"मथुरा": अवतरणों में अंतर

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==कैसे पहुँचे==
==कैसे पहुँचे==
मथुरा रेलवे स्टेशन काफ़ी व्यस्त जंक्शन है और [[दिल्ली]] से दक्षिण भारत या [[मुम्बई]] जाने वाली सभी ट्रेने मथुरा होकर गुजरती हैं । सडक द्वारा भी पहुंचा जा सकता है । [[आगरा]] से मात्र ४० किलोमीटर दूर है ।
मथुरा रेलवे स्टेशन काफ़ी व्यस्त जंक्शन है और [[दिल्ली]] से दक्षिण भारत या [[मुम्बई]] जाने वाली सभी ट्रेने मथुरा होकर गुजरती हैं । सडक द्वारा भी पहुंचा जा सकता है । [[आगरा]] से मात्र 55 [[किलोमीटर]] दूर है ।


==कहाँ रुकें==
==कहाँ रुकें==

15:48, 23 अप्रैल 2007 का अवतरण

मथुरा उत्तरप्रदेश प्रान्त का एक जिला है। मथुरा एक ऐतिहासिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। एक लंबे समय से मथुरा प्राचीन भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता का केंद्र रहा है। भारतीय धर्म,दर्शन कला एवं साहित्य के निर्माण तथा विकास में मथुरा का महत्वपूर्ण योगदान सदा से रहा है। आज भी महाकवि सूरदास,संगीत के आचार्य स्वामी हरिदास,स्वामी दयानंद के गुरुस्वामी विरजानंद,कवि रसखान आदि महान आत्माओं से इस नगरी का नाम जुड़ा हुआ है।

मथुरा
—  महानगर  —
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०)
देश  भारत
राज्य उत्तर प्रदेश
नगर पालिका अध्यक्ष
जनसंख्या 319,235 (2001 के अनुसार )
आधिकारिक जालस्थल: mathura.nic.in

निर्देशांक: 27°17′N 77°25′E / 27.28°N 77.41°E / 27.28; 77.41

दर्शनीय स्थल (शहर में)

दर्शनीय स्थल (मथुरा से वृन्दावन की ओर)

दर्शनीय स्थल (मथुरा से गोकुल की ओर)

दर्शनीय स्थल (मथुरा से गोवर्धन की ओर)

कैसे पहुँचे

मथुरा रेलवे स्टेशन काफ़ी व्यस्त जंक्शन है और दिल्ली से दक्षिण भारत या मुम्बई जाने वाली सभी ट्रेने मथुरा होकर गुजरती हैं । सडक द्वारा भी पहुंचा जा सकता है । आगरा से मात्र 55 किलोमीटर दूर है ।

कहाँ रुकें

वैसे तो स्टेशन के आसपास कई होटल हैं लेकिन विश्राम घाट के आसपास कई धर्मशालाएं भी हैं जो जेब पर ज्यादा भारी नही पडती ।

कैसे घूमे

टेक्सी कर सकते हैं। आपको मथुरा, वृन्दावन एक दिन में घुमा देगी । यह ध्यान रखें कि अधिकतर मंदिरों में दर्शन सुबह १२ बजे तक और सांय ४ से ६-७ बजे तक खुलते हैं, इसी हिसाब से अपना कार्यक्रम बनायें । टेक्सी की जगह आटो भी कर सकते हैं, सस्ता पडेगा, और तांगे की टिक-टिक भी एक विकल्प है। और हाँ, यमुना में नौका विहार और अलसुबह और सांयकाल में विश्राम घाट पर होने वाली यमुना जी की आरती ना भूलियेगा। गोकुल की ओर जाने के लिये आधा दिन और लगेगा, उसके बाद गोवर्धन के लिये निकल सकते हैं । गोवर्धन के लिये बस से जायें ।