ब्रिटिश संसद का राजकीय उद्घाटन
संसद का राजकीय उद्घाटन ब्रिटिश संसद का एक विशेष अनुष्ठान जिसके द्वारा औपचारिक रूप से संसद के सत्र की शुरुआत होती है। इसमें सबसे विशेष घटना, ब्रिटिश संप्रभु द्वारा सिंहासन पर से से एक विशेष पूर्वलिखित अभीभाषण होता है। यह एक व्यापक समारोह होता है जिसमें ब्रिटिश इतिहास, संस्कृति और समकालीन राजनीति को आम जनता के सामने पदिखाया जाता है। सैकड़ों वर्षों से चले आ रहे इस अनुष्ठान का प्रसारण आजकल टेलीविजन के माध्यम से भी होता है। आमतौर पर संसद का उद्घाटन मई या जून में होता है, और परंपरागत रूप से नवंबर में भी होता आया है।[1]
इतिहास
[संपादित करें]1642 में, राजा चार्ल्स प्रथम ने, संसद की स्वतंत्रता की मांग कर रहे कॉमन्स के पांच सदस्यों को गिरफ्तार करने का असफल प्रयास करते हुए, संसदीय विशेषाधिकार और विधि की अवहेलना कर, हाउस ऑफ कॉमन्स में जबरन प्रवेश किया था। इन पांच में, जिसमें प्रसिद्ध अंग्रेजी देशभक्त और प्रमुख सांसद जॉन हैम्पडेन शामिल थे। राजा के इस कार्रवाई से राजकीय बलों और संसदीय स्वतंत्रता की मांग कर रहे संसदीय बालों के बीच अंग्रेजी गृहयुद्ध छिड़ गयी थी,[3][4] जिसमें संसदीय बालों की जीत हुई थी। युद्ध ने संसद के संवैधानिक अधिकारों की स्थापना की। तत्पश्चात, वैधानिक रूप से संसदीय अधिकार 1688 में गौरवशाली क्रांति एवं बाद में 1689 के अधिकार विधेयक में स्थापित की गई। इस घटना के बाद से, किसी भी ब्रिटिश संप्रभु ने सत्र के दौरान हाउस ऑफ कॉमन्स में प्रवेश नहीं किया है।
संप्रभु का अभिभाषण
[संपादित करें]ब्रिटिश संप्रभु का अभिभाषण नए सत्र के पहले दिन, वेस्टमिंस्टर महल के हाउस ऑफ लॉर्ड्स कक्ष में होता है। इस दौरान पूर्ण राजकीय पोषक एवं शाही राजमुकुट पहन कर, लॉर्ड्स कक्ष के राज सिंघासन पर विद्यमान होकर संप्रभु, सरकार और कैबिनेट द्वारा पूर्वलिखित भाषण को संसद के सभी लॉर्ड्स, सांसदों एवं मुकुटिय मंत्रियों के समक्ष पढ़ते हैं। इस अभिभाषण के दौरान, सरकार के अन्य उच्चाधिकारी, राजपरिवार के अन्य महत्वपूर्ण सदस्य एवं, राष्ट्रमंडल व अन्य देशों के प्रतिनिधिगण भी सामान्यतः मौजूद रहते हैं। इस भाषण में आने वाले वर्ष के लिए उनकी सरकार की योजनाओं को रेखांकित किया रहता है।
सांसदों का लॉर्ड्स कक्ष में निमंत्रण
[संपादित करें]इस अनुष्ठान की एक विशेष रीति होती है: महारानी के दूत, ब्लैक रॉड के मुह पर हाउस ऑफ़ कॉमन्स के दरवाज़ों को बंद कर देना।[5] यह क्रिया, हर उद्घाटन समारोह में दोहराई जाती है। लॉर्ड्स कक्ष में संप्रभु के विद्यमान होने के बाद, महारानी की अनुमति से, लॉर्ड चैम्बरलेन अपनी छड़ी उठा कर, वेस्टमिंस्टर महल के केंद्रीय आंगन में खड़े ब्लैक रॉड (संसद के एक उच्चाधिकारी, जिनका मुख्य काम सदन में व्यवस्था बनाये रखना होता है) को कॉमन्स के सांसदों को लॉर्ड्स कक्ष में उपस्थित होने का आदेश पहुंचाने का संकेत देते हैं। जिसके बाद ब्लैक रॉड कॉमन्स कक्ष की और बढ़ते हैं, उनको आता देख, कॉमन्स कक्ष में "ब्लैक रॉड आ रहा है" की घोषणा की जाती है। तत्पश्चात, महारानी का आदेश ला रहे, ब्लैक रॉड के कॉमन्स कक्ष की चौखट पर पहुँचते ही उनके मुह पर दरवाज़े को ज़ोर से बंद कर दिया जाता है। जिसके बाद ब्लैक रॉड अपनी परंपरागत काली छड़ी को दरवाज़े पर तीन बार पीट कर कॉमन्स में प्रवेश की अनुमति मांगते हैं।[5] कॉमन्स में प्रवेश की बाद, सभापति तक पहुँचने से पहले परंपरागत रूप से दो बार झुक कर नमन करते हैं और महारानी के आदेश की घोषणा करते हुए सभापति से कहते हैं:
"सभापति महोदय, महारानी इस सम्माननीय सदन को [क्षणभर रुक के सदन के दोनों पक्षों को प्रणाम कर] महामहिम की उपस्थिति में तुरंत हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स में पेश होने का आदेश देती हैं।"[5]
