मस्तिष्क अर्बुद

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Brain Tumor
वर्गीकरण व बाहरी संसाधन
Brain metastasis in the right cerebral hemisphere from lung cancer shown on T1-weighted magnetic resonance imaging with intravenous contrast. (L=left, P=posterior, back of the head)
आईसीडी-१० C71., D33.0-D33.2
आईसीडी- 191, 225.0
रोग डाटाबेस 30781
मेडलाइन+ 007222 000768
ई-मेडिसिन emerg/334 
एमईएसएच D001932

मस्तिष्क अर्बुद (ब्रेन ट्यूमर) मस्तिष्क में कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि है जो कैंसरयुक्त (असाध्य) या कैंसरविहीन (सुसाध्य) हो सकती है। इसकी परिभाषा असामान्य और अनियंत्रित कोशिका विभाजन से उत्पन्न किसी भी अन्तः कपालिकय अर्बुद के रूप में की जाती है, जो साधारणतः या तो मस्तिष्क के भीतर (तंत्रिका कोशिकाएं, तंत्रिकाबंध कोशिकाएं (तारिका कोशिकाएं, अल्पदन्द्रोन कोशिकाएं, आन्तरीयकला कोशिकाएं, माइलिन-उत्पादक श्वान कोशिकाएं), लसीका ऊतक, रक्तनलिकाएं), कपाल नाड़ियों में, मस्तिष्क के आवरणों में, कपाल, पीयूष और पीनियल ग्रंथियों, या प्राथमिक तौर पर अन्य अवयवों में स्थित कैंसरों से फैल कर (विक्षेपी अर्बुद) उत्पन्न होता है।

प्राथमिक (सच्चे) मस्तिष्क अर्बुद सामान्यतः बच्चों में पश्च कपाल खात में और वयस्कों में प्रमस्तिष्क गोलार्धों के अगले दो-तिहाई भाग में होते हैं, यद्यपि वे मस्तिष्क के किसी भी भाग में हो सकते हैं।

संयुक्त राज्य में सन् 2005 में, लगाए गए अनुमान के अनुसार मस्तिष्क अर्बुद के 43,800 नए मामले देखे गए (संयुक्त राज्य की केन्द्रीय मस्तिष्क अर्बुद रजिस्ट्री, संयुक्त राज्य में प्राथमिक मस्तिष्क अर्बुद, सांख्यिकीय रिपोर्ट, 2005-2006),[1] जो सभी कैंसरों का 1.4 प्रतिशत, सभी कैंसर से हुई मौतों का 2.4 प्रतिशत,[2] और बच्चों के कैंसरों का 20-25 प्रतिशत है।[2][3] अंततः यह अनुमानित है कि अकेले संयुक्त राज्य में मस्तिष्क अर्बुदों के कारण हर वर्ष 13,000 मौतें होती हैं।[1]

कारण

मस्तिष्क और मेरू रज्जु के प्राथमिक अर्बुदों की अपेक्षा विक्षेपी अर्बुद कहीं अधिक आम हैं।

विनाइल क्लोराइड या आयनीकृत रेडियोधर्मिता से संपर्क में आने के अलावा, मस्तिष्क अर्बुदों से संबद्ध और कोई ज्ञात वातावरणीय कारक नहीं हैं। कुछ तथाकथित अर्बुद दमनकारी वंशाणुओं के उत्परिवर्तन और उसके हट जाने को कुछ प्रकार के मस्तिष्क अर्बुदों का कारण समझा जाता है। विभिन्न आनुवंशिक रोगों से ग्रस्त रोगियों जैसे वॉन हिप्पेल-लिन्डौ रोगसमूह, एकाधिक अंतःश्रावी नवकोशिकाविभाजन, तंत्रिकातन्त्र अर्बुद टाइप 2 में मस्तिष्क अर्बुद होने का अधिक जोखिम होता है। एक रिपोर्ट के अनुसार यह आरोप है कि मोबाईल फोन/सेल फोन मस्तिष्क अर्बुद का कारण हो सकते हैं।[4] (मोबाइल फोन रेडियोधर्मिता और स्वास्थ्य देखें) मस्तिष्क अर्बुदों और मलेरिया के बीच संबंध पाया गया है, जिससे यह लगता है कि मलेरिया का वाहक एनाफ्लीज़ मच्छर किसी वाइरस या एजेंट का संचरण करता है जो मस्तिष्क अर्बुद उत्पन्न कर सकता है।[5] अमेरिका के 19 राज्यों में असाध्य मस्तिष्क अर्बुदों और अल्ज़ाइमर के रोग के बीच संबंध पाया गया है। दोनों रोगों का शायद कारण शायद एक ही, संभवतः शोथ है।[6]

