जम्मू (शहर)

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जम्मू
जम्बूपुरा
शहर
हरि निवास महल, बाहू फोर्ट, तवी का पुल और मुबारक मंडी (महल)
जम्मू is located in जम्मू और कश्मीर
जम्मू
जम्मू
जम्मू और कश्मीर में स्थिति
निर्देशांक: 32°44′N 74°52′E / 32.73°N 74.87°E / 32.73; 74.87निर्देशांक: 32°44′N 74°52′E / 32.73°N 74.87°E / 32.73; 74.87
देश भारत
प्रान्तजम्मू और कश्मीर
ज़िलाजम्मू ज़िला
संस्थापकराजा जम्बू लोचन (मान्यता)
शासन
 • प्रणालीनगर निगम
 • सभाजम्मू नगर निगम व जम्मू विकास प्राधिकरण
जनसंख्या (2011)
 • कुल5,02,197
भाषा
 • प्रचलितडोगरी, हिन्दी, उर्दु, कश्मीरी
समय मण्डलभारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30)
पिनकोड180001[1]
वाहन पंजीकरणJK-02
लिंगानुपात867 / 1000
साक्षारता90.14%
दिल्ली से दूरी575 कि॰मी॰ (357 मील) पश्चिमोत्तर
मुम्बई से दूरी1,971 कि॰मी॰ (1,225 मील) पूर्वोत्तर
जलवायुCwa (कोपेन)
वर्षण710 मि॰मी॰ (28 इंच)
औसत ग्रीष्मकालीन तापमान29.6 °से. (85.3 °फ़ै)
औसत शीतकालीन तापमान17.7 °से. (63.9 °फ़ै)
वेबसाइटjammu.nic.in

जम्मू भारत के जम्मू और कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश में स्थित एक शहर है। यह जम्मू सम्भाग का सबसे बड़ा शहर है और साथ ही जम्मू और कश्मीर की शीतकालीन राजधानी भी है। यह नगरमहापालिका वाला नगर तवी नदी के तट पर बसा है। नगर में ढेरों पुराने व नये मन्दिरों के बाहुल्य के कारण इसे "मन्दिरों का नगर" भी कहा जाता है। तेजी से फैलती नगरीय जनसंख्या एवं बढ़ते अवसंरचना के कारण ये शीतकालीन राजधानी राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है।[2][3][4][5]

भूगोल[संपादित करें]

जम्मू नगर 32°44′N 74°52′E / 32.73°N 74.87°E / 32.73; 74.87 निर्देशांक पर स्थित है। यहाँ की सागर सतह से औसत ऊंचाई ३२७ मी (१,०७३ फ़ीट) है। यह नगर शिवालिक पर्वतमाला की निचली असमान पहाड़ियों व टीलों के बीच बसा है। उत्तर, पूर्व एवं दक्षिण-पूर्व में यह शिवालिक से घिरा है और उत्तर-पश्चिम दिशा में त्रिकुटा रेंज है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से यह शहर लगभग ६०० कि.मी (370 mi) दूरी पर उत्तर दिशा में स्थित है। नगर तवी नदी के किनारों पर बसा और आगे फैला हुआ है तथा पुराना शहर दाएं तट पर उत्तर दिशा पर बसा हुआ है तथा नया बसा शहर नदी के दक्षिणी तट से लगा (बायीं ओर) है। तवी नदी चार बड़े सेतुओं द्वारा पार की जा सकती है और पांचवां सेतु अभी निर्माणाधीन है। नगर की भूमि समान न होकर कहीं कहीं ऊंची तथा कहीं नीची इन टीलों पर फैली हुई है। नदी के एक तट पर बाहु का किला एवं पुराना शहर है तो दूसरे पर रॉयल डोगरा पैलेस बना है, जो नगर के उच्चतम स्थान हैं। नगर का विमानक्षेत्र सतबाड़ी में स्थित है।

नामकरण[संपादित करें]

जम्मू नगर का नाम इसके स्थापक के नाम पर पड़ा है। राय जम्बुलोचन ने इसकी स्थापना की और नाम रखा जम्बुपुरा जो कालांतर में बिगड़ कर जम्मू हो गया। कई इतिहासकारों एवं स्थानीय उक्तियों के अनुसार नगर की स्थापना राय जम्बुलोचन ने १४वीं शताब्दी ई.पू. में की थी। राजा एक बार आखेट करते हुए तवी नदी के तट पर एक स्थान पर पहुँचा जहां उसने देखा कि एक बाघ व बकरी एक साथ एक ही घाट पर पानी पी रहे हैं। पानी पीकर दोनों पशु अपने अपने पथ पर चले गये। राजा आश्चर्यचकित रह गया और आखेट का विचार छोड़कर अपने साथियों के पास पहुँचा व सारी कथा विस्तार से बतायी। सबने कहा कि यह स्थान शान्ति व सद्भाव भरा होगा जहाँ बाघ व बकरी एक साथ पानी पी रहे हों। तब उसने आदेश दिया कि इस स्थान पर एक दुर्ग का निर्माण किया जाये व उसके निकट ही नगर बसाया जाये। इस नगर का नाम ही जम्बुपुरा या जम्बुनगर पड़ा और कालांतर में जम्मू हो गया।[6]</ref>[7]

