उसमान (सूफ़ी कवि)
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उसमान की गणना सूफ़ी कवियों में की जाती है। ये मुग़ल बादशाह जहाँगीर के समय जीवित थे।
जीवन[संपादित करें]
उनके पिता का नाम शेख़ हुसैन था तथा ग़ाज़ीपुर के रहने वाले थे। इनके चार अन्य भाइयों के नाम हैं :शेख़ अज़ीज़, शेख़ मानुल्लाह, शेख़ फ़ैज़ुल्लाह और शेख़ हसन। उसमान ने अपना एक उपनाम मान भी लिखा है।[1]
शिष्य[संपादित करें]
उसमान, शाह निज़ामुद्दीन चिश्ती की शिष्य परंपरा में 'हाजी बाबा' के शिष्य थे।
रचनाएँ[संपादित करें]
- चित्रावली (1613 ईसवी)[2]
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 2 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 जून 2020.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 2 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 जून 2020.