"हैरी एस ट्रूमैन": अवतरणों में अंतर

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सन् 1945 में कार्यालय समाप्त होने से पहले ही अचानक राष्ट्रपति रूजवेल्ट की मृत्यु हो जाने पर ट्रूमन राष्टपति बने। अनेक समस्याओं में वे रूजवेल्ट की नीति से प्राय: अनभिज्ञ ही रहे थे इसलिये उनके लिये प्रशासन सबसे अधिक जटिल साबित हुआ।
सन् 1945 में कार्यालय समाप्त होने से पहले ही अचानक राष्ट्रपति रूजवेल्ट की मृत्यु हो जाने पर ट्रूमन राष्टपति बने। अनेक समस्याओं में वे रूजवेल्ट की नीति से प्राय: अनभिज्ञ ही रहे थे इसलिये उनके लिये प्रशासन सबसे अधिक जटिल साबित हुआ।


ट्रूमैन के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ घटी जैसे कि जर्मनी पर विजय, हिरोशिमा और नागासाकी पर एटम बम का गिराना, जापान का आत्मसर्मपण,और द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति, संयुक्त राष्ट्र की स्थापना, युरोप के पुनर्निर्माण के लिए मारशल प्लान की घोषणा, साम्यवाद को रोकने के लिए ट्रूमन डाक्ट्रीन की घोषणा, शीत युद्ध का आरम्भ और कोरिया से युद्ध।
ट्रूमैन के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ घटी जैसे कि जर्मनी पर विजय, हिरोशिमा और नागासाकी पर एटम बम का गिराना, जापान का आत्मसर्मपण, और द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति, संयुक्त राष्ट्र की स्थापना, युरोप के पुनर्निर्माण के लिए मारशल प्लान की घोषणा, साम्यवाद को रोकने के लिए ट्रूमन डाक्ट्रीन की घोषणा, शीत युद्ध का आरम्भ और कोरिया से युद्ध।


अपनी गृहनीति में उन्हें काफी कठिनाइयाँ उठानी पड़ीं क्योंकि कोरिया के शीतयुद्ध ने अमरीका की अंतरराष्ट्रीय जिम्मदारियों को बहुत गंभीर कर दिया। अंतरराष्ट्रीय स्थिति में अमरीका के स्थान को सँभालने की दृष्टि से उन्होंने नाटो संगठन का सूत्रपात्र किया।
अपनी गृहनीति में उन्हें काफी कठिनाइयाँ उठानी पड़ीं क्योंकि कोरिया के शीतयुद्ध ने अमरीका की अंतरराष्ट्रीय जिम्मदारियों को बहुत गंभीर कर दिया। अंतरराष्ट्रीय स्थिति में अमरीका के स्थान को सँभालने की दृष्टि से उन्होंने नाटो संगठन का सूत्रपात्र किया।

06:45, 23 सितंबर 2014 का अवतरण

हैरी एस ट्रूमैन

कार्य काल
१९४५ – १९५३

जन्म
राजनैतिक पार्टी डेमोक्रैट
धर्म ईसाई
हैरी एस ट्रूमैन

हैरी एस ट्रूमैन संयुक्त राज्य अमरीका के राष्ट्रपति थे। इनका कार्यकाल १९४५ से १९५३ तक था। ये डेमोक्रेटिक पार्टी से संबद्ध थे।

हैरी एस ट्रूमैन(जन्म 8 मई, 1884, लामार (मिसौरी)) संयुक्त राज्य अमरीका के 33वे राष्ट्रपति थे।

प्रारम्भिक जीवन

इनका जन्म 8 मई, 1884 को लामार (मिसौरी) में हुआ था। वे पिता जॉन ऐंडरसन ट्रूमन और माँ नाम मार्था एलेन की दूसरी संतान थे। जीवन के प्रारंभिक दिनों में अपनी शिक्षा के साथ साथ टूमन अपने पिता के खेतों में भी काम करते थे। प्रतिभाशाली छात्र के रूप में 17 साल की अवस्था में उन्होंने हाई स्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की। सैन्य जीवन से मोह होने के कारण उन्होंने न्यूयार्क के सैनिक शिक्षणालय में जाना चाहा लेकिन आँख कमजोर होने के कारण अन्य सभी दृष्टियों से योग्य होते हुए भी वे न जा सके। इसके बाद अगले पाँच साल उन्होंने कैन्सास में अपने को जमाने की कोशिशें कीं लेकिन हारकर घर लौटना पड़ा। सन् 1917 में अमरीका विश्वयुद्ध में शामिल हुआ तो उन्हें सेना में आने का अवसर मिल गया। आर्टिलरी यूनिट के साथ प्रथम लेफ्टिनेंट के रूप में उन्हें फ्रांस भेजा गया। युद्धक्षेत्र में उनकी योग्यता ने उन्हें 1918 तक कैप्टेन के पद तक पहुँचा दिया। अमरीका लौटकर सन् 1919 की 28 जून को उन्होंने बेस वैलेस से शादी की। इसके बाद कैंसास में ही उन्होंने व्यावसायिक कार्य प्रारंभ किया लेकिन इस बाद भी वे असफल ही रहे। इसमें करीब 20,000 डालर के वे कर्जदार भी हो गए। यह कर्ज चुकाने में उन्हें पूरे दस साल लगे। लेकिन इस बीच उन्होंने कभी दीवालिया होना स्वीकार नहीं किया। यह उनके जीवन में घोर निराशा का समय था।

