"अलसी": अवतरणों में अंतर
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युनानी में वैद्य अंतर्गत जखमो पर बीजों का सेवन करने के लिए कहा जाता है। तो इन बीजों का गजकर्णादी उपयोग त्वचारोगो पर बाह्योपचार से करते हैं। चुना में मिलाकर तेल लगाने से त्वचा जली तो यह फायदेमंद उपाय है। |
युनानी में वैद्य अंतर्गत जखमो पर बीजों का सेवन करने के लिए कहा जाता है। तो इन बीजों का गजकर्णादी उपयोग त्वचारोगो पर बाह्योपचार से करते हैं। चुना में मिलाकर तेल लगाने से त्वचा जली तो यह फायदेमंद उपाय है। |
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अलसी में 'ओमेगा-३' इस मेदाम्ल का अनुपात लगभग ५८% है। इस कारण हृदय को रक्त पहुंचानेवाली वाहिन्या अाकु़चित होती नहीं अलसी यह रक्त के कॉलेस्टेरॉल का प्रमाण ९ से १८ प्रतिशत कम करती है। गठिया कम करती है। इस कारण 'ग्लिसराईड' का प्रमाण कम होता है। इसके सेवन से कर्करोग नहीं होता है।अकाली वृध्द्त्व टलता है। |
अलसी में 'ओमेगा-३' इस मेदाम्ल का अनुपात लगभग ५८% है। इस कारण हृदय को रक्त पहुंचानेवाली वाहिन्या अाकु़चित होती नहीं अलसी यह रक्त के कॉलेस्टेरॉल का प्रमाण ९ से १८ प्रतिशत कम करती है। गठिया कम करती है। इस कारण 'ग्लिसराईड' का प्रमाण कम होता है। इसके सेवन से कर्करोग नहीं होता है।अकाली वृध्द्त्व टलता है। |
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== '''अलसी के बीज का सेवन कैसे करें''' == |
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अलसी के बीज को कच्चे, भुने या पाउडर के रूप में खाया जा सकता है। अलसी के बीज को कच्चा खाने से सबसे अधिक पोषक तत्व मिलते हैं। अलसी के बीज को भूनने से उनका स्वाद और सुगंध बेहतर हो जाती है, लेकिन यह कुछ पोषक तत्वों को भी नष्ट कर सकता है। अलसी के बीज को पाउडर के रूप में पीसकर भी खाया जा सकता है। अलसी के बीज को दही, अनाज, सलाद या स्मूदी में मिलाकर खाया जा सकता है। अलसी का तेल एक स्वादिष्ट और पौष्टिक तेल है जिसका उपयोग खाना पकाने, सलाद ड्रेसिंग और अन्य व्यंजनों में किया जा सकता है। |
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== '''अलसी के बीज के स्वास्थ्य लाभ''' == |
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अलसी के बीज कई स्वास्थ्य लाभों से जुड़े हुए हैं, जिनमें शामिल हैं: |
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==== हृदय स्वास्थ्य में सुधार: ==== |
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अलसी के बीज में फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो दोनों हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। फाइबर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है, जबकि ओमेगा-3 फैटी एसिड रक्तचाप और सूजन को कम कर सकते हैं। |
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==== कोलेस्ट्रॉल कम करें: ==== |
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अलसी के बीज में फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो दोनों कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं। फाइबर कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को कम करने में मदद कर सकता है, जबकि ओमेगा-3 फैटी एसिड खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं।<ref>{{Cite web|url=https://www.bachchaghar.com/hindi/flax-seeds-in-hindi/|title=अलसी के बीज का सेवन कैसे करें: जाने इसके चमत्कारी फायदे|last=|first=Reeta|date=2023-09-29|website=bachchaghar.com|language=हिंदी|access-date=2023-10-12}}</ref> |
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==== डायबिटीज को नियंत्रित करें: ==== |
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अलसी के बीज में फाइबर होता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। फाइबर रक्त शर्करा के अवशोषण को धीमा कर सकता है, जिससे रक्त शर्करा के स्तर में अचानक उतार-चढ़ाव को रोकने में मदद मिलती है। |
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==== कैंसर को रोकें: ==== |
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अलसी के बीज में लिग्नन होते हैं, जो कैंसर को रोकने में मदद कर सकते हैं। लिग्नन एस्ट्रोजन के रूप में कार्य कर सकते हैं, जो कुछ प्रकार के कैंसर के विकास को रोकने में मदद कर सकता है। |
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==== पाचन स्वास्थ्य में सुधार: ==== |
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अलसी के बीज में फाइबर होता है, जो पाचन स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकता है। फाइबर कब्ज को रोकने और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। |
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==== वजन कम करें: ==== |
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अलसी के बीज में फाइबर होता है, जो वजन कम करने में मदद कर सकता है। फाइबर आपको अधिक समय तक भरा हुआ महसूस करने में मदद कर सकता है, जिससे आप कम खाते हैं। |
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== '''अलसी के बीज के संभावित दुष्प्रभाव''' == |
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'''अलसी के बीज के कुछ संभावित दुष्प्रभावों में शामिल हैं:''' |
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* '''गैस:''' अलसी में फाइबर की उच्च मात्रा होती है, जो गैस का कारण बन सकती है। |
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* '''दस्त:''' अलसी में फाइबर की उच्च मात्रा होती है, जो दस्त का कारण बन सकती है। |
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* '''एलर्जी:''' अलसी कुछ लोगों में एलर्जी का कारण बन सकती है। |
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यदि आपके कोई स्वास्थ्य समस्याएं हैं, तो अलसी के बीज का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करना उचित है। |
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== '''अलसी के बीज के लिए सुरक्षित खुराक''' == |
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अलसी के बीज के लिए कोई निर्धारित खुराक नहीं है। आमतौर पर, दिन में 2 से 3 चम्मच अलसी के बीज खाना सुरक्षित माना जाता है। |
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संदर्भ |
संदर्भ |
18:27, 12 अक्टूबर 2023 का अवतरण
अलसी | |
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अलसी का पौधा | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | पादप |
अश्रेणीत: | पुष्पीय पौधे |
अश्रेणीत: | एकबीजपत्री |
अश्रेणीत: | रोज़िड्स |
गण: | मैल्पिजिएल्स |
कुल: | लिनेसी |
वंश: | लाइनम |
जाति: | L. usitatissimum |
द्विपद नाम | |
Linum usitatissimum लीनियस. |
अलसी या तीसी समशीतोष्ण प्रदेशों का पौधा है। रेशेदार फसलों में इसका महत्वपूर्ण स्थान है। इसके रेशे से मोटे कपड़े, डोरी, रस्सी और टाट बनाए जाते हैं। इसके बीज से तेल निकाला जाता है और तेल का प्रयोग वार्निश, रंग, साबुन, रोगन, पेन्ट तैयार करने में किया जाता है। चीन सन का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। रेशे के लिए सन को उपजाने वाले देशों में रूस, पोलैण्ड, नीदरलैण्ड, फ्रांस, चीन तथा बेल्जियम प्रमुख हैं और बीज निकालने वाले देशों में भारत, संयुक्त राज्य अमरीका तथा अर्जेण्टाइना के नाम उल्लेखनीय हैं। सन के प्रमुख निर्यातक रूस, बेल्जियम तथा अर्जेण्टाइना हैं।
तीसी भारतवर्ष में भी पैदा होती है। लाल, श्वेत तथा धूसर रंग के भेद से इसकी तीन उपजातियाँ हैं इसके पौधे दो या ढाई फुट ऊँचे, डालियां बंधती हैं, जिनमें बीज रहता है। इन बीजों से तेल निकलता है, जिसमें यह गुण होता है कि वायु के संपर्क में रहने के कुछ समय में यह ठोस अवस्था में परिवर्तित हो जाता है। विशेषकर जब इसे विशेष रासायनिक पदार्थो के साथ उबला दिया जाता है। तब यह क्रिया बहुत शीघ्र पूरी होती है। इसी कारण अलसी का तेल रंग, वारनिश और छापने की स्याही बनाने के काम आता है। इस पौधे के एँठलों से एक प्रकार का रेशा प्राप्त होता है जिसको निरंगकर लिनेन (एक प्रकार का कपड़ा) बनाया जाता है। तेल निकालने के बाद बची हुई सीठी को खली कहते हैं जो गाय तथा भैंस को बड़ी प्रिय होती है। इससे बहुधा पुल्टिस बनाई जाती है।
आयुर्वेद में अलसी को मंदगंधयुक्त, मधुर, बलकारक, किंचित कफवात-कारक, पित्तनाशक, स्निग्ध, पचने में भारी, गरम, पौष्टिक, कामोद्दीपक, पीठ के दर्द ओर सूजन को मिटानेवाली कहा गया है। गरम पानी में डालकर केवल बीजों का या इसके साथ एक तिहाई भाग मुलेठी का चूर्ण मिलाकर, क्वाथ (काढ़ा) बनाया जाता है, जो रक्तातिसार और मूत्र संबंधी रोगों में उपयोगी कहा गया है। युनानी में वैद्य अंतर्गत जखमो पर बीजों का सेवन करने के लिए कहा जाता है। तो इन बीजों का गजकर्णादी उपयोग त्वचारोगो पर बाह्योपचार से करते हैं। चुना में मिलाकर तेल लगाने से त्वचा जली तो यह फायदेमंद उपाय है। अलसी में 'ओमेगा-३' इस मेदाम्ल का अनुपात लगभग ५८% है। इस कारण हृदय को रक्त पहुंचानेवाली वाहिन्या अाकु़चित होती नहीं अलसी यह रक्त के कॉलेस्टेरॉल का प्रमाण ९ से १८ प्रतिशत कम करती है। गठिया कम करती है। इस कारण 'ग्लिसराईड' का प्रमाण कम होता है। इसके सेवन से कर्करोग नहीं होता है।अकाली वृध्द्त्व टलता है।
अलसी के बीज का सेवन कैसे करें
अलसी के बीज को कच्चे, भुने या पाउडर के रूप में खाया जा सकता है। अलसी के बीज को कच्चा खाने से सबसे अधिक पोषक तत्व मिलते हैं। अलसी के बीज को भूनने से उनका स्वाद और सुगंध बेहतर हो जाती है, लेकिन यह कुछ पोषक तत्वों को भी नष्ट कर सकता है। अलसी के बीज को पाउडर के रूप में पीसकर भी खाया जा सकता है। अलसी के बीज को दही, अनाज, सलाद या स्मूदी में मिलाकर खाया जा सकता है। अलसी का तेल एक स्वादिष्ट और पौष्टिक तेल है जिसका उपयोग खाना पकाने, सलाद ड्रेसिंग और अन्य व्यंजनों में किया जा सकता है।
अलसी के बीज के स्वास्थ्य लाभ
अलसी के बीज कई स्वास्थ्य लाभों से जुड़े हुए हैं, जिनमें शामिल हैं:
हृदय स्वास्थ्य में सुधार:
अलसी के बीज में फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो दोनों हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। फाइबर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है, जबकि ओमेगा-3 फैटी एसिड रक्तचाप और सूजन को कम कर सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल कम करें:
अलसी के बीज में फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो दोनों कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं। फाइबर कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को कम करने में मदद कर सकता है, जबकि ओमेगा-3 फैटी एसिड खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं।[1]
डायबिटीज को नियंत्रित करें:
अलसी के बीज में फाइबर होता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। फाइबर रक्त शर्करा के अवशोषण को धीमा कर सकता है, जिससे रक्त शर्करा के स्तर में अचानक उतार-चढ़ाव को रोकने में मदद मिलती है।
कैंसर को रोकें:
अलसी के बीज में लिग्नन होते हैं, जो कैंसर को रोकने में मदद कर सकते हैं। लिग्नन एस्ट्रोजन के रूप में कार्य कर सकते हैं, जो कुछ प्रकार के कैंसर के विकास को रोकने में मदद कर सकता है।
पाचन स्वास्थ्य में सुधार:
अलसी के बीज में फाइबर होता है, जो पाचन स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद कर सकता है। फाइबर कब्ज को रोकने और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।
वजन कम करें:
अलसी के बीज में फाइबर होता है, जो वजन कम करने में मदद कर सकता है। फाइबर आपको अधिक समय तक भरा हुआ महसूस करने में मदद कर सकता है, जिससे आप कम खाते हैं।
अलसी के बीज के संभावित दुष्प्रभाव
अलसी के बीज के कुछ संभावित दुष्प्रभावों में शामिल हैं:
- गैस: अलसी में फाइबर की उच्च मात्रा होती है, जो गैस का कारण बन सकती है।
- दस्त: अलसी में फाइबर की उच्च मात्रा होती है, जो दस्त का कारण बन सकती है।
- एलर्जी: अलसी कुछ लोगों में एलर्जी का कारण बन सकती है।
यदि आपके कोई स्वास्थ्य समस्याएं हैं, तो अलसी के बीज का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करना उचित है।
अलसी के बीज के लिए सुरक्षित खुराक
अलसी के बीज के लिए कोई निर्धारित खुराक नहीं है। आमतौर पर, दिन में 2 से 3 चम्मच अलसी के बीज खाना सुरक्षित माना जाता है।
संदर्भ
विश्व में अलसी उत्पादन
2011 में अलसी के प्रमुख उत्पादक देश[2] | ||
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देश | उत्पादन (मैट्रिक टन) | |
कनाडा | 368 300 | |
चीन | 350 000 | |
रूस | 230 000 | |
भारत | 147 000 | |
यूनाइटेड किंगडम | 71 000 | |
संयुक्त राज्य अमेरिका | 70 890 | |
इथियोपिया | 65 420 | |
कज़ाकिस्तान | 64 000 | |
यूक्रेन | 51 100 | |
अर्जेंटीना | 32 170 | |
कुल | 1 602 047 |
चित्र दीर्घा
अलसी के बीज पोषक मूल्य प्रति 100 ग्रा.(3.5 ओंस) | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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उर्जा 530 किलो कैलोरी 2230 kJ | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
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प्रतिशत एक वयस्क हेतु अमेरिकी सिफारिशों के सापेक्ष हैं. स्रोत: USDA Nutrient database |
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खेत में फूली हुई तीसी
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अलसी के फल : कच्चा और पका हुआ
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तीसी के बीज
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तीसी का पौधा
सन्दर्भ
- ↑ "अलसी के बीज का सेवन कैसे करें: जाने इसके चमत्कारी फायदे". bachchaghar.com (हिंदी में). 2023-09-29. अभिगमन तिथि 2023-10-12.
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in first (मदद)सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link) - ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 1 अप्रैल 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 मई 2017.