वीर अर्जुन

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वीर अर्जुन हिन्दी का एक दैनिक समाचारपत्र है। इसका प्रकाशन १९५४ में दिल्ली से हुआ। के. नरेन्द्र इस पत्र के सम्पादक थे। अपने सम्पादकीय-लेख के कारण यह पत्र विशेष प्रसिद्ध रहा। वीर अर्जुन का अपना विशेष पाठक वर्ग था। कभी महाशय कृष्ण की लौह लेखनी उसमें आग उगलती थी। के. नरेन्द्र के सम्पादकीय के कारण ही उसकी लोकप्रियता रही है। आजकल प्रभात सस्करण और सांध्य 'वीर अर्जुन' प्रकाशित हो रहा है। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी 'वीर अर्जुन' के संपादक हुआ करते थे।[1] जब वे संपादक थे, उनके संपादकीय की बुद्धिजीवियों और राजनेताओं में खूब चर्चा होती थी। उन दिनों जब लोगों के हाथों में 'वीर अर्जुन' आता था, तब वे सबसे पहले संपादकीय पढ़ा करते थे। ऐसा था उनकी लेखनी का जादू।

संदर्भ[संपादित करें]

  1. "Vajpayee came to Delhi to edit a paper, ended up leading the nation". Hindustan Times (अंग्रेज़ी में). 18 अगस्त 2018.