ताजमहल के मूल एवं वास्तु
ताजमहल मुगल वास्तुकला का सर्वाधिक परिष्कृत एवं उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है। इसका उद्गम भारत के बडे़ भूभाग पर शासन करने वाले मुगल साम्राज्य की इस्लामी संस्कृति एवं इतिहास की बदलती परिस्थितियों पर आधारित है। एक विचलित मुगल बादशाह शाहजहाँ ने एक मकबरा अपनी प्यारी पत्नी मुमताज महल की स्मृति में उसके मरणोपरांत बनवाया था। आज यह एक सर्वाधिक प्रसिद्ध, प्रशंसित एवं पहचानी जाने वाली इमारत बन चुका है। जहाँ इसका श्वेत संगमर्मर गुम्बद वाला भाग, इस इमारत का मुख्य भाग है, वहीं इसकी पूर्ण इमारत समूह बाग, बगीचों सहित 22.44 हेक्टेयर[a] में विस्तृत है, एवं इसमें सम्मिलित हैं अन्य गौण मकबरे, जल आपूर्ति अवसंरचना एवं ताजगंज की छोटी बस्ती, साथ ही नदी के उत्तरी छोर पर माहताब बाग भी इसके अभिन्न अंग हैं। इसका निर्माण 1632 ई. (1041 हिजरी अनुसार) में यमुना नदी के दक्षिणी किनारे पर, भारत के अग्रबाण, (अब आगरा नगर में) आरम्भ हुआ, और 1648 ई (1058 AH) में पूर्ण हुआ था। इसके आकार की अभिकल्पना मुमताज महल के स्वर्ग में आवास की पार्थिव नकल एवं बादशाह के अधिप्रचार उपकरण के रूप में की गई थी।
असल में ताजमहल को किसने अभिकल्पित किया, इसके बारे में कई भ्रांतियाँ हैं। हालांकि यह सिद्ध है, कि एक बड़े वास्तुकारों एवं निर्माण विशेषज्ञों के समूह समेत बादशाह स्वयं भी सक्रिय रूप से इसमें शामिल था। उस्ताद अहमद लाहौरी को एक प्रधान वास्तुकार के रूप में इसके श्रेय का सर्वाधिक उपयुक्त व्यक्ति माना जाता है।। [1]
- पूर्विका
- संकल्पना, प्रतीकवाद एवं भावांतरण
- वास्तुकार एवं कारीगर
- स्थल
- 16वीं–17वीं शताब्दी में आगरा
इंटरैक्टिव प्लान[संपादित करें]
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ताजमहल परिसर को मुख्य रूप से पांच भागों में बांटा जा सकता है:
1. यमुना नदी के उत्तर में चांदनी बाग
2. नदीमुखी टैरेस, जिसमें मुख्य मकबरा, मस्जिद एवं जवाब इमारतें हैं।
3. चारबाग क्षेत्र, जिसमें मण्डप बने हैं।
4. जिलौखाना, जिसमे मकबरे के परिचरगण का आवास है, तथा अन्य गौण मकबरे स्थित हैं।
5. ताजगंजी, जो मूल रूप से एक बाजार एवं तत्काळीन मजदूरों आदि के लिये कारवां रूपी आवास स्थली थी, और अब उसके कुछ अवशेषमात्र ही शेष हैं।जिलौखाना और उद्यान के बीच में ही बड़ा द्वार स्थित है।
ताजगंजी से नदी की तरफ़ धीरे-धीरे करते हुए भूमि स्तर नीचा होता जाता है। परिसर के अन्य समकालीन निर्माणों की सूची एवं विवरणों में इन्हें नदी टैरेस भाग से ताजगंजी की दिशा में बताया गया है। [2]
आयाम सारणी[संपादित करें]
घटक | ||||||
---|---|---|---|---|---|---|
लम्बाई / चौड़ाई / व्यास | चौड़ाई / गहराई / भुजा | height | लम्बाई / चौड़ाई/ व्यास | चौड़ाई / गहराई / भुजा | ऊंचाई | |
सम्पूर्ण इमारत स्थल | 896.1 | 300.84 | 1112.5 | 374 | ||
सम्पूर्ण संरक्षित स्थल | 561.2 | 300.84 | 696 | 374 | ||
ताज गंज | 334.9 | 300.84 | 416.5 | 374 | ||
जिलौखाना | 165.1-165.23 | 123.51 | 204 | 153 | ||
महाद्वार | 41.2 | 34 | 23.07 | 51 | 42 | 28.5 |
चारबाग | 296.31 | 296.31 | 368 | 368 | ||
नदीमुखी छज्जा | 300 | 111.89 | 8.7 | 373 | 138 | |
मकबरा | 56.9 | 56.9 | 67.97 | 70 | 70 | 84 |
मीनारें | 5.65 | 43.02 | 7 | 53.5 | ||
मस्जिद | 56.6 | 23.38 | 20.3 | 70 | 29 | 25-29 |
सभी माप हैं कोच, पृष्ठ 258-259, आभार रिचर्ड आन्द्रे ब credited to Richard André Barraud |
मकबरा (रौज़ा-ए-मुनावरा)[संपादित करें]
ताज महल का केन्द्र बिंदु है, एक वर्गाकार नींव आधार पर बना श्वेत संगमर्मर का मकबरा। यह एक सममितीय इमारत है, जिसमें एक ईवान यानि अतीव विशाल वक्राकार (मेहराब रूपी) द्वार है। इस इमारत के ऊपर एक वृहत गुम्बद सुशोभित है। अधिकतर मुगल मकबरों जैसे, इसके मूल अवयव फारसी उद्गम से हैं। ताजमहल के अन्य घटकों का विवरण इस प्रकार से है:-
- नदी की ओर छज्जा (चमेली फर्श)
- आधार एवं छज्जा
- जवाब एवं मस्जिद
- उद्यान (चारबाग)
- महाद्वार (दरवाज़ा-ए-रोज़ा)
- खुला मैदान (जिलाउखाना)
- बाजार एवं कारवां सराय (ताजगंज)
- सुरक्षा भीत के बाहर के मकबरे
- जल आपूर्ति
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
टिप्पणी[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "ICOMOS advisory body evaluation" (PDF) (अंग्रेज़ी में). ICOMOS. 1983. मूल से 19 जून 2009 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 2007-03-21.
- ↑ कोच, पृ.112