सोलनसी
पठन सेटिंग्स
![](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/c/c2/Solanums_in_a_box.jpg/336px-Solanums_in_a_box.jpg)
सोलनसी सपुष्पक पौधा का एक कुल है जो वार्षिक और बारहमासी जड़ी बूटियों से लेकर लताओं, लिआना, अधिपादप, क्षुप और वृक्ष तक होता है, और इसमें कई कृषि फसलें, औषधीय पौधे, मसाले, और खरपतवार शामिल हैं।ये उष्णकटिबन्धीय, उपोष्ण, तथा शीतोष्ण क्षेत्रों में विस्तृत रहते हैं। इस कुल के अधिकांश सदस्य भोजन (टमाटर, बैंगन, आलू), मसाले (मिर्च), औषधि (बेलाडोना, अश्वगन्धा): धूमक (तम्बाकू), सजावटी पौधे (पेटुनिया) के स्रोत हैं।
तकनीकी विवरण
[संपादित करें]![](http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/thumb/7/78/Diagramme_floral_Solanum_tuberosum-tag.svg/220px-Diagramme_floral_Solanum_tuberosum-tag.svg.png)
कायिकाभिलक्षण
[संपादित करें]इसके पौधे प्रायः शाकीय, क्षुप तथा छोटे वृक्ष वाले होते हैं।
- तना: शाकीय कभी-कभी काष्ठीय वायवीय, सीधा, बेलनाकार, शाखित, ठोस अथवा खोखला, रोमयुक्त अथवा अरोमिल, भूमिगत जैसे आलू।
- पर्णसमूह: एकान्तर, सरल, संयुक्त पिच्छाकार अनुपर्णी जालिका विन्यस्त
पुष्पाभिलक्षण
[संपादित करें]- पुष्पक्रम: एकल, कक्षीय, ससीमाक्षी जैसे सोलनम में
- पुष्प: उभयलिंगी, अरीय सममित
- बाह्य दलपुंज: पाँच बाह्यदल, संयुक्त, दीर्घस्थायी, कोरस्पशी पुष्प दलविन्यास
- दलचक्र: पाँच दल, संयुक्त कोरस्पर्शी पुष्प दलविन्यास
- पुमंग: पाँच पुकेशर, दललग्न
- जायांग: द्व्यण्डपी, युक्ताण्डपी, तिर्यक् अण्डाशय ऊर्ध्ववर्ती, द्विकोष्ठी,फूला हुआ बीजाण्डासन जिसमें बहुत से बीजाण्ड
- फल: सम्पुट अथवा सरस
- बीज: भ्रूणपोषी, अनेक