पाञ्चाल

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पांचाल या पञ्चाल राज्य प्राचीन भारत के 16 महाजनपदों में से एक था। यह उत्तर में हिमालय के भाभर क्षेत्र से लेकर दक्षिण में चर्मनवती नदी के उत्तरी तट के बीच के मैदानों में फैला हुआ था। इसके पश्चिम में कुरु, मत्स्य तथा सुरसेन राज्य थे और पूर्व में नैमिषारण्य था। बाद में यह दो भागों में बाँटा गया। उत्तर पांचाल हिमालय से लेकर गंगा के उत्तरी तट तक था तथा उसकी राजधानी अहिछत्र थी तथा दक्षिण पांचाल गंगा के दक्षिणी तट से लेकर चर्मनवती तक था और उसकी राजधानी काम्पिल्य(वर्तमान फर्रुखाबाद) थी।[1]
अखण्ड पांचाल की सत्ता पाण्डवों के ससुर तथा द्रौपदी के पिता द्रुपद के पास थी। कहा जाता है कि पहले द्रुपद तथा पाण्डवों और कौरवों के गुरु द्रोणाचार्य के बीच घनिष्ट मित्रता थी लेकिन द्रोणाचार्य अपने पुत्र को आधा पांचाल का राजा बनाना चाहते थे क्योंकि ये वचन खुद राजा द्रुपद ने गुरु द्रोणाचार्य को खुद दिया था, लेकिन अपने वचन का राजा द्रुपद ने पालन नहीं किया बाद मैं दोनों में इसी वज़ह से मन-मुटाव हो गया। फलतः दोनों के बीच युद्ध छिड़ गया। युद्ध में द्रुपद की हार हुयी और पांचाल का विभाजन हुआ। उत्तर पांचाल के राजा द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा मनोनीत हुए तथा द्रुपद को दक्षिण पांचाल से ही संतोष करना पड़ा। दोनों राज्यों को गंगा अलग करती थी। यही पर महाभारत कालीन द्रौपदी का जन्म हुआ था। इसीलिए उनका नाम पांचाली हुआ।

पञ्चाल राज्य

पांचाल राजवंश
ल. 1100 ई.पू–ल. 340 ई.पू
वैदिक काल मे पांचाल राज्य का विस्तार (ल. 1100 ई.पू)
वैदिक काल मे पांचाल राज्य का विस्तार (ल. 1100 ई.पू)
महाजनपद काल मे पांचाल राज्य का विस्तार (ल. 500 ई.पू)
महाजनपद काल मे पांचाल राज्य का विस्तार (ल. 500 ई.पू)
राजधानीअहिच्छत्र (उत्तर-पांचाल) और काम्पिल्य (दक्षिण-पांचाल)
प्रचलित भाषाएँसंस्कृत
धर्म
हिंदू धर्म
सरकारराजतंत्र
महाराज और सम्राट 
• 12वीं शताब्दी ई.पू
प्रिशत
• 11वीं शताब्दी ई.पू
द्रुपद
• 10वीं शताब्दी ई.पू
धृष्टद्युम्न
• 9–8वीं शताब्दी ई.पू
केसीन दलभ्य
• 8–7वीं शताब्दी ई.पू
प्रवाहन जयवली
ऐतिहासिक युगलौह युग
• स्थापित
ल. 1100 ई.पू
• अंत
ल. 340 ई.पू
पूर्ववर्ती
परवर्ती
भारत लोग (ऋग्वेद)
पुरु लोग
महाजनपद
नंद वंश
अब जिस देश का हिस्सा हैभारत

भौगोलिक स्थिति[संपादित करें]

पांचाल राज्य गोमती नदी के पश्चिम में एवं चम्बल नदी के उत्तर में स्थित था। इसके पश्चिम में पड़ोसी सूरसेन एवं यकृल्लोम थे जबकि उत्तर-पश्चिम यह गंगा एवं कुरुओं के मध्य सघन वन से अलग थे। उत्तर में गंगा के उद्गम क्षेत्र तक वन था। वर्तमान में उत्तर प्रदेश के बरेली, बदायूँ, फ़र्रूख़ाबाद, रोहिलखंड के निकटवर्ती क्षेत्र और गंगा-यमुना का मध्य क्षेत्र पांचाल राज्य का भाग थे।[2]

इन्हें भी देखें[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. नाहर, डॉ रतिभानु सिंह (1974). प्राचीन भारत का राजनैतिक एवं सांस्कृतिक इतिहास. इलाहाबाद, भारत: किताबमहल. पृ॰ 112. पाठ "editor: " की उपेक्षा की गयी (मदद); |access-date= दिए जाने पर |url= भी दिया जाना चाहिए (मदद)
  2. रायचौधरी, हेमेन्द्र (1953). Political History of Ancient India: From the Accession of Parikshit to the Extinction of Gupta Dynasty. कलकत्ता विश्वविद्यालय. पपृ॰ 70–74.