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महान हिन्दू एवं भारतीय ऐतिहासिक महाकाव्य ग्रन्थ महाभारत में १८ पर्व हैं। इनका ब्यौरा इस प्रकार से है।
पर्व |
शीर्षक |
उप-पर्व संख्या |
उप-पर्व सूची |
अध्याय एवम श्लोक संख्या |
विषय-सूची
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१
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आदिपर्व
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१-१९
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- अनुक्रमणिका पर्व
- पर्वसंग्रह पर्व
- पौष्य पर्व
- पौलोम पर्व
- आस्तीक पर्व
- अंशावतार पर्व
- सम्भाव पर्व
- जतुगृह पर्व
- हिडिम्बवध पर्व
- बकवध पर्व
- चैत्ररथ पर्व
- स्वयंवर पर्व
- वैवाहिक पर्व
- विदुरागमन राज्यलम्भ पर्व
- अर्जुनवनवास पर्व
- सुभद्राहरण पर्व
- हरणाहरण पर्व
- खाण्डवदाह पर्व
- मयदर्शन पर्व
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२२७/७९००
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- परिचय,
- राजकुमारों का जन्म और
लालन-पालन
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२
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सभापर्व
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२०-२८
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- सभाक्रिया पर्व
- लोकपालसभाख्यान पर्व
- राजसूयारम्भ पर्व
- जरासन्धवध पर्व
- दिग्विजय पर्व
- राजसूय पर्व
- अर्घाभिहरण पर्व
- शिशुपालवध पर्व
- द्यूत पर्व
- अनुद्यूत पर्व
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७८/२५११
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- दरबार की झलक और द्यूत क्रीड़ा
- इंद्रप्रस्थ का निर्माण और पाण्डवों का वनवास
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३
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अरयण्कपर्व
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२९-५०
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- अरण्य पर्व
- किर्मीरवध पर्व
- अर्जुनाभिगमन पर्व
- कैरात पर्व
- इन्द्रलोकाभिगमन पर्व
- नलोपाख्यान पर्व
- तीर्थयात्रा पर्व
- जटासुरवध पर्व
- यक्षयुद्ध पर्व
- निवातकवचयुद्ध पर्व
- अजगरपर्व
- मार्कण्डेयसमस्या पर्व
- द्रौपदीसत्यभामा पर्व
- घोषयात्रा पर्व
- मृगस्वप्नोद्भव पर्व
- ब्रीहिद्रौणिक पर्व
- द्रौपदीहरण पर्व
- जयद्रथविमोक्ष पर्व
- रामोपाख्यान पर्व
- पतिव्रतामाहात्म्य पर्व
- कुण्डलाहरण पर्व
- आरणेय पर्व
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२६९/११६६४
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- पाण्डवो का वनों में १२ वर्ष का जीवन
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४
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विराटपर्व
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५१-५५
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- पाण्डवप्रवेश पर्व
- समयपालन पर्व
- कीचक वध पर्व
- गोहरण पर्व
- वैवाहिक पर्व
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६७/२०५०
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- राजा विराट के राज्य में अज्ञातवास
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५
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उद्योगपर्व
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५६-६५
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- सेनोद्योग पर्व
- संजययान पर्व
- प्रजागर पर्व
- सनत्सुजात पर्व
- यानसन्धि पर्व
- भगवद्-यान पर्व
- सैन्यनिर्याण पर्व
- उलूकदूतागमन पर्व
- रथातिरथसंख्या पर्व
- अम्बोपाख्यान पर्व
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१८६/६६९८
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६
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भीष्मपर्व
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६६-६९
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- जम्बूखण्डविनिर्माण पर्व
- भूमि पर्व
- श्रीमद्भगवद्गीता पर्व
- भीष्मवध पर्व
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११७/५८८४
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- महाभारत युद्ध का पहला भाग
- भीष्म कौरवों के सेनापति
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७
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द्रोणपर्व
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७०-७७
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- द्रोणाभिषेक पर्व
- संशप्तकवध पर्व
- अभिमन्यु वध पर्व
- प्रतिज्ञा पर्व
- जयद्रथ वध पर्व
- घटोत्कच वध पर्व
- द्रोणवध पर्व
- नारायणास्त्रमोक्ष पर्व
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१७०/८९०९
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- युद्ध जारी, द्रोण सेनापति बने
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८
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कर्णपर्व
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७८
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७९/४९६४
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- युद्ध जारी, कर्ण सेनापति बना
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९
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शल्यपर्व
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७९-८०
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५९/३२२०
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- युद्ध का अंतिम भाग
- शल्य सेनापति
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१०
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सौप्तिकपर्व
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८१
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१८/८७०
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११
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स्त्रीपर्व
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८२-८४
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- जलप्रादानिक पर्व
- विलाप पर्व
- श्राद्ध पर्व
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२७/७७५
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- गान्धारी का मृत लोगों के लिये शोक
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१२
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शांतिपर्व
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८५-८७
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- राजधर्मानुशासन पर्व
- आपद्धर्म पर्व
- मोक्षधर्म पर्व
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३३९/१४७३२
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- युधिष्ठिर का राज्याभिषेक
- भीष्म के दिशा-निर्देश
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१३
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अनुशासनपर्व
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८८-८९
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- दान-धर्म-पर्व
- भीष्मस्वर्गारोहण पर्व
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१८६/८०००
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१४
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अश्वमेधिकापर्व
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९०-९२
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- अश्वमेध पर्व
- अनुगीता पर
- वैष्णव पर्व
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१०३/३३२०
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- युधिष्ठिर द्वारा अश्वमेध का आयोजन
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१५
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आश्रम्वासिकापर्व
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९३-९५
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- आश्रमवास पर्व
- पुत्रदर्शन पर्व
- नारदागमन पर्व
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८२/१५०६
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- धृतराष्ट्र, गान्धारी और कुन्ती का वन में आश्रम के लिये प्रस्थान"
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१६
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मौसुलपर्व
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९६
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८/३२०
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१७
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महाप्रस्थानिकपर्व
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९७
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३/१२३
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- युधिष्ठिर और उनके भाइयों की सद्गति का प्रथम भाग
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१८
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स्वर्गारोहणपर्व
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९८
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५/२०७
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खिलभाग
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हरिवंशपर्व
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९९-१००
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१२०००
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- इसे महाभारत का खिल भाग भी कहते है, इसमें विशेष कर भगवान श्री कृष्ण के बारे में वर्णन है।
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