अपामार्ग
अपामार्ग एक औषधीय वनस्पति है। इसका वैज्ञानिक नाम 'अचिरांथिस अस्पेरा' (ACHYRANTHES ASPERA) है। हिन्दी में इसे 'चिरचिटा', 'लटजीरा', 'चिरचिरा ' आदि नामों से जाना जाता है।इसे लहचिचरा भी कहा जाता है। कहीं-कहीं इसे कुकुरघास भी कहा जाता है।
पादप[संपादित करें]
अपामार्ग एक सर्वविदित क्षुपजातीय औषधि है। वर्षा के साथ ही यह अंकुरित होती है, ऋतु के अंत तक बढ़ती है तथा शीत ऋतु में पुष्प फलों से शोभित होती है। ग्रीष्म ऋतु की गर्मी में परिपक्व होकर फलों के साथ ही क्षुप भी शुष्क हो जाता है। इसके पुष्प हरी गुलाबी आभा युक्त तथा बीज चावल सदृश होते हैं, जिन्हें ताण्डूल कहते हैं।झलालड़
संग्रह[संपादित करें]
शरद ऋतु के अंत में पंचांग (मूल, तना, पत्र, पुष्प, बीज) का संग्रह करके छाया में सुखाकर बन्द पात्रों में रखते हैं। बीज तथा मूल के पौधे के सूखने पर संग्रहीत करते हैं। इन्हें एक वर्ष तक प्रयुक्त किया जा सकता है।
औषधीय गुण[संपादित करें]
इसे वज्र दन्ती भी कहते हैं। इसकी जड़ से दातून करने से दांतों की जड़ें मजबूत और दाँत मोती की तरह चमकते हैं।
बिच्छू का विष[संपादित करें]
बिच्छू के काटने पर एक कटोरी में ५० ग्राम लाही के तेल को उबालो और उस उबलते हुए तेल में लटजीरा के पौधे को उखाड़ कर और उसका रस निचोड़ कर डालो इससे जो वाष्प निकले उसमें बिच्छूसे कटे हुए भाग की सिकाई करो। शीघ्र लाभ होगा।
अन्य भाषाओं में नाम[संपादित करें]
- संस्कृत-अपामार्ग
- मराठी-अघाडा
- बंगाली-आपांग
- गुजराती-अघेडो
- मलयालम-कडालाडी
- तमिल-नायरु
- तेलुगु-उत्तरेनिवि दुच्चीणिके
- अंग्रेजी-Rough Chaff Tree
- लैटिन-Achyranthis Aspera
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
- अपामार्ग (एकीरेन्थिस रग्स्पेरा) (अखिल विश्व गायत्री परिवार)
- सर्वसुलभ अपामार्ग (चिचड़ी) में है चमत्कारी औषधीय गुण
- अपामार्ग (वेबदुनिया)
- अपामार्ग (जेके हेल्थवर्ड)
- अपामार्ग के बारे में जानकारी[मृत कड़ियाँ]
- अपामार्ग/चिरचिटा के अनुभूत प्रयोग Archived 19 अक्टूबर 2013 at the वेबैक मशीन.