चिह्न और लक्षण

मस्तिष्क अर्बुदों के लक्षण दो बातों पर निर्भर करते हैं – अर्बुद का आकार और अर्बुद का स्थल. अनेक मामलों में रोग के दौरान लक्षणों का प्रादुर्भाव अर्बुद की प्रकृति पर निर्भर करता है (साध्य, अर्थात् धीमे बढ़ने वाला/देर से लक्षणों की उत्पत्ति, या असाध्य, तेजी से बढ़ने वाला/शीघ्र लक्षणों की उत्पत्ति) और यह मस्तिष्क अर्बुद के मामले में चिकित्सक का ध्यान खींचने का खास कारण होता है।

बड़े अर्बुद या बड़े भाग में पराकेन्द्रित सूजन उत्पन्न करने वाले अर्बुद अंततः अंतर्कपालीय दबाव को बढ़ा (अंतर्कपालीय उच्चरक्तचाप) देते हैं जिसके कारण सिरदर्द, उल्टियां (कभी-कभी बिना मतली के), होश की स्थिति में बदलाव (निद्रा, निश्चेतनता), क्षति वाले भाग की तरफ के पुतली का चौड़ा हो जाना (एनआईसोकोरिया), अक्षिबिंबशोफ (पैपिलेडीमा-फंडोस्कोपी परीक्षा में अंधबिन्दु का स्पष्ट दिखना) आदि हो जाते हैं। तथापि छोटे अर्बुदों द्वारा मस्तिष्क-मेरू द्रव के मार्ग में अवरोध उत्पन्न करने पर अंतर्कपालीय उच्चरक्तचाप के चिह्न जल्दी प्रकट हो जाते हैं। अंतर्कपालीय उच्चरक्तचाप के परिणामस्वरूप मस्तिष्क के कुछ भागों जैसे सेरीबेलम के टांसिल या टेम्पोरल अंकस का हर्नियेशन (अर्थात् विस्थापन) हो जाता है, जिससे घातक ब्रेनस्टेम संपीड़न हो सकता हैं। छोटे बच्चों में अंतर्कपालीय उच्चरक्तचाप के कारण कपाल का व्यास बढ़ जाता है और कलांतराल फूल जाते हैं।

अर्बुद की स्थिति और उसके आसपास की मस्तिष्क रचनाओं को संपीड़न या अंतःसंचरण के द्वारा पहुंची क्षति के अनुसार किसी भी तरह के केन्द्रित नाड़ीतंत्रीय लक्षण उत्पन्न हो सकते हैं जैसे, बोध और बर्ताव में कमी, व्यक्तित्व में बदलाव, शरीर के एक पार्श्व का आंशिक पक्षाघात, दर्द की अनुभूति, मंन कमी, वाचाघात, गतिविभ्रम, दृष्टिक्षेत्र में कमी, चेहरे का पक्षाघात, द्विदृष्टिता, कम्पन आदि. ये लक्षण मस्तिष्क अर्बुदों के लिये विशेष नहीं हैं –ये विभिन्न प्रकार के नाड़ीतंत्रीय रोगों द्वारा उत्पन्न हो सकते हैं (उदा . मस्तिष्काघात, मस्तिष्क पर लगी चोट). हालांकि क्षति का स्थान और इसका क्रियात्मक तंत्रों (उदा .प्रेरक, ग्राह्य, दृष्टि आदि) पर होने वाला असर अधिक महत्वपूर्ण होता है।

