कोशिकांग
कोशिका विज्ञान | |
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प्राणि कोशिका चित्र | |
जिस प्रकार शरीर के विभिन्न अंग भिन्न-भिन्न कार्य करते हैं, उसी प्रकार कोशिका के अन्दर स्थित संरचनाएँ विशिष्ट कार्य करती हैं। अतः इन संरचनाओं को कोशिकांग या अंगक (Organelle) कहते हैं। उदाहरण के लिये, माइटोकांड्रिया या सूत्रकणिका कोशिका का 'शक्तिगृह' (power house) कहलाता है क्योंकि इसी में कोशिका की अधिकांश रासायनिक ऊर्जा उत्पन्न होती है।
विभिन्न्न कोशिकांग निम्नलिखित हैं।
1. कोशिका झिल्ली- प्रत्येक कोशिका में सबसे बाहरी अंग कोशिका झिल्ली होता है। यह जीवित और अर्ध पारगम्य झिल्ली है। इससे होकर कुछ ही पदार्थों का आवागमन संभव है अतः इसे चयन पारगम्य झिल्ली कहा जाता है। इलेक्ट्रॉनिक सूक्ष्मदर्शी से देखने पर यह दोहरी परत मालूम पड़ती है इसमें एक परत लिपिड और दोनों और प्रोटीन की दो परतें होती है। यह कोशिका की आकार निश्चित रखने में मदद करता है एवं इसे यांत्रिक सहारा प्रदान करता है। यह लेख मै रियल मे टू फोन से गूगल वॉइस टाइपिंग द्वारा लिख रहा हूं अतः कुछ अशुद्धियां हो सकती हैं। ~सबसे छोटा कोशिकांग:-राइबोसोम-जिसका निर्माण केन्द्रिका द्वारा किया जाता है। -सबसे बड़ा कोशिकांग :-क्लोरोप्लास्ट(हरितलवक) तथा द्वितीयक बड़ा कोशिकांग:-माईट्रोकोंड्रिया।
बाहरी कड़ियाँ
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