इतिहास[संपादित करें]

जम्मू शहर ऐतिहासिक नगर है और पूर्व जम्मू प्रांत की राजधानी रह चुका है और बाद में भी भारत के जम्मू एवं कश्मीर राज्य की शीतकालीन राजधानी रह चुका है। राय जम्बुलोचन राजा बाहुलोचन का छोटा भाई था। (१८४६–१९५२) में बाहुलोचन ने तवी नदी के तट पर बाहु किला बनवाया था और जम्बुलोचन ने जम्बुपुरा नगर बसवाया था। नगर के नाम का उल्लेख महाभारत में भी मिलता है। जम्मू शहर से 32 किलोमीटर (20 मील) दूरस्थ अखनूर में पुरातात्त्विक खुदाई के बाद इस जम्मू नगर के हड़प्पा सभ्यता के एक भाग होने के साक्ष्य भी मिले हैं। जम्मू में मौर्य, कुशाण, कुशानशाह और गुप्त वंश काल के अवशेष भी प्राप्त हुए हैं। ४८० ई. के बाद इस क्षेत्र पर एफ्थलाइटिस का अधिकार हो गया था और यहां कपीस और काबुल से भी शासन हुआ था। इनके उत्तराधिकारी कुशानो-हेफ्थालाइट वंशहुए जिनका अधिकार ५६५ से ६७० ई. तक रहा। तदोपरांत ६७० ई. से लेकर ११वीं शताब्दी केआरंभ तक शाही राजवंश का राज रहा जिसे ग़ज़्नवी के अधीनस्थों ने छीन लिया। जम्मू का उल्लेख तैमूर के विजय अभियानों के अभिलेखों में भी मिलता है। इस क्षेत्र ने सिखों एवं मुगलों के आक्रमणों के साथ एक बार फिर से शक्ति-परिवर्तन देखा और अन्ततः ब्रिटिश राज का नियंत्रण हो गया। यहां ८४० ई. से १८६० ई. तक देव वंश का शासन भी रहा था। तब नगर अन्य भारतीय नगरों से अलग-थलग पड़ गया और उनसे पिछड़ गया था। उसके उपरांत डोगरा शासक आये और जम्मू शहर को अपनी खोई हुई आभा व शान वापस मिली। उन्होंने यहां बड़े बड़े मन्दिरों व तीर्थों का निर्माण किया व पुराने स्थानों का जीर्णोद्धार करवाया, साथ ही कई शैक्षिक संस्थाण भी बनवाये। उस काल में नगर ने काफ़ी उन्नति की। १८९७ में एक ४३  कि.मी लम्बी रेल लाइन द्वारा जम्मू को सियालकोट से जोड़ा गया था, किन्तु १९४७ में भारत के विभाजन के बाद यह रेल लाइन बंद कर दी गयी क्योंकि सियालकोट से आवाजाही की कड़ी ही टूट गयी थी। उसके बाद जम्मू शहर में १९७१ तक कोई रेल सेवा नहीं थी। तभी भारतीय रेल ने पठानकोट-जम्मू तवी ब्रॉड गेज रेल लाइन डाली और अन्ततः १९७५ में एक बार फ़िरसे नये जम्मू-तवी रेलवे स्टेशन के साथ जम्मू शेष भारत से रेल द्वारा जुड़ गया। वर्ष २००० में पुराने रेलवे स्टेशन का अधिकांश भाग ध्वस्त कर वहां एक कला केन्द्र बनाया गया।[8]

जलवायु[संपादित करें]

