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जीभ

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जीभ
[[Image:Caption = A human tongue|250px|center|]]
लैटिन लिंगुआ
शिरा lingual
तंत्रिका एन्टेरियर 2/3: लिंगुअल नर्व और चोर्डा टैम्पनी पोस्टेरियर 1/3: ग्लौसोफाय्रंजिल नर्व (IX)
पूर्वगामी फाय्रंजिल आर्क्स, लैटरल लिंगुअल स्वेलिंग, ट्यूबरकुलम इम्पर
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डोर्लैंड्स/एल्सीवियर Tongue

जीभ मुख के तल पर एक पेशी होती है, जो भोजन को चबाना और निगलना आसान बनाती है। यह स्वाद अनुभव करने का प्रमुख अंग होता है, क्योंकि जीभ स्वाद अनुभव करने का प्राथमिक अंग है, जीभ की ऊपरी सतह पेपिला और स्वाद कलिकाओं से ढंकी होती है। जीभ का दूसरा कार्य है स्वर नियंत्रित करना। यह संवेदनशील होती है और लार द्वारा नम बनी रहती है, साथ ही इसे हिलने-डुलने में मदद करने के लिए इसमें बहुत सारी तंत्रिकाएं तथा रक्त वाहिकाएं मौजूद होती हैं। इन सब के अलावा, जीभ दातों की सफाई का एक प्राकृतिक माध्यम भी है।[1]

पेशीय संरचना

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जीभ में 4 अंतःस्थ तथा 4 बाह्यस्थ पेशियां होती हैं।

जीभ की अंतःस्थ पेशियां

"अंतःस्थ" का अर्थ होता है कि ये पेशियां हड्डियों से जुड़ी नहीं होती. ये जीभ का आकार बदलने के लिए कार्य करते हैं।

1. सुपीरियर लॉगिट्यूडिनल फाइबर: ये जीभ को छोटा करते हैं।

2. इंफीरियर लॉगिट्यूडिनल फाइबर: ये जीभ को छोटा करते हैं।

3. वर्टिकल फाइबर: ये जीभ को चौड़ा तथा चपटा करते हैं।

4. ट्रांसवर्स फाइबर: ये जीभ को संकरा और लंबा बनाते हैं।

जीभ की एक्सट्रिंसिक पेशियां

ये जीभ की स्थिति को बदलने के लिए कार्य करती है

1. जेनिग्लोसस

2. हाइग्लोसस

3. स्टाइग्लोसस

4. पैलैटोग्लोसस

संवहनी संरचना

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मानव जीभ के नीचे

जीभ को रक्त की आपूर्ति लिंगुअल धमनी से की जाती है, जो एक्सटर्नल कैरोटिड आर्टरी की एक शाखा होती है। मुख के तल में लिंगुअल धमनी से भी रक्त की आपूर्ति होती है। डाइजेस्ट्रिक पेशी के इंटरमीडिएट टेंडन, माय्लॉयड पेशी के पश्च किनारे एवं हाइपोग्लोसल तंत्रिका द्वारा निर्मित त्रिभुज ‘पाइरोगोव्स’, ‘पाइरोगोफ्स’ या ‘पाइरोगोव- बेल्क्लार्ड की त्रिभुज कहलाती है।[2][3] अंदर के क्षेत्र लिंगुअल धमनी क्षेत्र होता है, जो जीभ से अनियंत्रित रक्तस्राव को रोकने का बेहतर स्थान होता है।

जीभ में सेकंडरी रक्त सप्लाइ भी होती है, जो फेशियल धमनी के टॉन्सिलर शाखाओं से तथा एसेंडिंग फैरेंगियल धमनी से की जाती है।

तंत्रिकाओं की आपूर्ति

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जीभ के अग्र 2/3 के लिए स्वाद की अनुभूति फेशियल तंत्रिका (कोर्डा टिम्पैनी CN7) द्वारा होती है। अग्र 2/3 की सामान्य अनुभूति लिंगुअल तंत्रिका द्वारा होती है, जो ट्राइगेमिनल तंत्रिका CN V के V3 की एक शाखा होती है।

