देशमुख
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देशमुख (राजा या देश का प्रमुख)
एक भारतीय उपनाम जो क्षेत्रीय मराठा शासक को दी गई क्षत्रिय उपाधि है जिसका अर्थ होता है राजा या देश का प्रमुख।
•देशमुख' उप-नाम या 'देशमुखी' नामक वतन यह मुख्यत: महाराष्ट्र और महाराष्ट्र के सटे हुए आंध्रा, कर्नाटक, मध्य-प्रदेश, छत्तीसगढ़, आदि राज्यों में पाया जाने वाला एक भारतीय उपनाम है जिसका अर्थ होता है राजा या देश का प्रमुख। गाव का पाटील पदोन्नति पाकर देशमुख बनाया जाता था, ५-१० पाटीलो पर एक देशमुख वतनदार होता था। देशमुख को पहले सरपाटील या देशपाटील कहते थे फिर बाद में यह देशमुख हो गया जो राजा के बराबर का ओहदा था। 'देशमुख' या देशमुखी यह वतन छत्रपति शिवाजी के पूर्व-कालीन परंपरागत राज व्यवस्था का एक ऊपरी दर्जे का अधिकार तथा जबाबदेही का पद है। ये उनके 'महल' या 'परगना' नामक महसूल विभाग के मुखिया के रूप में कामकाज देखते थे। युद्ध के समय देशमुखो ने अमुक इतने सैन्य/सैनिक राजाओं के खिदमत/ मदत में भेजना चाहियें, इस तरह के करार होते थे। अधिकार कि व्याप्ति और इनके अधिकार में आनेवाला इलाके का क्षेत्र- फल के नुसार देशमुख यह पदवी या देशमुखी यह वतन यूरोपियन घराणेशाही के 'ड्यूक' कि समकक्ष है। •'देशमुख' यह पदवी या 'देशमुखी' नामक वतन कोई एक विशिष्ट धर्म या जाती के संदर्भ में न होके, इतिहासकालीन हिंदू और मुस्लिम राजाओं ने हिंदू 96 कुली मराठा, कायस्थ, ब्राहमणों के साथ इतर जाती और मुस्लिम व जैन धर्मावलम्बी घरानो को ' देशमुखी' बहाल की हुयी ऐतिहासिक दस्तावेजो में पाया जाता है। 90% देशमुख कुणबी-मराठा जाति से होते है। 'देशमुख' अपने प्रभाव क्षेत्र का शासक था, शासक के रूप में वह राजस्व/कर वसूली का हकदार था और अपने क्षेत्र में पुलिस और न्यायिक कर्तव्यों के रूप में, बुनियादी सेवाओं को बनाए रखने कि जबाबदेही निभाता था। यह आमतौर पर एक वंशानुगत व्यवस्था थी। 'देशमुख' यह 'वतन' या 'शीर्षक' क्षेत्र से राजस्व वसूली और नागरिको को मुलभुत सेवा और व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी के साथ शीर्षक परिवार को प्रदान की जाता था इस कारण से, देशमुख इस शब्द का शिथिल अनुवाद 'देशभक्त' के रूप में भी किया जाता रहा है और इसी कारणवश आज भी 'देशमुख' इस उप-नाम को समाज में सम्मान से देखा जाता है। ब्रिटिश राज मे 'देशमुखी' यह वतनदारी खत्म कि गयी और देशमुख यह शब्द केवल उपनाम रह गया। निजाम राज्य मे 1948 तक देशमुखी वतन था।
देशमुख के कार्य व अधिकार
[संपादित करें]- शासक व शासन
- राजस्व अधिकारी व राजस्व वसूली
- न्यायमूर्ति व न्याय
- रक्षक व रक्षा
- राजा व पाटीलो (क्षत्रिय) का प्रमुख
प्रसिद्ध व्यक्ति
[संपादित करें]- नानाजी देशमुख – पद्म विभूषण, सामाजिक कार्यकर्ता, भारतीय जनसंघ के संस्थापक, भाजपा सांसद।
- गोपाल हरि देशमुख – लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता।
- श्री चिन्तामणि द्वारकानाथ देशमुख उर्फ़ सी॰ डी॰ देशमुख – अर्थशास्त्री, भारतीय रिजर्व बैंक के प्रथम भारतीय गर्वनर।
- दुर्गाबाई देशमुख – आन्ध्रा महिला सभा की संस्थापक और सी॰डी॰ देशमुख की पत्नी।
- पंजाबराव देशमुख – राजनेता।
- विलासराव देशमुख – महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री।
- रितेश देशमुख – हिन्दी फ़िल्म अभिनेता और विलासराव देशमुख के पुत्र।
References:-
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- The Imperial Crisis in the Deccan, J. F. Richards, The Journal of Asian Studies, Vol. 35, No. 2 (Feb., 1976), pp. 237–256
- The Telengana Armed Struggle, Barry Pavier, Economic and Political Weekly, Vol. 9, No. 32/34, Special Number (Aug., 1974), pp. 1413+1417-1420
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- Ghulam Mahmood Desmukh - Prominent educationist and founder of NCR-CET College in Karachi Pakistan.
- J. G. Duff, A history of Mahratta Vol 1, p. 39
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- "Deshmukh & Co.(Publishers) Pvt. Ltd.". PuneCityMag. Retrieved 25 अगस्त 2009.