"काज़ीगुंड": अवतरणों में अंतर

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'''काज़ीगुंड''' ([[अंग्रेज़ी]]: Qazigund, [[उर्दु]]: قاضی گُنڈ), [[भारत]] के [[जम्मू और कश्मीर राज्य]] के [[अनंतनाग ज़िले]] में एक नगर है। [[जम्मू]] से [[श्रीनगर]] के मुख्य मार्ग ([[राष्ट्रीय राजमार्ग १ए]]) में [[पीर पंजाल पर्वतमाला]] को [[बनिहाल दर्रा]] द्वारा पार करा जाता है, जिसमें [[बनिहाल]] जम्मू विभाग का अंतिम और काज़ीगुंड कश्मीर विभाग का पहला पड़ाव है। इसलिए इसे [[कश्मीर घाटी]] का प्रवेशद्वार भी कहा जाता है।
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== चश्में ==
== चश्में ==
काज़ीगुंड के पास कई प्रसिद्ध [[पानी के चश्में]] हैं, जिन्हें [[कश्मीरी भाषा]] में "नाग" कहा जाता है। पूरे ज़िले में असंख्य चश्में होने के कारण ही इसका नाम "अनंतनाग" पड़ा है। शहर से १० किमी दूर [[वेरीनाग]] है, जो वितस्ता नदी ([[झेलम नदी]] का स्थानीय व प्राचीन वैदिक नाम) का स्रोत है। लगभग ३ किमी दूर पन्ज़थ नाग है।
काज़ीगुंड के पास कई प्रसिद्ध [[पानी का चश्मा|पानी के चश्में]] हैं, जिन्हें [[कश्मीरी भाषा]] में "नाग" कहा जाता है। पूरे ज़िले में असंख्य चश्में होने के कारण ही इसका नाम "अनंतनाग" पड़ा है। शहर से १० किमी दूर [[वेरीनाग]] है, जो वितस्ता नदी ([[झेलम नदी]] का स्थानीय व प्राचीन वैदिक नाम) का स्रोत है। लगभग ३ किमी दूर पन्ज़थ नाग है।


== यातायात ==
== यातायात ==
सन् १९५६ में खोली गई २.८५ किमी लम्बी जवाहर सुरंग पीर पंजाल शृंख्ला को चीरकर बनिहाल को काज़ीगुंड से जोड़ती है और कश्मीर वादी और देश के अन्य भागों के बीच के सड़क यातायात की मुख्य सूत्र है। काज़ीगुंड से उत्तर की ओर [[श्रीनगर]] तक रेल चलती है जिसकी दिन में चार बार सेवा है। अब बनिहाल-काज़ीगुंड के बीच एक ११ किमी लम्बी पीर पंजाल रेल सुरंग द्वारा बनिहाल तक भी रेल चलती है, जिस से इन दोनों के बीच का रास्ता केवल १७ किमी रह गया है।<ref name="TOI">{{cite news| title=India's longest railway tunnel unveiled in Jammu & Kashmir| url=http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2011-10-14/india/30278754_1_jawahar-tunnel-tunnel-excavation-baramulla| publisher=The Times of India| date=October 14, 2011| accessdate=October 14, 2011}}</ref> बनिहाल से दक्षिण की ओर रेलमार्ग बढ़ाने का कार्य जारी है, जो पूरा होने पर देश के किसी भी भाग से कश्मीर घाटी के किसी भी भाग तक रेल सेवा सक्षम कर देगा।
सन् १९५६ में खोली गई २.८५ किमी लम्बी जवाहर सुरंग पीर पंजाल शृंख्ला को चीरकर बनिहाल को काज़ीगुंड से जोड़ती है और कश्मीर वादी और देश के अन्य भागों के बीच के सड़क यातायात की मुख्य सूत्र है। काज़ीगुंड से उत्तर की ओर [[श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर|श्रीनगर]] तक रेल चलती है जिसकी दिन में चार बार सेवा है। अब बनिहाल-काज़ीगुंड के बीच एक ११ किमी लम्बी पीर पंजाल रेल सुरंग द्वारा बनिहाल तक भी रेल चलती है, जिस से इन दोनों के बीच का रास्ता केवल १७ किमी रह गया है।<ref name="TOI">{{cite news| title=India's longest railway tunnel unveiled in Jammu & Kashmir| url=http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2011-10-14/india/30278754_1_jawahar-tunnel-tunnel-excavation-baramulla| publisher=The Times of India| date=October 14, 2011| accessdate=October 14, 2011}}</ref> बनिहाल से दक्षिण की ओर रेलमार्ग बढ़ाने का कार्य जारी है, जो पूरा होने पर देश के किसी भी भाग से कश्मीर घाटी के किसी भी भाग तक रेल सेवा सक्षम कर देगा।


