"बॉम्बे (फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर

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'''बॉम्बे''' 1995 की [[तमिल सिनेमा|तमिल]] रूमानी नाट्य फ़िल्म है। इसका निर्देशन [[मणिरत्नम्]] ने किया है और मुख्य किरदार [[अरविन्द स्वामी]] और [[मनीषा कोइराला]] ने निभाए है। संगीत दिया है [[ए॰ आर॰ रहमान]] ने और हिन्दी गीत महबूब द्वारा लिखे गए हैं। यह फिल्म भारत के दिसंबर 1992 से जनवरी 1993 की अवधि के दौरान हुई घटनाओं पर केंद्रित है। विशेष रूप से [[अयोध्या]] के [[बाबरी मस्जिद]] को लेकर विवाद, फिर उसका तोड़ना, [[मुम्बई]] (जब बॉम्बे) में सांप्रदायिक तनाव होना और अंतत [[बंबई के दंगे]] होना। यह फिल्म मणिरत्नम् की ''[[रोज़ा (1992 फ़िल्म)|रोज़ा]]'' और ''[[दिल से]]'' के साथ एक श्रृंखला के रूप में ली जाती है।<ref>{{cite web|title=इन फिल्मों पर भी कैंची चलाता सेंसर बोर्ड?|url=http://navbharattimes.indiatimes.com/photomazza/bollywood-hollywood-photogalleries/controversy-over-punjab-in-the-film-title-udta-punjab/salam-bombay/photomazaashow/52647499.cms|publisher=नवभारत टाइम्स|accessdate=1 अक्तूबर 2017}}</ref><ref>{{cite web|title=Treading on a dangerous divide|trans_title=खतरनाक विभाजन पर चलना|url=http://indiatoday.intoday.in/story/critical-acclaim-and-howls-of-protest-for-mani-ratnam-bombay/1/287840.html|publisher=[[इंडिया टुडे]]|accessdate=1 अक्तूबर 2017|language=अंग्रेज़ी|date=15 अप्रैल 1995}}</ref>
'''बॉम्बे''' 1995 की [[तमिल सिनेमा|तमिल]] रूमानी नाट्य फ़िल्म है। इसका निर्देशन [[मणिरत्नम्]] ने किया है और मुख्य किरदार [[अरविन्द स्वामी]] और [[मनीषा कोइराला]] ने निभाए है। संगीत दिया है [[ए॰ आर॰ रहमान]] ने और हिन्दी गीत महबूब द्वारा लिखे गए हैं। यह फिल्म भारत के दिसंबर 1992 से जनवरी 1993 की अवधि के दौरान हुई घटनाओं पर केंद्रित है। विशेष रूप से [[अयोध्या]] के [[बाबरी मस्जिद]] को लेकर विवाद, फिर उसका तोड़ना, [[मुम्बई]] (जब बॉम्बे) में सांप्रदायिक तनाव होना और अंतत [[बंबई के दंगे]] होना।


== संक्षेप ==
फ़िल्म दोनों आलोचनात्मक और आर्थिक तौर पर सफल रही। इसी नाम से फ़िल्म को हिन्दी और तेलुगू भाषा में [[डबिंग|डब]] किया गया। ए॰ आर॰ रहमान द्वारा दिया गया संगीत बहुत ही सराहा गया और कई पुरस्कार उन्होंने प्राप्त किये। मणिरत्नम् के निर्देशन की भी सराहना हुई।
शेखर मिश्रा नारायण और शैला बानो प्यार में हैं और शादी करना चाहते हैं। एकमात्र समस्या यह है कि शेखर हिंदू है और शैला मुस्लिम है। यह विवाह उनके संबंधित परिवारों के लिए एक समस्या है। नतीजतन, युवा जोड़ा [[बॉम्बे]] शहर को साथ भाग जाता है। फिर 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद को तोड़ दिया गया - जिसके परिणामस्वरूप हर जगह धार्मिक दंगे होने लगे - जिसमें बॉम्बे भी शामिल था। शेखर और शैला अब जुड़वां, कमल बशीर और कबीर नारायण के माता-पिता हैं। दंगों के दौरान, शेखर के पिता और शैला के माता-पिता घृणा को दफनाने का फैसला करते हैं और अपने बच्चों से मिलने आते हैं। जब वे अपने व्यक्तिगत मतभेदों को सुलझाने की प्रक्रिया में थे तभी आग लगती है और परिवार को अलग कर देती है। शैला के माता-पिता और शेखर के पिता तत्काल मारे जाते हैं और कबीर और कमल का कोई अता-पता नहीं होता।


