सदस्य:Amitprabhakar
सम्मान
[संपादित करें]मौलिक पदक | |
मैं Mitul0520, Amitprabhakar को हिन्दी विकीपीडिया में अद्भुत योगदानों की सराहना के लिये यह मौलिक पदक
(Original Barnstar) प्रदान करता हूं । --मितुल २१:२४, १२ अक्टूबर २००६ (UTC) |
इतिहास बार्नस्टार | ||
सन २००८ में इतिहास श्रेणी में विशेष पृष्ठों के निर्माण और विकास के महत्वपूर्ण कार्य के लिए सभी सदस्यों व प्रबंधकों
की ओर से। आशा है इन पृष्ठों पर निरंतर सहयोग जारी रहेगा। --पूर्णिमा वर्मन १३:३९, २३ जनवरी २००९ (UTC) |
परिचय
[संपादित करें]नमस्ते ! मेरा नाम अमित है और मेरा ताल्लुक बिहार के मधेपुरा ज़िले से है । मैं २००७ से पेशे से एक यंता हूँ, और संप्रति सिंगापुर में काम कर रहा हूँ । २००९ तक बहुत सक्रिय था और अब यदा-कदा लिखता हूँ - नए योगदानकर्ताओं को देखकर ख़ुशी हो रही है ।
हिन्दी कविताओं से मुझे बहुत लगाव है । गोपाल दास नीरज, धर्मवीर भारती, नागार्जुन, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना, दुष्यंत कुमार, फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ (उर्दू) आदि मेरे प्रिय कवि हैं ।
विकि पर मैं भारत सम्बंधित लेखों में योगदान करने को उत्सुक हूँ । मुझे इतिहास विषय पर सम्पादन काम करके बहुत अच्छा लग रहा है । इसके अलावा मैने भारत के जिलों के भी पृष्ठ बनाए हैं । मेरे द्वारा इस विषय पर सम्पादित लेखों में प्रमुख हैं -
- मौर्य राजवंश,
- सिंधुघाटी सभ्यता, *ईरान का इतिहास, *बाबर, *हख़ामनी वंश, *श्रीलंका का इतिहास, * नादिर शाह
- इतिहास खण्ड - थाईलैंड,
- तमिल नाडू,
- कर्नाटक,
- सीरिया, *इराक़, *अफ़ग़ानिस्तान, आदि
मैं भविष्य में यंत्र, तकनीकी (ख़ासकर तरल गतिकी), भूगोल और गणित संबंधित लेखों में योगदान करने की इच्छा रखता हूँ । अगर आपको इनमें से किसी विषय पर परियोजना या बहुत लिखने का वक़्त मिले को कृपया मुझे भी बतलाइयेगा ।
निवेदन - Request
[संपादित करें]यदि आप इस पृष्ठ पर आए हैं और आप एक साल से अधिक हिंदी विकिपीडिया पर काम कर रहे हैं, तो मेरा आपसे एक विनम्र निवेदन है - कृपया विकिपीडिया को और लाभकारी बनाने में योगदान दैं ।
ध्यान दें कि मैने बृहत या बढ़ोत्तरी जैसे शब्दों का प्रयोग नहीं किया है । मेरा आशय इसके content को अधिक useful बनाना है । यानि अगर बाड़मेर से कटिहार तक, तथा जम्मू से नागपुर तक कोई १०-१२वीं कक्षा का विद्यार्थी किसी विषय के बारे में जानना चाहे, तो उसे उसकी सामग्री यहाँ मिले । और जिससे वह दुबारा यहाँ पर आए, गूगल में हिन्दी विकिपीडिया के लिंक को ही पहले ढूँढे, किसी अन्य को नहीं ।
इसका सही उपाय क्या है ? - इसकी गम्भीरता को उचित बनाएँ । मैंने बढ़ाने के लिए निवेदन नहीं किया - उचित बनाने को निवेदन किया । यानि यूज़र के हिसाब से जितना चाहिए उसके अनुसार, लेकिन एकदम प्रामाणिक और दिशा देने वाली जानकारी ।
आवश्यकता
[संपादित करें]हिन्दी को सर्च का माध्यम बनाना । इसके लिए नौजवानों को जिस मुद्दे पर सोचना पड़ता हो उसको यहाँ कवर करें । हमको डेप्थ बढ़ानी है, लेकिन विकि के पैमाने वाली डेप्थ नहीं, बल्कि इसकी उपयोगिता और मौलिक आर्टिकलों की डेप्थ ।
