सभापर्व
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महाभारत के द्वितीय पर्व, सभा पर्व, के अन्तर्गत कुल १० उपपर्व और ८१ अध्याय हैं।
उपपर्व
[संपादित करें]- सभाक्रिया पर्व
- लोकपालसभाख्यान पर्व
- राजसूयारम्भ पर्व
- जरासन्धवध पर्व
- दिग्विजय पर्व
- राजसूय पर्व
- अर्घाभिहरण पर्व
- शिशुपालवध पर्व
- द्यूत पर्वsloke sakhya63
- अनुद्यूत पर्व
अध्याय एवम श्लोक
[संपादित करें]- अध्याय एवम श्लोक संख्या : ८१/४०५६
विषय-सूची
[संपादित करें]सभा पर्व में देवशिल्पी विश्वकर्मा द्वारा इन्द्रप्रस्थ का निर्माण तथा मय दानव द्वारा युधिष्ठिर के लिए सभाभवन का निर्माण, देवर्षि नारद द्वारा विभिन्न लोकपालों की सभाओं का वर्णन, देवर्षि नारद के कहने पर युधिष्ठिर द्वारा राजसूय करने का संकल्प करना, जरासन्ध की कथा तथा उसका वध, पाण्डवों की दिग्विजय यात्रा, शिशुपालवध, दुर्योधन तथा शकुनि द्वारा द्युतक्रीडा का आयोजन, युधिष्ठिर की उस द्यूत में हार और पाण्डवों का वनवास आदि वर्णित है।
चित्र दीर्घा
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पाण्ड्व श्रीकृष्ण के साथ खाण्डववन में मय दानव तथा विश्वकर्मा द्वारा निर्मित इन्द्रप्रस्थ नगर को देखते हुए
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द्युतक्रीडा तथा द्रोपदी चीर हरण
बाहरी कडियाँ
[संपादित करें]- वेद-पुराण - यहाँ चारों वेद एवं दस से अधिक पुराण हिन्दी अर्थ सहित उपलब्ध हैं। पुराणों को यहाँ सुना भी जा सकता है।
- महर्षि प्रबंधन विश्वविद्यालय-यहाँ सम्पूर्ण वैदिक साहित्य संस्कृत में उपलब्ध है।
- ज्ञानामृतम् - वेद, अरण्यक, उपनिषद् आदि पर सम्यक जानकारी
- वेद एवं वेदांग - आर्य समाज, जामनगर के जालघर पर सभी वेद एवं उनके भाष्य दिये हुए हैं।
- जिनका उदेश्य है - वेद प्रचार[मृत कड़ियाँ]
- वेद-विद्या_डॉट_कॉम