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मावली देवी मंदिर,तरपोंगा,रायपुर

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छत्तीसगढ़ राज्य के संरक्षित स्मारक

मवाली देवी मंदिर छत्तीसगढ़ राज्य के बलौदाबाजार भाटापारा जिले में है। यह मंदिर रायपुर से ६२ किलोमीटर तथा रायपुर-बिलासपुर रोड पर स्थित विश्रामपुर से ३ कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित तरपोंगा ग्राम में शिवनाथ नदी के दक्षिण तट पर स्थित है। वास्तव में यह प्राचीन ध्वस्त मंदिर स्थली है जहां पर ग्रामीणों ने नया मंदिर निर्मित कर दिया है एवं पुरानी द्वार चौखट और कुछ मूर्तियों को मण्डप में दीवारों से जड़ दिया है। वर्तमान में यह मंदिर 'मावली देवी' अथवा 'मावली माता' के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। महिषासुरमर्दिनी की प्रतिमा यहां मावली माता के रूप में पूजित है। मावली माता का यह स्वरूप छत्तीसगढ़ में अधिक लोकप्रिय है। इस मंदिर की प्राचीन द्वार चौखट अलंकृत है। इसकी बायीं द्वारशाखा पर नदी देवी यमुना एवं दायीं द्वार शाखा पर नदी देवी गंगा खड़ी है। दीवार पर जड़ी हुई प्रतिमाओं में चतुर्भुजी विष्णु, महिषासुर मर्दिनी एवं उमा महेश्वर की प्रतिमायें महत्वपूर्ण है। शिवलिंग, नन्दी प्रतिमाएं, सती स्तंभों एवं योध्दा प्रतिमाओं का यहां पर अच्छा संग्रह देखा जा सकता है। इस मंदिर की द्वार चौखट एवं मंडप की प्रतिमायें ११-१२वीं शती ईस्वी की है किन्तु शेष योद्धा प्रतिमायें एवं अन्य वास्तुखण्ड जो मंदिर की बाह्य भित्ति के सहारे टिकाकर रखे गये हैं, वे १६-१७वीं शती ईस्वी के हैं। पुरातत्वीय दृष्टि से यह संग्रह महत्वपूर्ण है। यह स्मारक छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा संरक्षित है।