देवदार

मुक्त ज्ञानकोश विकिपीडिया से
नेविगेशन पर जाएँ खोज पर जाएँ

देवदार
सेडार, देवदारु
Cedrus deodara
Cedrus deodara Himalajazeder.JPG
देवदार का एक नया वृक्ष
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: पादप
विभाग: पाइनोफाइटा
वर्ग: पाइनोप्सीडा
गण: पिनालेस
कुल: पिनेसी
वंश: सेडरस
जाति: C. deodara
द्विपद नाम
Cedrus deodara
(रॉक्सब.) जॉर्ज डॉन

देवदार (वैज्ञानिक नाम:सेडरस डेओडारा, अंग्रेज़ी: डेओडार, उर्दु: ديودار देओदार; संस्कृत: देवदार) एक सीधे तने वाला ऊँचा शंकुधारी पेड़ है, जिसके पत्ते लंबे और कुछ गोलाई लिये होते हैं तथा जिसकी लकड़ी मजबूत किन्तु हल्की और सुगंधित होती है। इनके शंकु का आकार सनोबर (फ़र) से काफी मिलता-जुलता होता है। इनका मूलस्थान पश्चिमी हिमालय के पर्वतों तथा भूमध्यसागरीय क्षेत्र में है, (१५००-३२०० मीटर तक हिमालय में तथा १०००-२००० मीटर तक भूमध्य सागरीय क्षेत्र में)।[1] यह इमारतों में काम आती है।[2] यह पश्चिमी हिमालय, पूर्वी अफगानिस्तान, उत्तरी पाकिस्तान, उत्तर-मध्य भारत के हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू एवं कश्मीर तथा दक्षिण-पश्चिमी तिब्बत एवं पश्चिमी नेपाल में १५००-३२०० मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है। यह एक शंकुधारी वृक्ष होता है, जिसकी ऊंचाई ४०-५० मी. तक और कभी-कभार ६० मी. तक होती है। इसके तने २ मीटर तक और खास वृक्षों में ३ मीटर तक के होते हैं।[3] इसकी कुछ प्रजातियों को स्निग्धदारु और काष्ठदारु के नाम से भी जाना जाता है। स्निग्ध देवदारु की लकड़ी और तेल दवा बनाने के काम में भी आते हैं। इसके अन्य नामों में देवदारु प्रसिद्ध है। यह निचले पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है।[4]

पहाड़ी संस्कृति का अभिन्न अंग देवदार का वृक्ष सदा से कवियों तथा लेखकों का प्रेरणा स्रोत रहा है।[5][6] देवदार के पत्ते हरे रंग के और कुछ लाली लिए हुए होते है। देवदार तीखा तेज स्वाद और कर्कश सुगंन्ध वाला होता है। इसकी तासीर गर्म होती है इस कारण अधिक मात्रा में उपयोग फ़ेफ़ड़ों के लिए हानिकारक होता है। देवदार के दोषों को कतीरा और बादाम का तेल नष्ट करता है। इसकी तुलना अधाख से की जा सकती है। इसे अनेक दोषों को नष्ट करनेवाला कहा गया है। यह सूजन को पचाता है, सर्दी से उत्पन्न होने वाली पीड़ा को शांत करता है, पथरी को तोड़ता है और इसकी लकड़ी के गुनगुने काढ़े में बैठने से गुदा के सभी प्रकार के घाव नष्ट हो जाते है।[7]

चित्र दीर्घा[संपादित करें]

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. Farjon, A. (1990). Pinaceae. Drawings and Descriptions of the Genera. Koeltz Scientific Books ISBN 3-87429-298-3.
  2. "हिन्दी शब्दकोश पर देवदार". मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 सितंबर 2009.
  3. फारजोन ए. (१९९०). पाइनेसी ड्रॉइंग एंड डिस्क्रिपशन ऑफ द जेनेरा. कोएल्ज़ साइंटिफिक बुक्स ISBN 3-87429-298-3.
  4. भारतीय साहित्य संग्रह- शब्दकोश पर देवदारु[मृत कड़ियाँ]
  5. "पूर्णिमा वर्मन की रचना पर्वत के देवदार". मूल से 13 जून 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 सितंबर 2009.
  6. "कविताकोश पर देवदार". मूल से 5 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 जून 2020.
  7. देवदार - हैल्थ एंड थेराप्यूटिक[मृत कड़ियाँ]