दोतरफा कालिक दृष्टि क्षेत्र विकार – (द्विकालिक अर्धदृष्टि - दृष्टि व्यत्यासिका के संपीड़न के कारण), अक्सर अंतःस्रावी दुष्क्रिया के साथ होने वाला – पीयूषिका अल्पक्रियता या पीयूष हारमोनों का अधिक उत्पादन और रक्त में प्रोलैक्टिन की अधिकता पीयूषग्रंथि अर्बुद की ओर इंगित करता है।

मस्तिष्कार्बुदों के प्रकार

निदान

ओलिगोडेन्ड्रोग्लियोमा का माइक्रोग्राफ, एक प्रकार का मस्तिष्क कैंसर.मस्तिष्क बायोप्सी.एच एंड ई स्टेन.

यद्यपि मस्तिष्क अर्बुदों के कोई विशिष्ट लक्षण या चिह्न नहीं होते हैं, धीमे-धीमे बढ़ते केन्द्रीय नाड़ीतंत्रीय चिह्न और बढ़े हुए अन्तर्कपालीय दबाव के चिह्न तथा अपस्मार के इतिहास से रहित रोगी में अपस्मार के होने पर इस ओर ध्यान आकर्षित होना चाहिये. लक्षणों का अचानक प्रकट होना, जैसे, बिना अपस्मार के इतिहास वाले रोगी में अपस्मार का दौरा, अकस्मात् अन्तर्कपालीय उच्चरक्तचाप (ऐसा अर्बुद के भीतर रक्तस्राव, मस्तिष्क की सूजन या मस्तिष्क-मेरू द्रव के मार्ग में अवरोध के कारण हो सकता है) भी संभव है।

पबमेड[कौन?] पर दी गई केस रिपोर्टों में दवा से असाध्य दौरों में सकारात्मक परीक्षा के साथ ग्लयोब्लास्टोमा मल्टीफार्मी और एनाप्लास्टिक ऐस्ट्रोसाइटोमा का संबंध जीन-संबंधित यकृतिय पोरफायरिया (पीसीटी (PCT), एआईपी (AIP), एचसीपी (HCP) और वीपी (VP)) से पाया गया है। इन अबुर्दों के साथ नशीली दवाओं के उपचार से संबंधित अस्पष्टीकृत जटिलताओं को एक रोग-पहचान-विहीन स्नायविक पोर्फिरिया के लिए चिकित्सकों को सचेत करना चाहिए.

इमेजिंग मस्तिष्कार्बुदों के निदान में केन्द्रीय भुमिका निभाती है। पुरानी इमेजिंग पद्धतियों – आक्रामक और कभी-कभी खतरनाक –जैसे न्यूमोएनसेफेलोग्राफी और सेरेब्रल एंजियोग्राफी - को अनाक्रामक, उच्च स्पष्टता वाली पद्धतियों जैसे कम्प्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी (CT)) और विशेषकर मैग्नेटिक रेज़नेंस इमेजिंग (एमआरआई (MRI)) के पक्ष में छोड़ दिया गया है। सुसाध्य मस्तिष्कार्बुद कपालीय सीटी-स्कैनों पर अक्सर गहरी (मस्तिष्क ऊतकों से अधिक गहरे) पिंड विक्षतियों के रूप में दिखते हैं। एमआरआई (MRI) पर वे टी1-वेटेड स्कैनों में गहरे (मस्तिष्क ऊतकों से अधिक गहरे) या समान (मस्तिष्क ऊतकों के समान गहरे) दिखाई देते हैं, या टी2-वेटेड MRI पर अधिक स्पष्ट (मस्तिष्क ऊतकों से अधिक चमकदार) दिखते हैं, य़द्यपि बाह्याकृति में भिन्नता हो सकती है। पराकेंद्रित सूजन भी टी2-वेटेड एमआरआई पर अधिक स्पष्ट दिखती है। अधिकांश दुर्दम प्राथमिक और विक्षेपक मस्तिष्क अर्बुदों में सीटी या एमआरआई स्कैनों पर काँट्रास्ट एजेंट अपटेक अपने खास तरीके से देखा जा सकता है। ऐसा इसलिये होता है क्योंकि ये अर्बुद रक्त-मस्तिष्क सीमा के सामान्य कार्य-कलाप में विघ्न पैदा कर देते हैं और उसकी पारगम्यता बढ़ा देते हैं। लेकिन ऊंचे बनाम निचले ग्रेम ग्लियोमाओं को केवल बेहतर स्पष्टता के आधार पर ही पहचाना नहीं जा सकता.

