दाग (1999 फ़िल्म)
दाग | |
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दाग का पोस्टर | |
निर्देशक | राज कँवर |
लेखक |
राज कँवर जैनेंद्र जैन (संवाद) |
पटकथा |
रोबिन भट्ट आकाश खुराना |
निर्माता | राज कँवर |
अभिनेता |
संजय दत्त, चन्द्रचूढ़ सिंह, महिमा चौधरी, शक्ति कपूर |
संगीतकार | राजेश रोशन |
प्रदर्शन तिथियाँ |
12 फरवरी, 1999 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
दाग: दि फायर[1] 1999 की राज कँवर द्वारा निर्देशित हिन्दी भाषा की नाटकीय एक्शन फिल्म है। इसमें संजय दत्त, चन्द्रचूढ़ सिंह और महिमा चौधरी मुख्य भूमिकाओं में हैं। अन्य कलाकारों में शक्ति कपूर, सुषमा सेठ, मोहन जोशी, सचिन खेडेकर और राज बब्बर शामिल हैं।
संक्षेप
[संपादित करें]एक पूर्व भारतीय सैनिक करण (संजय दत्त) अपने सच्चे पिता के लिए बदला लेना चाहते हैं, जिन्हें गलत तरीके से जेल में रखा गया था क्योंकि उन्हें वकील रवि वर्मा (चन्द्रचूढ़ सिंह) ने झूठा आरोप लगाया और मुकदमा चलाया था, जिसका समर्थन उसके ससुर सिंघल (राज बब्बर) ने किया।
सिंघल की बेटी काजल (महिमा चौधरी) भ्रष्ट वकील रवि की पत्नी है। अदालत के एक मामले में वह भ्रष्टाचार का झूठा आरोप उन पे लगाता है और दोषी ठहराता है और वह अपमान से आत्महत्या कर लेते हैं। उनके बेटे करण ने बदला लेने की ठानी है और एक दिन बाद एक पार्टी में से काजल और रवि के लौटते समय वो उस पर हमला करता है। लेकिन उनकी पत्नी काजल अपने पति को बचाने के लिये ढाल के रूप में अपने शरीर का उपयोग करने के लिए आती है। करण दूसरी बार गोली चलाता है और रवि को रीढ़ की हड्डी में गोली मार दी जाती है। इससे उसकी याददाश्त का हिस्सा खो जाता है और उसे पहियाकुर्सी पर कर दिया जाता है।
अस्पताल में, काजल उसके घाव के कारण मर जाती है। रवि की याददाश्त को बहाल करने के प्रयास के रूप में, सिंघल एक सड़क कलाकार कजरी से मदद का अनुरोध करता है, जो वास्तव में काजल (महिमा चौधरी, दोहरी भूमिका में) जैसी दिखती है ताकि वह रवि की पत्नी का अस्थायी रूप से नाटक कर सके। हालांकि, परेशान करण अभी भी अस्पताल में रवि को पकड़कर अपने बदला लेने चाह रहा है और रवि को मारने की योजना बनाता है।
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- संजय दत्त - कैप्टन करण सिंह
- चन्द्रचूढ़ सिंह - रवि वर्मा
- महिमा चौधरी - काजल वर्मा / कजरी
- शक्ति कपूर - डा. आनंद
- सुषमा सेठ - ताई
- राज बब्बर - तेजेश्वर सिंघल
- सचिन खेडेकर - इंस्पेक्टर विनय
- मोहन जोशी - पुरुषोत्तम
- दीपक शिर्के - सिंघल का साथी
- हरीश पटेल - बिहारी
- शिवाजी सतम - सत्यप्रकाश, करण के पिता
- जॉनी लीवर - जॉनी
- हिमानी शिवपुरी - कजरी की माँ
संगीत
[संपादित करें]सभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत राजेश रोशन द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "दिल दीवाना न जाने" (डुएट) | कुमार सानु, अनुराधा पौडवाल | 6:18 |
2. | "पिया लागी लगन" | अनुराधा पौडवाल, जसपिंदर नरुला | 7:11 |
3. | "परदेसिया इतना बता" | अनुराधा पौडवाल, उदित नारायण | 7:30 |
4. | "प्यार हमें प्यार तुम" | अलका याज्ञिक, उदित नारायण | 5:05 |
5. | "लकी कबूतर" | सुखविंदर सिंह | 5:09 |
6. | "चेहरा तेरा चेहरा" | कुमार सानु, अनुराधा पौडवाल | 6:09 |
7. | "दिल धक धक धड़के" | जसपिंदर नरुला | 5:32 |
8. | "प्यार हमें प्यार तुम" | वाद्य यंत्र | 4:38 |
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "'पद्मावती' से पहले इन फिल्मों के भी बदले जा चुके हैं नाम- News18 Hindi". न्यूज़ 18 इंडिया. 9 जनवरी 2018. अभिगमन तिथि 24 जुलाई 2018.