मोहरा
मोहरा | |
---|---|
मोहरा का पोस्टर | |
निर्देशक | राजीव राय |
निर्माता | गुलशन राय |
अभिनेता |
अक्षय कुमार सुनील शेट्टी नसीरुद्दीन शाह परेश रावल |
छायाकार | दामोदर नायडू |
संपादक | राजीव राय |
संगीतकार | विजू शाह |
वितरक | त्रिमूर्ति फिल्म्स |
प्रदर्शन तिथियाँ |
1 जुलाई, 1994 |
लम्बाई |
177 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
मोहरा वर्ष 1994 की हिन्दी भाषा की राजीव राय द्वारा निर्देशित एक्शन-थ्रिलर फिल्म है। फिल्म की मुख्य भूमिकाओं में अक्षय कुमार, नसीरुद्दीन शाह, सुनील शेट्टी एवं रवीना टंडन के साथ सह-अभिनेताओं में सदाशिव अमरापुरकर, परेश रावल, रज़ा मुराद एवं गुलशन ग्रोवर आदि सम्मिलित हैं। फिल्म वर्ष 1994 की दूसरी सबसे ज्यादा व्यावसायिक रूप से सफलता अर्जित करने वाली फिल्म थी।
अभिनेता अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी और परेश रावल की यह एक साथ पहली फिल्म है। उनकी लोकप्रिय तिकड़ी को कई सफल फिल्मों में दोहराया गया। फिल्म की मुख्य अभिनेत्री के लिये पहले दिव्या भारती को अनुबंध किया जाना था लेकिन उनकी असमय मौत के पश्चात यह भूमिका रवीना टंडन को सौंपी गई और फिल्म के लोकप्रिय संगीत 'तू चीज बड़ी है मस्त-मस्त' गीत के बाद वह 'मस्त-मस्त गर्ल' के उपनाम से मशहूर भी हुई।[1]
संक्षेप
[संपादित करें]विशाल अग्निहोत्री (सुनील शेट्टी) को चार अपराधियों के एक समूह की हत्या के लिए कैद की सजा दी गई है। उन्होंने उसकी साली का क्रूरता से बलात्कार किया था और मार डाला था। विशाल अदालत में न्याय पाने की कोशिश करता है, लेकिन असफल रहता है और भ्रष्ट वकील की मदद से पुरुषों को जेल से रिहा कर दिया जाता है। फिर अपराधी विशाल के घर जाते हैं क्योंकि उसने उनके खिलाफ मुकदमा दायर करने की कोशिश की थी। चारों अपराधी विशाल की पत्नी प्रिया (पूनम झावर) से बलात्कार करने की कोशिश करते हैं, लेकिन वह खुद को एक चाकू से मार लेती है। इस सब से नाराज विशाल इस मामले को अपने हाथों में लेने का फैसला करता है और चारों अपराधियों की हत्या कर देता है। इस अपराध के लिए उसे जेल में सजा सुनाई जाती है।
जब पत्रकार रोमा सिंह (रवीना टंडन) एक रिपोर्ट लिखने के लिए जेल जाती हैं, तो कुछ कैदी उससे बलात्कार करने की कोशिश करते हैं। इसे देखकर विशाल को अपनी दुर्भाग्य की याद आती है और वह हस्तक्षेप करता है और रोमा को बचाता है। रोमा विशाल की कहानी सुनती है और उसे जेल से मुक्त करने में मदद करने का फैसला करती है। अंधे व्यवसायी श्री जिंदल (नसीरुद्दीन शाह) द्वारा यह सब सुन लिया जाता है। वह विशाल को हिट-मैन के रूप में भर्ती करने की कोशिश करते हैं। वह चाहते हैं कि विशाल शहर में कुछ असामाजिक तत्वों को मार डालें। मुख्य रूप से दो शक्तिशाली नशीली दवाओं के व्यापारी जिब्रान (रज़ा मुराद) और टायसन (गुलशन ग्रोवर) और उनके लिए काम करने वाले सभी लोग। श्री जिंदल विशाल को बताते हैं कि इन नशीली दवाओं के मालिक सड़कों पर दवाएं लाने और स्थानीय लोगों को भ्रष्ट करके, उन चार लोगों के समूह की तरह लोगों को बनाने के लिए जिम्मेदार हैं। विशाल पहले इनकार करता है क्योंकि वह अभी जेल से बाहर निकला है और अब सामान्य जीवन जीना चाहता है। हालांकि अपने घर में जब वह अकेले दिन बिताता है, तो उसे अपनी परिवार के हत्यारों की याद आती है। फिर वह जिंदल के लिए काम करने के लिए सहमत होता है।
इंस्पेक्टर साहू (परेश रावल) बहुत लालची है और जिब्रान के लिए एक सूचनार्थी बन जाता है। वह पैसे के बदले में जिब्रान को पुलिस विभाग के सभी आंतरिक मामलों का खुलासा करता है।