इलेक्ट्रोफिज़ियोलॉजिकल परीक्षाओं जैसे इलेक्ट्रोएनसेफेलोग्राफी (ईईजी/EEG) की मस्तिष्कार्बुदों के निदान में विशेष भूमिका नहीं है।

मस्तिष्कार्बुद का पक्का निदान केवल मस्तिष्क के जीवोतिपरीक्षण या शल्यक्रिया द्वारा प्राप्त अर्बुद ऊतक के नमूने की ऊतकवैज्ञानिक परीक्षा से ही निश्चित किया जा सकता है। ऊतकवैज्ञानिक परीक्षा उचित इलाज और सही निदान के लिये आवश्यक है। विकृतिविज्ञानी द्वारा की जाने वाली इस परीक्षा के तीन चरण होते हैं – शल्यचिकित्सा के समय ताज़े ऊतक की परीक्षा, तैयार किये गए ऊतकों की माइक्रोस्कोप से प्रारंभिक जांच और इम्यूनो हिस्टोकेमिकल वर्णीकरण के बाद तैयार ऊतकों की जांच या जेनेटिक विश्लेषण.

न्यूरोफाइब्रोमेटोसिस एक अन्य संभव निदान हो सकता है जो टाईप एक या टाईप दो में हो सकता है।

उपचार और पूर्वानुमान

अधिकांश मेनिंजियोमास, कपाल के निचले भाग में स्थित कुछ अर्बुदों को छोड़कर, शल्यचिकित्सा से सफलतापूर्वक निकाले जा सकते हैं। अधिक कठिन मामलों में स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी, जैसे - गामा नाइफ, साइबरनाइफ या नोवालिस टीएक्स (Tx) रेडियोसर्जरी, एक उपयोगी विकल्प है।[8]

अधिकांश पीयूषग्रंथि एडीनोमा शल्यचिकित्सा से, नास गुहा और कपाल के निचले भाग के जरिये न्यूनतम आक्रामक पहुंच द्वारा निकाले जा सकते हैं। बड़े पीयूषग्रंथि एडीनोमास को निकालने के लिये कपाल को खोलना पड़ता है। स्टीरियोटैक्टिक पहुंच सहित रेडियोथेरेपी शल्यचिकित्सा के लिये अनुपयुक्त मामलों के लिये आरक्षित है।

