मेला
जब किसी एक स्थान पर बहुत से लोग किसी सामाजिक ,धार्मिक एवं व्यापारिक या अन्य कारणों से एकत्र होते हैं तो उसे मेला कहते हैं। भारतवर्ष में लगभग [1]हर माह मेले लगते रहते ही है। मेले तरह-तरह के होते हैं। एक ही मेले में तरह-तरह के क्रियाकलाप देखने को मिलते हैं और विविध प्रकार की दुकाने एवं मनोरंजन के साधन हो सकते हैं। भारत तो मेलों के लिये प्रसिद्ध है। [2]यहाँ कोस-दो-कोस पर जगह-जगह मेले लगते हैं जो अधिकांशत: धार्मिक होते हैं किन्तु कुछ पशु, व्यापार तथा कृषि मेले के साथ ही शहीदों को नमन के लिए भी मेले यहाँ लगते हैैं।[3] भारत का सबसे बड़ा मेला कुम्भ मेला माना जाता है। भारत के राजस्थान राज्य में भी काफी मेले आयोजित होते है। जहाँ कुम्भ सबसे बड़ा मेला है वही शहीद मेला देश मे स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए महानायको की याद में आयोजित होने वाला सबसे लंबी अवधि का मेला है।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]- भारत के मेलों की सूची
- उत्सव
- विश्व पुस्तक मेला
- कोलकाता पुस्तक मेला
- कुम्भ मेला
- शहीद मेला,बेवर(मैनपुरी)
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- राजस्थान एवं जयपुर के प्रमुख मेले एवं त्यौहार
- लोक-संस्कृति की पहचान हैं ग्रामीन मेले (महामेधा)
- A vivid description of Bartholomew Fair (in 1825) from Hone's Every Day Book
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 30 अक्तूबर 2015. Retrieved 17 नवंबर 2015.
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(help) - ↑ "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 18 नवंबर 2015. Retrieved 17 नवंबर 2015.
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(help) - ↑ "संग्रहीत प्रति". Archived from the original on 27 अक्तूबर 2015. Retrieved 17 नवंबर 2015.
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राजस्थान मे गुगौर का मेला बहुत प्रसिद्ध हैं पास के बनेह गांव के लोग मेला देखने जाते हैं
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