पश्च 1/3 के स्वाद तथा सामान्य अनुभूति ग्लोफैरिंगियल तंत्रिका (CN 9) द्वारा मिलती है।

सिवा एक एक्सट्रिंसिक पेशी- प्लैटोग्लोसस को छोड़कर, जिसमें फैरिंगियल प्लेक्सस के CN10 की तंत्रिकाएं होती हैं, जीभ की सभी अंतःस्थ तथा एक्सट्रिंसिक पेशियों में हाइपोग्लोसल तंत्रिका (CN 12), की आपूर्ति होती है।

ओरोफैरिंक्स से लेकर शिख तक जीभ की औसत लंबाई 10 cm (4 इंच) होती है।[4]

फार्मेसी में उपयोग

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जीभ के अग्रभाग के नीचे का सब-लिंगुअल क्षेत्र ऐसा स्थान होता है, जहां ओरल म्यूकोसा काफी पतला होता है तथा जिसपर शिराओं की जालिका बिछी होती हैं। यह शरीर के कुछ प्रकार के उपचारों का आरंभ-स्थान होता है। सब-लिंगुअल रूट को ओरल कैविटी के उच्च वस्कुलर गुण का लाभ मिलता है तथा यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल नली में न जाकर कार्डियो-वस्कुलर प्रणाली के उपचार के त्वरित कार्य की अनुमति देता है। एंजाइना पेक्टोरिस, सीने के दर्द के रोगियों में नाइट्रोग्लिसरीन देने का यह एकमात्र (I.V. ऐड्मिनिस्ट्रेशन के अलावा) आसान तथा प्रभावशाली तरीका है। यदि गोली निगली जाती है, तो उपचार को यकृत के विसंदूषण प्रक्रिया द्वारा निरस्त कर दिया जाता है।[उद्धरण चाहिए]

गैर मानव जीभ

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अपनी जीभ के साथ अपनी थूथन की सफाई के लिए ओकापी

अधिकतर कशेरुकी प्राणियों में जीभ मौजूद होती हैं।

कुत्ते तथा बिल्लियों जैसे स्तनपाइयों में जीभ का उपयोग प्रायः शरीर के रोओं की सफाई के लिए किया जाता है। इन प्रजातियों की जीभ की बनावट काफी खुरदरी होती है, जिससे ये जंतु तेल तथा पारासाइटों को हटा सकते हैं। चूंकि कुत्ता अपने शारीरिक कार्यों को बढ़ा सकता है, इसलिए अधिक रक्त प्रवाह के कारण उनकी जीभ भी लंबी हो जाती हैं। जीभ उसके मुंह से बाहर लटक आती हैं और जीभ की नमी रक्त प्रवाह को ठंडा करती है।[5][6]

कुछ जंतुओं की जीभ शिकार को पकड़ने के लिए विशेष रूप से अनुकूलित होती हैं। उदाहरण के लिए, छिपकली, मेंढक तथा एंटईटर में परिग्राही (prehensile) जीभ होती हैं।

मछलियों की कई प्रजातियों में उनके मुख के अधार पर छोटे फोल्ड होते हैं, जो शायद औपचारिक रूप से जीभ माने जाते हैं, पर अधिकतर टेट्रापोडों में पाई जाने वाली वास्तविक जीभों की तरह उनमें पेशीय जीभ अनुपस्थित होती हैं।[7][8]

अन्य जंतुओं में ऐसे अंग होते हैं, जो जीभ के समान कार्य करते हैं, जैसे- तितलियों की बारीक सूंड़ या घोंघे पर निकला रैडुला, पर ये कशेरुकियों में पाई जाने वाली जीभ से जुड़े नहीं होते.

