बनाया गया जिस से सिंचाई व्यवस्था अच्छी हो गई है।

शहर और ज़िले[संपादित करें]

वादी का सबसे बड़ा शहर ज़हले (زحلة‎, Zahlé) है जो बेक़आ प्रान्त की राजधानी भी है। यह बेयरूत-दमिश्क राजमार्ग के ठीक उत्तर में है जो वादी के ठीक बीच से निकलता है। ज़हले के अधिकतर नागरिक लेबनानी ईसाई हैं, जिसमें मरोनाई, यूनानी पारम्परिक और मलिकीयीन यूनानी कैथोलिक सम्प्रदाय आते हैं। वादी के पूर्वी हिस्से में स्थित अंजर (عنجر‎, Anjar) शहर में अधिकतर लोग अर्मेनियाई मूल के लोग हैं और यह शहर अपने ८वीं सदी के अरब खंडहरों के लिए भी जाना जाता है। उत्तर के बेक़आ, बालबेक और हेरमेल ज़िलों में लेबनानी शिया बहुसंख्यक हैं, सिवाय देइर अल-अहमर शहर के, जिसके अधिकतर लोग ईसाई हैं। वादी के पश्चिमी और दक्षिणी ज़िलों में ईसाई, मुस्लिम और द्रूज़ समुदायों का मिश्रण है। पश्चिम भाग में स्थित जिब जनीन शहर में सुन्नी मुस्लिम बहुसंख्या में हैं।

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Syria, Lebanon, and Jordan Archived 2017-10-11 at the वेबैक मशीन, Laura S. Etheredge, pp. 88, The Rosen Publishing Group, 2011, ISBN 978-1-61530-329-8, ... Although the river's total length is only about 90 miles (145 km), its waters irrigate one of Lebanon's most extensive farming regions, the Bekaa Valley. The Litani River Authority, established in 1954 ...