शुरुआत कहाँ से करें - उदाहरण
[संपादित करें]हिन्दी विकिपीडिया पर जिन चीज़ों की कमी है उनमें से प्रमुख है - अत्यधिक पक्षपात, सिर्फ सैनिक इतिहास और भावनात्मक लेखों से भरपूर होना, तथा नामों की उत्पत्ति के बारें में न लिखना । इन चीज़ों के ध्यान रखने से इसको सुधारा जा सकता है -
- अगर आप किसी (जीवित या मृत) व्यक्ति की जीवनी लिख रहे हैं, तो ध्यान दें कि सिर्फ़ उसकी अच्छाइयों को नहीं दर्शाया गया है, चाहे वो कितना भी प्रसिद्ध और अच्छा व्यक्ति हो । संक्षेप में ही सही, उसके विरोधियों तथा आलोचकों के भी गंभीर बयानों या आरोपों को लिखें (अंत में ही सही) । ध्यान रहें कि गाँधीजी से लेकर स्वामी विवेकानंद जैसे अच्छे आदमियों के आलोचक रहे हैं और हिटलर से लेकर ओसामा जैसे व्यक्तियों के प्रशंसक रहे हैं । दोनों ही पक्षों का बयान किसी भी लेख को संतुलित बनाता है । अगर आप किसी अन्य स्रोत से सामग्री लेकर लिख रहे हों, तो ध्यान दें कि कम से कम दो (प्रामाणिक) स्रोतों से लेकर लिख रहे हों - एक लेखक या संस्था (जैसे NCERT) इसको एक पक्षीय बना देता है ।
- अगर आप इतिहास के किसी राजा/ युद्ध /साम्राज्य/शासन के बारे में लिख रहें हों, तो ध्यान रखिये कि इतिहास सिर्फ युद्ध (विजय/पराजय) की कहानी नहीं है । आर्थिक, भौगोलिक और भाषाई समीकरणों (यानि उतार-चढाव, सम्मिश्रण), सिक्कों, बरतनों जैसे पहलुओं में जो भी महत्वपूर्ण जँचे, लिखिये । अगर आप किसी खेल या सिनेमा के बारे में लिख रहे हैं तो उसके आर्थिक और समीक्षकों वाले हिस्से पर भी प्रकाश डालिये । पुनः कम से कम दो (प्रामाणिक) स्रोतों से लेकर लिखें - एक लेखक या संस्था (जैसे English Wiki) इसको एक पक्षीय बना देता है ।
- तकनीकी और भाषाई विषयों पर लिखने वालों से आग्रह करता हूँ कि सबसे पहले तो ये जाँच ले कि आम आदमी (१२वीं कक्षा या ग्रैजुएट गैर-विज्ञान के विद्यार्थी) को शुरु की २-३ लाईन कैसे समझ में आएगी । इसके लिए एकदम साधारण जिंदगी में दिखने वाली चीजों के उदाहरण दें । एक बार जर्मन तथा फ्रेंच (या रूसी) विकि के उसी लेख पर नज़र दौड़ा लें । तकनीकी के मामले में अंग्रेज़ी हिन्दोस्तान में भले सर्वप्रथम दिखती हो, वास्तव में नहीं है । इससे आपके लेख में अधिक विविधता आएगी ।
- अंग्रेज़ी विकि से यथावत कॉपी (अनुवाद) न करें, क्योकि उनके लेखों में दूसरे मुद्दों पर महत्व रहता है । साथ ही एक बार में इतनी जानकारी रहती है कि हमारे पाठक उसको देख कर लेख का पन्ना बंद कर लेते हैं । तकनीकी और विदेशों से संबंध रखने वाले लेखों में ये अधिक आवश्यक हो जाता है कि शुरु की कुछ पंक्तियों में पाठक को अपने से जुड़ी कोई बात नज़र आए ।
- अंग्रेज़ी से अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर टॉपिक भी सावधानी से अनुवाद करें । इतिहास में जिसे Fall of Constantinople कहते हैं (१४५३ इस्वी वाला) वो तुर्क मीडिया में Conquest of Constantinople कहा जाता है । फ़ारस की खाड़ी को अरब देशों में Arabian Gulf कहा जाता है (और तुर्क लोग बसरा की खाड़ी कहते हैं ), इसी तरह फ्रेंच लोग इंग्लिश चैनल कहना पसंद नहीं करते । इस तरह के अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर अंग्रेज़ी के अलावे अन्य मीडिया से भी स्रोत जुटाएँ (यथासंभव)। संदर्भ ज़रूर डालें, क्योंकि ऐसी ख़बरें भारत में अंग्रेज़ी मीडिया और सिलेबस की किताबों से आती हैं, जिसके अंध समर्थक बहुत लोग मिल जाएंगे । ऐसे लोगों को बिना स्रोत समझाना मुश्किल होता है ।