== मुख्य कलाकार ==
== पात्र ==
* [[अरविन्द स्वामी]], शेखर नारायणन पिल्लई के रूप में
* [[अरविन्द स्वामी]] - शेखर नारायणन पिल्लई
* [[मनीषा कोइराला]], शैला बानू के रूप में
* [[मनीषा कोइराला]] - शैला बानो
* [[प्रकाश राज]], कुमार के रूप में
* [[प्रकाश राज]] - कुमार
* [[नास्सर]], नारायण पिल्लै के रूप में
* [[नास्सर]] - नारायण पिल्लई
* [[तिनु आनंद]], शक्ति समाज मुखिया के रूप में
* [[टिन्नू आनन्द]] - शक्ति समाज का मुखिया
* [[आकाश खुराना]] - मुसलमान नेता
* किट्टी, बशीर के रूप में
* किट्टी - बशीर
* मास्टर हर्ष (सुमित), कबीर नारायण के रूप में
* मास्टर ह्रदय, कमल बशीर के रूप में
* मास्टर हर्ष (सुमित) - कबीर नारायण
* मास्टर ह्रदय - कमल बशीर
* [[सोनाली बेंद्रे]] - "हम्मा हम्मा" गीत में


== संगीत ==
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== परिणाम ==
यह फिल्म मणिरत्नम् की ''[[रोज़ा (1992 फ़िल्म)|रोज़ा]]'' और ''[[दिल से]]'' के साथ एक श्रृंखला के रूप में ली जाती है।<ref>{{cite web|title=इन फिल्मों पर भी कैंची चलाता सेंसर बोर्ड?|url=http://navbharattimes.indiatimes.com/photomazza/bollywood-hollywood-photogalleries/controversy-over-punjab-in-the-film-title-udta-punjab/salam-bombay/photomazaashow/52647499.cms|publisher=नवभारत टाइम्स|accessdate=1 अक्तूबर 2017}}</ref><ref>{{cite web|title=Treading on a dangerous divide|trans_title=खतरनाक विभाजन पर चलना|url=http://indiatoday.intoday.in/story/critical-acclaim-and-howls-of-protest-for-mani-ratnam-bombay/1/287840.html|publisher=[[इंडिया टुडे]]|accessdate=1 अक्तूबर 2017|language=अंग्रेज़ी|date=15 अप्रैल 1995}}</ref>

फ़िल्म दोनों आलोचनात्मक और आर्थिक तौर पर सफल रही। इसी नाम से फ़िल्म को हिन्दी और तेलुगू भाषा में [[डबिंग|डब]] किया गया। ए॰ आर॰ रहमान द्वारा दिया गया संगीत बहुत ही सराहा गया और कई पुरस्कार उन्होंने प्राप्त किये। मणिरत्नम् के निर्देशन की भी सराहना हुई।


==सन्दर्भ==
==सन्दर्भ==

00:04, 17 जुलाई 2018 का अवतरण

बॉम्बे

बॉम्बे का पोस्टर
निर्देशक मणिरत्नम्
लेखक उमेश शर्मा (संवाद)
पटकथा मणिरत्नम्
कहानी मणिरत्नम्
निर्माता एस. श्रीराम
मणिरत्नम्
झामू सुगंध
अभिनेता अरविन्द स्वामी
मनीषा कोइराला
संगीतकार ए॰ आर॰ रहमान
प्रदर्शन तिथि
10 मार्च 1995
लम्बाई
130 मिनट[1]
देश भारत
भाषा तमिल