राजनीति

इसके बाद वे अपने एक सैनिक मित्र की सहायता से डेमोक्रेटिक नेता पैडरगास्ट से मिले। टाम जे0 पेंडरगास्ट कैंसास के शासन प्रमुख और अत्यंत व्यवहारकुशल व्यक्ति थे। उन्होंने ट्रूमन की जैक्सन काउंटी के न्यायाधीश पद के चुनाव में सहायता की। दुबारा 1926 में वे प्रसीडेंसी के न्यायाधीश हुए। इस पद पर वे सिनेटर होने तक कार्य करते रहे। ट्रूमैन की सिनेट सदस्यता के पहले सत्र (1935-1941) में कोई विशेषता नहीं थी पर दूसरी बाद सिनेट में आने के बाद ही उन्होंने अमरीकी शासन में अपनी अनिवार्यता सिद्ध कर दी। प्रतिरक्षा योजनाओं में व्यय होनेवाले धन के बारे में सरकार के सम्मुख ट्रूमैन ने एक जाँच समिति की स्थापना का प्रस्ताव रखा। बाद में वे ही स्वयं इस समिति के अध्यक्ष भी बने। इस समिति ने अपने कार्यकाल में करोड़ों डालर की बचत करके सरकार को लाभ पहुँचाया। इस ओर पर्याप्त ख्याति अर्जित करने के कारण 1944 में डेमोक्रेटिक कन्वेन्शन के अवसर पर अमरीका के राष्ट्रपति रूजवेल्ट ने उपराष्ट्रपति पद के लिये ट्रूमन का समर्थन किया।

राष्ट्रपति

सन् 1945 में कार्यालय समाप्त होने से पहले ही अचानक राष्ट्रपति रूजवेल्ट की मृत्यु हो जाने पर ट्रूमन राष्टपति बने। अनेक समस्याओं में वे रूजवेल्ट की नीति से प्राय: अनभिज्ञ ही रहे थे इसलिये उनके लिये प्रशासन सबसे अधिक जटिल साबित हुआ।

ट्रूमैन के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ घटी जैसे कि जर्मनी पर विजय, हिरोशिमा और नागासाकी पर एटम बम का गिराना, जापान का आत्मसर्मपण, और द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति, संयुक्त राष्ट्र की स्थापना, युरोप के पुनर्निर्माण के लिए मारशल प्लान की घोषणा, साम्यवाद को रोकने के लिए ट्रूमन डाक्ट्रीन की घोषणा, शीत युद्ध का आरम्भ और कोरिया से युद्ध।

अपनी गृहनीति में उन्हें काफी कठिनाइयाँ उठानी पड़ीं क्योंकि कोरिया के शीतयुद्ध ने अमरीका की अंतरराष्ट्रीय जिम्मदारियों को बहुत गंभीर कर दिया। अंतरराष्ट्रीय स्थिति में अमरीका के स्थान को सँभालने की दृष्टि से उन्होंने नाटो संगठन का सूत्रपात्र किया।

मार्च, सन् 1952 में अपना कार्यकाल समाप्त होने के साथ ही उन्होंने दुबारा चुनाव में भाग लेने की घोषणा कर दी। १९४८ मे आम धारणा को झुठला कर वह दूसरी बार राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित हुए।

व्यक्तिगत जीवन

हैरी ट्रूमन का विवाह बेस वालस से २८ जून,१९१९ को हुआ था। उनकी एकमात्र संतान, पुत्री मारग्रेट का जन्म १७ फरवरी,१९२४ मे हुआ था।

सन्दर्भ

बाहरी कड़ियाँ