- दैनिक समाचार पत्रों पर लिखी खबरों को स्रोत के रूप में दिखाना बंद करें । ख़ास कर महत्वपूर्ण और संवेदनशील लेखों पर । एक तो बिना लेखक के नाम से ही कई खबरें रहती हैं, दूसरी ऐसे पन्नों का एड्रेस हर साल बदलता रहता है ।
कैसे करें - चार सुझाव (उपाय) हैं
[संपादित करें]- आप अपनी रिसर्च खुद करें, जिन मुद्दों पर आपका कौतुहल जगता हो उसको कुरेदें और फिर यहाँ अपने शब्दों में लिखे । यदि टॉपिक चाहिएँ तो मेरे पास सैकड़ों हैं (बाद में देता हूँ)
- लेख की पहली दो पंक्तियाँ एकदम साधारण पढ़े लिखे लोगों को भी समझ में आनी चाहिए । अधिक विवरण (ख़ासकर तकनीकी) अंत की ओर लिखें ।
- ग्राफ़िक्स का सहयोग यथासंभव लें, और
- कम से कम अपनी मातृभाषा से एक अधिक भाषा के बारे में और जाने और उस के बोलने वाले क्षेत्रों के बारे में अधिक जानकारी पहले पता करें और यहाँ देवें ।
सावधानी - क्या करने से बचें
[संपादित करें]- अपने आपको अपने गाँव और पसंदीदा खेल से अधिक मुद्दों पर लाएँ और बड़े विषयों पर अध्ययन के बाद ही सामग्री डालें ।
- जहाँ तक हो सके पत्रकारिता के नियम का पालन करें । अधिक उत्तेजक शब्द, एकतरफ़ा पक्ष से बचें, बिना प्रामाणिक या बिन आँखों देखी जानकारी न दें, इत्यादि । (एक लिस्ट http://www.bbc.co.uk/academy/hindi)
- ध्यान रहे कि ये एक समाचार पत्र नहीं है । ना ही ये एक फ़ोरम, ब्लॉग या साहित्यिक वेबसाइट है । अगर आप कुछ सृजन करना चाहते हैं (साहित्य के लिहाज से) तो अन्य वेटसाईट पर जाइये - या ब्लॉग लिखिये (मैं भी लिखता हूँ, लेकिन यहाँ वो विचार नहीं देता) । आपके विचार अगर व्यक्तिगत हैं, यानि इसनें कम लोग विश्वास करते हैं या कोई ठोस प्रमाण नहीं है तो कृपया यहाँ न लिखें ।
विषय
[संपादित करें]जहाँ हमारा ज्ञान और कौतुहल बन्द हो जाता है उसमें रुचि जगाना और पढ़ने, जानने और खुद गहराई में जानने के लिए आवश्यक जानकारी देना - यही ध्येय होना चाहिए । हम अनजान विषयों पर उपयोगी और परिचित विषयों के अनछुए पहलुओं पर सटीक जानकारी दे सकते हैं ।
सामान्यतया भारत के दक्षिण के प्रदेश, पाकिस्तान, अफ़गानिस्तान, ईरान इत्यादि के मुद्दों पर लोगों की जानकारी काफ़ी सतही है । जैसे कि, सारा दक्कन तमिळ नहीं बोलता, पाकिस्तान और ईरान की मुख्य भाषाएँ अरबी से अलग हैं और इक दूसरे से भी अलग; इन दोनों के इतिहास में पठानों के अलग मात्रा में प्रभाव हैं इत्यादि से लोग बिल्कुल अपरिचित होते हैं । इसके अलावे इन विषयों पर जानकारी जुटाई और प्रस्तुत की जा सकती है -
- इतिहास - दक्षिण अमेरिका का इतिहास और उनकी भाषाओं के बारे में बहुत कम लिखा गया है । दक्षिण-पूर्व एशिया का इतिहास भी कम दिखता है । शुरुआत के लिए, इस्कंदर शाह (परमेश्वरा), चाँपा इत्यादि ।
