"ओष्ठ": अवतरणों में अंतर
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'''ओष्ठ''' या '''ओठ''' या '''होंठ''' [[मनुष्य]] तथा कई अन्य [[जंतु|जंतुओं]] के मुँह का बाहरी दिखने वाला भाग होता है। ओष्ठ कोमल, लचीले तथा चलायमान होते हैं और आहार ग्रहण छिद्र ([[मुँह]]) का द्वार होते हैं। इसके अलावा वह ध्वनि का उच्चारण करने में मदद भी करते हैं जिसकी वजह से मनुष्य गले से निकली ध्वनि को [[वार्तालाप]] में परिवर्तित कर पाने में सक्षम हो सका है।<ref name = "lips">{{cite web| title = lips (anatomy)| publisher = Encyclopædia Britannica<sup>©</sup>| url = http://www.britannica.com/EBchecked/topic/342761/lips| accessdate = २० जुलाई २०१२| archive-url = https://web.archive.org/web/20120414090557/http://www.britannica.com/EBchecked/topic/342761/lips| archive-date = 14 अप्रैल 2012| url-status = live}}</ref> मनुष्यों में होंठ स्पर्श संवेदी अंग होता तथा [[पुरुष]] तथा [[नारी]] के अंतरंग समय में कामुकता बढ़ाने का काम भी करता है। |
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== ज्योतिष शास्त्र में == |
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हमारे ज्योतिष शास्त्र भी होंठ को अहमियत दी गई है। ज्योतिषी व्यक्ति के होंठों को देखकर उसके व्यक्तित्व के बारे में जान लेते हैं।<ref>{{cite web| title = साहसी व स्वस्थ्य होते हैं लाल होंठ वाले पुरुष| publisher = One India Hindi| url = http://hindi.oneindia.in/astrology/2011/lipsof-man-define-personality-aid0191.html| date = ०६ नवम्बर २०११ |
हमारे ज्योतिष शास्त्र भी होंठ को अहमियत दी गई है। ज्योतिषी व्यक्ति के होंठों को देखकर उसके व्यक्तित्व के बारे में जान लेते हैं।<ref>{{cite web| title = साहसी व स्वस्थ्य होते हैं लाल होंठ वाले पुरुष| publisher = One India Hindi| url = http://hindi.oneindia.in/astrology/2011/lipsof-man-define-personality-aid0191.html| date = ०६ नवम्बर २०११| accessdate = २० जुलाई २०१२| archive-url = https://web.archive.org/web/20140222122642/http://hindi.oneindia.in/astrology/2011/lipsof-man-define-personality-aid0191.html| archive-date = 22 फ़रवरी 2014| url-status = live}}</ref> |
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== इन्हें भी देखें == |
== इन्हें भी देखें == |
04:10, 16 जून 2020 का अवतरण
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होंठ | |
---|---|
होंठ | |
धमनी | inferior labial, superior labial |
शिरा | inferior labial, superior labial |
तंत्रिका | frontal, infraorbital |
ओष्ठ या ओठ या होंठ मनुष्य तथा कई अन्य जंतुओं के मुँह का बाहरी दिखने वाला भाग होता है। ओष्ठ कोमल, लचीले तथा चलायमान होते हैं और आहार ग्रहण छिद्र (मुँह) का द्वार होते हैं। इसके अलावा वह ध्वनि का उच्चारण करने में मदद भी करते हैं जिसकी वजह से मनुष्य गले से निकली ध्वनि को वार्तालाप में परिवर्तित कर पाने में सक्षम हो सका है।[1] मनुष्यों में होंठ स्पर्श संवेदी अंग होता तथा पुरुष तथा नारी के अंतरंग समय में कामुकता बढ़ाने का काम भी करता है।
रचना
ओष्ठ दो भागों में विभाजित होता है-ऊपरी होंठ और निचला ओष्ठ। विज्ञान की भाषा में इनको क्रमशः लेबिअम सुपीरिअस ऑरिस तथा लेबिअम इन्फ़ीरिअस ऑरिस भी कहा जाता है। जिस हिस्से में होंठ त्वचा के साथ मिलते हैं उस हिस्से को वर्मिलियन बॉर्डर कहते है। उसी प्रकार होंठों की लाल खाल को वर्मिलियन ज़ोन कहलाता है। यही वर्मिलियन ज़ोन मुँह के अन्दर की श्लेष्मी झिल्ली और शरीर के ऊपर की त्वचा के बीच का परिवर्तन क्षेत्र है।[1] होंठों में न तो बाल होते हैं और न ही पसीने की ग्रन्थियाँ। इसलिए उन्हें पसीने तथा शारीरिक तैल की सुरक्षा नहीं मिल पाती जिससे वह अपनी ऊपरी सतह को चिकना रख सकें, तापमान नियंत्रित कर सकें तथा रोगाणुओं से बच सकें। इसी कारणवश होंठ जल्दी सूख जाते हैं और कट-फट जाते हैं।
ज्योतिष शास्त्र में
हमारे ज्योतिष शास्त्र भी होंठ को अहमियत दी गई है। ज्योतिषी व्यक्ति के होंठों को देखकर उसके व्यक्तित्व के बारे में जान लेते हैं।[2]
इन्हें भी देखें
सन्दर्भ
- ↑ अ आ "lips (anatomy)". Encyclopædia Britannica©. मूल से 14 अप्रैल 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २० जुलाई २०१२.
- ↑ "साहसी व स्वस्थ्य होते हैं लाल होंठ वाले पुरुष". One India Hindi. ०६ नवम्बर २०११. मूल से 22 फ़रवरी 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २० जुलाई २०१२.
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