इसके बाद ही ब्लैक रॉड के साथ, हाउस ऑफ़ कॉमन्स के सदस्य, सभापति के नेतृत्व में, ब्लैक रॉड के संग लॉर्ड्स कक्ष के तरफ बढ़ते हैं। संप्रभु के दूत के मुह पर दरवाज़ा बंद करने की यह परंपरा प्रतीकात्मक रूप से संसद के अधिकारों और संप्रभु से उसकी स्वतंत्रता को दर्शाता है।[5] सांसदों के पहुँचने के बाद संप्रभु भाषण पढ़ते हैं।
दीर्घा
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राजकीय बग्घी में शाही राजमुकुट को उद्घाटन समारोह के लिए, सार्वजनिक तौरपर संसद भवन ले जाय जा रहा है
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महारानी एलिज़ाबेथ अपनी अश्वारोही अंगरक्षकों की अगुवाई में, शाही बग्घी में बैठ कर संसद की और जाते हुए
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आयरिश गार्ड का एक बैंड दस्ता, हाउस ऑफ़ लॉर्ड्स पर गार्ड ऑफ़ ऑनर देते हुए, २०१६ के राजकीय उद्घाटन समारोह की तस्वीर
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लॉर्ड्स कक्ष में मौजूद ब्रिटिश संप्रभु का शाही सिंघासन 1902
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महारानी विक्टोरिया द्वारा संसद का राजकीय उद्घाटन, १८६६
अन्य देशों में
[संपादित करें]इस समारोह के समान अन्य राष्ट्रमंडल प्रजभूमियों, जैसे ऑस्ट्रेलिया और कनाडा, में भी आयोजित किए जाते हैं। राजभूमियों में उस देश के गवर्नर-जनरल या, उप-राष्ट्रीय इकाइयों अथवा प्रांतों के मामले में, संबंधित गवर्नर या लेफ्टिनेंट गवर्नर, आमतौर पर भाषण को सिंहासन के प्रतिनिधि के रूप में पढ़ते हैं। बहरहाल कुछ विशेष अवसरों पर, संप्रभु स्वयं इन संसदों के उदघाटन में मौजूद होकर भाषण स्वयं दिया है। ऑस्ट्रेलिया और कनाडा दोनों में, अंतिम बार ऐसा 1977 में हुआ था। न्यूजीलैंड में, संप्रभु ने आखिरी बार फरवरी 1990 में व्यक्तिगत रूप से संसद का उदघाटन किया थी।
राष्ट्रमंडल के अन्य देश, जो पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश रहे हैं, उनमें भी इसके समान समारोह आयोजित किये जाते हैं। भारत में, सिंहासन से भाषण के समान, राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ संसद का उद्घाटन किया जाता है। अन्य राष्ट्रमंडल गणराज्यों जैसे कि माल्टा, मॉरीशस और सिंगापुर जैसे देशों में, जिनमें गैर-कार्यकारी राष्ट्रपति पद मौजूद हैं, में भी इस प्रकार के अनुष्ठान होते हैं। वेस्टमिंस्टर प्रणाली से प्रभावित अन्य देशों में, जो कभी ब्रिटिश प्रभुता में नहीं थे, जैसे कि जापान और इज़राइल, भी इस राष्ट्रपति अथवा सम्राट के द्वारा अभिभाषण देने के परंपरा की निभाया जाता है।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "State Opening of Parliament". House of Lords Information Office. 6 October 2009. मूल से 19 मई 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 14 October 2009.
- ↑ Carlton 1995, पृष्ठ 326; Gregg 1981, पृष्ठ 422.
- ↑ “Black Rod”। ब्रिटैनिका विश्वकोष (11th) 4। (1911)। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस।
- ↑ Bagley, John Joseph; Lewis, A. S. (1977). Lancashire at War: Cavaliers and Roundheads, 1642–51 : a Series of Talks Broadcast from BBC Radio Blackburn. Dalesman. पृ॰ 15.
- ↑ अ आ इ ई "Democracy Live: Black Rod". BBC News. मूल से 15 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 August 2008.
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]State opening of Parliament से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |
- Videos of every State Opening since 1988 at C-SPAN
- House of Lords FAQ: State Opening at UK Parliament website
- Parliamentary occasions: State Opening at UK Parliament website
- Cost of the 2006 State Opening at Hansard
- Photos of the 2015 ceremony at Flickr
- Newsreel of the 1960 ceremony at YouTube