कीर्तिसागर का युद्ध

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
कीर्तिसागर का युद्ध
चन्देल-चौहान युद्ध का भाग
तिथि 1187 CE
स्थान कीर्ति सागर, महोबा, जेजाकभुक्ति (उत्तर प्रदेश)
परिणाम चन्देल साम्राज्य की जीत
  • पृथ्वीराज पुन: परमर्दीदेव द्वारा पराजित हुआ।
योद्धा
अजमेर के चौहान

(सहायक राजवंश)

  • चंद्रावती के परमार
  • नाडोला के चौहान
चन्देल साम्राज्य

(सम्मिलित राजवंश)

सेनानायक
पृथ्वीराज चौहान

गोविंदचंद्र

पजावन

झाला सिंह

धीर पुंडीर

परमर्दिदेव
  • अभय प्रतिहार
  • हरिशंकर तिवारी
  • नरसिंह तोमर
शक्ति/क्षमता
80 हजार चौहान। 50 हजार चन्देल, 20 हज़ार काशी के रघुवंशी एवं गहरवार।
मृत्यु एवं हानि
भारी नुकसान। कुछ सिपाही मारे जाते है।

कीर्तिसागर का युद्ध दिल्ली राज्य और चन्देल साम्राज्य के मध्य लड़ा गया जिसमे दिल्ली के राजा पृथ्वीराज चौहान महोबा के सम्राट परमर्दिदेव चन्देल द्वारा पुन: पराजित हुआ एवं भाग गया[1][2][3][4]

कारण[संपादित करें]

महोबा के युद्ध में पराजित होने के बाद पृथ्वीराज ने आल्हा के सन्यास की खबर सुनते ही दुबारा हमले की योजना बनाई और आक्रमण कर दिया।

संदर्भ[संपादित करें]

  1. Mohinder Singh Randhawa & Indian Council of Agricultural Research 1980, पृ॰प॰ 472.
  2. M.S. Randhawa & Indian Sculpture: The Scene, Themes, and Legends 1985, पृ॰प॰ 532.
  3. Parmal Raso, Shyam sunder Das, 1919, 467 pages
  4. Pandey(1993) pg197-332