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फोनॉन

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भौतिकी में फोनॉन (अंग्रेज़ी: Phonon) संघनित पदार्थों विशेषतः ठोस और कुछ द्रवों में अणुओं या परमाणुओं की प्रत्यास्थ और आवृत्ति संरचना में होने वाला सामूहिक उत्तेजन है। फोनॉन ऐसा कणाभ है[1] जो अन्योन्य क्रिया कर रहे कणों की प्रत्यास्थ संरचना की कंपन विधा के क्वांटम यांत्रिकी क्वांटीकरण की उत्तेजित अवस्था है। फोनॉन को प्रकाश तरंगों में फोटॉन के अनुरूप ध्वनि तरंगों की क्वांटीकृत अवस्था के रूप में समझा जा सकता है।[2] हालाँकि फोटॉन मूलभूत कण हैं जिसे भौतिक रूप से संसूचित किया जा सकता है जबकि फोनॉन ऐसा कणाभ है जो उदगमन घटना को निरूपित करता है।[3]

फ़ोनॉन का अध्ययन संघनित पदार्थ भौतिकी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। वे संघनित पदार्थ प्रणालियों के कई भौतिक गुणों जैसे ऊष्मा चालकता और विद्युत चालकता के साथ ही न्यूट्रॉन प्रकीर्णन एवं संबंधित प्रभावों के मॉडल में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।

फोनॉन की अवधारणा 1932 में सोवियत भौतिक विज्ञानी इगोर टाम द्वारा दी गई थी। फोनॉन नाम ग्रीक शब्द φωνή (फ़ोन) से आया है, जिसका अनुवाद ध्वनि या आवाज है, क्योंकि लंबी तरंगदैर्घ्य वाले फोनॉन ध्वनि उत्पन्न करते हैं। यह नाम ध्वनि तरंगों के लिए तरंग-कण द्वैतता प्रदर्शित करने वाले फोटॉन शब्द के अनुरूप होता है।

सन्दर्भ

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  1. Schwabl, Franz (2008). Advanced Quantum Mechanics (4th ed.). Springer. p. 253. ISBN 978-3-540-85062-5.
  2. Girvin, Steven M.; Yang, Kun (2019). Modern Condensed Matter Physics. Cambridge University Press. pp. 78–96. ISBN 978-1-107-13739-4.
  3. Franklin, Alexander; Knox, Eleanor (2018-11-01). "Emergence without limits: The case of phonons". स्टडीज इन हिस्ट्री एंड फिलोसोफी ऑफ साइंस पार्ट बी: स्टडीज इन हिस्ट्री एंड फिलोसोफी ऑफ मोडर्न फिजिक्स. 64 (नवम्बर 2018): 68–78. Bibcode:2018SHPMP..64...68F. doi:10.1016/j.shpsb.2018.06.001. S2CID 56400812. Retrieved 2024-02-27.