यद्यपि प्राथमिक मस्तिष्क अर्बुदों के लिये कोई सभी द्वारा मान्य उपचार का तरीका नहीं है, फिर भी अधिकांश मामलों में शल्यचिकित्सा से अर्बुद को निकालने का प्रयत्न या कम से कम साइटोरिडक्शन (अर्थात्, विभाजन के लिये उपलब्ध अर्बुद कोशिकाओं की संख्या कम करने के लिये अधिकाधिक अर्बुद निकाल देना) के बारे में सोचा जाता है।[9] किंतु, इन विक्षतियों की फैलने की प्रकृति होने के कारण प्रत्यक्ष में पूरी तरह से निकाल देने के बावजूद अर्बुद का फिर बढ़ जाना असामान्य नहीं है। अनेक चालू शोध-अध्ययनों में अर्बुद कोशिकाओं को एक रसायन (5-अमाइनोलेवुलिनिक एसिड), जो उन्हें प्रतिदीप्त कर देता है, से लेबल करके मस्तिष्क अर्बुदों को निकालने की शल्यक्रिया को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है।[10] दुर्दम अर्बुदों के लिये शल्यक्रिया के बाद रेडियोथेरेपी और केमोथेरेपी इलाज का अटूट हिस्सा हैं। रेडियोथेरेपी "कम दर्जे" वाले ग्लियोमास के लिये भी प्रयोग की जाती है, जब शल्यक्रिया से अर्बुद की बड़ी मात्रा को निकालना संभव न हो.

प्राथमिक मस्तिष्क अर्बुदों में जीवित रहने की दर अर्बुद के प्रकार, उम्र, रोगी की क्रियात्मक दशा, शल्यक्रिया द्वारा अर्बुद को निकालने का दायरा आदि कारकों पर निर्भर करती है।[11]

यूसीएलए (UCLA) न्यूरो-ऑन्कोलॉजी इस निदान के लिये जीवित रहने की दर का रियल टाइम ब्यौरा प्रकाशित करता है। संयुक्त राज्य की ये एकमात्र संस्थाएं हैं जो बताती हैं कि चालू उपचारों पर मस्तिष्क अर्बुदों के रोगी कैसे स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। ये उच्च दर्जे के ग्लियोमा अर्बुदों के उपचार में प्रयुक्त केमोथेरेपी एजेंटों की सूची भी प्रकाशित करते हैं।

सुसाध्य ग्लियोमास के रोगी कई वर्षों तक जीवित रहते हैं[12][13] जबकि ग्लियोब्लास्टोमा मल्टीफार्मी के अधिकांश रोगी बिना इलाज के केवल कुछ महीनों तक ही जीवित रहते हैं।

एकल विक्षेपक अर्बुदों के लिये उपचार का मुख्य विकल्प शल्य चिकित्सा से निकालने के बाद रेडियोथेरेपी और/या केमोथेरेपी है। एकाधिक विक्षेपक अर्बुद का उपचार सामान्यतः रेडियोथेरेपी और केमोथेरेपी द्वारा किया जाता है। स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी (एसआरएस/SRS), जैसे गामा नाइफ, साइबरनाइफ या नोवालिस टीएक्स, रेडियोसर्जरी उपयोगी विकल्प हैं। लेकिन इन मामलों में पूर्वानुमान प्राथमिक अर्बुद से तय होता हे जो कि सामान्यतः बुरा ही होता है।

रेडियोथेरेपी द्वितीयक कैंसर मस्तिष्क अर्बुदों का सबसे सामान्य उपचार है। रेडियोथेरेपी की मात्रा मस्तिष्क के कैंसर से प्रभावित भाग के आकार पर निर्भर करती है। यदि भविष्य में अन्य द्वितीयक अर्बुदों के विकसित होने की संभावना हो तो होल ब्रेन रेडियोथेरेपी उपचार (डब्ल्यूबीआरटी/WBRT) या होल ब्रेन इर्रेडियेशन की सलाह दी जा सकती है।[14] स्टीरियोटैक्टिक रेडियोथेरेपी की सिफारिश साधारणतः तीन से कम द्वितीयक मस्तिष्क अर्बुदों के लिये की जाती है।

