जॉर्ज वॉशिंगटन

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जॉर्ज वॉशिंगटन

संयुक्त राज्य के प्रथम राष्ट्रपति
पद बहाल
30 अप्रैल 1789 – 4 मार्च 1797
उप राष्ट्रपति जॉन एडम्स
पूर्वा धिकारी कार्यालय स्थापित
उत्तरा धिकारी जॉन एडम्स

संयुक्त राज्य सेना के 7वें वरिष्ठ अधिकारी
पद बहाल
13 जुलाई 1798 – 14 दिसंबर 1799
राष्ट्रपति जॉन एडम्स
पूर्वा धिकारी जेम्स विल्किंसन
उत्तरा धिकारी अलेक्जेंडर हैमिल्टन

महाद्वीपीय सेना के प्रधानसेनापति
पद बहाल
19 जून 1775 – 23 दिसम्बर 1783
नियुक्त किया महाद्वीपीय कांग्रेस
पूर्वा धिकारी कार्यालय स्थापित
उत्तरा धिकारी हेनरी नॉक्स

विलियम एंड मैरी कॉलेज के 14वें चांसलर
पद बहाल
30 अप्रैल 1788 – 14 दिसम्बर 1799
राष्ट्रपति जेम्स मैडिसन
पूर्वा धिकारी रिचर्ड टेरीक
उत्तरा धिकारी जॉन टायलर

वर्जीनिया से कॉन्टिनेंटल कांग्रेस के प्रतिनिधि
पद बहाल
5 सितम्बर 1774 – 16 जून 1775
पूर्वा धिकारी कार्यालय स्थापित
उत्तरा धिकारी थॉमस जेफरसन

वर्जीनिया हाउस ऑफ बर्गेसेस के सदस्य
पद बहाल
24 जुलाई 1758 – 24 जून 1775
पूर्वा धिकारी ह्यूग वेस्ट
उत्तरा धिकारी कार्यालय समाप्त
चुनाव-क्षेत्र फ्रेडरिक काउंटी (1758-1765)
फेयरफैक्स काउंटी (1765-1775)

जन्म 22 फ़रवरी 1732
पोप्स क्रीक, वर्जीनिया, ब्रिटिश अमेरिका
मृत्यु 14 दिसंबर 1799
माउंट वर्नोन, वर्जीनिया, संयुक्त राज्य
एक अमरीकी डॉलर का सिक्का जिस पर जार्ज वाशिंगटन का चित्र अंकित है

जार्ज वाशिंगटन (अंग्रेज़ी: George Washington) (जन्म: २२ फरवरी, १७३२ मृत्यु: १४ दिसंबर १७९९) संयुक्त राज्य अमेरिका के पहले राष्ट्रपति थे। उन्होंने अमेरिकी सेना का नेतृत्व करते हुए ब्रिटेन के ऊपर अमरीकी क्रान्ति (१७७५-१७८३) में विजय हासिल की। उन्हें १७८९ में अमरीका का पहला राष्ट्रपति चुना गया।

आज भी अमरीका में उनके नाम का सिक्का चलता है।

प्रारम्भिक जीवन[संपादित करें]

उनकी माता का नाम मैरी बॉल और पिता का नाम औगस्टाइन वॉशिंगटन था। वे दोनो एक स्थानीय विश्वविद्यालय में शिक्षक थे। बतौर बालक, वॉशिंगटन ने बहुत लंबे समय तक किसी विद्यालय में प्रवेश नहीं लिया। उनके पूर्वज इंग्लैंड से आए थे, और उनके परदादा जॉन वाशिंगटन थे, जो एक अंग्रेजी व्यापारी थे, जो ब्रिटिश अमेरिका के वर्जीनिया उपनिवेश में चले गए थे।

जॉर्ज वाशिंगटन के बारे में एक प्रचलित लेकिन झूठी कहानी है कि एक बार उन्होंने बचपन में अपने पिता के चेरी वृक्ष को काट दिया। जब उनके पिता ने पूछा तो उन्होंने झूठ नहीं कहा और सच-सच बता की पेड़ उन्होंने ही काटा है। यह कहानी यह बताने के लिए बताई और कही जाती है कि वॉशिंगटन कितने ईमानदार थे। लेकिन मज़ेदार बात ये हैं कि यह कहानी ईमानदार (सच) नहीं है और यह पार्सन वीम्स द्वारा गढ़ी गई थी। ये वर्जीनिया की सेना मे रहे तथा उसकी विधायिका के सदस्य रहे जब अमेरिका गुलाम था।

सन्दर्भ[संपादित करें]

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]