== इन्हें भी देखें ==
== इन्हें भी देखें ==
* [[पीर पंजाल पर्वतमाला]]
* [[पीर पंजाल पर्वतमाला]]
* [[बनिहाल]]
* [[बनिहाल]]
* [[अनंतनाग ज़िला]]
* [[अनन्तनाग ज़िला|अनंतनाग ज़िला]]


== सन्दर्भ ==
== सन्दर्भ ==

06:12, 16 मार्च 2020 का अवतरण

काज़ीगुंड
قاضی گُنڈ
Qazigund
काज़ीगुंड is located in जम्मू और कश्मीर
काज़ीगुंड
काज़ीगुंड
जम्मू व कश्मीर में स्थिति
सूचना
प्रांतदेश: अनंतनाग ज़िला
जम्मू व कश्मीर
 भारत
जनसंख्या (२०११): ९,८७१
मुख्य भाषा(एँ): कश्मीरी, रामबनी
निर्देशांक: 33°35′31″N 75°9′55″E / 33.59194°N 75.16528°E / 33.59194; 75.16528
काज़ीगुंड रेल स्टेशन

काज़ीगुंड (अंग्रेज़ी: Qazigund, उर्दु: قاضی گُنڈ), भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के अनंतनाग ज़िले में एक नगर है। जम्मू से श्रीनगर के मुख्य मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग १ए) में पीर पंजाल पर्वतमाला को बनिहाल दर्रा द्वारा पार करा जाता है, जिसमें बनिहाल जम्मू विभाग का अंतिम और काज़ीगुंड कश्मीर विभाग का पहला पड़ाव है। इसलिए इसे कश्मीर घाटी का प्रवेशद्वार भी कहा जाता है।

चश्में

काज़ीगुंड के पास कई प्रसिद्ध पानी के चश्में हैं, जिन्हें कश्मीरी भाषा में "नाग" कहा जाता है। पूरे ज़िले में असंख्य चश्में होने के कारण ही इसका नाम "अनंतनाग" पड़ा है। शहर से १० किमी दूर वेरीनाग है, जो वितस्ता नदी (झेलम नदी का स्थानीय व प्राचीन वैदिक नाम) का स्रोत है। लगभग ३ किमी दूर पन्ज़थ नाग है।

यातायात

सन् १९५६ में खोली गई २.८५ किमी लम्बी जवाहर सुरंग पीर पंजाल शृंख्ला को चीरकर बनिहाल को काज़ीगुंड से जोड़ती है और कश्मीर वादी और देश के अन्य भागों के बीच के सड़क यातायात की मुख्य सूत्र है। काज़ीगुंड से उत्तर की ओर श्रीनगर तक रेल चलती है जिसकी दिन में चार बार सेवा है। अब बनिहाल-काज़ीगुंड के बीच एक ११ किमी लम्बी पीर पंजाल रेल सुरंग द्वारा बनिहाल तक भी रेल चलती है, जिस से इन दोनों के बीच का रास्ता केवल १७ किमी रह गया है।[1] बनिहाल से दक्षिण की ओर रेलमार्ग बढ़ाने का कार्य जारी है, जो पूरा होने पर देश के किसी भी भाग से कश्मीर घाटी के किसी भी भाग तक रेल सेवा सक्षम कर देगा।

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "India's longest railway tunnel unveiled in Jammu & Kashmir". The Times of India. October 14, 2011. अभिगमन तिथि October 14, 2011.