फ़तह का फ़तवा
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फ़तह का फ़तवा | |
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शैली | debate |
सर्जक | ज़ी न्यूज़ |
सितारे | तारिक़ फ़तह |
निर्माण का देश | भारत |
मूल भाषा(एं) | हिंदी / Urdu |
प्रकरणों की संख्या | 17 |
निर्माण | |
निर्माता | ज़ी न्यूज़ |
प्रसारण अवधि | 60 minutes |
प्रसारण | |
मूल प्रसारण | 7 जनवरी 2017 | – 6 मई 2017
फ़तह का फ़तवा एक अखिल भारतीय मुस्लिम संबंधी चर्चा कार्यक्रम है जो हिंदी समाचार चैनल ज़ी न्यूज़ पर धर्मनिरपेक्षवादी और उदारवादी कार्यकर्ता तारिक़ फ़तह द्वारा प्रस्तुत किया जाता है।[1][2] एपिसोड में मुस्लिमों से सम्बंधित मुद्दों जैसे, इस्लामिक आतंकवाद, निकाह हलाला, हिजाब, काफिर, निकाह मुताह , इस्लामिक बैंकिंग और वित्त , बाल विवाह इत्यादि पर बहस केन्द्रित होती है। यह श्रृंखला कुरान में वर्णित विभिन्न इस्लाम सम्बन्धी विभिन्न पहलुओं और गुत्थियों को समझने की कोशिश करती है।[कृपया उद्धरण जोड़ें] एशियाई पेंट्स शुरू में कार्यक्रम का प्रायोजक था, लेकिन बाद में पतंजलि आयुर्वेद इसके प्रायोजक बने।
अतिथि[संपादित करें]
- आरिफ मोहम्मद खान
- शीबा असलम फ़हमी
- ज़किया सोमन
- शाजिया इल्मी
- ज़किया सोमन
- नायेश हसन
- शबनम खान
- अमिना शेरवानी
- शेबा असलम फैहमी
- डॉ.शेरिन मसौर
- शबनम सिद्दीकी
- लुब्ना सरवथ
- रहमान अब्बास
- कैप्टन सिकंदर रिज़वी
- ज़ीनत शौकत अली
- एच अब्दुल रकीब
- मोहम्मद हनीफ खान शास्त्री
- मौलाना अंसार रजा
- एम्बर जैदी
- गुलरेज शेख
- मौलाना मोहम्मद हैमीद कौसर
- मौलाना साजिद रशीदी
- रिहाना मलिक
एपिसोड के विषय[संपादित करें]
एपिसोड | विषय | मूल वायु की तारीख |
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1 | इस्लामी आतंकवाद पर बहस | 7 जनवरी 2017 |
2 | इस्लाम में हिजाब पर बहस | 14 जनवरी 2017 |
3 | काफिर पर बहस | 21 जनवरी 2017 |
4 | भारत में ट्रिपल तालाक (तलाक-ए-बिद्दत) पर बहस | 28 जनवरी 2017 |
5 | मुस्लिम उलेमास और मौलाना दबाव पर बहस | 4 फरवरी 2017 |
6 | उलेमास और मौलाना दबाव के लिए मुस्लिम महिलाओं के साथ बहस | 11 फरवरी 2017 |
7 | मुस्लिम मत वोट बैंक के रूप में बहस | 18 फरवरी 2017 |
8 | इस्लाम में भाषण की स्वतंत्रता और रेखां में असहिष्णुता पर बहस | 25 फरवरी 2017 |
9 | बुर्का के माध्यम से मतदाता धोखाधड़ी | 5 मार्च 2017 |
10 | इस्लामिक हज सब्सिडी पर | 1 9 मार्च 2017 |
1 1 | मुसलमानों में जाति व्यवस्था | 25 मार्च 2017 |
12 | ट्रिपल तालाक (तलाक-ए-बिद्दत) पर बहस | 1 अप्रैल 2017 |
13 | निकाह हलाला पर बहस | 8 अप्रैल 2017 |
14 | इस्लाम में गोद लेने पर बहस | 15 अप्रैल 2017 |
15 | निकाह मुताह/अस्थायी विवाह पर बहस | 22 अप्रैल 2017 |
16 | इस्लामी बैंकिंग और वित्त पर बहस | 29 अप्रैल 2017 |
17 | जिहाद पर बहस | 6 मई 2017 |
शिकायतें[संपादित करें]
दारूल उलूम देवबंद ने इस कार्यक्रम के खिलाफ विरोध किया जिसमें तारिक फतह ने पैगंबर मुहम्मद और उनके साथियों के खिलाफ निंदा की और मुस्लिम राजाओं और शासकों पर बहुत ही आपत्तिजनक टिप्पणियां पार कर दी हैं, जो कि भारतीय समाज के सामाजिक ढांचे के दूर तक पहुंचने और विनाशकारी प्रभाव डाल सकते हैं। सहारनपुर के पुलिस अधीक्षक ने भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए और 25 9ए के तहत तारेक फतह के खिलाफ मामला दर्ज किया है। शिकायत में उनके आरोपों के समर्थन में तार्क फतह के अपमान और नकली टिप्पणी का उदाहरण है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय (भारत) को नोटिस भेजा है और ज़ी न्यूज विवादास्पद शो 'फतह का फतवा' पर एक जवाब मांगा है जिसके कारण भारत में सांप्रदायिक तनाव पैदा हो रहा है और एकता का परेशान माहौल पैदा कर रहा है, क्योंकि हिफजुर रहमान खान ने याचिका दायर की है।। उन्होंने शो पर प्रतिबंध लगाने की मांग की और यूट्यूब से सामग्री को हटाने के लिए भी कहा।
'फ़तह का फ़तवा' पर तत्काल रोक लगाने की याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय में हैं।[3][4] 'गरीब नवाज फाउंडेशन' एनजीओ के प्रमुख एक रूढ़िवादी कट्टरपंथी मौलाना अंसार रजा ने फतह का फतवा शो के खिलाफ जनहित याचिका दायर की। फरवरी 2017 में, राष्ट्रीय उलमा परिषद ने ईसीआई से शिकायत की कि वह इस कार्यक्रम को रोके क्योंकि यह उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को ध्रुवीकरण करता है। बरेली स्थित कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन ऑल इंडिया फैजान-ए-मदीना परिषद ने इस कार्यक्रम को रोकने के लिए कहा। परन्तु इस कार्यक्रम पर रोक नहीं लगी है।
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "देवबंद से तारिक फतेह को बहस की चुनौती". मूल से 19 फ़रवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 फ़रवरी 2017.
- ↑ "विवादों के क़िले फ़तह करने वाले तारेक़". मूल से 25 फ़रवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 फ़रवरी 2017.
- ↑ "टीवी शो 'फतह का फतवा' पर रोक की अर्जी, अदालत ने सरकार से मांगा जवाब". मूल से 22 फ़रवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 फ़रवरी 2017.
- ↑ "तारिक फतेह के टीवी शो 'फतेह का फतवा' पर बैन की याचिका, हाई कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब". मूल से 22 फ़रवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 फ़रवरी 2017.