दयानंद पांडे
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दयानंद पांडे उर्फ़ सुधाकर धर द्विवेदी उर्फ़ स्वामी अमृतानंद देव तीर्थ मूल रूप से वाराणसी के रहने वाले हैं। ये 2003 से श्री शारदा सर्वज्ञ पीठम, कश्मीर के पीठाधीश्वर के रूप में प्रतिष्ठित हैं।इन्हें महाराष्ट्र के मालेगाँव में आतंकवादी गतिविधियों के लिए २००८ में हिरासत में लिया गया था।[1]
प्रारंभिक जीवन[संपादित करें]
सुधाकर धर द्विवेदी मूल रूप से वाराणसी के रहने वाले हैं। इनके पिता उत्तर प्रदेश पुलिस में दरोगा थे और १९९८ के आस पास सेवानिवृत्त हुए थे। काशी विद्वत परिषद व काशी की धर्मप्राण नर नारायण जनता ने २००३ में उन्हें श्री शारदा सर्वज्ञ पीठम, कश्मीर के शंकराचार्य के रूप में प्रतिष्ठित किया।जो कालांतर में शारदा सर्वज्ञ पीठ के पीठाधीश्वर के रूप में लोक प्रतिष्ठित हुए।
शिक्षा[संपादित करें]
एटीएस सूत्रों के अनुसार वे दो एम.ए. कर चुके हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा अकादमी में भी ये पढ़ चुके हैं।
कार्यकलाप[संपादित करें]
अल्प समय के लिए वे वायु सेना में कमिशंड अधिकारी रह चुके हैं। २००३ में वे जम्मू में शारदा सर्वज्ञ पीठ के पीठेश्वर बने।
मालेगांव धमाके[संपादित करें]
२९ सितंबर २००८ को हुए मालेगांव धमाकों के आरोपी लेफ़्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुराहित ने नारको परीक्षण के दौरान दयानंद पांडे को धमाकों के पीछे का हाथ बताया है।[2]
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ वन इंडिया[मृत कड़ियाँ] १३ नवम्बर २००८
- ↑ हिंदुस्तान समाचार पत्र