2008 में युनिवर्सिटी ऑफ़ टेक्सास के एम.डी.एंडरसन कैंसर सेंटर द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार उन कैंसर रोगियों को जिन्हें विक्षेपक मस्तिष्क अर्बुदों के इलाज के लिये स्टीरियोटैक्टिक रेडियोसर्जरी (एसआरएस/SRS) और होल ब्रेन रेडियोथेरेपी उपचार दोनो किये गए हों, केवल SRS पाने वाले रोगियों की अपेक्षा, सीखने व याददाश्त की समस्याएं होने का जोखिम दुगुने से अधिक होता है।[15][16]

शंट आपरेशन का प्रयोग उपचार के लिये तो नहीं पर लक्षण से राहत पहुंचाने के लिये किया जाता है।[3] मस्तिष्कमेरूद्रव के अवरोध के कारण हुए हाइड्रोसेफेलस को इस शल्यक्रिया से निकाला जा सकता है।

वेसिकुलार स्टोमेटाइटिस वाइरस से इपचार पर शोध

सन् 2000 में जॉन बेल पीएचडी (PhD) के नेतृत्व में ओटावा विश्वविद्यालय के शोधकर्मियों ने पता लगाया कि वेसिकुलार स्टोमेटाइटिस वाइरस या वीएसवी (VSV), इंटरफेरान के साथ दिये जाने पर स्वस्थ कोशिकाओं को प्रभावित किये बिना कैंसर कोशिकाओं को संक्रमित करके उनका नाश कर सकता है।[17]

वाइरस के कैंसर को नष्ट करने वाले गुणों की प्रारंभिक खोज केवल कुछ प्रकार के कैंसर तक ही सीमित है। अनेक स्वतंत्र अध्ययनों में वाइरस से प्रभावित होनो वाले और कई प्रकारों की पहचान की गई है जिनमें ग्लियोब्लास्टोमा मल्टीफार्मी कैंसर कोशिकाएं शामिल हैं जो मस्तिष्क अर्बुदों का बड़ा हिस्सा होती है।

2008 में शोधकर्मियों ने वीएसवी (VSV) के कृत्रिम वर्गों का निर्माण किया जो सामान्य कोशिकाओं के प्रति कम हानिकारक थीं। इस प्रगति के कारण वाइरस का प्रयोग बिना साथ में इंटरफेरॉन दिये किया जा सकता है। फलतः यह वाइरस शिरा द्वारा या ओलफैक्टरी नाड़ी के जरिये प्रयोग किया जा सकता है। शोध के दौरान मूषकों के मस्तिष्कों में मानव मस्तिष्क अर्बुद का आरोपण किया गया। उनकी पूंछों में वीएसवी (VSV) का इंजेक्शन दिया गया और पाया गया कि 3 दिनों के भीतर सभी अर्बुद कोशिकाएं मर चुकी थीं या मर रही थीं।[उद्धरण चाहिए][संदिग्ध]

वाइरस उपचार पर इस तरह का शोध कुछ वर्षों से चल रहा है लेकिन कोई और वाइरस वीएसवी (VSV) परिवर्तित प्रजातियों जितना प्रभावशाली नहीं पाया गया है। भविष्य में मनुष्यों में प्रयोग के पहले शोध को इस उपचार के जोखिमों पर केन्द्रित किया जाएगा.[18]

शिशुओं और बच्चों में मस्तिष्क अर्बुद

चार वर्ष पुराना एक मस्तिष्क स्टेम.एमआरआई सैगीटल, विदाउट कॉन्ट्रास्ट

अमेरिका में हर साल 20 वर्ष से कम के लगभग 2000 बच्चों और किशोरों में असाध्य मस्तिष्क अर्बुदों का होना पाया जाता है। 1985-94 की अपेक्षा 1975-83 के बीच अधिक आघटन दर पाई गई। इसके कारणों पर कुछ बहस हुई है, एक अनुमान के अनुसार ऐसा निदान और विवरण में सुधार के कारण हुआ है क्यौंकि यह उछाल तभी आया जब एमआरआई बड़े पैमाने पर उपलब्ध हुए थे और साथ में मृत्यु दर में कोई उछाल नहीं हुआ। बच्चों में सीएनएस कैंसर से जीवित बचने की दर करीब 60% है। यह दर कैंसर के प्रकार और शुरू होने की उम्र पर निर्भर होती हैः कम उम्र के रोगियों में मृत्यु दर अधिक होती है।[19]