शेष उत्तर-पश्चिम भारत की भांति ही, जम्मू में भी आर्द्र उपोष्णकटिबन्धीय जलवायु (Köppen: Cwa) ही है। यहां ग्रीष्मकाल में अधिकतम तापमान 46 °से. (115 °फ़ै), एवं शीतकालीन माहों में न्यूनतम तापमान हिमांक से नीचे भी जा सकता है। जून ग्रीष्मतम माह होता है जिसका औसत उच्च तापमान 40.6 °से. (105.1 °फ़ै) रहता है, जबकि जनवरी शीतलतम माह होता है जिसमें औसत न्यूनतम तापमान 7 °से. (45 °फ़ै) तक रहता है। औसत वार्षिक वर्षा लगभग 42 इंच (1,100 मि॰मी॰) होती है, जिसमें से अधिकतम वर्षा जून से सितम्बर के बीच वर्षा ऋतु में होती है, जब भारत में मानसून आता है, हालांकि शीतकाल में भी कुछ वर्षाएं हो जाती हैं। सर्दियों के महिनों में गहन कोहरा एवं कुहासा (स्मॉग) लोगों को काफ़ी असुविधा करता है और तापमान 2 °से. (36 °फ़ै) तक गिर सकता है। ग्रीष्मकाल में विशेषकर मई तथा जून माह में, तेज धूप के साथ-साथ अच्छी गर्म हवाएं पारे को 46 °से. (115 °फ़ै) तक पहुंचा देती हैं, किन्तु इस तेज गर्मी से राहत देने वाला वर्षा-काल मानसून हवाओं के संग तेज बारिश तथा तड़ित व आंधी लेकर आता है। इस समय आर्द्रतम माहों की कुल वर्षा 669 मिलीमीटर (26.3 इंच) तक पहुंच सकती है।

जम्मू के जलवायु आँकड़ें
माह जनवरी फरवरी मार्च अप्रैल मई जून जुलाई अगस्त सितम्बर अक्टूबर नवम्बर दिसम्बर वर्ष
उच्चतम अंकित तापमान °C (°F) 26
(79)
31
(88)
36
(97)
41
(106)
45
(113)
46
(115)
44
(111)
41
(106)
37
(99)
36
(97)
31
(88)
26
(79)
46
(115)
औसत उच्च तापमान °C (°F) 18.8
(65.8)
21.9
(71.4)
26.6
(79.9)
32.9
(91.2)
38.3
(100.9)
40.6
(105.1)
35.5
(95.9)
33.7
(92.7)
33.6
(92.5)
31.7
(89.1)
26.8
(80.2)
21.1
(70)
30.1
(86.2)
औसत निम्न तापमान °C (°F) 7.4
(45.3)
9.6
(49.3)
13.6
(56.5)
19.0
(66.2)
24.4
(75.9)
26.8
(80.2)
24.5
(76.1)
24.0
(75.2)
23.0
(73.4)
18.4
(65.1)
12.6
(54.7)
8.5
(47.3)
17.7
(63.9)
निम्नतम अंकित तापमान °C (°F) −2
(28)
−3
(27)
3
(37)
6
(43)
7
(45)
13
(55)
13
(55)
8
(46)
12
(54)
4
(39)
2
(36)
−3
(27)
−3
(27)
औसत वर्षा मिमी (inches) 52.4
(2.063)
79.0
(3.11)
74.9
(2.949)
47.1
(1.854)
34.8
(1.37)
87.3
(3.437)
371.5
(14.626)
370.2
(14.575)
140.9
(5.547)
25.1
(0.988)
10.1
(0.398)
38.3
(1.508)
1,331.6
(52.425)
स्रोत #1: बीबीसी मौसम
स्रोत #2: भारतीय मौसम विभाग

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Department of Posts, Ministry of Communications, Government of India (16 March 2017). "Village/Locality based Pin mapping as on 16th March 2017". data.gov.in. अभिगमन तिथि 4 October 2018.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)
  2. "Jammu, Kashmir, Ladakh: Ringside Views," Onkar Kachru and Shyam Kaul, Atlantic Publishers, 1998, ISBN 9788185495514
  3. "District Census Handbook, Jammu & Kashmir Archived 2016-05-12 at the वेबैक मशीन," M. H. Kamili, Superintendent of Census Operations, Jammu and Kashmir, Government of India
  4. "Restoration of Panchayats in Jammu and Kashmir," Joya Roy (Editor), Institute of Social Sciences, New Delhi, India, 1999
  5. "Land Reforms in India: Computerisation of Land Records," Wajahat Habibullah and Manoj Ahuja (Editors), SAGE Publications, India, 20050, ISBN 9788132103493
  6. जेराथ, अशोक (2000). फ़ोर्ट्स एण्ड पैलेसेज़ ऑफ़ वैस्टर्न हिमालयाज़. पपृ॰ ५९-६५. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-7387-104-3. मूल से 5 October 2013 को पुरालेखित.(अंग्रेज़ी)
  7. सिलास, संदीप (२००५). डिस्कवर इण्डिया बाय रेल. स्टर्लिंग पब्लिशर्स प्रा.लि. पृ॰ ४७. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-207-2939-0. मूल से 25 अक्तूबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ७ अप्रैल २०१०.
  8. Govt thinks of art, so a pre-Partition heritage must die। इण्डियन एक्स्प्रेस। १७ नवम्बर २०११