पुलिस इंस्पेक्टर अमर सक्सेना (अक्षय कुमार) दवा-व्यापार संदिग्धों को पकड़ने की कोशिश कर रहा है। वह विशाल की रिहाई के बारे में नाखुश है। वह मानता है कि उसके द्वारा की गई हत्याओं के कारण वह जेल में रहने का हकदार है। चीजें और भी जटिल हो जाती हैं जब अमर को जहर-व्यापार में शामिल अपराधियों के अधिकांश हत्या दृश्यों में विशाल मिलता है। विशाल हत्या पर हत्या किये जाता है। जब तक वह महसूस नहीं करता कि आयुक्त (सदाशिव अमरापुरकर) भी सोचता है कि अज्ञात हत्यारा पुलिस की तुलना में समाज की अधिक मदद कर रहा है। विशाल आयुक्त को मारने से इंकार कर देता है। इस प्रकार वह अपने मालिक जिंदल को गुस्सा दिला देता है। विशाल तब महसूस करता है कि जिंदल अंधे नहीं है और असली खलनायक वही है। वह उसे मोहरा की तरह इस्तेमाल कर रहे थे।
जिंदल विशाल को बताता है कि जिब्रान और टायसन उसके प्रतिद्वंद्वियों थे। उसने यह भी स्वीकार किया कि उसने सच्चाई को छुपाने के लिये अपनी पत्नी पूजा (प्रिया तेंडुलकर) और इंस्पेक्टर करण सक्सेना (जो अमर के पिता थे) की हत्या कर दी थी। फिर पुलिस से बचने के लिये अंधेपन का नाटक किया।
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- अक्षय कुमार - इंस्पेक्टर अमर सक्सेना
- सुनील शेट्टी - विशाल अग्निहोत्री
- रवीना टंडन- रोमा सिंह
- नसीरुद्दीन शाह - श्री जिंदल के रूप में
- पूनम झावर - प्रिया अग्निहोत्री, विशाल की पत्नी
- परेश रावल - काशीनाथ साहू, पुलिस उप निरीक्षक
- सदाशिव अमरापुरकर - पुलिस आयुक्त कामदेव कुलकर्णी
- गुलशन ग्रोवर - टायसन, नशीली दवाओं का कारोबारी
- रज़ा मुराद - जिब्रान, अन्य नशीली दवाओं का कारोबारी, टायसन का प्रतिद्वंद्वी
- कुलभूषण खरबंदा - जेलर, रोमा के पिताजी
- अवतार गिल - अमर के पिता करण सक्सेना
- हरीश पटेल - क्रांति कुमार
- रज़ाक ख़ान - रिज़वान (जिब्रायन का भाई)
- प्रिया तेंडुलकर - पूजा के रूप में (विशेष उपस्थिति)
- कुनिका - फ्लोरा
- तेज सप्रू - इरफान
- विश्वजीत प्रधान - जैक्सन
- युनुस परवेज़ - सिद्दीकी के रूप में
- विनय सप्रू - टोनी
संगीत
[संपादित करें]यह एल्बम 1994 की दूसरी सबसे ज्यादा बिकने वाली एल्बम थी। गीत "ना कजरे की धार" गीत मूल रूप से कल्याणजी-आनंदजी द्वारा रचित था। गीत मूल रूप से मुकेश द्वारा गाया गया था।
सभी गीत विजू शाह द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
---|---|---|---|---|
1. | "दिल हर कोई" | इन्दीवर | कुमार सानु, अलका याज्ञिक | 5:04 |
2. | "काश कहीं ऐसा होता" | आनंद बख्शी | कुमार सानु | 5:05 |
3. | "तू चीज बडी है" | आनंद बख्शी | उदित नारायण, कविता कृष्णमूर्ति | 6:26 |
4. | "ना कजरे की धार" | इन्दीवर | पंकज उधास, साधना सरगम | 5:24 |
5. | "ना कजरे की तस्वीर तेरी" | इन्दीवर | पंकज उधास | 1:18 |
6. | "ना कजरे की कोई और नहीं" | इन्दीवर | साधना सरगम | 1:18 |
7. | "सुबह से लेकर" | आनंद बख्शी | साधना सरगम, उदित नारायण | 5:56 |
8. | "टिप टिप बरसा पानी" | आनंद बख्शी | अलका याज्ञिक, उदित नारायण | 6:03 |
9. | "मैं चीज बडी हूँ" | आनंद बख्शी | कविता कृष्णमूर्ति | 6:03 |
कुल अवधि: | 42:37 |
नामांकन और पुरस्कार
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "श्रीदेवी के ठुकराए इन रोल से सुपरस्टार बन गईं रवीना-माधुरी जैसी एक्ट्रेसेस". दैनिक भास्कर. 25 फरवरी 2018. अभिगमन तिथि 6 दिसम्बर 2018.