चक्रपाणि दत्त

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चक्रपाणि दत्त ( बांग्ला: চক্রপাণি দত্ত ) ( 11वीं शताब्दी ) आयुर्वेद के प्रसिद्ध आचार्य थे। इनका काल लगभग 1075 ई0 माना गया है। यह बंगाल के रहने वाले थे। यह नारायण दत्त के पुत्र एवं नरदत्त के शिष्य थे। इन्होंने चरकसंहिता पर 'आयुर्वेददीपिका' एवं सुश्रुतसंहिता पर 'भानुमती' नामक व्याख्या लिखी। इस करण उनको 'चरकचतुरानन' एवं 'सुश्रुतसहस्रनयन' उपाधियों से विभूषित किया गया। इसके अतिरिक्त इन्होंने 'चक्रदत्त' (चिकित्सा संग्रह) और 'द्रव्यगुण संग्रह' नामक ग्रन्थों की भी रचना की ।

माना जाता है कि चक्रपाणि दत्त का जन्म 11वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में मयूरेश्वर गांव में हुआ था, जो अब पश्चिम बंगाल में स्थित है। [1] वह एक ब्राह्मण थे और एक कुलीन वैद्य परिवार से थे। [2] [3] उनके पिता ने पाल सम्राट, नयापाल के लिए रसोई अधीक्षक के रूप में काम किया था। [4] उनके बड़े भाई भानु अंतरंग (विद्वान चिकित्सक) थे। [5] नरदत्त, जो एक पाल राजा के दरबारी थे, ने चक्रपाणि दत्त के आध्यात्मिक शिक्षक के रूप में काम किया। [6]

चक्रपाणि दत्त युवावस्था में ही आयुर्वेद के प्राथमिक ग्रन्थों ग्रंथों चरक संहिता और सुश्रुत संहिता पर दीपिका की रचना करके प्रसिद्धि प्राप्त कर ली। [4] उनकी सबसे प्रसिद्ध रचना चिकित्सासंग्रह , द्रव्यगुण , और सर्वसारसंग्रह हैं। [6] इनमें रोगों के चिकित्सीय, शल्य चिकित्सा और शारीरिक उपचार पर चर्चा की गई ।इस कारण उन्हें आयुर्वेद चिकित्सा में एक विशेषज्ञ के रूप में माना जाने लगा। [7] उन्होंने धातुओं को भी औषधियों में अवयव के रूप में मिलान आरम्भ किया। यह एक असाधारण बात थी। इतिहासकार दुर्गा प्रसाद मजूमदार का तर्क है कि इसने "चिकित्सा विज्ञान में एक नए युग की शुरुआत की"। [3] [8]

चक्रपाणिदत्त की उपलब्धियों के कारण उन्हें चरकचतुरानन, सुश्रुतसहस्रनयन और महामहोपाध्याय की उत्कृष्ट उपाधियों से विभूषित किया जाने लग। [3] संस्कृत व्याकरण और न्याय दर्शन में भी उनका योगदान उल्लेखनीय माना जाता है। उन्होंने शब्दचंद्रिका नामक शब्दकोश रचा और गौतम के न्याय सूत्र पर टीका लिखी। [6]

संदर्भ[संपादित करें]

  1. Sengupta, Jatindra Chandra (1975). West Bengal District Gazetteers: Birbhum. State editor, West Bengal District Gazetteers. पृ॰ 484.
  2. Srivastava, G. P. (1954). History of Indian pharmacy. Pindars Limited. पृ॰ 101.
  3. Subhaktha, P. K. J.P. (1992). Cakrapénidatta. Bulletin of the Indian Institute of History of Medicine. 22-23. Indian Institute of History of Medicine. पृ॰ 53. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> अमान्य टैग है; "Subhaktha" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है
  4. Srikantamurthy, K. R. (1968). Luminaries of Indian medicine: from the earliest times to the present day. पृ॰ 62. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> अमान्य टैग है; "Srikantamurthy" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है
  5. Majumdar, Ramesh Chandra (1943). The History of Bengal. University of Dacca. पृ॰ 316.
  6. Ghosh, Monoranjan (2014). "Chakrapani Datta". Banglapedia: National Encyclopedia of Bangladesh (Second संस्करण). Asiatic Society of Bangladesh. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> अमान्य टैग है; "Banglapedia" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है
  7. Srikantamurthy (1968)
  8. Mazumder, Durga Prasad (1993). Dimensions of Political Culture in Bengal, 1814-1857: With Special Reference to Raja Rammohun Roy. Subarnarekha. पृ॰ 43.