नवरतनगढ़
नवरतनगढ़ Navratangarh | |
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![]() नवरतनगढ़ दुर्ग | |
स्थान | सिसई, गुमला ज़िला, झारखंड |
निर्देशांक | 23°06′36″N 84°47′01″E / 23.10993°N 84.78367°Eनिर्देशांक: 23°06′36″N 84°47′01″E / 23.10993°N 84.78367°E |
क्षेत्रफल | 11 हे॰ (27 एकड़) |
नवरतनगढ़ (Navratangarh) भारत के झारखंड राज्य के गुमला ज़िले में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है। यह नागवंशी राजवंश की एकराजधानी था, जो कभी इस क्षेत्र पर शासन करता था। उस राजवंश के राजा दुर्जन साल ने अपनी राजधानी खुखरागढ़ से हटाकर यहाँ कर दी थी। यहाँ के दुर्ग का निर्माण उसी राजवंश के राजा दुर्जन साल ने करा था।[1][2]
इतिहास
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राजा दुर्जन शाह ने अपनी राजधानी खुखरागढ़ से नवरतनगढ़ स्थानांतरित कर दी थी। उन्होंने 1636 और 1639 ई. के बीच किले का निर्माण कराया था। मुगल कैद से छूटने के बाद राजा ने किला बनाने का फैसला किया। नवरतनगढ़ एक रणनीतिक स्थान पर था क्योंकि यह जंगलों, पहाड़ियों और नदियों से घिरा हुआ था। राजा राम शाह ने 1643 में कपिलनाथ मंदिर का निर्माण कराया था। उनके उत्तराधिकारी के रूप में रघुनाथ शाह आए। उन्होंने कई मंदिर भी बनवाये। मुगल आक्रमण के कारण यदुनाथ शाह ने राजधानी पालकोट स्थानांतरित कर दी।[3]
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "Tourism and Its Prospects in Bihar and Jharkhand Archived 2013-04-11 at the वेबैक मशीन," Kamal Shankar Srivastava, Sangeeta Prakashan, 2003
- ↑ "The district gazetteer of Jharkhand," SC Bhatt, Gyan Publishing House, 2002
- ↑ "धर्म, कला और वास्तुशिल्प की अनूठी कीर्ति है नवरत्न गढ़". दैनिक जागरण. 3 अक्टूबर 2019. अभिगमन तिथि 14 फरवरी 2025.