बॉम्बे 1995 की तमिल रूमानी नाट्य फ़िल्म है। इसका निर्देशन मणिरत्नम् ने किया है और मुख्य किरदार अरविन्द स्वामी और मनीषा कोइराला ने निभाए है। संगीत दिया है ए॰ आर॰ रहमान ने और हिन्दी गीत महबूब द्वारा लिखे गए हैं। यह फिल्म भारत के दिसंबर 1992 से जनवरी 1993 की अवधि के दौरान हुई घटनाओं पर केंद्रित है। विशेष रूप से अयोध्या के बाबरी मस्जिद को लेकर विवाद, फिर उसका तोड़ना, मुम्बई (जब बॉम्बे) में सांप्रदायिक तनाव होना और अंतत बंबई के दंगे होना।

संक्षेप

शेखर मिश्रा नारायण और शैला बानो प्यार में हैं और शादी करना चाहते हैं। एकमात्र समस्या यह है कि शेखर हिंदू है और शैला मुस्लिम है। यह विवाह उनके संबंधित परिवारों के लिए एक समस्या है। नतीजतन, युवा जोड़ा बॉम्बे शहर को साथ भाग जाता है। फिर 6 दिसंबर, 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद को तोड़ दिया गया - जिसके परिणामस्वरूप हर जगह धार्मिक दंगे होने लगे - जिसमें बॉम्बे भी शामिल था। शेखर और शैला अब जुड़वां, कमल बशीर और कबीर नारायण के माता-पिता हैं। दंगों के दौरान, शेखर के पिता और शैला के माता-पिता घृणा को दफनाने का फैसला करते हैं और अपने बच्चों से मिलने आते हैं। जब वे अपने व्यक्तिगत मतभेदों को सुलझाने की प्रक्रिया में थे तभी आग लगती है और परिवार को अलग कर देती है। शैला के माता-पिता और शेखर के पिता तत्काल मारे जाते हैं और कबीर और कमल का कोई अता-पता नहीं होता।

मुख्य कलाकार

संगीत

हिन्दी गानों की सूची:

सभी गीत महबूब द्वारा लिखित; सारा संगीत ए॰ आर॰ रहमान द्वारा रचित।

हिन्दी
क्र॰शीर्षकगायकअवधि
1."हम्मा हम्मा"रेमो फर्नांडीज, स्वर्णलता और सुरेश पीटर्स5:10
2."कहना ही क्या"के॰ एस॰ चित्रा, ए॰ आर॰ रहमान और वृन्दगान5:52
3."तू ही रे"हरिहरन और कविता कृष्णमूर्ति7:14
4."कुची कुची"उदित नारायण, कविता कृष्णमूर्ति5:07
5."कुछ भी न सोचो"पल्लवी, शुभा, अनुपमा देशपांडे, नोएल जेम्स और श्रीनिवास5:53
6."बॉम्बे थीम"वाद्य संगीत5:18
7."आँखों में उम्मीदें"सुजाता मोहन और सहगान2:43
8."अपना जमीन यह"सुजाता मोहन, नोएल जेम्स, श्रीनिवास, सिवानेशन, गंगा श्रीनिवासन, रेणुका और अनुराधा श्रीराम3:28

परिणाम

यह फिल्म मणिरत्नम् की रोज़ा और दिल से के साथ एक श्रृंखला के रूप में ली जाती है।[2][3]

फ़िल्म दोनों आलोचनात्मक और आर्थिक तौर पर सफल रही। इसी नाम से फ़िल्म को हिन्दी और तेलुगू भाषा में डब किया गया। ए॰ आर॰ रहमान द्वारा दिया गया संगीत बहुत ही सराहा गया और कई पुरस्कार उन्होंने प्राप्त किये। मणिरत्नम् के निर्देशन की भी सराहना हुई।

सन्दर्भ

  1. Rangan 2012, पृ॰ 292.
  2. "इन फिल्मों पर भी कैंची चलाता सेंसर बोर्ड?". नवभारत टाइम्स. अभिगमन तिथि 1 अक्तूबर 2017.
  3. "Treading on a dangerous divide" (अंग्रेज़ी में). इंडिया टुडे. 15 अप्रैल 1995. अभिगमन तिथि 1 अक्तूबर 2017. नामालूम प्राचल |trans_title= की उपेक्षा की गयी (|trans-title= सुझावित है) (मदद)