भोजन के रूप में

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कुछ जंतुओं की जीभ खाई जाती है और कभी-कभी उन्हें काफी भी ज़ायकेदार माना जाता है। युनाइटेड किंगडम के अलास्का में गाय की जीभ का आहार काफी लोकप्रिय है। अमेरिका के कोशर डिलिकेटेंस (Kosher delicatessens) में हॉट टॉन्ग सैंडविच का खूब प्रयोग होता है। युनाइटेड किंगडम में जीभ के बने खाद्य पदार्थ स्थानीय परचून में धड़ल्ले से मिल जाते हैं, जहां यह पीसे जाने के बाद जिलेटिन में डालकर मांस के रिफॉर्म्ड स्लाइस के रूप में मिलती हैं। टैको डी लेंगुआ (स्पेनिश में लेंगुआ का अर्थ होता है जीभ) एक गौमांस से भरा एक टैको होता है तथा यह मेक्सिकन व्यंजनों में खास तौर से लोकप्रिय है। जीभ को बिरिया के रूप में भी तैयार किया जा सकता है। सूअर तथा गाय की जीभ चीन के व्यंजनों में शामिल है। बत्तख की जीभों को कभी-कभी शेचुआन व्यंजनों में शामिल किया जाता है, जबकि भेड़ की जीभों को कभी-कभी कंटिनेंटल तथा कंटेप्ररी अमेरिकी पकवानों में शामिल किया जाता है। कॉड की तली हुई जीभ नॉर्वे तथा न्यूफाउंडलैंड में मछली के व्यंजनों में काफी आम है। चेक रिपब्लिक तथा पोलैंड में सूअर की जीभ को स्वादिष्ट व्यंजनों में शुमार किया जाता है और इसे तैयार करने के कई तरीके हैं। पूर्वी स्लाविक देशों में सुअर और गाय की जीभों को उबालकर, हॉर्सरैडिश या जेल के साथ गार्निश्ड कर धड़ल्ले से खाया जाता है; गाय की जीभ काफी ऊंची कीमत में मिलती है और अधिक स्वादिष्ट मानी जाती है।

अंग्रेज़ी व्युत्पत्ति

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टंग (tongue) शब्द की उत्पत्ति ओल्ड इंग्लिश टंग (tunge) से हुई है, जो प्रोटो-जर्मैनिक टंगन (tungōn) से विकसित हुआ।[9] अन्य जर्मैनिक भाषाओं में यह अन्य रूपों में मौजूद है, जैसे- वेस्ट फ्रीजियन में टोन्ग (tonge), डच/अफ्रीकन में टॉन्ग (tong), डेनिश/नॉर्वेजियन तथा टुंग (tunge) और आइलैंडिंक/फैरोसे/स्वीडिश में टुंगा (tunga) . ue से समाप्त होने वाले शब्द चौदहवीं शताब्दी के प्रतीत होते हैं, जो “सही उच्चारण” देने का प्रयास करते हैं, पर यह न तो “एटीमॉलोजिकल न ही फॉनेटिक” है।[9] कुछ लोग सोलहवीं शताब्दी की तरह ही टुंग (tunge) तथा टोन्ग (tonge) का उच्चारण करते हैं।

इसे मदर टंग के मुहावरों में लैंगुएज के बहुरूप की तरह ही प्रयोग किया जाता है। कई भाषाओं[10] में “टॉन्ग” तथा “लैंगुएज” के लिए एक जैसे शब्द होते हैं।

वाणी के प्रतिरूप

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शब्द को याद करने में असफल होने को सामान्यतः टिप-ऑफ-द-टॉन्ग कहते हैं। “टॉन्ग इन चीक ” का अर्थ ऐसे वकतव्य से है, जिसे जरा भी गंभीरता से न लिया जाने वाला माना जाता है; जिसे छोटे व्यंग्यात्मक हास्य के रूप में कहा गया हो। “टॉन्ग ट्विस्टेड” एक ऐसा शब्द है, जिसे किसी शब्द या वाक्यांश के सही उच्चारण में असफल होना माना जाता है। टॉन्ग ट्विस्टेड एक ऐसा मुहावरा है, जो काफी कठिन उच्चारण वाले शब्द के लिए प्रयोग किया जाता है। “टॉन्ग-टाइड” का अर्थ होता है, आप जो कहना चाहते हैं, दुविधा या मनाही के कारण उसे कहने की असमर्थता. “कैट गॉट योर टॉन्ग” मुहावरे का अर्थ होता है किसी व्यक्ति का शब्दहीन हो जाना. “टु बाइट वन्स टॉन्ग” मुहावरा का प्रयोग किसी विचार को दमन करने के लिए किया जाता है, जिसे खास कर दूसरे व्यक्ति की उपस्थिति में विवादास्पद विचार की स्थिति में किसी उल्लंघन करने से बचने के लिए आप नहीं कहते.

