सरोखीपुरा गाँव, बाह (आगरा)
सरोखीपुरा | |||||||
— गाँव — | |||||||
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |||||||
देश | भारत | ||||||
राज्य | उत्तर प्रदेश | ||||||
ज़िला | आगरा | ||||||
संस्थापक | श्री हिम्मत सिंह भदौरिया | ||||||
जनसंख्या • घनत्व |
(2001 के अनुसार [update]) • 320/किमी2 (829/मील2) | ||||||
साक्षरता | 70%% | ||||||
आधिकारिक भाषा(एँ) | भदावरी,हिन्दी | ||||||
क्षेत्रफल • ऊँचाई (AMSL) |
76.25 कि.मी² (29 वर्ग मील) • 147 मीटर (482 फी॰) | ||||||
विभिन्न कोड
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निर्देशांक: 26°49′N 78°44′E / 26.81°N 78.73°E
सरोखीपुरा जैतपुर कलां ब्लाक में मुकुटपुरा पंचायत बाह तहसील में, आगरा, उत्तर प्रदेश भारत स्थित एक गाँव है।
इतिहास
[संपादित करें]इस गाँव के निवासी सन १३१३ में कोषड गाँव के निवासी थे। भदावर राज्य का खजाना कोषड गांव में था। कोषड गांव की स्थापना श्री होडल शाह राव ने भदावर राज्य के हिस्से के रूप में की थी। सन १६९२ में श्री हिम्मत सिंह भदौरिया का वंश खरिक गाँव में बस गया, श्री हिम्मत सिंह भदौरिया के जेष्ट पुत्र श्री कालू सिंह भदौरिया को गोहद पर विजय के उपलक्ष्य में शीर्खिपुर दिया गया और ये गाँव आज सरोखीपुरा के नाम से जाना जाता है। सन १७०८ में श्री कालू सिंह भदौरिया ने, महाराजाधिराज श्रीमान महाराजा महेंद्र गोपाल सिंह भदौरिया की सेना ने गोहद धावा बोला और इस युद्ध भदावर सेना ने गोहद के राणा भीम सिंह को युद्ध में हरा कर किले पर कब्जा किया और गोहद को भदावर में मिला लिया गया।
भूगोल
[संपादित करें]यह गाँव चंबल और जमुना के खरो के मध्य स्थित है, यहाँ की मिट्टी बहुत उपजाऊ और मुख्य फासले गेहूं, बाजरा, सरसों और चना हैं। यह गाँव फतेहाबाद रोड पर आगरा से ८५ किलोमीटर की दूरी पर है।
शिक्षा
[संपादित करें]गांव में एक प्राइमरी स्कूल सरकार से वित्त पोषित है।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 3 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 अप्रैल 2013.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 3 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 अप्रैल 2013.
बाहरी कड़ियाँ
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