- भाषा - मैं हैरान हूँ कि भारत (प्रतिष्ठित केन्द्रीय संस्थानों में भी) में भाषा-ज्ञान एक अल्पविकसित बौद्धिक सम्पदा सी है । मेरा मतलब भारतीय भाषाओं (असमी हो या कन्नड़) को सीखना लोग बहुत मुश्किल मानते हैं, या अगर सीख लेते हैं तो तीसरे आसमान पर जा बैठते हैं । विदेशी भाषाओं में भी लोग पेशा या धार्मिक भाषा पर जाकर अटक जाते हैं । यानि अंग्रेजी या अरबी के अलावे थोड़े पहुत ही फ़्रेंच, स्पेनिश या जर्मन सीखते हैं । किसी गैर पेशेवर, ग़ैर धार्मिक भाषा के बारे में लोग बहुत ही कम जानते हैं । ये एक अच्छा अवसर हो सकता है जानने का और लोगों को परिचित कराने का । डच, थाई या स्लाव भाषाओं के पृष्ठ ऐसे हैं कि पूरे अनूदित लगते हैं और कोई आम भारतीय इनको पढ़कर तो interested नहीं होता दीखता है । लोगों को जोड़ने वाले शब्द बताकर ये किया जा सकता है । जैसे स्पेनिश (पुर्तग़ाली) के संदर्भ में - अलकतरा, अल्जेबरा, अलकोहल, मेस्चिता (मस्जिद जो अंग्रेज़ी में Mosque बना), नारंगी (Orange) जैसे शब्दों का हवाला दियाजा सकता है । इसी तरह थाई और अफ़्रीक़ी भाषाओं के साथ भी करना चाहिए । मेरा लिखा एक ब्लॉग इस बारे में आपको अच्छी शुरुआत दे सकता है - http://manpurpost.blogspot.sg/2015/07/most-commonly-interpolated-sounds.html
- भूगोल - बीचों, समुद्रो (और उनकी आपस की तुलना), एंडीज़ पर्वत माला ।
- तकनीक - ग्राफ़िक्स, प्रोग्रामिंग, मेटेरियल, खनिज, गणितीय समीकरण (ख़ास कर Differential Equations) इत्यादि । Grid - Differentiation with Mesh and Web is required.Turbulence - Swirl, whirlpool is different from it.
- Vector - Any better alternative than सदिश/Sadish?
- Ceramic, Glaze - यह प्रचीन काल में चीन और आजकर इटली, फ्रांस जैसे देशों में बहुत विकसित है । इसकी प्रक्रिया, घर में लोग कैसे बना सकते हैं या इसके उद्योग बनाने के लिए क्या व्यवस्था करनी होगी इत्यादि लोगों के लिए बहुत useful हो सकते हैं ।
- पूर्वी एशियाई खाना - चीनी नूडल्स, सॉस और सूप । चार सू, माला, बाक कु तेह, ऑयस्टर सॉस, एबालोन सॉस इत्यादि। मैंने इनपर थोड़ा प्रयास किया है, अगर आप योगदान करें तो बहुत स्वागत है ।
- भारतीय मसालों - हींग, अदरक इत्यादि जैसों के विदेशी संबंधियों या biologically निकट बूटियों के बारे में जानकारी रोचक हो सकती है । शोध की आवश्यकता है ।
अगर आपको कोई सवाल हो तो कृपया मेल कीजिये - अमितप्रभाकर०५ जीमेल डॉट काम या फ़ोन करें - (सिंगापुर) ९४८१०३८० । --अमित प्रभाकर 15:12, 21 अप्रैल 2015 (UTC)
अगले दो महीनों की चर्या (अप्रैल २०१५ )और ध्यान देने लायक क्षेत्र
[संपादित करें]- अमेरिकी सरकार द्वारा वित्त प्रदत्त सॉफ़्टवेर - जैसे टॉर, पाराव्यू
- लिनक्स प्रोग्साम्स - एल एस, सी पी (ls,cp) इत्यादि
- रूस से संबंधित लेख - रूसी नाम ( शारापोव और शारापोवा में अंतर और आपसी संबंध), पूर्वी तट (साख़ालिन, और ओरख़ोत्स्क), अमूर नदी और निकोलोई रेज़ानोव की यात्राएँ । अनिल जनविजय और अन्य का ध्यान अपेक्षित है ।
- पहनावा और जीवनशैली - गॉगल, कैप्री, चिनो ।
- कंप्यूटेशनल दुनिया - Finite Element Method, Finite Volume Method, Turbulence - इनके हिन्दी शब्द आपसे अपेक्षित हैं ।
- महासागर और द्वीप