इन्हें भी देखें

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  • इलेक्ट्रॉनिक जीभ
  • भाषा
  • मेंडेलियन लक्षण के मानव में सूची
  • जीभ पर स्वाद कलियां
  • सामान्यतः टिप-ऑफ-द-टॉन्ग
  • तेज जीभ
  • जीभ क्लीनर
  • जीभ भेदी
  • जीभ भांजनेवाला
  • मुखर पथ
  • जीभ रोग
  • ओरल कैंसर
  1. Maton, Anthea; Jean Hopkins, Charles William McLaughlin, Susan Johnson, Maryanna Quon Warner, David LaHart, Jill D. Wright (1993). Human Biology and Health. Englewood Cliffs, New Jersey, USA: Prentice Hall. ISBN 0-13-981176-1.{{cite book}}: CS1 maint: multiple names: authors list (link)
  2. "named after Nikolai Ivanovich Pirogov". Archived from the original on 11 अगस्त 2010. Retrieved 23 अगस्त 2010.
  3. "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 24 जून 2009. Retrieved 23 अगस्त 2010.
  4. Robin Kerrod (1997). MacMillan's Encyclopedia of Science. Vol. 6. Macmillan Publishing Company, Inc. ISBN 0028645588. Archived from the original on 2 अक्तूबर 2019. Retrieved 23 अक्तूबर 2019. {{cite book}}: Check date values in: |access-date= and |archive-date= (help)
  5. "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 20 सितंबर 2010. Retrieved 23 अगस्त 2010.
  6. http://www.springerlink.com/content/n3u34u4220384846/[मृत कड़ियाँ]
  7. Romer, Alfred Sherwood; Parsons, Thomas S. (1977). The Vertebrate Body. Philadelphia, PA: Holt-Saunders International. pp. 298–299. ISBN 0-03-910284-X.
  8. Kingsley, John Sterling (1912). Comparative anatomy of vertebrates. P. Blackiston's son & co. pp. 217–220. ISBN 1112236457. {{cite book}}: ISBN / Date incompatibility (help)
  9. "ऑनलाइन शब्द व्युत्पत्ति शब्दकोश". Archived from the original on 6 जून 2011. Retrieved 23 अगस्त 2010.
  10. अफ्रीकांस (टोंग), अल्बानियाई (ग्जुहा), कातालान (लेंगुआ), पुर्तगाली (लिंगुआ), फ्रेंच (लैंगुए) माल्टीज़ (इल्सिएं), अरबी (لسان lisa-n), रोमानियाई (लिम्बा), रूसी (Язык yazyk) बल्गेरियाई (एजिक), फारसी (ज़बान), यूनानी (Γλώσσα ग्लोस्सा), स्पैनिश (लेंगुआ), पोलिश ("język "), स्लोवाक, चेक, स्लोवेने, बोस्नियाई, सर्बियाई, क्रोएशियाई (जेज़िक), आर्मीनियाई (?????), फिनिश (किएली), एस्टोनियाई (कील), फिलिपिनो ("डील"], आयरिश (टेंगा), इतालवी ('लिंगुआ ), लैटिन ('लिंगुआ ), उर्दू (ज़बान), इब्रानी (????/???? liša-na-), हंगेरियन (न्येल्व), हिब्रू לשון lashon), टर्किश (दिल) और डैनिश (टुंग)

बाहरी कड़ियाँ

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