2 वर्ष से कम के बच्चों में करीब 70% मस्तिष्क अर्बुद मेडुलोब्लास्टोमा, एपेन्डाइमोमा और कम दर्जे के ग्लियोमा होते हैं। और कम संख्या में व सामान्यतः शिशुओं में टेराटोमा और एतिपिकल टेराटॉयड रेबॉयड अर्बुद देखे जाते हैं।[20] जर्म कोशिका अर्बुद बच्चों के प्राथमिक मस्तिष्क अर्बुदों का 3% ही होते हैं लेकिन विश्व-व्यापक आघटन में बड़ी भिन्नता है।[21]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. Greenlee RT, Murray T, Bolden S, Wingo PA (2000). "Cancer statistics, 2000". CA Cancer J Clin. 50 (1): 7–33. PMID 10735013. डीओआइ:10.3322/canjclin.50.1.7.सीएस1 रखरखाव: एक से अधिक नाम: authors list (link)
  2. अमेरिकन कैंसर सोसायटी. जून 2000 को पुनःप्राप्त.
  3. Chamberlain MC, Kormanik PA (1998). "Practical guidelines for the treatment of malignant gliomas". West J Med. 168 (2): 114–20. PMID 9499745. पी॰एम॰सी॰ 1304839. नामालूम प्राचल |month= की उपेक्षा की गयी (मदद)
  4. नैन्सी मैकविकार स्टडी फाइंड्स सेल फोन्स कुड कॉस नॉनकैंसरस ट्यूमर्स
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  6. लहरेर एस. ग्लियोब्लास्टोमा और पागलपन का कारण एक हो सकता है। मेड ह्य्पोथेसेस. 22 फ़रवरी 2010. मुद्रण के आगे एपब. [2]
  7. http://www.braintumor.org/Tumor Types/
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  14. डब्ल्यूबीआरटी (WBRT) के साथ ब्रेन ट्यूमर का माध्यमिक इलाज
  15. पूरे दिमाग का विकिरण सीखने में स्मृति समस्याओं के साथ बढ़ जाता है और कैंसर जोखिमों को मस्तिष्क मेटास्टेसेस की भी तकलीफ देता है
  16. IRSA - इंटरनैशनल रेडियोसर्जेरी एसोसिएशन - मेटास्टैटिक ब्रेन ट्यूमर
  17. रिसर्चर्स फाइंड कैंसर-कीलिंग वाइरस; 24 जुलाई 2000.
  18. येल लैब इंजीनियर्स वाइरस जो खतरनाक ब्रेन ट्यूमर को मार सकते हैं; 21 फ़रवरी 2008.
  19. Gurney, James G. "CNS and Miscellaneous Intracranial and Instraspinal Neoplasms" (PDF). SEER Pediatric Monograph. National Cancer Institute. पपृ॰ 51–52 (incidence), pp. 56–57 (trends), p. 57 (survival). अभिगमन तिथि 4 दिसम्बर 2008. [re incidence] In the US, approximately 2,200 children and adolescents younger than 20 years of age are diagnosed with malignant central nervous system tumors each year. More than 90 percent of primary CNS malignancies in children are located within the brain. नामालूम प्राचल |coauthors= की उपेक्षा की गयी (|author= सुझावित है) (मदद)
  20. ब्रायन रूड द्वारा द चाइल्डहुड ब्रेन ट्यूमर फाउंडेशन के लिए इन्फेंटाइल ब्रेन ट्यूमर (जुलाई 2007 को पुनःप्राप्त)
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बाहरी कड़ियाँ

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