"मनमोहन सिंह": अवतरणों में अंतर
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मनमोहन सिंह | |
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पदस्थ | |
कार्यभार ग्रहण २२ मई २००४ | |
पूर्ववर्ती | अटल बिहारी वाजपेयी |
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जन्म | २६ सितंबर १९३२ पंजाब, पाकिस्तान |
राजनैतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कॉंग्रेस |
जीवन संगी | गुरशरण कौर |
डा. मनमोहन सिंह (पंजाबी: ਮਨਮੋਹਨ ਸਿੰਘ) भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री हैं। वे एक कुशल राजनेता के साथ-साथ एक अच्छे विद्वान, अर्थशास्त्री और विचारक भी हैं। एक मंजे हुये अर्थशास्त्री के रुप में उनकी ज्यादा पहचान है। अपने कुशल और ईमानदार छवि की वजह से सभी राजनैतिक दलों में उनकी अच्छी साख है। लोकसभा चुनाव २००९ में मिली जीत के बाद वे जवाहरलाल नेहरू के बाद भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री बन गए हैं जिनको पाँच वर्षों का कार्यकाल सफलता पूर्वक पूरा करने के बाद लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिला है। उन्होंने २१ जून १९९१ से १६ मई १९९६ तक नरसिंह राव के प्रधानमंत्रित्व काल में वित्त मंत्री के रूप में भी कार्य किया है। वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने भारत में आर्थिक सुधारों की शुरुआत की। 28 फरवरी को मनमोहन सिंह सउदी अरब की यात्रा पर गए. 1982 के बाद सउदी अरब की यात्रा करने वाले मनमोहन सिंह पहले प्रधानमंत्री बन गए हैं.
जीवनी
मनमोहन सिंह का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में २६ सितंबर 1932 को हुआ था। देश के विभाजन के बाद सिंह का परिवार भारत चला आया। यहां पंजाब विश्वविद्यालय से उन्होंने स्नातक तथा स्वनातकोत्तर स्तर की पढ़ाई पूरी की। बाद में वे कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय गये। जहाँ से उन्होंने पी. एच. डी. की। तत्पश्चात् उन्होंने आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से डी. फिल. भी किया। उनकी पुस्तक इंडियाज़ एक्सपोर्ट ट्रेंड्स एंड प्रोस्पेक्ट्स फॉर सेल्फ सस्टेंड ग्रोथ, (अंग्रेजी: India's Export Trends and Prospects for Self-Sustained Growth), भारत के अन्तर्मुखी व्यापार नीति की पहली और सटीक आलोचना मानी जाती है। डा. सिंह ने अर्थशास्त्र के अध्यापक के तौर पर काफी ख्याति अर्जित की। वे पंजाब विश्वविद्यालय और बाद में प्रतिष्ठित डेलही स्कूल आफ इकनामिक्स में प्राध्यापक रहे। इसी बीच वे UNCTAD सचिवालय में सलाहकार भी रहे और १९८७ तथा १९९० में जेनेवा में साउथ कमीशन में सचिव भी रहे। १९७१ में डा. सिंह भारत के वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के तौर पर नियुक्त किये गये। इसके तुरंत बाद १९७२ में उन्हें वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार बनाया गया। इसके बाद के वर्षों में वे योजना आयोग के उपाध्यक्ष, रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधानमंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष रहे हैं। भारत के आर्थिक इतिहास में हाल के वर्षों में सबसे महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब डा. सिंह १९९१ से १९९६ तक भारत के वित्त मंत्री रहे। उन्हें भारत के आर्थिक सुधारों का प्रणेता माना गया है। आम जनमानस में ये साल निश्चित रुप से डा. सिंह के व्यक्तित्व के इर्द-गिर्द घूमता रहा है। डा. सिंह के परिवार में उनकी पत्नी श्रीमति गुरशरण कौर और उनकी तीन बेटियाँ हैं।
डा. सिंह के महत्वपूर्ण पड़ाव
- १९५७ से १९६५ - चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय में अध्यापक
- १९६९-१९७१ - दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में अंतरराष्ट्रीय व्यापार के प्रोफ़ेसर
- १९७६ - दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में मानद प्रोफ़ेसर
- १९८२ से १९८५ - भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर
- १९८५ से १९८७ - योजना आयोग के उपाध्यक्ष
- १९८७ - पद्मविभूषण
- १९९० से १९९१ - भारतीय प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार
- १९९१ - नरसिंहराव के नेतृत्व वाली काँग्रेस सरकार में वित्त मंत्री
- १९९१ - असम से राज्यसभा के सदस्य
- १९९५ - दूसरी बार राज्यसभा सदस्य
- १९९६ - दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में मानद प्रोफ़ेसर
- १९९९ - दक्षिण दिल्ली से लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन हार गए.
- २००१ - तीसरी बार राज्य सभा सदस्य और सदन में विपक्ष के नेता
- २००४ - भारत के प्रधानमन्त्री
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और एशियाई विकास बैंक के लिए भी काम किया है.
पुरस्कार एवं सम्मान
भारत के सार्वजनिक जीवन में डा. सिंह को बहुत से पुरस्कारों और सम्मानों से नवाज़ा गया है । इनमें प्रमुख हैं: -
- १९८७ में पद्म विभूषण,
- १९९५ में इंडियन साइंस कांग्रेस का जवाहरलाल नेहरू पुरस्कार,
- १९९३ और १९९४ का एशिया मनी अवार्ड फॉर फाइनैन्स मिनिस्टर आफ् द इयर,
- १९९४ का यूरो मनी अवार्ड फार द फाइनैस मिनिस्टर आफ़ द इयर,
- १९५६ में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय का ऐडम स्मिथ पुरस्कार
डा. सिंह ने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है । अपने राजनैतिक जीवन में वे १९९१ से राज्य सभा के सांसद रहे है । और १९९८ तथा २००४ में संसद में विपक्ष के नेता रह चुके हैं।
यह भी देखें
बाहरी कड़ियाँ
Manmohan Singh से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |