विकिपीडिया:पृष्ठ हटाने हेतु चर्चा/लेख/फरहाना ताज

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से

दर्जनों साइट पर इस लेखिका के बारे में है और उल्लेखनीय है। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने भी इसे उत्कृष्ट लेखन के लिए डेढ लाख रुपए से सम्मानित किया है। इसलिए इसके विषय में पेज रहना चाहिए, क्योंकि पिछले दिनों एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में भी इनके बारे में प्रश्न पूछा गया था कि भारत की प्रथम ​महिला जिसे संस्कृति मनीषी सम्मान मिला हो? फिर इनका पेज क्यों नहीं रहना चाहिए। शेष मैं व्यवस्थापको और संपादकों पर छोड़ता हूं। चाहें तो इस पुननिर्मति पेज को हटा दें। मैंने इनकी लिखी उर्दू और अरबी में दर्जनों पुस्तकें पढी हैं। बेहद ही उत्कृष्ट लिखती हैं। युसूफ, हैदराबाद, दोमलगुडा एनटीआर ग्राउंड


5 सितंबर 1980 को हैदराबाद में जन्मी फरहाना ताज उर्दू, अरेबिक और हिन्दी की लेखिका हैं। हिन्दी में ये मधु धामा के नाम से लिखती हैं। इनके संघर्षपूर्ण जीवन पर आधारित नाटक का मंचन सुनील चैहान के निर्देशन में देश के विभिन्न शहरों जैसे परमार्थ निकेतन ऋषिकेश[1][2] श्रीराम सेंटर, दिल्ली[3]गुड़गांव[4][5][6][7][8][9][10] सुशांत लोक हरियाणा[11] रामबांस, खुर्जा बुलंदशहर[12][13][14][15] आदि जगह हो चुका है। इनके जीवन पर फिल्म[16] का निर्माण भी हो रहा है। इन्होंने मौलिक लेखन के अलावा स्वामी दयानंद सरस्वती जी के अधिकांश ग्रंथों का उर्दू में रूपांतरण भी किया। स्वामी दयानंद की इनकी लिखी जीवनी दर्जनों भाषाओं में प्रकाशित हो चुकी है। मूलत: उर्दू, अरेबिक और तेलुगू की जानकार एक आम गृहिणी मधु धामा ने हिन्दी साहित्य जगत और समाज सेवा में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। दिल्ली पब्लिक लाइब्रेरी बोर्ड, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार ने इन्हें देशभक्ति से परिपूर्ण लेखन, मानवीय सेवाओं और भारतीय संस्कृति के प्रचार—प्रसार के लिए संस्कृति मनीषी सम्मान से सम्मानित किया है, [17][18][19]जिसके तहत इन्हें डेढ लाख रुपए नगद, शॉल, श्रीफल और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. "नाटक की शानदार प्रस्तुति". दैनिक अमर उजाला. अमर उजाला. अभिगमन तिथि 15 अप्रैल 2018.
  2. "ऋषिकेश में नाटक का मंचन". आज का आदित्य. www.aajkaaditya.in. अभिगमन तिथि 14 अप्रैल 2018.
  3. "नाटक में इंसानियत की मिसाल पेश". vohnews.com. vohnews.com. अभिगमन तिथि 26 जुलाई 2017.
  4. "घर वापसी नाटक का मंचन". दैनिक जागरण. दैनिक जागरण. अभिगमन तिथि 19 अगस्त 2019.
  5. "नाटक ने दिया वेदों की ओर लौटने का संदेश". हिन्दुस्तान समाचार. हिन्दुस्तान समाचार. अभिगमन तिथि 19 अगस्त 2019.
  6. "नाटक ने दिया वेदों की ओर लौटने का संदेश". dailyhunt.in. dailyhunt.in. अभिगमन तिथि 19 अगस्त 2019.
  7. "वेदों की ओर लौटने का संदेश दिया". वेबवार्ता. webvarta.com. अभिगमन तिथि 19 अगस्त 2019.
  8. "नाटक का मंचन". इंडियाज न्यूज. indias.news. अभिगमन तिथि 19 अगस्त 2019.
  9. "नाटक का मंचन". वाइरल सच. www.viralsach.online. अभिगमन तिथि 19 अगस्त 2019.
  10. "एक अद्भुत नाटक". हरियाणा मेल. www.haryanamail.in. अभिगमन तिथि 19 अगस्त 2019.
  11. "सुशांत लोक, हरियाणा में नाटक ने लोगों को किया भावुक". न्यूज अप टू डेट. newsup2date.com. अभिगमन तिथि 26 सितंबर 2018.
  12. "वेदों की ओर लौटने को विवश कर गया नाटक". वीर अर्जुन. वीर अर्जुन. अभिगमन तिथि 4 नवंबर 2019.
  13. "वेदों की ओर लौटने को विवश कर गया नाटक". न्यूज इंडिया लाइव. न्यूज इंडिया. अभिगमन तिथि 4 नवंबर 2019.
  14. "वेदों की ओर लौटने को विवश कर गया नाटक". हिन्दुस्तान समाचार एजेंसी. हिन्दुस्तान समाचार एजेंसी. अभिगमन तिथि 4 नवंबर 2019.
  15. "वेदों की ओर लौटने को विवश कर गया नाटक". विशाल इंडिया. विशाल इंडिया. अभिगमन तिथि 4 नवंबर 2019.
  16. "फरहाना ताज के जीवन पर फिल्म". दैनिक जागरण. दैनिक जागरण. अभिगमन तिथि 25 अप्रैल 2016.
  17. "मधु धामा को संस्कृति मनीषी सम्मान". अमर उजाला. अमर उजाला. अभिगमन तिथि 10 फरवरी 2019.
  18. "मधु धामा को संस्कृति मनीषी सम्मान". दैनिक जागरण. दैनिक जागरण. अभिगमन तिथि 10 फरवरी 2019.
  19. "मधु धामा को संस्कृति मनीषी सम्मान". वेबवार्ता. वेबवार्ता. अभिगमन तिथि 10 फरवरी 2019.